शरीर में जान नहीं... पर हाथ में लगी हथकड़ी, पुलिस ने मानवता को मारा, क्या लाश भी उठकर भाग जाती?
औरंगाबाद इस दृश्य को देख मानवता भी शर्मा गई। जेल प्रशासन ने एक बीमार कैदी को इलाज के लिए हथकड़ी लगाकर अस्पताल लाया। अस्पताल में कैदी की मौत हो गई लेकिन मरने के बाद भी कैदी के हाथ में हथकड़ी लगी रही और मानवता का सीना छलनी होता रहा। हालांकि घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडियाकर्मी अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा जब इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी के हाथों की बेड़ियां खोली गई।
मामला औरंगाबाद मंडल कारा से जुड़ा हैं। मृतक कैदी की पहचान बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम के रूप में की गई है। मामले में जेल प्रशासन आगे की कार्रवाई में जुटी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक बारुण थाना क्षेत्र के उर्दीना गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राम को उत्पाद विभाग की टीम ने बुधवार को आठ लीटर शराब के साथ गांव से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उसे गुरुवार को न्यायालय में पेश किया था।
इसके बाद अदालती आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के बाद शनिवार को उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। इसके बाद जेल प्रशासन द्वारा शनिवार को ही उसे हथकड़ी लगाकर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हद यह कि कैदी को डॉक्टरो द्वारा मृत घोषित किए जाने के बावजूद उसके हाथ में हथकड़ी लगी रही। कैदी के मरने के बाद भी जेल पुलिस ने मृत कैदी के हाथ से हथकड़ी नहीं खोली। घटना की जानकारी मिलने पर जब मीडिया कर्मी सदर अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा इस ओर ध्यान दिलाया गया, तब जाकर कैदी का इलाज कराने आए पुलिसकर्मी
ने उसके हाथ से हथकड़ी खोली
मामले में मृतक की पत्नी संजू देवी ने बताया कि शुक्रवार को वह अपने पति से मुलाकात करने जेल के मुख्य द्वार पर गई थी लेकिन जेल प्रशासन के द्वारा उसकी पति से मुलाकात नहीं कराई गई। शनिवार को सुबह में जेल से सूचना दी गई कि मेरे पति की तबीयत खराब हैं। आप सदर अस्पताल आकर मुलाकात कर लीजिए। जब वह अस्पताल पहुंची तो देखा कि उसके पति मृत पड़े हैं।
कहा कि मेरे पति को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। मामले में औरंगाबाद मंडल कारा के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि कैदी का इलाज कराने में कोई कोताही नही हुई है। कहा कि जैसे ही कैदी की तबीयत खराब हुई, वैसे ही उसे इलाज के लिए जेल से सदर अस्पताल भेजा गया। कैदी की मौत कैसे और किन कारणों से हुई, यह इलाज करने वाले डॉक्टर ही बताएंगे।
साथ ही कैदी के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।सदर अस्पताल में कैदी की मौत की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची औरंगाबाद नगर थाना की पुलिस ने पंचनामा और कागजी प्रक्रिया पूरी कर शव को कब्जे में ले लिया है। पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई में जुटी हैं।
Aug 31 2025, 11:22