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ओबरा में धनवंतरी पतंजलि ने मनाया 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, मंत्री संजीव गोंड़ ने दिया योग संदेश

विकास कुमार सोनभद्र । ओबरा में योग की शक्ति को जन-जन तक पहुंचाने और 'फिट इंडिया' मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए, धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान ने इस वर्ष का 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस CISF ओबरा के जांबाज़ जवानों के साथ एक भव्य समारोह के रूप में मनाया। यह तीन दिवसीय योग कार्यशाला प्रशिक्षण शिविर उत्तर प्रदेश सरकार के लोकप्रिय मंत्री संजीव गोंड़, धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान के संरक्षक रमेश सिंह, और CISF कमांडेंट सतीश सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर शुरू किया गया.

'योग: रोग मुक्ति का महामंत्र और राष्ट्र निर्माण का सूत्र' - योग गुरु आचार्य अजय पाठक

इस अवसर पर, धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान के संस्थापक और जाने-माने योग गुरु आचार्य अजय पाठक महाराज ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "योग दुनिया की सबसे कीमती साधन है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि संस्थान का मुख्य उद्देश्य योग शिविरों के माध्यम से पूरे राष्ट्र को रोगमुक्त करना और 'हर घर योग प्रशिक्षक बनाओ' अभियान को सफल बनाना है। उनका लक्ष्य है कि हर घर से एक व्यक्ति योग में पारंगत हो और दूसरों को भी इसका लाभ पहुंचाए.

आज के योग सत्र में, योग गुरु आचार्य अजय पाठक के साथ-साथ दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य साक्षी और प्रतिमा ने बेहतरीन योगाभ्यास प्रस्तुत किया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि योग न केवल उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है, बल्कि ओलंपिक जैसे खेलों में भी पदक जीतकर अपने परिवार और देश का नाम रोशन करने में सहायक हो सकता है। यह प्रदर्शन दिखाता है कि योग केवल शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन शैली है जो उत्कृष्टता की ओर ले जाती है.

युवाओं का जोश: योग से स्वास्थ्य और सफलता का संदेश

इस महोत्सव में धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान की राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त बहनें और भाई शामिल हुए, जिन्होंने अपने योगाभ्यास से सभी को प्रभावित किया। दिल्ली से साक्षी, उत्तर प्रदेश से प्रतिमा-प्रिया, और उत्तर प्रदेश से विकास, आयुष, संदीप ने योग गुरु आचार्य अजय पाठक के सानिध्य में स्वास्थ्य रहने का प्रशिक्षण दिया। इन युवा योग साधकों का प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि योग के माध्यम से युवा पीढ़ी भी अपने स्वास्थ्य और भविष्य को उज्ज्वल बना सकती है

इस तीन दिवसीय योग शिविर में विभिन्न रोगों के अनुसार योग क्रियाएं और आयुर्वेदिक दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। संस्थान का मानना है कि इन पद्धतियों को अपनाकर सभी योग साधक निरोगी काया प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में संस्थान के मुख्य संरक्षक रमेश सिंह भी उपस्थित रहे, क्योंकि यह कार्यक्रम उन्हीं के माध्यम से आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया था। यह आयोजन धनवंतरी पतंजलि योग संस्थान के दिल्ली से साक्षी, उत्तर प्रदेश से प्रतिमा-प्रिया, विकास, आयुष बंसल, संदीप और अन्य पदाधिकारियों के सानिध्य में सफलतापूर्वक संपन्न होगा.

यह शिविर योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की प्रेरणा देता है और 'फिट इंडिया' के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.

सोनभद्र में 'तेज रफ्तार का कहर': ट्रकों ने बाइक सवारों को कुचला, 'टीम निशा' बनी देवदू

विकास कुमार सोनभद्र: रेणुकूट में दोपहर सोनभद्र के रेणुकूट में खाड़ पाथर धोकी नाले के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। रफ्तार के नशे में धुत दो ट्रक चालकों ने एक बाइक पर सवार दो युवकों को बेरहमी से कुचल दिया और मौके से फरार हो गए.

