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चचेरे भाई ही निकले हैवान! 7 साल की बहन के साथ 3 नाबालिग लड़कों ने किया गैंगरेप, मां ने पुलिस को बताई दरिंदगी की कहानी

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से रिश्तों को शर्मशार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां पर चचेरे भाई ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपनी चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म किया. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया है. मामला गाजीपुर के सैदपुर थाना इलाके का है.

सैदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में सात साल की मासूम बच्ची घर में शौचालय न होने के कारण शौच के लिए खेतों में जा रही थी. उसी वक्त 11 साल का उसका चचेरा भाई उसके पीछे-पीछे खेतों में गया. उसके साथ में उसके दो अन्य नाबालिग साथी भी थे. वो भी बच्ची के चचेरे भा ही लगते हैं. खेत में एकांत पाकर चचेरे भाई ने पहले अपनी बहन के साथ दुष्कर्म किया. फिर उसके दोनों साथियों ने भी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया.

बच्ची ने मां को बताई आपबीती

इसके बाद बच्ची जब अपने घर पहुंची, तब उसने सारी आपबीती अपनी मां को बताई. इस घटना की जानकारी होने पर उसकी मां के साथ ही आसपास के लोग भी काफी हतप्रभ गए क्योंकि इस घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं था, बल्कि रिश्ते में लगने वाला पीड़ित का चचेरा भाई है. सभी ने उस समय अपना माथा पकड़ लिया. हालांकि पीड़ित बच्ची की मां ने हिम्मत दिखाई.

पीड़ित की मां ने अपनी बच्ची के साथ हुई इस घटना की सूचना पहले पास की पुलिस चौकी में दी. फिर सैदपुर थाने पहुंचकर तीनों आरोपियों के खिलाफ शिकायत की. पीड़ित की मां ने पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताया, जिसके बाद पुलिस ने तीनों नाबालिग आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उनकी तलाश में जुट गई. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मुखबिर की सूचना पर तीनों आरोपियों को एक चाय पान की दुकान पर पकड़ लिया.

तीनों नाबालिग आरोपी बाल सुधार गृह भेजे गए

इसके बाद पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में लिया. फिर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई आरंभ की. नामजद तहरीर के आधार पर पुलिस तीनों बालकों को हिरासत में लेकर थाने आई और पूछताछ की. इसके बाद शुक्रवार की दोपहर 12 बजे तीनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. वहां से तीनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया. घटना के बाद दूसरे दिन भी पूरे गांव में चर्चा बनी रही और लोग तीनों को कोसते रहे.

बांके बिहारी मंदिर में VIP दर्शन पर विवाद, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

मथुरा: वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में सावन मास के दौरान वीआईपी लोगों को विशेष सुविधा दिए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। आरोप है कि कुछ वीआईपी लोगों ने ठाकुर जी के जगमोहन में कुर्सी पर बैठकर दर्शन किए, जबकि उनके सुरक्षाकर्मी हथियारों के साथ मौजूद थे और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। इसे मंदिर की मर्यादा और कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया जा रहा है।

इस मामले को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा और वकील दीपक शर्मा ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मथुरा की अदालत में एक याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक, इन वीआईपी लोगों ने न सिर्फ कुर्सी पर बैठकर दर्शन किए, बल्कि उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों के पास हथियार थे और उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। यह सीधे तौर पर कोर्ट के उस आदेश की अवमानना है, जिसमें मंदिर परिसर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक लगाई गई थी।

'भक्त बन रहे हैं भगवान'

29 अगस्त को अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मंदिर के प्रबंधक, मथुरा के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

पंडित संजय हरियाणा ने कहा कि ठाकुर जी से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन कुछ वीआईपी लोगों ने खुद को भगवान से ऊपर साबित करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "भक्त बन रहे हैं भगवान।" यह आस्था के खिलाफ है, इसलिए कानूनी कार्रवाई जरूरी है।

वहीं, वकील दीपक शर्मा ने इसे अदालत के आदेश की खुली अवमानना बताया और कहा कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

राहुल में जरा भी शर्म बची है तो माफी मांगें… PM को अपशब्द कहने पर भड़के अमित शाह

बिहार में विपक्षी गठबंधन के एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को नरेंद्र मोदी और उनकी माता के खिलाफ कथित अपमानजनक शब्दों के प्रयोग पर गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में आयोजित एक जनसभा में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी में अगर थोड़ी भी शर्म बाकी है तो उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और देश से माफी मांगनी चाहिए. उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माता जी के प्रति की गई अपमानजनक टिप्पणी की मैं कड़ी निंदा करता हूं. यह सब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के इशारे पर हुआ है. पीएम मोदी और उनकी मां को अपशब्द कहना बहुत निंदनीय है.

गृहमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी ने अत्यंत गरीब जीवन जिया. उन्होंने अपने बच्चों को संस्कार, मेहनत और ईमानदारी जैसे मूल्यों के साथ पाला और उनका एक बेटा आज भरोसेमंद नेता है. ऐसे जीवन पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राजनीति के अंदर इससे बड़ी गिरावट नहीं हो सकती.

गृहमंत्री अमित शाह का राहुल गांधी पर तीखा हमला

गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता के लिए जिस प्रकार के शब्दों का उपयोग राहुल गांधी के मंच से किया गया वह अत्यंत निंदनीय और दुखद है. राहुल गांधी ने नकारात्मक राजनीति की शुरुआत की है. उन्होंने घुसपैठिए बचाओ यात्रा की शुरुआत की है. मतदाता सूची में अवैध घुसपैठियों को शामिल करने का प्रयास चुनाव को दूषित करने की कोशिश है. प्रधानमंत्री को जितनी गालियां दी जाएंगी उतना ही अधिक कमल खिलेगा.

बीजेपी का विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस से झड़प

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की बिहार में मतदाता अधिकार यात्रा के मंच से पीएम मोदी और उनकी मां को गोली देने का वीडियो वायरल है. इस मामले में केस भी दर्ज हुआ है. पीएम मोदी को अपशब्द कहने पर कांग्रेस और आरजेडी के खिलाफ बीजेपी के जमकर हल्ला बोला है. बीजेपी ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया. जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भिड़ंत भी हो गई.

दिल्ली में फिर बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार

नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। आज सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर 205.46 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से 0.13 मीटर अधिक है।

अगले 48 घंटे बेहद अहम

अगले 2-3 दिनों में नदी का जलस्तर और भी बढ़ने की आशंका है, खासकर अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 36,536 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद से 58,290 क्यूसेक और ओखला बैराज से 42,006 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अगर जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है तो यमुना के पुल को यातायात के लिए बंद किया जा सकता है।

निचले इलाकों में अलर्ट

प्रशासन ने कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, यमुना का पुस्ता, गांधीनगर और सोनिया विहार जैसे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है, और दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

लोगों से नदी के किनारे न जाने और सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील की गई है। सुबह 7 बजे से 10 बजे के बीच जलस्तर में मामूली कमी देखी गई, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है।

अमित शाह का बिहार दौरा: जानकी मंदिर की आधारशिला रख 49 सीटों पर साधेंगे निशाना

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी क्रम में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल शुक्रवार को सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। इस दौरे को भाजपा और एनडीए के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसके जरिए उनकी नजर तिरहुत मंडल में आने वाली 6 जिलों की 49 विधानसभा सीटों पर रहेगी।

अयोध्या की तर्ज पर बनेगा जानकी मंदिर

अमित शाह पहले दरभंगा पहुंचेंगे और फिर वहां से सीतामढ़ी के पुनौराधाम जाएंगे। देवी सीता का जन्मस्थान माने जाने वाले इस स्थल पर 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मंदिर का पुनर्विकास किया जा रहा है। करीब 67 एकड़ में फैलने वाले इस भव्य मंदिर को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर तैयार किया जाएगा और इसे 11 महीने के भीतर पूरा करने की योजना है। इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।

NDA का मजबूत गढ़ है तिरहुत मंडल

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भाजपा और एनडीए के लिए तिरहुत मंडल एक मजबूत गढ़ माना जाता है। इस मंडल में मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और

बाबा खाटू श्याम के भक्तों के लिए खुशखबरी: मंदिर तक सीधी रेल लाइन को मिली मंजूरी

सीकर, राजस्थान: देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के आस्था केंद्र, बाबा खाटू श्याम मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए रेल मंत्रालय ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में घोषणा की है कि भक्तों की सुविधा के लिए रींगस से खाटू श्याम मंदिर तक 17 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस नई रेल कनेक्टिविटी से भक्तों को अब सीधे ट्रेन से मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी, जिससे उनका समय बचेगा और यात्रा की मुश्किलें कम होंगी।

