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दिवाली पर छा जाता अंधेरा, खुशियां नहीं शोक मनाते हैं इन गांवों के लोग; वजह जान हैरान रह जाएंगे आप?

दिवाली के मौके पर लोग खुशियां मनाते हैं. अपने घरों में दिये जलाकर उन्हें रोशन करते हैं. एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और खुशियां बांटते हैं. इस बार 20 अक्टूबर को देशभर में दिवाली की रौनक होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां पर दिवाली के मौके पर लोग खुशियां नहीं, बल्कि शोक मनाते हैं. वह दिवाली पर दिए नहीं जलाते. बल्कि अपने घरों में अंधेरा कर लेते हैं.

ऐसा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कुछ गांवों में होता है. दिवाली के दिन कुछ गांवों में हर घर में सन्नाटा छा जाता है. इनमें राजगढ़ क्षेत्र के भांवा, अटारी और आसपास के गांवों के नाम शामिल हैं, जहां रहने वाले चौहान वंश के क्षत्रिय परिवार दिवाली नहीं मनाते, बल्कि इस दिन को शोक दिवस के रूप में बिताते हैं. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि दिवाली के दिन ही मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान की हत्या की थी, जिन्हें वह अपना पूर्वज और वीर योद्धा मानते हैं.

दिवाली पर छा जाता है अंधेरा

यही वजह है कि इन गांवों में न रंगोली सजती है, न दीप जलते हैं और न ही कोई उत्सव होता है. यहां के दिवाली के दिन खुश नहीं होते, बल्कि अपने पूर्वज को याद कर दुखी होते हैं. यहां के लोगों के घरों में दिवाली पर मिठाई नहीं खिलाई जाती और न ही रंगोली बनाई जाती है. दिवाली की रात जहां, देशभर में रौनक होती है. चारों तरह दिए जलते हैं और लोगों के घर जगमग होते हैं. यहां के घरों में दिवाली के दिन अंधेरा छा जाता है.

एक दीया जलाकर करते हैं पूजा

हालांकि, इन गावों में कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो सिर्फ एक दीया जलाकर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और थोड़ी देर बाद उसे भी बुझा देते हैं. यह परंपरा इन गांवों में अब से नहीं बल्कि कई पीढ़ियों से चलती आ रही है, जिसे यहां के लोग निभाते चले आ रहे हैं. वह दिवाली के दिन शांत होकर दिन गुजारते हैं. उनके लिए दिवाली खुशियों का त्योहर नहीं, बल्कि शोक है

बिहार में नामांकन का कल आखिरी दिन, INDIA गठबंधन में सस्पेंस बरकरार, जानें कितने साथ-कितने अलग

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, लेकिन INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. वहीं NDA ने लगभग अपने सभी मनमुटाव दूर कर लिए हैं और बिहार चुनाव में मजबूत नजर आ रही है.

वहीं INDIA गठबंधन के दलों में कई सीटों पर खींचतान जारी है. जिसकी वजह झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़ दिया है. वहीं कुछ सीटों पर RJD और कांग्रेस में गंभीर तकरार है और दोनों ही अपने कैंडिडेट उतार सकते हैं.

JMM ने अलग रास्ता अपनाया

महागठबंधन INDIA में सहयोगी दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, झारखंड के प्रमुख दल JMM ने इस गठबंधन को छोड़कर बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. गठबंधन के नेता पहले नए साथियों को शामिल करने की जरूरत का हवाला दे रहे थे, लेकिन JMM के अलग होने से स्थिति और जटिल हो गई है

RJD और कांग्रेस में मनमुटाव

गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी RJD ने अपने उम्मीदवारों के टिकट बांटने शुरू कर दिए हैं, लेकिन अभी तक उसकी पूरी सूची सामने नहीं आई है. कई सीटों पर RJD ने अपने ही गठबंधन साथियों के उम्मीदवारों के खिलाफ टिकट दे दिए हैं, जिससे तनाव पैदा हो गया है. वहीं, कांग्रेस ने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी, और अब उसने पांच और सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. इनमें किशनगंज सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक को हटाकर AIMIM से आए एक नेता को टिकट दिया है. आरोप हैं कि कांग्रेस ने टिकट बेचे हैं, जबकि पार्टी नेता कह रहे हैं कि समझौता होने वाला है.

