औरंगाबाद में कैदी की मौत पर बवाल, सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस से भिड़े हुआ लाठीचार्ज
,औरंगाबाद औरंगाबाद मंडल कारा के एक बंदी की इलाज के दौरान शनिवार को हुई मौत पर दिनभर बवाल मचा रहा। पहले तो मरने के बाद भी कैदी के हाथों में हथकड़ी लगाए रखने से मानवता शर्मसार हुई। इसके बाद जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों को अनसुना करने पर परिजन भड़क उठे।
परिजनों ने पुलिस को पोस्टमार्टम कराने के लिए मृतक का शव ले जाने से पुलिस को रोक दिया। इसके बाद परिजन और उनके गांव वाले शव को सदर अस्पताल से लेकर शहर के रमेश चौक चले आए और सड़क को चारों ओर से जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। मामले में पुलिस ने पक्ष सुनने के बजाय उल्टे परिजनों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे अफरा तफरी मच गई। मृतक बारूण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र राम के परिजनों का आरोप है कि जेल में धर्मेंद्र की जेल पुलिस ने पिटाई की है, जिससे उसकी मौत हुई है। यह भी कहा कि धर्मेंद्र पर शराब बेंचने का आरोप झूठा है। उसे जान बूझकर फंसा कर जेल भेजा गया। वह दिल्ली में काम करता था और 15 दिन पहले अपने गांव आया था। गांव आने पर ही उसे साजिश के तहत शराब बेंचने के आरोप में फंसा कर जेल भेजा गया और जेल में पीटे जाने से ही उसकी मौत हुई है। धर्मेंद्र के दो मासूम बच्चे एक बेटा और एक बेटी है, जो उसके मरने से अनाथ हो गए है। घर में अब कोई कमाउं सदस्य नही बचा है।रमेश चौक को चारो ओर से जाम किए परिजनों और ग्रामीणों ने धर्मेंद्र की मौत के बाद भी उसके हाथ में लगी हथकड़ी नही खोले जाने पर भड़ास निकाली। कहा कि यह अन्याय है। इसके लिए भी जेल प्रशासन पर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जब तक जेल प्रशासन पर कार्रवाई नहीं होगी, हम सड़क से नहीं हटेंगे।
नगर थाना अध्यक्ष से भी उलझ पड़े आक्रोशित
सड़क जाम की सूचना मिलने पर औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस शहर के रमेश चौक पर पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वें समझने के बजाय पुलिस से ही उलझ पड़े। नगर थानाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पर उपद्रवी चढ़ बैठे। उन्हे घेर कर सभी ने पीटने लगे। मामले को बिगड़ते देख पुलिस को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा।
पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। लोगों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगा। मौके पर अफरा तफरी मच गई। कई लोगों को चोटें आई। इसके बाद पुलिस के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होने पहल कर मामले को संभाला। परिजनों को जेल प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम हटवाया। इसके बाद पुलिस शव को पोस्टमार्टम कराने ले गई।
मामले की जानकारी मिलने पर परिजनों के जख्म पर मरहम लगाने पहुंचे नबीनगर के राजद विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डबल्यू सिंह मौके का नजारा देख मूकदर्शक बन खड़े रहने पर मजबूर हो गए। बाद में उन्होने कहा कि यह घटना नीतीश सरकार के सुशासन की कलई खोलने वाली है। कहा कि पहले तो उत्पाद विभाग की पुलिस ने निर्दोष को दारू बेंचने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे पीट कर मार डाला। मामले में कार्रवाई नही होने से परिजन भड़के। यदि पुलिस कार्रवाई करती तो ऐसी नौबत नही आती।
मामले में औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि परिजन और ग्रामीण पुलिस के पुलिस से बदसलूकी पर उतर आए थे। इस वजह से हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। लाठीचार्ज से किसी को भी गंभीर चोट नही आई है। मामले में औरंगाबाद के एसडीपीओ-1 संजय कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस उपद्रवियों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है।
Aug 31 2025, 19:14