परियोजना की लागत और समय-सीमा

रेल मंत्री ने बताया कि इस नई रेल लाइन परियोजना की लागत 254 करोड़ रुपये तय की गई है, जिसके लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 43 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। वैष्णव ने बताया कि हाल के वर्षों में रींगस और दिल्ली के बीच यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे इस नई लाइन की आवश्यकता और भी बढ़ गई थी।

खाटूधाम का होगा आध्यात्मिक और डिजिटल विकास

रेल लाइन के साथ ही, केंद्र सरकार खाटूधाम के समग्र विकास पर भी ध्यान दे रही है। पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत खाटूधाम के विकास के लिए 40.08 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि से खाटूधाम आध्यात्मिक सर्किट प्रोजेक्ट के तहत कई आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:

श्रद्धा पथ और पर्यटन सुविधाएं

म्यूजियम और कथा पंडाल

डिजिटल गाइडेंस सिस्टम और कैफेटेरिया

कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

इस परियोजना की शुरुआत 11 अगस्त से होगी और इसे 10 जून 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, खाटूधाम एक आधुनिक, सुरक्षित और डिजिटल सुविधाओं से युक्त तीर्थ स्थल बन जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

गिरफ्तार करो या गोली मारो, बांग्ला भाषा के अन्याय के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन… ममता का ऐलान

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्ला अस्मिता और चुनाव आयोग को लेकर हमला बोलना शुरू कर दिया है. वह पिछले कुछ समय से दूसरे राज्यों में बांग्लाभाषियों के उत्पीड़न के मुद्दे पर मुखर रही हैं. बुधवार को झारग्राम में ‘भाषा आंदोलन’ मार्च के बाद, मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भाजपा पर अपना हमला और तेज कर दिया. उन्होंने कहा कि आज अगर आप बांग्ला बोलते हैं, तो आपको जेल ले जाया जा रहा है. आपको बांग्लादेशी कहा जा रहा है आम लोगों के लिए उनका संदेश है कि अगर कोई बुलाए, तो ‘जय बांग्ला’ कहें. उन्होंने कहा कि या तो उन्हें गिरफ्तार करें या गोली मारें, बांग्ला भाषा के खिलाफ अन्याय का वह विरोध करती रहेंगी.

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पुराने झारग्राम से पंचमाथा मोड़ तक जुलूस का नेतृत्व किया. जुलूस के बाद, उन्होंने पंचमाथा मोड़ पर एक पथसभा की. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले पूर्व वाम मोर्चा सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “एक जमाने में लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए झारग्राम आते थे, लेकिन वामपंथी शासन के दौरान लोग गोलटोर, बेलपहाड़ी और झारग्राम आने से डरते थे.

बांग्ला बोलने पर बांग्लादेशी करार दिया जाता है

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर बंगाली भाषा का अपमान करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “आज अगर यदि कोई बांग्ला भाषा बोलता है तो उसे बांग्लादेशी करार दिया जाता है. जेल भेज दिया जाता है. आपको रोहिंग्या बोल रहे हैं. रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर विवेकानंद तक, बंगाल के महान दिमागों ने कौन सी भाषा बोली?”

इसके बाद उन्होंने कहा, “अगर स्वामीजी आज जीवित होते, तो वे कहते, मुझे यह देश नहीं चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, “अगर वे हमें गाय की ताकत से डराएंगे, तो हमें अपने शरीर पर क्रॉसिंग लगानी पड़ेगी. हम पहरेदार बनकर खड़े रहेंगे.”

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना

भाजपा पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, “आज जागने का समय है. विरोध करने का, प्रतिरोध करने का समय है. हम यह नहीं कहेंगे कि हमें वोट दो, लेकिन, अगर हम विरोध नहीं करेंगे, तो वे असम जैसे डिटेंशन कैंप बना देंगे.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस बार आप क्या कह रहे हैं? हमें नए सिरे से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराना होगा. याद कीजिए, लाखों लोगों को असम से बाहर कर दिया गया था. क्या भाजपा कोई पार्टी सूची बनाएगी? आपको अपना पता ठीक करना होगा. एक भी मतदाता का नाम नहीं छोड़ना है.”

तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को कल निलंबन नोटिस दिया गया था. आप सभी की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. हम ऐसा करेंगे. हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे.” उन्होंने इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया और चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया.