आठ सीटों पर आमने-सामने की आशंका

गठबंधन में समन्वय की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम से कम आठ सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से तीन सीटों पर RJD और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है. वहीं, सत्तारूढ़ NDA में भी सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। जद(यू) ने अंतिम समय में अमौर सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया और पूर्व भाजपा नेता सबीर अली को टिकट दे दिया, जिन्हें 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण पार्टी से निकाला गया था.

कितनी सीटों पर लड़ रहे नितीश?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU, जो भाजपा के बराबर 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ने आखिरी समय में अमौर से पूर्व राज्यसभा सांसद साबिर अली को मैदान में उतारने का फैसला किया, जहाँ से उसने पहले सबा ज़फ़र को उम्मीदवार बनाया था, जो 2020 की उपविजेता थीं और जिन्होंने पांच साल पहले भी भाजपा के चुनाव चिन्ह पर यह सीट जीती थी.

दिलचस्प बात यह है कि अली को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जद (यू) से निकाल दिया गया था, जिन्हें पार्टी सुप्रीमो अपना कट्टर विरोधी मानते थे. बाद में अली भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव बनाया गया है.

NDA की मढ़ौरा सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं

सत्तारूढ़ गठबंधन को मढ़ौरा सीट पर भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, यहां केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार भोजपुरी अभिनेत्री से नेता बनीं सीमा सिंह का नामांकन पत्र तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया.

यह सीट अब पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जितेंद्र कुमार राय के पक्ष में एकतरफा मुकाबले की ओर बढ़ती दिख रही है, जिन्हें सिर्फ जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार अभय सिंह ही चुनौती दे सकते हैं. हालांकि, पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी ने एक छोटी सी चूक पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है.

पंजाब में गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में लगी भीषण आग, बाल-बाल बचे यात्री

लुधियाना से दिल्ली जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस की एक बोगी में शनिवार सुबह को भीषण आग लग गई. ये हादसा पंजाब के सरहिंद स्टेशन के पास हुआ. शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. आग लगते ही स्टेशन पर अफरातफरी मच गई. वहीं, रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

उत्तर रेलवे अंबाला के डीआरएम ने कहा है कि सरहिंद जंक्शन (SIR) पर ट्रेन संख्या 12204 (अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस) में आग लगने की सूचना मिली है. रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं. स्थिति नियंत्रण में है और अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

हादसा सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ, जब ट्रेन ने सरहिंद स्टेशन को पार ही किया था. बताया जा रहा है कि आग ट्रेन की 19 नंबर एसी बोगी में लगी, जिसमें लुधियाना के कई यात्री भी सफर कर रहे थे. जैसे ही बोगी से धुआं उठने लगा, यात्रियों में हड़कंप मच गया.

इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ड्राइवर ने रोकी ट्रेन

लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को नियंत्रित किया और सभी यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतरने के निर्देश दिए. इस दौरान बोगी में मौजूद लोगों ने अपना सामान छोड़कर किसी तरह अपनी जान बचाई. अफरातफरी के माहौल में कई यात्रियों के चोटिल होने की खबर है. हालांकि, रेलवे ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

तत्काल फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची

हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं. दमकल कर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया. राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि कई यात्रियों का सामान जल गया या बोगी में ही छूट गया.

हादसे के तुरंत बाद ट्रेन स्टाफ और टीटीई ने तत्काल स्थिति संभाली और रेलवे कंट्रोल को सूचना दी. अधिकारियों के निर्देश पर यात्रियों को सुरक्षित अन्य बोगियों में भेजा गया.रेलवे ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके.

