थानाध्यक्ष के फटकार बाद दौलतपुर प्राथमिक विद्यालय का खुला ताला, प्रिंसिपल मेनका कुमारी से कारण पूछा
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गया : गया जिले के कोंच प्रखंड स्थित दौलतपुर प्राथमिक विद्यालय का ताला खुल गया। कोंच थाना अध्यक्ष की फटकार के बाद प्रिंसिपल और उप मुखिया की मौजूदगी में यह कार्रवाई हुई। विद्यालय करीब एक सप्ताह से बंद था। थानाध्यक्ष ने विद्यालय बंद रहने के संबंध में प्रिंसिपल मेनका कुमारी से कारण पूछा था और संतोषजनक जवाब न मिलने पर असंतुष्टि जताई थी। इस मामले को लेकर प्रिंसिपल मेनका कुमारी लगातार शिक्षक नवीन कुमार पर विद्यालय में ताला लगवाने का आरोप लगा रही थीं। वहीं, रविवार को शिक्षक नवीन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि विद्यालय में तालाबंदी करवाने में प्रिंसिपल मेनका कुमारी और उप मुखिया संजय कुमार की मिलीभगत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि संजय कुमार ने दो-तीन लड़कों के साथ मिलकर प्रिंसिपल के इशारे पर विद्यालय में ताला लगवाया था, जिसका उद्देश्य उन्हें परेशान करना था। शिक्षक नवीन कुमार ने यह भी कहा कि उप प्रमुख सह वार्ड सदस्य के साथ मिलकर प्रिंसिपल मेनका कुमारी उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी उन पर कई गलत आरोप लगाए गए थे, जो बाद में झूठे साबित हुए। शिक्षक नवीन कुमार ने अपनी जान को खतरा बताते हुए जिला प्रशासन से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण की मांग की है। शिक्षक ने आरोप लगाया कि उप मुखिया सह वार्ड सदस्य संजय कुमार उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी देते रहे हैं और अवैध पैसों की भी मांग करते रहे हैं। भयवश उन्होंने कई बार संजय कुमार को पैसे भी दिए हैं। नवीन कुमार ने बताया कि जब वे पितृपक्ष मेले में प्रतिनियुक्ति पर थे, तभी जानबूझकर विद्यालय में तालाबंदी की गई। उन्होंने इसे प्रधान शिक्षिका और उप मुखिया सह वार्ड सदस्य संजय कुमार द्वारा उन्हें फंसाने की एक साजिश बताया.
मेरी जान को खतरा बना हुआ है
कहा कि मेरे द्वारा जब भी छुट्टी ली जाती है, तो हमेशा
विभागीय और अधिकारिक तौर पर प्रिंसिपल और सीआरसी को सूचना दी जाती रही है. मेरे द्वारा छुट्टी का आवेदन भी दिया जाता रहा है. इस प्रकरण के बीच में छुट्टी पर था, तो यह सब खेल हुआ और मुझे फंसाने की कोशिश की गई. मेरी जान को खतरा बना हुआ है. मेरी जान को खतरा हो, उससे पहले मैं जिला प्रशासन से मांग करता हूँ, कि मेरा स्थानांतरण कर दिया जाए या फिर सुरक्षा की गारंटी ली जाए.



गया : गया के शुभम नर्सिंग होम में नवजात बदलने का गंभीर आरोप लगा है। रविवार को परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, जिसके बाद नर्सिंग होम संचालक और डॉक्टर मौके से फरार हो गए। परिजनों का आरोप है कि उन्हें स्वस्थ बच्चे की जगह मृत बच्चा दिखाया गया. नालंदा जिले के खुदागंज निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि शनिवार देर रात उनके छोटे भाई की पत्नी ने नर्सिंग होम में बच्चे को जन्म दिया था। परिवार का दावा है कि बच्चा स्वस्थ और लड़का था। हालांकि, नर्सिंग होम की महिला डॉक्टर मंजू सिंह और संचालक ने नवजात को बिना दिखाए, उसकी गंभीर स्थिति बताकर शिशु रोग विशेषज्ञ के पास भेज दिया। मुकेश कुमार के अनुसार, शिशु रोग विशेषज्ञ ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार ने शुभम नर्सिंग होम की संचालक डॉक्टर मंजू सिंह पर बच्चा बदलने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार मूल रूप से नालंदा जिले के खुदागंज का रहने वाला है। प्रसव पीड़ा होने पर मुकेश कुमार के छोटे भाई की पत्नी को पहले सदर अस्पताल ले जाया गया था। वहां रेनू देवी नामक एक आशा कार्यकर्ता ने उन्हें शुभम नर्सिंग होम में भर्ती कराने की सलाह दी थी, यह कहते हुए कि यह एक बेहतर अस्पताल है और खर्च 8 से 10 हजार रुपये आएगा। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है।



Sep 28 2025, 19:00
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