हिमाचल सरकार ने बादल फटने से अनाथ हुई 10 महीने की नीतिका को 'चाइल्ड ऑफ द स्टेट' घोषित किया

मंडी, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी जिले में बादल फटने से आई बाढ़ की त्रासदी में अनाथ हुई 10 महीने की बच्ची नीतिका को "चाइल्ड ऑफ द स्टेट" घोषित किया है। इस ऐतिहासिक घोषणा के बाद, नीतिका की देखभाल और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी अब राज्य सरकार की होगी, जिसमें उसकी शिक्षा का खर्च भी शामिल है।

मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत मिला सहारा

यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत लिया गया है, जिसे 2023 में राज्य के अनाथ बच्चों को सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों को आश्रय, भोजन, कपड़े, उच्च शिक्षा और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, 18 से 27 वर्ष की आयु के ऐसे अनाथ, जिनके पास रहने की जगह नहीं है या जो बेरोजगार हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलता है।

त्रासदी में नीतिका ने खोया परिवार

नीतिका के जीवन में यह त्रासदी इसी साल 1 जुलाई की रात को आई, जब तलवाड़ा गांव में बादल फटने के बाद आई बाढ़ में उसके पिता, 31 वर्षीय रमेश की मृत्यु हो गई थी। रमेश घर में घुसते पानी को रोकने के लिए बाहर निकले थे। नीतिका की मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णु देवी (59) भी मदद के लिए बाहर निकली थीं, लेकिन वे तब से लापता हैं। हादसे वाले दिन, पड़ोसी प्रेम सिंह ने नीतिका को घर में अकेले रोते हुए पाया और यह जानकारी उसके रिश्तेदार बलवंत को दी, जो पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के निजी सुरक्षा अधिकारी हैं।

सरकार उठाएगी शिक्षा और भविष्य की पूरी जिम्मेदारी

वर्तमान में, नीतिका अपनी बुआ किरना देवी के साथ शिकौरी गांव में रह रही है, जो तलवाड़ा गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, "सरकार इस बच्ची की देखभाल एक दीर्घकालिक योजना के तहत करेगी। चाहे वह डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी बनना चाहे। उसकी शिक्षा और भविष्य की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी।" उन्होंने यह भी कहा कि यह घोषणा नीतिका के भविष्य के प्रति राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

बिहार में वोटर लिस्ट रिव्यू… वोटबंदी या गेमचेंजर? अब सड़क पर आएगी राजनीतिक लड़ाई!

बिहार में वोटर रिव्यू का काम शुरू हुए 2 हफ्ते हो गए. ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां विपक्ष ने कोर्ट से इस पर रोक लगाने की अपील की. मग, सुप्रीम कोर्ट ने रोक से इनकार करते हुए 10 जुलाई को सुनवाई की तारीख दी है. इस बीच विपक्ष इस मुद्दे पर लामबंद हो रहा है. 9 जुलाई को आरजेडी ने बिहार में चक्का जाम की घोषणा की है. इसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे.

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. विपक्ष कह रहा है कि इस प्रक्रिया से वोटबंदी कराने की कोशिश की जा रही है. ये फैसला राजनीति से प्रेरित एनआरसी को लागू करने की कोशिश है. तेजस्वी यादव का सवाल है कि जिनके पास आधार कार्ड वो क्या वोट नहीं देगा?

आयोग बिहार में चुनाव कराना चाहता है या दंगा?

वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी का सवाल है कि चुनाव आयोग बिहार में चुनाव कराना चाहता है या दंगा? ओवैसी का दावा है कि किसी का नाम कटा तो ये नागरिकता का मामला. विपक्ष बार-बार ये मुद्दा उठा रहा है कि कौन-कौन से दस्तावेज वैलिड हैं. आधार कार्ड को लेकर बहुत बड़ी चिंता है. विपक्ष का कहना है कि ये 4 करोड़ लोगों के वोट काटे जाने का मामला है. जो M-Y यानी PDA के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है.