हालांकि, 'टीम निशा बबलू सिंह जी' के सक्रिय सदस्यों ने फरिश्ता बनकर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया और एक बड़ी मानवीय मिसाल पेश की।जानकारी के अनुसार, यह भीषण हादसा उस वक्त हुआ जब बिरड़ गांव, दुद्धी के निवासी धीरेन्द्र कुमार (पुत्र भरत लाल) और शिवम कुमार (पुत्र किसन राम पटेल) अपनी बाइक से खाड़ पाथर धोकी नाला मार्ग से गुजर रहे थे। तभी अचानक पीछे से आ रहे दो ट्रकों ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों युवक सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए और ट्रक चालक मौके से फरार हो गए।हादसे की सूचना तुरंत कृष्णा मंदिर के पास रहने वाले छोटे भाई मद्रासी ने 'टीम निशा बबलू सिंह जी' को दी। सूचना मिलते ही, टीम के सदस्य डब्लू प्रताप सिंह जी ने बिना देर किए 100 नंबर पर पुलिस को सूचित किया और पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।घायल पड़े धीरेन्द्र कुमार और शिवम कुमार को तुरंत हिंडाल्को अस्पताल में प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराया गया

'टीम निशा' के सदस्यों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों के परिजनों को भी घटना की सूचना दी, जिससे समय रहते वे अस्पताल पहुंच सकें.

'टीम निशा बबलू सिंह जी' द्वारा जनहित में किए जा रहे इस तरह के कार्य लगातार सराहनीय रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी पीड़ितों की मदद के लिए उनका तुरंत आगे आना, समाज के लिए एक प्रेरणा है। इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों के पालन और लापरवाह ड्राइविंग के गंभीर परिणामों की ओर ध्यान खींचा है। पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

सोनभद्र : "सनसनीखेज खुलासा: हिंडालको में 'नौकरी का झांसा, लाखों का चूना'!

विकास कुमार सोनभद्र । सोनभद्र जिले के हिंडालको कारखाने में नौकरी दिलाने के नाम पर एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। इस सनसनीखेज मामले के केंद्र में हैं अल्युमिनियम कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह, जिन पर एक युवक से ₹5 लाख रुपये ठगने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि सिंह ने नौकरी लगवाने का वादा किया, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही पैसे वापस हुए।

यह मामला तब प्रकाश में आया जब शिकायतकर्ता डब्ल्यू सिंह ने इस धोखाधड़ी का "जीता-जागता प्रमाण" होने का दावा करते हुए, सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने हिंडालको के वरिष्ठ अधिकारियों और समस्त मजदूर भाइयों के सामने इस "अन्याय" को बेनकाब किया।

सबूतों का 'बम' फोड़ा: वॉयस रिकॉर्डिंग, बाउंस चेक और 'फर्जी' ऑफर लेटर!

डब्ल्यू सिंह का दावा है कि उनके पास इस धोखाधड़ी के "अकाट्य प्रमाण" मौजूद हैं, जो यूनियन अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह की कथित संलिप्तता को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इन सबूतों में सबसे चौंकाने वाले हैं:आरोपी और पीड़ित के बीच की वॉयस रिकॉर्डिंग: यह रिकॉर्डिंग कथित तौर पर इस बात का प्रमाण है कि पैसों के लेनदेन और नौकरी के वादे पर बातचीत हुई थी। बाउंस हुआ चेक: पीड़ित को पैसे वापस करने के लिए दिया गया एक चेक, जो बैंक में बाउंस हो गया, धोखाधड़ी की नीयत को और पुख्ता करता है। कथित 'ऑफर लेटर': एक संदिग्ध ऑफर लेटर भी सबूत के तौर पर पेश किया गया है, जिसकी सत्यता की जांच होनी बाकी है।

इन ठोस सबूतों के आधार पर डब्ल्यू सिंह ने यूनियन अध्यक्ष पर सीधे तौर पर "धोखाधड़ी और विश्वासघात" का आरोप लगाया है।

शिकायतकर्ता की 'गुहार': दोषियों पर हो 'कठोर कार्रवाई', पीड़ित को मिले 'न्याय'

डब्ल्यू सिंह का मुख्य आरोप यह है कि यूनियन अध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह ने नौकरी लगवाने के नाम पर ₹5 लाख रुपये की मोटी रकम ली। उन्होंने हिंडालको प्रबंधन से "भ्रष्टाचारी यूनियन लीडर और इसमें शामिल अधिकारियों" के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

डब्ल्यू सिंह ने अपनी भावुक अपील में पीड़ित युवक को वापस नौकरी देने और उसके साथ हुए "अन्याय का प्रतिकार" करने की भी मांग की है। उन्होंने अपने वीडियो को अधिक से अधिक साझा करने की अपील की है ताकि "भविष्य में कोई और युवक या उनके माता-पिता इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो।"

