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नबीनगर में नारेबाजी पर विवाद: पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह और संजीव सिंह के बयानों से गरमाई राजनीति

पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह पूछे जाने पर बताया कि यह एनडीए का कार्यक्रम है।यहां नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का नारा लगा चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं बहुत पुराना कार्यकर्ता हूं नर से घबराने वाला नहीं हूं।

10-20 लोगों के नारेबाजी करने से मुझे फर्क नहीं पड़ता है।उन्होंने कहा कि नबीनगर विधानसभा में 600 गांव है। सभी गांव में घूम चुका हूं। जो प्रत्याशी सभी गांव में घूम लेगा। उसे मैं नबीनगर विधानसभा सौंप दूंगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सम्मेलन में लोग आए थे। लेकिन कुछ लोगों के नारेबाजी की जा रही थी जिसे शोरगुल हो रहा था और लोगों को नेताओं का भाषण सुनाई नहीं पड़ रहा था। इसलिए मैंने नारेबाजी करने से मना किया।

इधर पूछने पर संजीव सिंह ने कहा कि वे अभिभावक हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता जोश से भरे हुए हैं, नारेबाजी कर रहे थे।

अभिभावक पूर्व विधायक कार्यकर्ताओं को शांत करने को बोला। उन्होंने सोचा कि जो अतिथि आए हैं उनका भाषण सब लोग शांति से सुने और लोगों में एक अच्छा मैसेज जाए। हम सभी लोग एक हैं। एक अनार और सौ बीमार है। लेकिन पार्टी जिसे टिकट देगी वह चुनाव मैदान में होगा।

कोई कंफ्यूजन नहीं है पांचो दल एकजुट है। कार्यकर्ताओं में मतभेद हो सकता है हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है। इस बार नबीनगर में जिताऊ उम्मीदवार लड़ाया जाएगा। पिछली बार विधानसभा चुनाव में हम लोग सभी सीट हारे हैं। इस बार शुद्ध माल जोड़कर वसूल किया जाएगा, दुगने मतों से जीत हासिल करेंगे ।

सभी सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत होगी। इस बार हम लोग युवा कैंडिडेट की मांग कर रहे हैं। पिछली बार विपक्ष के उम्मीदवार ने युवाओं को गुमराह करके वोट ले लिया था। इस बार हम लोग मंथन कर रहे हैं, विपक्ष का जैसा उम्मीदवार रहेगा उससे बेहतर उम्मीदवार हम लोग मैदान में उतरेंगे। कौन कार्यकर्ता चुनाव लड़ना नहीं चाहता है।

लेकिन किसी के कहने से टिकट नहीं मिलेगा। एक-एक सीट पर सर्वे का काम चल रहा है। बेहतर उम्मीदवार उतारा जाएगा ताकि इस बार 225 सीट हासिल कर सके।

संजीव सिंह जिन्दावाद के नारे से घबरा गए पूर्व विधायक बीरेन्द्र सिंह मंच पर ही उलझ पड़े

औरंगाबाद औरंगाबाद के नबीनगर में रविवार को दोपहर आयोजित एनडीए के विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में इसी सीट से टिकट के दावेदार पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह और दूसरे दावेदार वरीय नेता संजीव कुमार सिंह मंच पर ही आपस में भिड़ गए। दोनों उलझ पड़े और एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे। इस वजह से मंच और मंच के नीचे कुछ देर तक हंगामा होता रहा और कार्यकर्ता संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाते रहे। इस बीच भाजपा के औरंगाबाद जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और लोजपा(रामविलास) के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं तथा दोनों नेताओं को शांत कराया।    

 दरअसल मंच पर औरंगाबाद के पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह पहले से ही मंच पर विराजमान थे। इस बीच जदयू के वरीय नेता और नबीनगर से ही टिकट के दावेदार संजीव कुमार सिंह पूरे लाव लश्कर के साथ कार्यकर्ता सम्मेलन के मंच तक पहुंचे। इस बीच उनके समर्थक संजीव के मंच पर चढ़ने के बाद भी संजीव सिंह जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। वही मंच पर पहले से मौजूद पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह की भृकुटियां इस नजारे को देख तन हो गई। उनका तमतमाया सा चेहरा देखने लायक था।       