सब कुछ स्मूथ और पारदर्शी तरीके से चल रहा

चुनाव आयोग कह रहा है कि सब कुछ स्मूथ और पारदर्शी तरीके से चल रहा है. जबकि बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन का कहना है कि चुनाव से पहले वोटर वेरीफिकेशन तो होता ही है. ये एक प्रक्रिया है. मनोज झा या महुआ मोहित्रा सुप्रीम कोर्ट गए हैं, इससे क्या फर्क पड़ता है. अगर वोटर वेरीफिकेशन होगा तो यह अच्छी बात है जो वैलिड वोटर है वह सब रहेंगे और बिहार के जो वोटर हैं उनके अंदर कोई भ्रम नहीं है. राजद और कांग्रेस के लोग भ्रम पैदा कर रहे हैं. खासकर मुसलमान को डरा रहे हैं.इन सब बातों के बीच आइए जानते हैं कि मतदाता सूची पुनरीक्षण में क्या-क्या जरूरी है.

वोटर लिस्ट में नाम के लिए कोई 1 दस्तावेज जरूरी

सरकार से जारी पहचान पत्र

पेंशन भुगतान आदेश

1 जुलाई 1987 से पहले जारी सर्टिफिकेट

जन्म प्रमाण पत्र

पासपोर्ट

बोर्ड का शैक्षणिक प्रमाण-पत्र

मूल निवास प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण पत्र

वन अधिकार प्रमाण पत्र

फैमिली रजिस्टर

जमीन या घर का सरकारी प्रमाण पत्र

बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा पर मौलाना मदनी का एतराज, बोले- लोकतंत्र के बुनियादी अधिकारों पर हमला

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने 3 जुलाई को बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (Special Intensive Revision SIR) पर बड़ी चिंता जताई है. उन्होंने इसे संविधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए तत्काल रद्द करने की मांग की है. मदनी ने कहा कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में शुरू की गई है, जिससे प्रवासी मजदूर, अल्पसंख्यक और वंचित तबकों के मताधिकार खतरे में पड़ सकते हैं.

मौलाना मदनी ने सवाल उठाया कि आठ करोड़ से ज्यादा मतदाताओं की पुष्टि सिर्फ एक महीने में कैसे हो सकती है. उन्होंने इस प्रक्रिया में लगाई गई शर्तों पर भी आपत्ति जताई है. उनके मुताबिक, 1987 के बाद जन्मे लोगों से एक अभिभावक और 2004 के बाद जन्मे लोगों से दोनों माता-पिता के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. उन्होंने पूछा कि ‘जब यह एनआरसी नहीं है, तो फिर एनआरसी जैसी शर्तें क्यों थोपी जा रही हैं?’ उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया से असम की हजारों महिलाएं, जो शिक्षा और दस्तावेजों से वंचित हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी क्योंकि उनके पास माता-पिता से जुड़े वैध दस्तावेज नहीं हैं.

मतदान का अधिकार हर नागरिक का मूलभूत हक: मदनी

मदनी ने जोर देकर कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार हर नागरिक का मूलभूत हक है. इस अधिकार को छीनने की कोई भी कोशिश संविधान की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण है, जिससे अल्पसंख्यकों, प्रवासी मजदूरों और गरीब तबकों का लोकतांत्रिक व्यवस्था से भरोसा उठ सकता है. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि इस पुनरीक्षण प्रक्रिया को तुरंत रद्द किया जाए. इसके बजाय मतदाता पंजीकरण को सामान्य और पारंपरिक तरीके से किया जाए. उन्होंने प्रवासी मजदूरों को मतदाता सूची से हटाने के बजाय उनके मताधिकार की रक्षा करने पर जोर दिया है.

जमीयत हर हाशिए पर खड़े व्यक्ति के मताधिकार की रक्षा करेगी: मौलाना

मौलाना मदनी ने चेतावनी दी कि ‘अगर मताधिकार छीना गया, तो यह सिर्फ चुनावी अन्याय नहीं होगा. बल्कि नागरिकों की पहचान और उनके भविष्य पर हमला होगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि जमीयत हर नागरिक, मजदूर, महिला और अल्पसंख्यक के मताधिकार की रक्षा के लिए संवैधानिक और कानूनी स्तर पर लड़ेगी. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि अगर कोई इन अधिकारों को छीनने की कोशिश करेगा, तो जमीयत उसका हर स्तर पर मुकाबला करेगी.

SIR की प्रक्रिया लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा: मदनी

मौलाना महमूद मदनी ने बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बताया है। उनकी मांग है कि इस प्रक्रिया को रद्द कर सामान्य तरीके से मतदाता पंजीकरण किया जाए। यह मामला अब निर्वाचन आयोग के रुख पर निर्भर करता है, जो यह तय करेगा कि बिहार में मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा कैसे होगी।