'जानवर' हैं ऐसे धोखेबाज! डब्ल्यू सिंह की 'न्याय' के लिए लड़ाई

डब्ल्यू सिंह ने ऐसे धोखेबाजों को "जानवर" करार दिया है, जो युवाओं और उनके माता-पिता की "जीवन भर की कमाई को छीन लेते हैं और उन्हें असहनीय पीड़ा देते हैं।" उन्होंने खुद को "प्रभु का दास" बताते हुए इस अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। उनकी इस मार्मिक अपील ने सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को उजागर किया है।

हिंडालको प्रबंधन की 'अग्निपरीक्षा': विश्वसनीयता दांव पर!

यह घटना हिंडालको प्रबंधन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का दबाव प्रबंधन पर होगा। इस तरह के आरोप न केवल कंपनी की सार्वजनिक छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि कार्यरत श्रमिकों और नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के विश्वास को भी गहरी ठेस पहुँचाते हैं। यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह कारखाने के भीतर व्याप्त कथित भ्रष्टाचार और यूनियन नेताओं की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करेगा।

पूरा मामला अब हिंडालको प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों के समक्ष है। देखना होगा कि वे इस संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है। इस घटना ने एक बार फिर नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। इस मामले पर हमारी नज़र बनी हुई है और जल्द ही आगे के अपडेट सामने आएंगे।

सोनभद्र : कोन अस्पताल की बदहाली पर आनंद पटेल दयालु ने उठाई आवाज़, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को सौंपा ज्ञापन


विकास कुमार सोनभद्र। सोनभद्र के कोन ब्लॉक का सरकारी अस्पताल, जो लगभग दो लाख से अधिक की आबादी को चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरसा रहा है, अब उसकी बदहाली को एक जनप्रतिनिधि ने आवाज़ दी है। अपना दल (एस) युवा मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष आनंद पटेल दयालु ने कोन अस्पताल की दयनीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इस मुद्दे को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के समक्ष उठाया।आनंद पटेल दयालु ने बताया कि कोन अस्पताल में वर्षों से मात्र एक डॉक्टर कार्यरत है, न कोई नियमित दवा उपलब्ध है और न ही मूलभूत सुविधाएं। यह स्थिति ऐसे क्षेत्र में है जहाँ लगभग दो लाख की आबादी निवास करती है और अपनी दैनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर है।

ज्ञापन में रखी गईं प्रमुख मांगें:

आनंद पटेल दयालु द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कोन अस्पताल की स्थिति सुधारने हेतु निम्नलिखित मुख्य मांगें रखी गईं।कम से कम पांच डॉक्टरों की नियुक्ति, जिसमें एक महिला डॉक्टर अनिवार्य रूप से शामिल हो।

  सोनभद्र के खनिज राजस्व से प्राप्त होने वाली जिला खनिज निधि (DMF) का उपयोग करके एमआरआई (MRI), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) और अन्य आधुनिक मशीनों की व्यवस्था।

  अस्पताल में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और तकनीकी स्टाफ की भर्ती।

 * गंभीर मरीजों को वाराणसी जैसे बड़े शहरों की यात्रा न करनी पड़े, इसके लिए स्थानीय स्तर पर ही इलाज की समुचित व्यवस्था।

आनंद पटेल दयालु ने ज्ञापन में इस बात पर विशेष जोर दिया कि "यह क्षेत्र खनन से उत्तर प्रदेश सरकार को अरबों का राजस्व देता है, लेकिन यहाँ के लोग दवा और इलाज को तरसते हैं। यह कैसा न्याय है? कोन में अगर डॉक्टर नहीं आए तो यह व्यवस्था के खिलाफ एक बड़ा सवाल होगा।"

मंत्री जी ने दिया आश्वासन

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस गंभीर विषय को जनहित में लेते हुए भरोसा दिलाया कि "ब्लॉक – कोन की स्थिति पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। शीघ्र ही डॉक्टरों की नियुक्ति और दवा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।"

यह आश्वासन सिर्फ शब्द नहीं बल्कि उस माँ की उम्मीद है जो इलाज के लिए अस्पताल का मुँह तकती है, उस मजदूर की राहत है जो दवा न मिलने पर दर्द में काम करता है। यह कोन जैसे उपेक्षित क्षेत्र की पहली बड़ी जीत मानी जा रही है।

