कन्नौज में सैकड़ों साल पुराना ब्रिटिश शासन काल के पहले का बना मकबरा ढहा
पंकज श्रीवास्तव, कन्नौज।यूपी के कन्नौज जिले में लगातार हो रही बारिश से सैकड़ों सालों पुराना मकबरा ढह गया। मकबरा के ढहने से नीचे चार घरों पर मलबा गिरने से चारों घरों को काफी नुकसान हुआ है। स्थानी लोगों ने इस नुकसान की अनुमानित लागत 30 लाख रूपए बताई है। बताया जाता है कि यह मकबरा स्थानीय जैदी बकील के संरक्षण में थे, हालांकि इसको पुरातत्व विभाग के सुपुर्दगी में होना चाहिए था लेकिन जैदी वकील द्वारा इस मकबरे में अपने कब्रिस्तान बनाये जाने के कारण इन्होंने पुरातत्व विभाग को के सुपुर्द नही किया है और आज इस हादसे ने सबको चैंका दिया, क्यों कि अगर लोग यहाॅं बैठे होते तो काफी बड़ा हादसा हो सकता था।
आपको बताते चलें कि कन्नौज शहर के मोहल्ला अजय पाल में काफी पुराना मकबरा बना हुआ है। जो ब्रिटिश शासन काल के पहले का बताया जा रहा है। इस मकबरे को स्थानीय वकील मोहम्मद जैदी ने संरक्षित कर रखा है और उसमें कब्रिस्तान बना रखा है। आज दोपहर 3 बजे अचानक तेज बारिश से मकबरा की दीवार ढह गई और दीवार का पूरा मलबा नीचे बने मकानों पर जा गिरा। जिससे मलबे में चार मकान दब गए जिसमें दो मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
इस हादसे में चारों मकान में काफी नुकसान हुआ है। कई गाड़ियां भी मलबे में दब गई है। स्थानीय लोगों की मानें तो मलबे से दबे मकानों में कम से कम 30 लाख रूपए का नुकसान हुआ है। जिसमें अजयपाल के रहने वाले मोहम्मद आलम उर्फ़ भल्लर का मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, इसके अलावा जाकिर, मुशीर, बकील के मकान भी मलबे में दबने से ज्यादा नुकसान की चपेट में है। हालांकि पुलिस भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गई है।
पूर्व सभाषद नफीस हाशमी ने बताया कि हमें यह जानकारी मिली की यह रौजा जो है जिसको मकबरा कहते है।यह इमारत जैदी वकील साहब है उनके संरक्षण में है यह और जब से उन्होंने इसमें पेड़ कटवा दिए, साफ सफाई करवा दी तब से इसमें रौजे का सारा पानी दीवाल के अंदर मरता हुआ चला जा रहा था। उनके पास कई बार खबरे भेजीं लेकिन उन्होंने संज्ञान में नही लिया। आज कम से कम 6-6 फीट चैड़ी जो दीवाले है वह ध्वस्त होकर नीचे गिर गईं है जिसमें चार मकान ध्वस्त हो गए। दो मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए है। जिसमें लगभग 30 लाख रूपए का नुकसान हुआ है और इसके मलबे में पाॅंच मोटर साइकिलें दबी हुई हैं।
सूचना पर पुलिस मौके पर आ गई लेकिन जिनके संरक्षण में यह रौजा है वह इसको अपनी मलकियत समझते हैं अपनी सम्पत्ति समझते है वह और न उनके कोई घर का अभी तक नही आया और न कोई देखने वाला है। अगर लोग यहां पर बैठे होते तो दर्जनो लोग इसकी चपेट मे आकर एक बड़ा हादसा हो सकता था।
यह पुरानी इमारत है उनको पुरातत्व विभाग को दे देना चाहिए था लेकिन उन्होंने पुरातत्व विभाग को न देकर अपने कब्रिस्तान ऊपर बनाना शुरू कर दिए। उनके ही संरक्षण में है यह।
Sep 11 2025, 17:16