इस बीच मंच संचालन कर रहे नेता के आग्रह पर संजीव सिंह के समर्थक सम्मेलन स्थल पर अपने लिए निर्धारित स्थान पर जाकर बैठ गए। तब जाकर कार्यक्रम आगे बढ़ा और स्थानीय नेताओं का भाषण फिर से शुरू हुआ। )कार्यक्रम में भाषण देते हुए जब जदयू नेता सुरेंद्र सिंह पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का गुणगान करने लगे तो संजीव सिंह के समर्थक भड़क उठे। उनके द्वारा जोर-जोर से संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाने लगे। 

संजीव सिंह जिन्दावाद के नारे से भडके पूर्व विधायक

संजीव के समर्थको की नारेबाजी पर पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह भड़क उठे। मंच पर वें अपनी सीट से उठे और मंच पर ही संजीव के पास पहुंच उन्हे खरी खोटी सुनाने लगे। यह देख संजीव के समर्थक जोर जोर से नारे लगाने लगे, जिससे पूरा कार्यक्रम कुछ देर के लिए हंगामें की भेंट चढ़ गया। हंगामा के कारण ही यह स्पष्ट नही सुना जा सका कि पूर्व विधायक ने संजीव को क्या क्या कहा?

इसके बावजूद पूर्व विधायक द्वारा संजीव की ओर अंगुली तानने का आशय साफ है कि वह उन्हे भला बुरा ही कह रहे होंगे। हंगामे को देख भाजपा के जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और एलजेपीआर के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला। दोनों ने दोनों नेताओं ही नही बल्कि कार्यकर्ताओं को भी शांत कराया। तब जाकर कार्यकर्ता शांत हुए। हालांकि इस दौरान पूर्व विधायक के समर्थन में कोई नारेबाजी नही हुई, जिसका संकेत माना जा रहा है कि कार्यकर्ता पूर्व विधायक से नाराज व संजीव से खुश है।

पूर्व विधायक ने कहा

पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह पूछे जाने पर बताया कि यह एनडीए का कार्यक्रम है।यहां नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का नारा लगा चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं बहुत पुराना कार्यकर्ता हूं न इससे घबराने वाला नहीं हूं। 10-20 लोगों के नारेबाजी करने से मुझे फर्क नहीं पड़ता है।उन्होंने कहा कि नबीनगर विधानसभा में 600 गांव है। सभी गांव में घूम चुका हूं। जो प्रत्याशी सभी गांव में घूम लेगा।

उसे मैं नबीनगर विधानसभा सौंप दूंगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सम्मेलन में लोग आए थे। लेकिन कुछ लोगों के नारेबाजी की जा रही थी जिसे शोरगुल हो रहा था और लोगों को नेताओं का भाषण सुनाई नहीं पड़ रहा था। इसलिए मैंने नारेबाजी करने से मना किया। मैने ऐसा कभी नहीं कहा कि ए मेरा आखिरी चुनाव है बिरोधी एसा कहते रहते हैं

संजीव ने कहा

इधर पूछने पर संजीव सिंह ने कहा कि वे अभिभावक हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता जोश से भरे हुए हैं, नारेबाजी कर रहे थे। अभिभावक पूर्व विधायक कार्यकर्ताओं को शांत करने को बोला। उन्होंने सोचा कि जो अतिथि आए हैं उनका भाषण सब लोग शांति से सुने और लोगों में एक अच्छा मैसेज जाए। हम सभी लोग एक हैं। एक अनार और सौ बीमार है। लेकिन पार्टी जिसे टिकट देगी वह चुनाव मैदान में होगा। कोई कंफ्यूजन नहीं है पांचो दल एकजुट है।

कार्यकर्ताओं में मतभेद हो सकता है हम लोगों में कोई मतभेद नहीं है। इस बार नबीनगर में जिताऊ उम्मीदवार लड़ाया जाएगा। पिछली बार विधानसभा चुनाव में हम लोग सभी सीट हारे हैं। इस बार शुद्ध माल जोड़कर वसूल किया जाएगा, दुगने मतों से जीत हासिल करेंगे ।