बिहार चुनाव: 16 वर्तमान विधायकों को नहीं मिलेगा टिकट! बीजेपी आज जारी करेगी उम्मीदवारों की सूची

बिहार चुनाव में भाजपा ने सहयोगी पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा कर दिया है. बीजेपी के खाते में कुल 101 सीटें गई हैं. रविवार शाम को हुई केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में बीजेपी ने सभी 101 सीटों पर कल की बैठक में उम्मीदवारों के नाम तय कर लिये हैं. सूत्रों के अनुसार करीब सोलह मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं. करीब बीस प्रतिशत मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं. इसके साथ ही कुछ वरिष्ठ नेताओं को टिकट मिलने की संभावना नहीं है. हालांकि 75 की उम्र पार करने वाले नेताों को भी टिकट मिल सकता है

इस बीच, बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि उम्मीदवारों की सूची को अंतिम मंजूरी मिल गई है और पहले चरण के लिए नामों की घोषणा आज शाम तक कर दी जाएगी.

पटना में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों का आवंटन बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में तय किया गया. जदयू सहित एनडीए के अन्य सहयोगी दल भी आज अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकते हैं.

संत की गजब की भक्ति! हाथों के बल चलेंगे 3500KM, पूरी करेंगे नर्मदा परिक्रमा

भारत देश को आस्था और अध्यात्म की भूमि कहा जाता है जहां हर भक्त अपने तरीके से भगवान और प्रकृति की उपासना करता है. लेकिन मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से जो तस्वीर सामने आई है वह भक्ति और तपस्या की पराकाष्ठा को दर्शाता है. आज के युग में जब लोग सुविधा और सहजता के आदी हो चुके हैं वहीं एक संत है धर्मपुरी महाराज, जिन्होंने मां नर्मदा की परिक्रमा करने का ऐसा संकल्प लिया है जो हर किसी को अचंभित कर दे.

धर्मपुरी महाराज नीचे सिर और ऊपर पैर, यानी हाथों के बल चलकर मां नर्मदा की परिक्रमा कर रहे हैं. आस्था का यह रूप जितना अनोखा है उतना ही कठिन भी. आमतौर पर भक्त नर्मदा परिक्रमा पैदल, दंडवत या वाहनों से करते हैं लेकिन धर्मपुरी महाराज ने इसे साधना और तपस्या का स्वरूप दे दिया है. उनका यह अनोखा संकल्प अमरकंटक से शुरू हुआ है जहां नर्मदा का उद्गम होता है और इसे पूरा करने में उन्हें तीन साल, तीन महीने और तेरह दिन लगेंगे. इस दौरान वे लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.

भक्ति देख आश्चर्य में लोग

धर्मपुरी महाराज का कहना है कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि मां नर्मदा के प्रति उनका पूर्ण समर्पण और तप है. वे कहते हैं कि शरीर की सीमाएं चाहे जो हों सच्ची श्रद्धा और विश्वास से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है. उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि जब मन में भक्ति की ज्योति जलती है तब असंभव भी संभव हो जाता है. स्थानीय ग्रामीण भी इस अनोखी परिक्रमा को देखकर श्रद्धा से भर जाते हैं. डिंडोरी के रहने वाले ग्रामीण जगदेव सिंह का कहना है कि हमने अपने जीवन में ऐसा नजारा और मां नर्मदा के प्रति ऐसी आस्था कभी नहीं देखी. महाराज जी के संकल्प ने पूरे गांव में भक्ति का माहौल बना दिया है. वहीं माखन धुर्वे का कहना है मां नर्मदा की कृपा से ही कोई ऐसा कर सकता है. यह सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि आत्मिक साधना है.