संगठन की भूमिका और जन समर्थन

इस महत्वपूर्ण ज्ञापन को सौंपते समय कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल, प्रदेश महासचिव व्यापार मंच श्री नंदलाल वर्मा, जिला सचिव श्री संतोष कनौजिया, जिला कार्यकारिणी सदस्य श्री के डी पटेल, कायदे आज़म सहित अनेक कार्यकर्ता और ग्रामीणजन शामिल थे। यह उपस्थिति इस मुद्दे पर व्यापक जन समर्थन को दर्शाती है।

संघर्ष रहेगा जारी: आनंद पटेल दयालु

आनंद पटेल दयालु ने स्पष्ट कहा – "मैं इस धरती का बेटा हूँ। जब तक कोन ब्लॉक में सभी जरूरी डॉक्टर और संसाधन नहीं पहुँचते, मेरा संघर्ष जारी रहेगा। यह मेरी माटी की पुकार है और मैं इसे हर कीमत पर आवाज़ देता रहूँगा।" यह दर्शाता है कि स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उनका संकल्प अटूट है।

*सोनभद्र:अवैध खनन कारोबारी पर 'सोनभद्र पुलिस का हथौड़ा'! माफिया की 'अल्टो' हुई 'जब्त*

विकास कुमार सोनभद्र, उत्तर प्रदेश: अवैध खनन के खिलाफ सोनभद्र पुलिस ने एक बार फिर अपनी कमर कस ली है और इस बार सीधे माफिया की जेब पर वार किया है। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत एक ऐसे आरोपी की अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को जब्त किया है, जिसने खनन के काले कारोबार से अपनी 'अल्टो' चमकाई थी। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसका मकसद अवैध खनन पर लगाम लगाना है।

क्या है पूरा मामला?

सोनभद्र के थाना कोन में एक मुकदमा संख्या 26/2025 दर्ज है, जिसकी जांच थाना प्रभारी ओबरा, राजेश कुमार सिंह, कर रहे थे। जांच के दौरान पुलिस की नजर मिर्जापुर जिले के थाना चिल्ह क्षेत्र के मलाधरपुर निवासी प्रमोद मिश्रा पर पड़ी। प्रमोद मिश्रा के पास एक अल्टो कार (UP64AN2919) थी, जो पुलिस के लिए एक बड़ी पहेली बन गई। गहन छानबीन में पता चला कि यह चमचमाती अल्टो, प्रमोद मिश्रा ने अवैध खनन से हुई कमाई से खरीदी थी।

पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट, जिलाधिकारी का आदेश

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल एक विस्तृत रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को भेजी। रिपोर्ट में प्रमोद मिश्रा की अवैध गतिविधियों और अल्टो कार के अवैध स्रोत का पूरा ब्यौरा दिया गया था। पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए, जिला मजिस्ट्रेट ने 15 मई 2025 को प्रमोद मिश्रा की अल्टो कार को जब्त करने का आदेश जारी कर दिया।

कार हुई 'थानेदार' के हवाले, 'माफिया' को 'ढाई लाख' का 'चूना'

जिलाधिकारी के आदेश के बाद, प्रभारी निरीक्षक ओबरा ने बिना किसी देरी के अल्टो कार को अपने कब्जे में ले लिया। कार को अब थाना कोन में सुरक्षित रखा गया है। जब्त की गई इस अल्टो कार की कीमत लगभग 2.5 लाख रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई अवैध खनन में लिप्त लोगों के लिए एक बड़ा सबक है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अवैध कमाई ज्यादा दिन तक नहीं टिकती।

सोनभद्र पुलिस का यह कदम अवैध खनन के खिलाफ उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उम्मीद है कि इस तरह की कार्रवाई से अवैध खनन के कारोबार में संलिप्त लोगों में भय का माहौल बनेगा और वे इस गैरकानूनी धंधे से दूर रहेंगे।

सोनभद्र:सोन नदी पुल पर बेकाबू ट्रक ने ली युवती की जान, सिर कुचलने से दर्दनाक मौत

विकास कुमार, सोनभद्र। चोपन वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित सोन नदी के पुराने पुल पर मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसे ने 18 वर्षीय युवती की ज़िंदगी छीन ली. रॉबर्ट्सगंज की ओर से चोपन आ रहे एक बाइक सवार को तेज़ रफ़्तार बेकाबू ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें बाइक पर बैठी युवती का सिर ट्रक के टायर के नीचे आ जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई.

