गुरुआ में शिव मंदिर के पास मांस मिलने के बाद तनाव, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया
गया : गया जिले के गुरुआ प्रखंड क्षेत्र के बीच बाजार में शिव मंदिर के निकट मंगलवार को मांस देखा गया. इस घटना के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे. सूचना मिलते ही गुरुआ थानाध्यक्ष मोहम्मद सरफराज इमान, बीडीओ सद्दाम हुसैन, सीओ अतहर जमील दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझने का प्रयास किया और स्थिति को शांत कराने की भरपूर कोशिश की. हालांकि इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए 3 घंटे तक सड़क को जाम कर दिया.
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि जिन लोगों ने धर्म के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किया जाए. इसके बाद शेरघाटी डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी और आसपास के लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल में जुट गई. इस संबंध में गुरुआ थानाध्यक्ष मोहम्मद सरफराज इमान ने बताया कि कुछ शरारती तत्व गौ- मांस रखकर धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन की सक्रियता के कारण शरारती तत्वों का यह प्रयास सफल नहीं हो सका. इस मामले पर जाँच शुरू कर दी गई है और दोषियों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. चाहे जो भी दोषी होंगे, उसे छोड़ नहीं जाएगा.





गया : गया के शुभम नर्सिंग होम में नवजात बदलने का गंभीर आरोप लगा है। रविवार को परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जिसके बाद नर्सिंग होम संचालक और डॉक्टर मौके से फरार हो गए। परिजनों का आरोप है कि उन्हें स्वस्थ बच्चे की जगह मृत बच्चा दिखाया गया. नालंदा जिले के खुदागंज निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि शनिवार देर रात उनके छोटे भाई की पत्नी ने नर्सिंग होम में बच्चे को जन्म दिया था। परिवार का दावा है कि बच्चा स्वस्थ और लड़का था। हालांकि, नर्सिंग होम की महिला डॉक्टर मंजू सिंह और संचालक ने नवजात को बिना दिखाए, उसकी गंभीर स्थिति बताकर शिशु रोग विशेषज्ञ के पास भेज दिया। मुकेश कुमार के अनुसार, शिशु रोग विशेषज्ञ ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार ने शुभम नर्सिंग होम की संचालक डॉक्टर मंजू सिंह पर बच्चा बदलने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार मूल रूप से नालंदा जिले के खुदागंज का रहने वाला है। प्रसव पीड़ा होने पर मुकेश कुमार के छोटे भाई की पत्नी को पहले सदर अस्पताल ले जाया गया था। वहां रेनू देवी नामक एक आशा कार्यकर्ता ने उन्हें शुभम नर्सिंग होम में भर्ती कराने की सलाह दी थी, यह कहते हुए कि यह एक बेहतर अस्पताल है और खर्च 8 से 10 हजार रुपये आएगा। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है।


Oct 02 2025, 11:12
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