भक्ति में कठिन तपस्या

धर्मपुरी महाराज का यह प्रयास न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि आस्था, संयम और आत्मबल का अद्भुत उदाहरण भी है. हाथों के बल चलते हुए वे हर दिन सैकड़ों लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि भक्ति का कोई रूप छोटा या बड़ा नहीं होता. मायने रखता है तो बस समर्पण का भाव. डिंडोरी की यह तस्वीर आज पूरे भारत के लिए प्रेरणा है कि जब तक मन में विश्वास और मां नर्मदा जैसी दिव्य शक्ति का आशीर्वाद है तब तक हर कठिन राह भी साधक के लिए तपोभूमि बन जाती है. दुनिया में भगवान के भक्त तो बहुत हैं लेकिन धर्मपुरी महाराज जैसे विरले ही होते हैं जो अपनी भक्ति को कठिनतम तपस्या में बदल देते हैं.

पटना मेट्रो में गुटखे के बाद अब 'ठुमके' बाजी! रील बनाने पर भड़के यात्री, जुर्माने की मांग

बिहार की राजधानी पटना में बहुप्रतीक्षित मेट्रो सेवा शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर यह 'रील हब' बनती जा रही है। पहले जहां यात्रियों ने मेट्रो के डिब्बों में गुटखा थूककर गंदगी फैलाई, वहीं अब डांस और एक्टिंग करते हुए रील बनाने के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।

हाल ही में, एक युवती का ब्लैक एंड व्हाइट ड्रेस में फिल्मी गाने पर डांस करते हुए रील बनाने का वीडियो वायरल हुआ है, जिस पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोग मेट्रो के अंदर इस तरह के अवांछित व्यवहार पर सख्त कार्रवाई और भारी जुर्माना लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि सार्वजनिक संपत्ति का वातावरण साफ-सुथरा बना रहे और अश्लीलता न फैले।

लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के तुरंत बाद ही इस तरह की घटनाएँ होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पटना मेट्रो रेल प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, संभावना है कि भविष्य में दिल्ली मेट्रो की तर्ज़ पर रील बनाने पर प्रतिबंध और नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।

पवन सिंह नहीं लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव, कहा- इसके लिए बीजेपी में शामिल नहीं हुआ

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गायक पवन सिंह ने आज शनिवार को विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल नहीं हुए हैं.

चुनाव नहीं लड़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए एक्टर पवन सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की फोटो के साथ सोशल मीडिया X पर अपने पोस्ट में कहा, “मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूं कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और ना हीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है. मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा.”

ज्योति के PK से मुलाकात के बाद आया फैसला

पवन सिंह का नया ऐलान ऐसे समय आया है जब उनपत्नी ज्योति सिंह ने कल शुक्रवार को राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने और जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से शेखपुरा स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर ज्योति सिंह ने कहा कि मुलाकात के पीछ उनका चुनावी मकसद नहीं है.

प्रशांत किशोर से मुलाकात के बाद ज्योति सिंह ने कहा, “मैं किसी चुनाव में भाग लेने या टिकट के लिए नहीं आई हूं. मेरे साथ जिस तरह का अन्याय हुआ है, वह किसी और महिला के साथ न हो. मैं उन सभी महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं जो अन्याय का सामना कर रही हैं.” उनका कहना था कि वह समाज में महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए काम करना चाहती हैं. इसी मकसद से वह प्रशांत किशोर से मिलने आई थीं.

वहीं प्रशांत किशोर का कहना था कि ज्योति सिंह 2 साल पहले भी अपने कुछ साथियों के साथ उनसे मिली थीं. साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया, “जनसुराज पार्टी किसी खास के लिए अपने नियमों में बदलाव नहीं करती. आरा क्षेत्र से पहले ही डॉक्टर विजय गुप्ता पार्टी की ओर से उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं, और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा.”

पहले लोकसभा और अब विधानसभा

राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाए जाने लगे थे कि पत्नी ज्योति सिंह के साथ विवाद बढ़ने की वजह से उनका बिहार में चुनाव लड़ने का सपना टूट सकता है. पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से पवन सिंह को टिकट दिया था, लेकिन उनकी अश्लील और स्त्री-द्वेषी और महिलाओं के खराब चित्रण छवि उनके खिलाफ चली गई. फिर बीजेपी ने यह टिकट वापस ले लिया.

