जिलाधिकारी आदेश पर तीन सितम्बर को अवकाश घोषित
![]()
फर्रुखाबाद।जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी के आदेश की अमर ज्योति इण्टर कॉलेज के प्रबंधक ने बुधवार को जमकर धज्जियां उड़ाई ।विद्यालय खोलकर शिक्षण कार्य जारी रखा। जिलाधिकारी कार्यालय से पत्र जारी कर तीन सितंबर को अवकाश घोषित किया गया था।
बताते चलें लखनऊ से मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी जिसके मद्देनजर देखते हुए जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने जनपद के सभी परिषदीय स्कूलों व सभी प्राइवेट स्कूलों को तीन सितम्बर को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी किया था। जिसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय ने पत्र भी जारी किया है उसके बावजूद अमर ज्योति इण्टर कालेज ग़नुआपुर विकास खंड राजेपुर में जिलाधिकारी कार्यालय का आदेश शायद रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया और रोज की भांति वाकायदा विद्यालय खोला गया। बताते चलें अमर ज्योति इण्टर कालेज ग़नुआपुर में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी पंजीकरण कर पढ़ाया जा रहा है।
जब इस संबंध में विद्यालय प्रबंधक महेन्द्र कुमार सिंह से बात करने की कोशिश की तो उनके विद्यालय के शिक्षक रामतीर्थ सिंह ने आगे बढ़ते हुए आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय से जारी हुए पत्र से पल्ला झाड़कर बड़े आक्रोशित ढंग से जवाब दिया कि मुझे बंद का पत्र नहीं प्राप्त हुआ है और अगर विद्यालय खुला है तो मैने कोई जुर्म नहीं कर दिया , इसमें मैने कोई कानून नहीं तोड़ा है।
इनसेट
अमर ज्योति इण्टर कालेज में एक और बड़ा खुलासा हुआ जिसने शिक्षा विभाग की पोल खोल कर रख दी। एक ऐसा मामला सामने आया जो शायद ही पूरे प्रदेश में कही और उसकी मिसाल मिले। अमर ज्योति इण्टर कालेज ग़नुआपुर में एक ही भवन में दो मान्यता प्राप्त स्कूलों को संचालित किया जा रहा है जिसमें एक अमर ज्योति इण्टर कालेज जो कक्षा 6 से 12 तक संचालित है वहीं दूसरा श्वेता दीक्षा प्राइमरी स्कूल जो नर्सरी से कक्षा 5 तक इसी भवन में संचालित है।
शिक्षा विभाग की मेहरबानी नहीं कहेंगे तो इसे क्या कहेंगे एक ही भवन में दो दो मान्यता प्राप्त स्कूलों को संचालित किया जा रहा है और उच्चाधिकारियों को कानों कान भनक तक नहीं, क्या ये संभव हो सकता है? लेकिन शायद विभागीय मेहरबानी कुछ भी असंभव को संभव करवा देती है जिसका जीता जागता उदाहरण है अमर ज्योति इण्टर कालेज ग़नुआपुर जहां विद्यालय प्रबंधक और शिक्षा विभाग की जुगलबंदी से ही यह अजूबा सामने आया है। ये जुगलबंदी का ही नतीजा है जो मान्यता के मापदंडों को ताख में रखकर मान्यता प्रदान कर दी गई है ।
वहीं कई विद्यालय तो मान्यता के लिए मापदंड पूरे करते करते लोग थक हार गए हैं उसके बावजूद उन्हें मान्यता नहीं मिल पाई है वहीं अमर ज्योति इण्टर कालेज में आखिर किस मापदंडों के तहत एक ही भवन में दो दो स्कूलों की मान्यता दे दी गई ये सवाल सभी को आश्चर्य चकित कर रहा है।
Sep 03 2025, 19:05