घटना के बाद स्थानीय लोगों और मौके पर पहुंची एंबुलेंस की मदद से घायल युवती को तत्काल चोपन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने जाँच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक युवती की पहचान पूजा (18) पुत्री नंद कुमार, निवासी बहेरी, शिवद्वार कोतवाली घोरावल के रूप में हुई है।

डॉ. अभय ने अस्पताल में बताया कि रॉबर्ट्सगंज की तरफ से आ रहे बाइक सवार पुल पार कर रहे थे, तभी यह दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना घटी. हादसे की सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य भी अस्पताल पहुँच गए, जहाँ पूजा की मौत की खबर सुनते ही उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन को मौके पर छोड़कर फरार हो गया. सूचना मिलने पर चोपन थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने ट्रक को भी अपने कब्जे में ले लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई में जुट गई है. इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है।

सोनभद्र: NCL खड़िया खदान में दर्दनाक हादसा, डंपर ने कर्मचारी को कुचलने से मौत!

विकास कुमार सोनभद्र। सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र स्थित NCL (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) खड़िया परियोजना की कोयला खदान में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। खदान के पार्किंग एरिया में एक डंपर की चपेट में आने से एक कर्मचारी की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में 52 वर्षीय अनिल कुमार श्रीवास्तव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

लघुशंका के दौरान हुआ हादसा, कर्मचारी में आक्रोश

मृतक अनिल कुमार श्रीवास्तव, श्याम बिहारी लाल श्रीवास्तव के पुत्र थे और NCL खड़िया परियोजना कॉलोनी में ही रहते थे। यह दुखद घटना उस वक्त हुई जब अनिल कुमार श्रीवास्तव पार्किंग एरिया में लघुशंका के लिए खड़े थे। इसी दौरान एक डंपर के पीछे आते समय वे उसकी चपेट में आ गए और गंभीर रूप से कुचले गए।

हादसे की खबर सुनते ही खदान में मौजूद साथी कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल अधिकारी मौके पर पहुंचे और बिगड़ते हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा घटना की सूचना मिलते ही शक्तिनगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया और फिर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से खदान क्षेत्र में शोक का माहौल है और कर्मचारियों में सुरक्षा मानकों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

सोनभद्र में विस्थापितों का NCL गेट पर हल्ला-बोल, तापती धूप में बोली यह बात - "दलाली बंद करो, रोजगार दो

विकास कुमार सोनभद्र । उत्तर प्रदेश के सुदूर पूर्वी छोर पर स्थित, कोयला संपदा से परिपूर्ण किंतु विकास की दौड़ में पिछड़ता शक्तिनगर शुक्रवार को एक बड़े जनाक्रोश का गवाह बना। यहां की तपती धरती पर सैकड़ों की संख्या में विस्थापित ग्रामीणों और मजदूरों ने अपने हक की लड़ाई के लिए शंखनाद किया। "विस्थापित संघर्ष समिति" के बैनर तले इन आक्रोशित लोगों ने NCL (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खड़िया क्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय एवं आवासीय परिसर के मुख्य गेट पर जोरदार धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

दलाली-कोटा पर वार, रोजगार पर जोर।

गर्मी की प्रचंड मार के बीच भी, ग्रामीणों का जोश ठंडा नहीं पड़ा। वे एक जुलूस की शक्ल में एकत्रित हुए और NCL प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनकी मुख्य मांग थी - "80 प्रतिशत विस्थापितों एवं प्रभावितों को रोजगार दो!" इसके साथ ही, उन्होंने कोयला खदानों में व्याप्त "दलाली-कोटा सिस्टम" को तुरंत बंद करने की मांग करते हुए यह हुंकार भरी कि "खदान में पहला अधिकार विस्थापितों का सुरक्षा घेरे में प्रदर्शन।

दर्द भरी दास्तान विस्थापितों के इस बड़े विरोध प्रदर्शन को देखते हुए NCL प्रशासन ने पहले से ही मुख्य गेट को बंद कर दिया था। मौके पर NCL के सुरक्षाकर्मी सहित शक्तिनगर थाना पुलिस की भारी फ़ोर्स तैनात थी, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।इस दौरान, विस्थापित ग्रामीणों ने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि वे स्थानीय होने के बावजूद अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने को विवश हैं। उनका कहना था कि जिन खदानों पर उनका पहला अधिकार होना चाहिए, वहां कंपनी अपनी मनमर्जी और हुकूमत चला रही है। विस्थापन ने उनके सामने रहने-खाने सहित कई गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं।

'जब तक समाधान नहीं, तब तक नहीं हटेंगे पीछे!'