इसके बाद पवन सिंह ने बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार लड़ने का ऐलान कर दिया. बागी तेवर की वजह से बीजेपी ने पवन सिंह को पार्टी से निकाल दिया. उन्हें चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी हार मिली. लेकिन डेढ़ साल बाद वह फिर से बीजेपी में लौटे, लेकिन ज्योति सिंह के बीच विवाद की वजह से वह लगातार विवादों में घिरे रहे. यही उनके खिलाफ गया. अब उनका विधानसभा चुनाव में उतरने और विधायक बनने का सपना भी टूट गया.

चुनाव से पहले JDU को झटका, विधायक गोपाल मंडल ने थामा RJD का दामन, तेजस्वी ने किया स्वागत

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए पार्टियां रणनीति बनाने में लगी हुई हैं. जनता से लोक लुभावन वादे किए जा रहे हैं, तो वहीं एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भिी जारी है. इस बीच चुनाव से पहले जेडीयू को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के विधायक गोपाल मंडल ने जेडीयू का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया है.

बुधवार (8 अक्टूबर) को पटना में आयोजित मिलन समारोह में जेडीयू से जुड़े कई नेता और कार्यकर्ता आरजेडी में शामिल हुए. प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षताआरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने की. उन्होंने दरभंगा के जिलाध्यक्ष रहे गोपाल मंडल और प्रदेश महासचिव चांद अंसारी के नेतृत्व में आए जेड़ीयू नेताओं का पार्टी में स्वागत किया. वहीं आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी गोपाल मंडल के पार्टी में शामिल होने पर खुशी जाहिर की और उनका स्वागत किया.

गोपाल मंडल ने जेडीयू पर लगाए गंभीर आरोप

दरभंगा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल मंडल ने जेडीयू नेतृत्व पर अतिपिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था. गोपाल मंडल ने कहा कि पिछले 20 सालों के शासन में जेडीयू ने अतिपिछड़ा वर्ग के वोट तो लिए, लेकिन उनके हक और अधिकारों की लगातार अनदेखी की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने अतिपिछड़ा वर्ग के अंदर नेतृत्व उभरने की संभावनाओं को जानबूझकर खत्म कर दिया.

अतिपिछड़ा वर्ग को किया नजरअंदाज’

गोपाल मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में लिखा कि जेडीयू ने पिछले 20 वर्षों के शासनकाल में अतिपिछड़ा वर्ग से भरपूर समर्थन और वोट तो लिया, लेकिन हर स्तर पर उनकी हक़मारी को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जानबूझकर उन तबकों को दरकिनार किया, जिन्होंने उसकी राजनीतिक जमीन को मजबूत किया था. मंडल ने खास तौर पर कहा कि धानुक जाति के लोग, जो अतिपिछड़ा वर्ग का अहम हिस्सा हैं, अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस समाजवादी विचारधारा को जननायक कर्पूरी ठाकुर ने जन्म दिया था और जिसे लालू प्रसाद यादव ने आगे बढ़ाया, उस जीवंत धारा को जेडूयू ने बीते दो दशकों में सामंती प्रभाव के अधीन होकर समाप्त कर दिया.

‘अब जदयू में रहना मुनासिब नहीं है’

पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू की नीतियों के कारण अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों में नीचे से ऊपर तक नेतृत्व उभरने की सारी संभावनाएं खत्म कर दी गईं. पार्टी की नीति और कार्यशैली के कारण आज यह वर्ग आहत और आक्रोशित. उन्होंने कहा कि वो जन दबाव और समाज के हितों को देखते हुए यह निर्णय लेने को विवश हुए हैं. उन्होंने साफ कहा ‘अब जदयू में रहना मुनासिब नहीं है’. गोपाल मंडल के इस्तीफे को जेडीयू के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. दरभंगा समेत मिथिलांचल के कई जिलों में गोपाल मंडल की एक मजबूत पकड़ मानी जाती है.

