संजीव सिंह जिन्दावाद के नारे से घबरा गए पूर्व विधायक बीरेन्द्र सिंह मंच पर ही उलझ पड़े
औरंगाबाद औरंगाबाद के नबीनगर में रविवार को दोपहर आयोजित एनडीए के विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में इसी सीट से टिकट के दावेदार पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह और दूसरे दावेदार वरीय नेता संजीव कुमार सिंह मंच पर ही आपस में भिड़ गए। दोनों उलझ पड़े और एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे। इस वजह से मंच और मंच के नीचे कुछ देर तक हंगामा होता रहा और कार्यकर्ता संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाते रहे। इस बीच भाजपा के औरंगाबाद जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और लोजपा(रामविलास) के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं तथा दोनों नेताओं को शांत कराया।
दरअसल मंच पर औरंगाबाद के पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह पहले से ही मंच पर विराजमान थे। इस बीच जदयू के वरीय नेता और नबीनगर से ही टिकट के दावेदार संजीव कुमार सिंह पूरे लाव लश्कर के साथ कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच तक पहुंचे। इस बीच उनके समर्थक संजीव के मंच पर चढ़ने के बाद भी संजीव सिंह जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। वही मंच पर पहले से मौजूद पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह की भृकुटियां इस नजारे को देख तन हो गई। उनका तमतमाया सा चेहरा देखने लायक था।
इस बीच मंच संचालन कर रहे नेता के आग्रह पर संजीव सिंह के समर्थक सम्मेलन स्थल पर अपने लिए निर्धारित स्थान पर जाकर बैठ गए। तब जाकर कार्यक्रम आगे बढ़ा और स्थानीय नेताओं का भाषण फिर से शुरू हुआ। )कार्यक्रम में भाषण देते हुए जब जदयू नेता सुरेंद्र सिंह पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का गुणगान करने लगे तो संजीव सिंह के समर्थक भड़क उठे। उनके द्वारा जोर-जोर से संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाने लगे।
संजीव सिंह जिन्दावाद के नारे से भडके पूर्व विधायक
संजीव के समर्थको की नारेबाजी पर पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह भड़क उठे। मंच पर वें अपनी सीट से उठे और मंच पर ही संजीव के पास पहुंच उन्हे खरी खोटी सुनाने लगे। यह देख संजीव के समर्थक जोर जोर से नारे लगाने लगे, जिससे पूरा कार्यक्रम कुछ देर के लिए हंगामें की भेंट चढ़ गया। हंगामा के कारण ही यह स्पष्ट नही सुना जा सका कि पूर्व विधायक ने संजीव को क्या क्या कहा?
इसके बावजूद पूर्व विधायक द्वारा संजीव की ओर अंगुली तानने का आशय साफ है कि वह उन्हे भला बुरा ही कह रहे होंगे। हंगामे को देख भाजपा के जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और एलजेपीआर के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला। दोनों ने दोनों नेताओं ही नही बल्कि कार्यकर्ताओं को भी शांत कराया। तब जाकर कार्यकर्ता शांत हुए। हालांकि इस दौरान पूर्व विधायक के समर्थन में कोई नारेबाजी नही हुई, जिसका संकेत माना जा रहा है कि कार्यकर्ता पूर्व विधायक से नाराज व संजीव से खुश है।
पूर्व विधायक ने कहा
पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह पूछे जाने पर बताया कि यह एनडीए का कार्यक्रम है।यहां नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का नारा लगा चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं बहुत पुराना कार्यकर्ता हूं न इससे घबराने वाला नहीं हूं। 10-20 लोगों के नारेबाजी करने से मुझे फर्क नहीं पड़ता है।उन्होंने कहा कि नबीनगर विधानसभा में 600 गांव है। सभी गांव में घूम चुका हूं। जो प्रत्याशी सभी गांव में घूम लेगा।
उसे मैं नबीनगर विधानसभा सौंप दूंगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सम्मेलन में लोग आए थे। लेकिन कुछ लोगों के नारेबाजी की जा रही थी जिसे शोरगुल हो रहा था और लोगों को नेताओं का भाषण सुनाई नहीं पड़ रहा था। इसलिए मैंने नारेबाजी करने से मना किया। मैने ऐसा कभी नहीं कहा कि ए मेरा आखिरी चुनाव है बिरोधी एसा कहते रहते हैं
संजीव ने कहा
इधर पूछने पर संजीव सिंह ने कहा कि वे अभिभावक हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता जोश से भरे हुए हैं, नारेबाजी कर रहे थे। अभिभावक पूर्व विधायक कार्यकर्ताओं को शांत करने को बोला। उन्होंने सोचा कि जो अतिथि आए हैं उनका भाषण सब लोग शांति से सुने और लोगों में एक अच्छा मैसेज जाए। हम सभी लोग एक हैं। एक अनार और सौ बीमार है। लेकिन पार्टी जिसे टिकट देगी वह चुनाव मैदान में होगा। कोई कंफ्यूजन नहीं है पांचो दल एकजुट है।
कार्यकर्ताओं में मतभेद हो सकता है हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है। इस बार नबीनगर में जिताऊ उम्मीदवार लड़ाया जाएगा। पिछली बार विधानसभा चुनाव में हम लोग सभी सीट हारे हैं। इस बार शुद्ध माल जोड़कर वसूल किया जाएगा, दुगने मतों से जीत हासिल करेंगे ।
सभी सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत होगी। इस बार हम लोग युवा कैंडिडेट की मांग कर रहे हैं। पिछली बार विपक्ष के उम्मीदवार ने युवाओं को गुमराह करके वोट ले लिया था। इस बार हम लोग मंथन कर रहे हैं, विपक्ष का जैसा उम्मीदवार रहेगा उससे बेहतर उम्मीदवार हम लोग मैदान में उतरेंगे। कौन कार्यकर्ता चुनाव लड़ना नहीं चाहता है। लेकिन किसी के कहने से टिकट नहीं मिलेगा। एक-एक सीट पर सर्वे का काम चल रहा है। बेहतर उम्मीदवार उतारा जाएगा ताकि इस बार 225 सीट हासिल कर सके।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय
Sep 07 2025, 20:09