सभी सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत होगी। इस बार हम लोग युवा कैंडिडेट की मांग कर रहे हैं। पिछली बार विपक्ष के उम्मीदवार ने युवाओं को गुमराह करके वोट ले लिया था। इस बार हम लोग मंथन कर रहे हैं, विपक्ष का जैसा उम्मीदवार रहेगा उससे बेहतर उम्मीदवार हम लोग मैदान में उतरेंगे। कौन कार्यकर्ता चुनाव लड़ना नहीं चाहता है। लेकिन किसी के कहने से टिकट नहीं मिलेगा। एक-एक सीट पर सर्वे का काम चल रहा है। बेहतर उम्मीदवार उतारा जाएगा ताकि इस बार 225 सीट हासिल कर सके।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

औरंगाबाद: ज्योति सिंह की राजनीतिक पारी पर अक्षरा सिंह ने दी शुभकामनाएं, खुद के राजनीति में आने पर कहा - अभी 'काम करे दा'

औरंगाबाद: भोजपुरी सिने जगत की लोकप्रिय अदाकारा और गायिका अक्षरा सिंह ने शनिवार को औरंगाबाद में एक मॉल का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत में अपनी राजनीतिक योजनाओं और पूर्व सह-कलाकार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह पर खुलकर बात की।

राजनीति में आने के सवाल पर अक्षरा ने फिलहाल इससे इनकार किया। उन्होंने भोजपुरी में कहा, "अरे अभी पहिले कर लेवे दा आपन काम, अभी बहुते काम बा, काम करे दा, हमर काम के सपोर्ट करी। आगे देखल जाई।" इसका अर्थ है कि अभी उनका पूरा ध्यान अपने काम पर है और जब काम से फुर्सत मिलेगी, तब ही वह इस बारे में सोचेंगी। उन्होंने अपने प्रशंसकों से अपने काम को समर्थन देने की अपील की।

ज्योति सिंह को दीं शुभकामनाएं

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के राजनीति में कदम रखने पर पूछे गए सवाल पर अक्षरा सिंह का जवाब सकारात्मक रहा। उन्होंने कहा, "हर महिला को, समाज की हर महिला को आगे बढ़ना चाहिए। ज्योति सिंह भी आगे बढ़ रही हैं। वह बहुत अच्छी कलाकार हैं और अब राजनीति में आकर अच्छा कर रही हैं।" उन्होंने ज्योति सिंह को अपनी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं दीं और उनके सफल होने की कामना की।

औरंगाबाद से खास रिश्ता और एक अजीब संयोग

अक्षरा सिंह ने औरंगाबाद के लोगों से मिले प्यार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों से उन्हें ढेर सारा प्यार मिलता है और जब भी यहां से बुलावा आता है, वह बेहिचक चली आती हैं। उन्होंने लोगों से मिले स्नेह के लिए अपना आभार भी व्यक्त किया।

बातचीत के दौरान यह भी सामने आया कि अक्षरा सिंह के साथ औरंगाबाद में एक अजीब संयोग जुड़ा है। बताया जाता है कि जिस भी मॉल का उद्घाटन वह यहां करती हैं, वह बाद में बंद हो जाता है। पिछले साल भी उन्होंने जिस मॉल का उद्घाटन किया था, वह भी अब बंद हो चुका है।

2025 में 7 सितंबर से शुरू होंगे पितृ पक्ष, जानें तिथि, महत्त्व और श्राद्ध की पूरी लिस्ट


पूर्वजों की आत्मा की शांति और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए समर्पित 16 दिवसीय पितृ पक्ष की शुरुआत इस वर्ष 7 सितंबर 2025 से हो रही है। यह अवधि हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ मानी जाती है, जिसमें पितरों को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण की अपेक्षा रखते हैं। इस समय पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे धार्मिक कर्म किए जाते हैं। कहा जाता है कि इन अनुष्ठानों को विधिपूर्वक करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों की कृपा से परिवार में सुख-शांति व समृद्धि आती है। इस काल में पवित्र नदियों में स्नान करना, जरूरतमंदों को दान देना और ब्राह्मणों को भोजन कराना भी विशेष पुण्यदायी माना जाता है।