सीटों पर बीजेपी-LJP(R) की अहम बैठक, चिराग ने रख दी ये मांग

विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही बिहार का सियासी पारा अपने शबाब पर है. बैठकों का दौर जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी और एलजेपी (रामविलास) की बड़ी बैठक हुई है. इसमें धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, मंगल पांडेय और चिराग पासवान व अरुण भारती मौजूद रहे. सूत्रों का कहना है कि करीब पचास मिनट चली इस बैठक में लोजपा (रामविलास) की तरफ से सीटों की मांग रखी गई.

चिराग पासवान की पार्टी की ओर से मांग की गई कि 2024 के लोकसभा में जीती हुई पांच सीटों और 2020 विधानसभा चुनाव में एलजेपी के प्रदर्शन के आधार पर एलजेपी (रामविलास) को सीटें दी जाएं. इसके अलावा एलजेपी (रामविलास) की जीती हुई पांच लोकसभा सीटों में से हर जीते हुए लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो विधानसभा सीट पार्टी के खाते में आएं.

चिराग पासवान के साथ प्रधान और तावड़े की एक और बैठक

इसके अलावा एलजेपी (रामविलास) के बड़े नेताओं की सीट की मांग रखी गई है. बीजेपी की तरफ से चिराग पासवान को बताया गया कि आपकी मांग पर पार्टी में चर्चा करके आपको बताएंगे. इस बैठक के बाद एक और बैठक हो रही है. धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े चिराग पासवान के यहां पहुंचे हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो से तीन दिनों में एनडीए में सीट बंटवारा फाइनल कर उसका ऐलान कर दिया जाएगा.

एनडीए में सीट शेयरिंग का ऐलान पटना में हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में बिहार के चुनावी माहौल, चुनावी मुद्दों और रामविलास पासवान की पुण्यतिथि की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई है.

परिवर्तन के लिए वोट करेगी जनता

बता दें कि विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में सियासी जंग का आगाज हो चुका है. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बनने का भरोसा जताया है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का दावा है कि इस बार बिहार की जनता परिवर्तन के लिए वोट करेगी. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एनडीए सरकार ने बिहार को जंगलराज से बाहर निकाला है और सुशासन की नई दिशा दी है. राज्य की जनता एक बार फिर विकास की राजनीति को चुनेगी.

पटना में सनसनीखेज गैंगरेप: नाबालिग डांसर को कोलकाता से बुलाकर सामूहिक दुष्कर्म, 7 आरोपी गिरफ्तार

पटना, : बिहार की राजधानी पटना में दुर्गा पूजा कार्यक्रम के नाम पर कोलकाता से बुलाई गई एक नाबालिग डांसर के साथ सामूहिक दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना सामने आई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला?

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से नाबालिग डांसरों को दुर्गा पूजा के अवसर पर पटना बुलाया गया था और उन्हें बेउर थाना क्षेत्र के कोऑपरेटिव कॉलोनी, विष्णुपुर पकड़ी में ठहराया गया। इसी दौरान, एक नाबालिग डांसर के साथ कमरे में बंद कर करीब 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी

यह घटना तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने 4 अक्टूबर को पुलिस को सूचना दी कि एक घर में अनजान लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है।

सूचना मिलते ही पुलिस एक्टिव हुई और तुरंत छापेमारी कर तीन डांसरों को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया।

पुलिस ने इस मामले में मात्र तीन घंटे के अंदर कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित 7 आरोपियों को दबोच लिया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने कोलकाता के एक व्यक्ति से संपर्क कर डांसरों को कार्यक्रम के लिए बुलाया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:

पुरुष आरोपी: आर्यन कुमार, प्रिंस कुमार, सिंटू, अशोक कुमार, शशि कुमार और धीरज कुमार।

महिला आरोपी: प्रिया विश्वास।

पुलिस सभी गिरफ्तार आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है।