आक्रोशित विस्थापितों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक NCL के जिम्मेदार अधिकारी और महाप्रबंधक स्वयं मौके पर आकर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकालते, तब तक वे धरना स्थल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सोनभद्र की इस तपती धूप में, विस्थापितों का यह संघर्ष, अपने खोए हुए हक और सम्मान को वापस पाने की एक बड़ी मिसाल बन गया है। अब देखना यह है कि NCL प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है और कब तक यह "हक" का संग्राम जारी रहता है।

सोनभद्र:आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत, दुद्धी के बीड़र गांव में पसरा मातम






विकास कुमार, सोनभद्र। दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के बीड़र गांव में बीते दिन को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसी 26 वर्षीय संध्या पटेल (पत्नी संजय पटेल) की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस दुखद घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है, और पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।




क्या थी घटना?

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर लगभग 3 बजे तेज गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हुई थी। इसी दौरान बीड़र वार्ड 15 निवासी संध्या पटेल आकाशीय बिजली की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गईं। घटना के तुरंत बाद परिजनों और ग्रामीणों की मदद से संध्या को आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी में भर्ती कराया गया।




रेफर के बाद वाराणसी में तोड़ा दम

दुद्धी अस्पताल में चिकित्सकों ने संध्या की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल से भी स्थिति में सुधार न होने पर उन्हें बीएचयू वाराणसी के लिए रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश मध्यरात्रि लगभग 2 से 2:30 बजे के बीच इलाज के दौरान संध्या ने दम तोड़ दिया।इस खबर के मिलते ही परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शनिवार को सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची और आगे की आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है। यह घटना एक बार फिर आकाशीय बिजली के खतरों को उजागर करती है।

*सोनभद्र:राष्ट्रीय सूचना अधिकार मानवाधिकार पर्यावरण संरक्षण संगठन ने मनाया 7वां स्थापना दिवस, 2026 में गरीब बेटी की शादी कराने का संकल्प*

विकास कुमार

सोनभद्र: ओबरा में राष्ट्रीय सूचना अधिकार मानवाधिकार पर्यावरण संरक्षण संगठन ने शुक्रवार, 23 मई 2025 को सोनभद्र के ओबरा स्थित श्रीराम मंदिर कॉलोनी में अपना 7वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया। श्रीराम पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार उर्फ परदेसी बाबू ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य प्रमोद चौबे जी ने केक काटकर संगठन के सात वर्ष पूरे होने की खुशी मनाई। इस अवसर पर संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे, जिनमें श्री गणेश अग्रहरि, प्रदुम साहनी, महिला मोर्चा से शबनम जी, नंदलाल जायसवाल, बाबा दी हाईटेक विशाल गुप्ता, आलोक भाटिया, अश्वनी कुमार, प्रदेश अध्यक्ष राणा प्रकाश मिश्रा और जिला महासचिव अशोक कुमार शामिल थे। सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी और सम्मानित किया।

नंदलाल जायसवाल ने भेंट किए उपहार

इस खास मौके पर नंदलाल जायसवाल ने संगठन के सभी पदाधिकारियों को उपहार भेंट कर सम्मानित किया, जिसके लिए सभी ने उनका आभार व्यक्त किया।

2026 में गरीब बेटी की शादी का संकल्प

बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों, पदाधिकारियों और महिला मोर्चा के सदस्यों ने मिलकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। सभी ने विचार-विमर्श किया कि 2026 में संगठन के अगले स्थापना दिवस पर एक गरीब लड़की की शादी कराई जाएगी। सभी सदस्यों ने इस नेक कार्य में पूरा सहयोग देने का वादा किया। संगठन के सदस्यों ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि माता रानी की कृपा बनी रही, तो 2026 में यह संकल्प निश्चित रूप से पूरा होगा।

संगठन ने स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित होकर अपना कीमती समय देने के लिए सभी लोगों का हृदय से धन्यवाद किया।