बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.
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वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.
JMM ने अलग रास्ता अपनाया
महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है
RJD और कांग्रेस में मनमुटाव
गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.
आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका
गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.
कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.
दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.
NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं
सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.
यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.
5 hours ago