कब से कब तक है पितृ पक्ष 2025?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025, रविवार को हो रही है। इस दिन भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि देर रात 1:41 बजे प्रारंभ होगी। पितृ पक्ष का समापन 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा।

पितृ पक्ष 2025: श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध: 07 सितंबर 2025, रविवार

प्रतिपदा श्राद्ध: 08 सितंबर 2025, सोमवार

द्वितीया श्राद्ध: 09 सितंबर 2025, मंगलवार

तृतीया श्राद्ध: 10 सितंबर 2025, बुधवार

चतुर्थी श्राद्ध: 10 सितंबर 2025, बुधवार

पञ्चमी श्राद्ध: 11 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार (महा भरणी भी इसी दिन)

षष्ठी श्राद्ध: 12 सितंबर 2025, शुक्रवार

सप्तमी श्राद्ध: 13 सितंबर 2025, शनिवार

अष्टमी श्राद्ध: 14 सितंबर 2025, रविवार

नवमी श्राद्ध: 15 सितंबर 2025, सोमवार

दशमी श्राद्ध: 16 सितंबर 2025, मंगलवार

एकादशी श्राद्ध: 17 सितंबर 2025, बुधवार

द्वादशी श्राद्ध: 18 सितंबर 2025, बृहस्पतिवार

त्रयोदशी श्राद्ध: 19 सितंबर 2025, शुक्रवार (मघा श्राद्ध भी इसी दिन)

चतुर्दशी श्राद्ध: 20 सितंबर 2025, शनिवार

सर्वपितृ अमावस्या: 21 सितंबर 2025, रविवार

सांसद के स्कॉर्ट गाड़ी की चपेट में आया एक बच्चा, इलाज के लिए गाड़ी रुकवाकर सांसद ने की भर्ती

रफीगंज शिवगंज पथ के वार गांव के समीप औरंगाबाद सांसद अभय कुशवाहा के स्काउट पुलिस गाड़ी के चपेट में एक पंचवर्षीय बच्चा आ गया। जिससे वह जख्मी हो गया। घटना के बाद सांसद गाड़ी रुकवा कर घायल को इलाज के लिए रफीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। जहां से डॉक्टर द्वारा बेहतर इलाज के लिए गया मगध मेडिकल रेफर कर दिया गया।

औरंगाबाद सांसद अभय कुशवाहा ने बताया कि हम लोग शिवगंज से रफीगंज की ओर एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे थे इसी बीच सड़क पर एक अचानक 5 वर्षीय बच्चा दौड़ते हुए आ गया जो हल्का पुलिस स्कॉर्ट की गाड़ी की चपेट में आ गई।

जिससे वह जख्मी हो गया परिजनों को सूचना दी गई और इलाज के लिए तत्काल भर्ती करवाया गया। उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि जो भी मदद होगा वह किया जाएगा हालांकि संसद को मिली जानकारी के अनुसार एक अति आवश्यक कार्यक्रम में जाना था लेकिन इलाज के लिए वह रुक गए और स्वयं देख रेख में इलाज करवाया। खबर लिखे जाने तक घायल बच्चे की पहचान नहीं हो पाई थी। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आये सांसद से सभी कर्मियों ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार सिंह को औरंगाबाद सदर अस्पताल में प्रभार लेने से यहां की व्यवस्था चरमरा गई है।दोनों जगह का प्रभार होने के कारण रफीगंज में समय समय नहीं दे पा रहे हैं।जिससे मरीजों के इलाज सहित अन्य सभी कार्य में काफी कठिनाई हो रही है।

इसलिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार सिंह को सीएससी रफीगंज में ही रहने दिया जाये।इसपर सांसद ने सभी चिकित्सा कर्मी एवं उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि जिला पदाधिकारी से इस संबंध में बात करेंगे।बता दें कि डॉ अरविंद कुमार सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रफीगंज में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी है और औरंगाबाद में डीएसओ के प्रभार में कार्य कर रहे हैं।दोनों जगह कार्य होने के कारण रफीगंज सीएससी में समय नहीं दे पाते हैं।

