बिना एनओसी के जंगल में हो रहा था निर्माण कार्य *अडानी के पावर प्लांट निर्माण कार्य पर वन विभाग का चला हंटर
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मीरजापुर। सदर तहसील क्षेत्र के ददरी के जंगल में अडानी कंपनी के पावर प्लांट निर्माण कार्य पर वन विभाग ने कड़ा एक्शन लेते हुए जंगल के रास्ते होने वाले आवागमन पर रोक लगाते हुए कड़ी फटकार लगाई है।वन विभाग की टीम ने अडानी पावर प्लांट के रास्ते को रोकने के साथ ही सख़्त हिदायत भी दी है कि यह अडानी पावर प्लांट में जाने का रास्ता नहीं है। बताते चलें कि रास्ता न होने से वन भूमि पर जबरन रास्ता बनाये जाने से वन विभाग द्वारा रोका गया है। वन विभाग के मड़िहान रेंजर ने रास्ते पर खड़े होकर पावर प्लांट पर जा रहे कर्मचारी और श्रमिकों का रास्ता रोक कर न केवल उन्हें वापस किया है बल्कि कड़ी हिदायत भी दी है। बताया जा रहा है कि अडानी पावर प्लांट ने वन भूमि से बिना एनओसी लिए ही वन भूमि का उपयोग कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर अडानी पावर प्लांट के बाउंड्री में धड़ल्ले से हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। इस पावर प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने रोक लगा रखा है, बावजूद इसके पिछले काफी दिनों से पावर प्लांट का बाउंड्री वॉल तैयार कर धड़ल्ले से अंदर ही अंदर पेड़ों का कटान और जेसीबी मशीन इत्यादि से खनन और निर्माण कार्य तेज़ी के साथ किया जा रहा था।
रोक के बावजूद भी कई महीनों से काम होता रहा है। गौरतलब हो कि मड़िहान वन रेंज क्षेत्र के ददरी खुर्द में अडानी कंपनी द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए कोयला आधारित पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जो शुरु से ही विवादों से घिरा रहा है। इस पावर प्लांट को लेकर किसान और स्थानीय ग्रामीण शुरु से ही मुखर होकर विरोध करते आए हैं। जल-जंगल तथा वन्य जीवों से लेकर पर्यावरणीय नुकसान की आशंका से घीरे पर्यावरणविद भी आगामी दिनों में इस पावर प्लांट से होने वाले नुकसान और मानव जीवन से लेकर जल जंगल जमीन, पेड़-पौधों इत्यादि पर होने वाले इसके बेजा असर के बारे में आगाह करते आएं हैं, बावजूद इसके पावर प्लांट का कार्य तमाम विरोधों के बाद भी रुका नहीं है।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले के क्या एक्शन लेता है कि आखिरकार कैसे बिना एनओसी के वन क्षेत्र में बड़ी संख्या में वाहनों से लेकर श्रमिकों का आवागमन होता आया है। और तो और इसके पहले वन विभाग ने यह कदम क्यों नहीं उठाया जो उसे आज उठाना पड़ा है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर तरह-तरह की जहां चर्चा हो रही है वहीं इस मसले पर अडानी के पावर प्रोजेक्ट का काम देख रहे किसी भी जिम्मेदार ने सामने आकर अपना पक्ष रखना मुनासिब नहीं समझा है। मीडिया के लोगों ने जब कंपनी के स्थानीय प्रोजेक्ट मैनेजर से सम्पर्क करना चाहा तो उनका फोन रिसीव नहीं हो पाया।












3 hours ago
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