मतदाता सूची सुधार को लेकर अजय कानू का तीखा हमला, कहा- जनता को वोट से वंचित करने की साजिश
जहानाबाद कानू विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कानू ने जहानाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान आम जनता को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है।
अजय कानू ने कहा कि लोकसभा चुनाव को कुछ ही महीने हुए हैं। उस समय कोई बड़ा सुधार नहीं किया गया, अब चुनाव नजदीक आते ही इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा कि महज एक महीने का समय देकर लोगों से ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जो कई लोगों के पास उपलब्ध नहीं हैं। इससे लाखों लोग वोट देने के अधिकार से वंचित हो सकते हैं।
उन्होंने प्रवासी मजदूरों की परेशानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिहार के लाखों लोग बाहर काम करते हैं। ऐसे में वे न तो समय पर दस्तावेज जमा कर सकते हैं और न ही फॉर्म भर सकते हैं। अगर सरकार को मतदाता सूची में सुधार करना ही था तो इसे छह महीने या साल भर पहले किया जाना चाहिए था।
अजय कानू ने इस दौरान ‘इंडिया गठबंधन’ द्वारा बुलाए गए बिहार बंद का समर्थन करते हुए कहा कि वे खुद अति पिछड़ा वर्ग के नेता हैं और इस मुद्दे पर जनता के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने बिहार सरकार के सामने दलितों और पिछड़ों से जुड़ी पांच सूत्री मांग भी रखी है।
उन्होंने कहा कि जहानाबाद सहित बिहार के कई जिलों में बंद का व्यापक असर दिखा है। उन्होंने खुद को भी इस आंदोलन का हिस्सा बताया। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल वे किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं, लेकिन महा बंटी पार्टी की विचारधारा को अब भी मानते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजय कानू ने कानू समाज की हक और हिस्सेदारी की भी बात उठाई। उन्होंने कहा कि बिहार की कुल आबादी में कानू समाज की करीब 3% हिस्सेदारी है, लेकिन राजनीतिक और सरकारी संस्थानों में उन्हें कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की कि कानू समाज को भी आरक्षित सीटों में उचित हिस्सेदारी दी जाए और सरकार व राजनीतिक दलों में उन्हें प्रतिनिधित्व मिले।
अंत में अजय कानू ने सरकार से अपील की कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे, मतदाता सूची सुधार की प्रक्रिया को सरल बनाए और समय सीमा बढ़ाए ताकि कोई भी व्यक्ति अपने मताधिकार से वंचित न रहे।
Jul 12 2025, 14:42