औरंगाबाद में सड़क पर उतरे NDA कार्यकर्ता, बाजार बंद कराया

पूर्व सांसद बोले यह कहीं से भी बर्दाश्त के लायक नहीं राहुल औऱ तेजस्वी माफी मांगने के लायक भी नहीं

,औरंगाबाद में बिहार बंद का व्यापक असर रहा। एनडीए के कार्यकर्ताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी की मां को गाली देने के खिलाफ राहुल गाधी-तेजस्वी के खिलाफ प्रदर्शन किया। शहर के मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। दुकानों को बंद कराया। इस दौरान लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान NH-19 पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।औरंगाबाद बीजेपी के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि किसी की मां के लिए अपशब्द कहना न केवल उस व्यक्ति का, बल्कि पूरे नारी समाज का अपमान है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अगर राहुल तेजस्वी माफी मांगेंगे तो देश के महिला इसको कभी माफ नहीं करेंगी। आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाएं इस अपमान का जवाब अपने मतों से देंगी। पूरे देश में उबाल है। पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने आगे कहा कि यह बंदी मां के सच्चे सपूतों के द्वारा बुलाया गया है। हम किसी भी कीमत पर मां का अपमान नहीं कर सकते। सनातन धर्म में मां का स्थान सर्वोच्च है।

मां सीता की धरती दरभंगा से जिस तरह से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मौजूदगी में मंच से गरीब के बेटे नरेंद्र मोदी की मां को गाली दिया गया। यह कहीं से भी बर्दाश्त के लायक नहीं है। वे माफी मांगने के लायक भी नहीं है। इस घटना से पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भारत की बदनामी हुई है। हम बिहार के लोग मां का अपमान नहीं सह सकते। बंदी में किसी से कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई है। पूरे बिहारवासियों ने नैतिक समर्थन किया है।

पूरे जिला में बंद का असर

शहर के हृदय स्थली माने जाने वाले रमेश चौक और ओवरब्रिज के समीप एनडीए कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। दोपहर तक बाजार की अधिकांश दुकानें भी बंद रही। कार्यकर्ता सुबह 7:00 बजे से ही सड़क पर उतर गए। मां का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान और राहुल गांधी तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए। जिले के सभी प्रखंडों में बंदी का असर देखने को मिला।

विदेश में भी लोग आक्रोशित हैं

जदयू जिला अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह एवं लोजपा रामबिलास जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को गाली दिए जाने के विरोध में लोगों ने खुद बाजार बंद रखा। एनडीए के कार्यकर्ता कहीं भी सड़क पर उदंडता नहीं कर रहे हैं और लाठी नहीं भांज रहे हैं। देशवासी मां का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश में ही नहीं विदेश में भी प्रधानमंत्री मोदी को चाहने वाले लोग आक्रोशित हैं।

महिला मोर्चा ने भी किया प्रदर्शन

औरंगाबाद बीजेपी महिला नेत्री कमला सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की मां जो इस दुनिया में नहीं है, उन्हें गाली देकर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने यह दिखा दिया है की मां बहन के प्रति उनका सम्मान कितना है। इस तरह के अशोभनीय भाषा का एनडीए के हम सभी महिला कार्यकर्ता विरोध करते हैं और इसी के विरोध में आज पुरे एनडीए के कार्यकर्ता सड़कों पर है। आगे कमला ने कहा कि जो मा का सम्मान नहीं करता है वो देश के मा बहन बेटी को क्या सम्मान देगा इस विरोध प्रदर्शन में अनिता सिंह गुड़िया सिंह जुलेखा खातुन ,पूजा सिंह ,जिला अध्यक्ष बिजेंद्र चन्द्र बंशी अनिल सिंह, सतीश सिंह सहित अन्य नेता शामिल रहे।

नवीनगर: सरपंच बिगहा में 110 लीटर शराब बरामद, 300 लीटर महुआ पास्स नष्ट

नवीनगर: नवीनगर थाना क्षेत्र के सरपंच बिगहा गांव में पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 110 लीटर महुआ शराब बरामद की और मौके पर ही 300 लीटर महुआ पास्स (शराब बनाने का कच्चा माल) को नष्ट कर दिया।

थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह छापेमारी की गई थी। पुलिस टीम ने घटनास्थल पर महुआ पास्स को नष्ट किया और बरामद शराब को जब्त कर थाने ले आई। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

इस अभियान में पुलिस अवर निरीक्षक विशाल शेखर और एएलटीएफ पीटीसी रूपकमला सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

ओबरा में सवारियों से भरा ऑटो ट्रक से टकराया, दो की मौत, पाँच घायल

ओबरा. औरंगाबाद-पटना मुख्य पथ में ओबरा थाना क्षेत्र के सदीपुर डिहरी गांव के समीप सवारियों से भरा ऑटो ट्रक से टकरा गया. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि पाच लोग घायल हो गये. मृतकों में जम्होर थाना क्षेत्र के कोसडीहरा गांव निवासी 33 वर्षीय ऑटो चालक व जयकिशोर यादव के पुत्र नागेंद्र यादव व नगर थाना क्षेत्र के निवासी 25 वर्षीय वसीम शौकत अली शामिल है.

घायलों में औरंगाबाद निवासी 25 वर्षीय मो सुफियान, नगर थाना कागजी मुहल्ला निवासी मेराजुद्दीन, 22 वर्षीय रसीदा खातून शामिल है, जिसका इलाज किया जा रहा है. घटना बुधवार की अहले सुबह की बतायी जा रही है. इधर, घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, पुलिस पदाधिकारी दीपक कुमार व अंकित कुमार दल बल के साथ पहुंचे और सभी घायलों को पुलिस गाड़ी से इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचाया.

हालांकि, सभी घायलों की स्थिति गंभीर स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया. घटना से संबंधित जानकारी के अनुसार सभी घायल पटना से परीक्षा देकर विंगर से दाउदनगर पहुंचे थे. वहां से किराये पर ऑटो लेकर औरंगाबाद जा रहे थे. सदीपुर डिहरी गांव के समीप औरंगाबाद की ओर से आ रहे एक ट्रक से ऑटो की टक्कर हो गयी. इस घटना में ऑटो सवार सभी पांच लोग घायल हो गये, जिनमें दो की मौत इलाज के दौरान हो गयी.

थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को पुलिस की गाड़ी से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया. इस संदर्भ मे आवेदन प्राप्त होते ही आगे की कार्रवाई की जायेगी.

इधर, पुलिस मुख्यालय द्वारा बताया गया है कि ऑटो चालक की मौत सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हुई, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत वाराणसी ले जाने के क्रम में हो गयी. घटना के बाद आसपास के लोगों का बयान दर्ज किया गया है. एफएसएल की टीम द्वारा साक्ष्य संकलन कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

ब्लड बैंक कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए किया मारपीट ,प्राथमिकी दर्ज

औरंगाबाद सदर अस्पताल में मंगलवार की रात हंगामा हुआ है। यहां अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा करते हुए ब्लड बैंक कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया।

परिजनों का आक्रोश देखकर ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मी ब्लड बैंक बंद कर भाग खड़े हुए। मृतक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बिजौली बसडीहा गांव निवासी 35 वर्षीय रामकरण पासवान के रूप में की गई है। मरीज की मौत के बाद नशे की हालत में अस्पताल पहुंचे कुछ परिजनों ने ब्लड बैंक के कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया और ड्यूटी में तैनात कर्मी रवि मिश्रा का पिटाई कर दिया।

सदर अस्पताल में हंगामा और ब्लड बैंक कर्मी की मरीज के परिजनों के पिटाई किए जाने के दौरान सदर अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मी, नगर थाना के एसआई गोपाल कुमार, सुनील कुमार, मो अख्तर, सहायक अवर निरीक्षक के बी यादव व अन्य ब्लड बैंक के कर्मियों के पहुंचने पर मामले को नियंत्रित किया गया।

मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

काफी देर तक सदर अस्पताल हंगामे का गवाह बना रहा। घटना के बाद आक्रोशित हुए ब्लड बैंक कर्मियों ने हंगामा व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ब्लड बैंक को बंद कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल के कर्मी भी ब्लड बैंक सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर पुलिस प्रशासन से ऐसे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग की। लैब टेक्नीशियन अमित कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को मरीज के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे और मरीज को चढ़ाने के लिए ब्लड की मांग की। लेकिन ब्लड देने वाला डोनर अनफिट पाया गया। परिजनों से दूसरे डोनर के लिए कहा गया। मगर वे फिर दुबारा नहीं आए और रात में मरीज की मौत के बाद ब्लड नहीं देने की बात कहकर ड्यूटी में रहे रवि मिश्रा की जमकर पिटाई कर दी।

सदर अस्पताल से मरीज को कर दिया गया था रेफर

रामकरण पासवान को इलाज के लिए सोमवार को सदर अस्पताल लाया गया था। मगर उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया। परिजन मरीज को लेकर नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमुहार लेकर चले गए। लेकिन वहां से फिर से सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों ने पहले किए गए रेफर का हवाला देते हुए उन्हें हायर सेंटर जाने के लिए कहा। क्योंकि मरीज का फीवर 105 डिग्री से नीचे नहीं आ रहा था। ऐसी स्थिति में ब्लड चढ़ाना संभव नहीं था। लेकिन परिजन मरीज को लेकर कही नहीं गए और उनकी मौत हो गई।

उपाधीक्षक बोले होगा कार्रवाई

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अरविन्द कुमार ने बताया कि हमको रात 10 बजे जानकारी मिला कि कुछ शराब के नशे में आकर ब्लड बैंक में हंगामा एवं मारपीट कर रहे हैं आगे सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अरविंद कुमार ने कहा की दोषियों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चिन्हित किया जा रहा है सभी को चिन्हित कर भी लिया गया है और एफआईआर दर्ज करने के लिए नगर थाना पुलिस को आवेदन दे दिया गया है

एवं10 गार्ड का वेतन काटा गया है और फटकार लगाया गया है बिना डंडा का डियूटी करने पर यहाँ से हटा दिया जायेगा और सदर अस्पताल में तैनात बिहार पुलिस के जवानों को भी कहा कि यहाँ आपलोग सोने नहीं आए हैं अगर दुबारा डियूटी में लापरवाही हुआ तो इसका शिकायत वरीय अधिकारियों को दे दिया जाएगा

विहंगम योग संत समाज द्बारा लगाया गया निशुल्क चिकित्सा शिविर

100से 150मरीजों का किया निशुल्क चिकित्सा परामर्श 

औरंगाबाद। दोमुहान रिसियप के समीप मंगलवार को विहंगम योग संत समाज के तरफ से निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। एके अस्पताल के निदेशक डा. अभिषेक कुमार सिंह द्बारा लगभग 100 से 150 मरीजों का निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिए। बताया कि यह सेवा का कार्य अपने आप में अदभुत है।

शिविर में मस्तिष्क, रीढ़, पेट, छाती, शुगर और रक्तचाप से संबंधित सभी प्रकार के रोगियों की जांच की गई और उन्हें सलाह दी गई। बताया कि ब्लड शुगर एवं ब्लडप्रेशर का हृदयरोग से सीधा संबंध है। जी मचलना, सीने का दर्द, बाएं हाथ में दर्द, अनायास पसीना आना, छोटी छोटी बातों में घबराहट सहित हृदयरोग के लक्षण है। इस प्रकार की शिकायत रहने पर तुरंत ही चिकित्सीय परामर्श लें।

विलंब होने या लापरवाही करने पर परेशानी बढ़ सकती है। बताया कि खानपान में घी, अत्यधिक मसाला, रेड मीट सहित का सेवन न करें। साथ ही नियमित योगा व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने की जरूरत है। शिविर में बड़ी संख्या में रोगियों ने शामिल होकर चिकित्सीय परामर्श कराया।

साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सफाई के अभाव में होने वाली बीमारियों के बारे में भी जागरूक किया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र से आए मरीजों ने चिकित्सक को धन्यवाद दिया। कहा कि इस शिविर से मरीज को काफी सहूलियत मिली है। लोगों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है। इस मौके पर विहंगम योग संत समाज के सदस्य मौजूद रहे।