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वीरता, अनुभव और ईमानदारी का सम्मान: राजीव कृष्ण यूपी के कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। उन्होंने 60,244 पदों की पुलिस भर्ती परीक्षा को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कर सराहना पाई। इटावा में दस्यु गिरोहों के सफाए, एटीएस गठन, और कम्युनिटी पुलिसिंग जैसी कई महत्वपूर्ण पहल में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। IIT रुड़की से इंजीनियरिंग करने वाले राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिल चुका है। सेवानिवृत्ति में अभी 4 वर्ष शेष हैं, जिससे वे लंबे समय तक पुलिस प्रमुख रह सकते हैं।

वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए

उत्तर प्रदेश पुलिस को उसका नया मुखिया मिल गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। 1989 बैच के अधिकारी राजीव कृष्ण को यह जिम्मेदारी उस समय सौंपी गई है जब प्रदेश सरकार को एक अनुभवी, निष्पक्ष और सशक्त नेतृत्व की जरूरत थी। वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए हैं।

इन्होंने पुलिस भर्ती परीक्षा को सफल तरीके से कराया

राजीव कृष्ण को हाल ही में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष और विवादरहित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। पेपर लीक जैसे गंभीर प्रकरण के बाद उनके नेतृत्व में दोबारा कराई गई परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी रही, जिससे उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया। यह अभियान देश का अब तक का सबसे बड़ा पुलिस भर्ती अभियान माना जा रहा है। इसी सफलता के बाद राज्य सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस का शीर्ष पद सौंपा।

गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी हैं राजीव कृष्ण

गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी राजीव कृष्ण ने IIT रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वे देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारियों में शामिल रहे हैं। अपने तीन दशकों से अधिक के सेवाकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और हर पद पर अपनी कार्यकुशलता का प्रमाण दिया। राजीव कृष्णा एसएसपी, लखनऊ, डीआईजी, लखनऊ रेंज, एसएसपी, नोएडा, आईजी, लखनऊ ज़ोन, एडीजी, आगरा ज़ोन, आईजी ऑपरेशन्स, बीएसएफ (भारत-पाक सीमा की बाड़बंदी परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका) इन पदो पर रह चुके हैं।

दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान कई गिरोहों का किया सफाया

इटावा में दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान उन्होंने अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की और डकैतों के कई गिरोहों का सफाया किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश एटीएस के गठन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी।साल 2010 में लखनऊ में एसएसपी रहते हुए उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग को नई दिशा दी। उनकी पहल पर वरिष्ठ नागरिक सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना हुई, जिसने राजधानी के बुजुर्गों को सुरक्षा और सहायता का भरोसा दिलाया। यह प्रकोष्ठ आज भी सक्रिय है।

आईपीएस प्रशांत कुमार का नहीं हुआ सेवा विस्तार

शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार होने की अटकलें लगती रहीं। देर शाम तक प्रशांत कुमार द्वारा डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने पर इन अटकलों को बल मिलता गया, हालांकि रात करीब आठ बजे राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी गई। देर शाम प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें पुलिस विभाग की कॉफी टेबिल बुक भेंट की

सबसे लंबे समय तक रह सकते हैं डीजीपी

राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक, उत्कृष्ट सेवा पदक, और सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वे सादगी, ईमानदारी और संवेदनशील नेतृत्व के लिए पहचाने जाते हैं।सेवानिवृत्ति में अभी उनके चार वर्ष और एक माह शेष हैं, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वे लंबे समय तक प्रदेश पुलिस को स्थायी और स्थिर नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर केजीएमयू का जागरूकता अभियान: युवाओं को किया तंबाकू उद्योग की रणनीतियों से सतर्क

लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा घोषित विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के दंत विज्ञान संकाय के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग ने एक सशक्त और बहुआयामी जनजागरूकता अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को तंबाकू उद्योग की लुभावनी एवं भ्रामक रणनीतियों से सतर्क कर उन्हें इसके विरोध के लिए प्रेरित करना रहा।

प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार गुप्ता के नेतृत्व में विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान (IRITM) में 150 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया और तंबाकू उद्योग द्वारा युवाओं को प्रभावित करने की चालों पर प्रकाश डाला। साथ ही IRITM में निःशुल्क मौखिक कैंसर जांच शिविर भी लगाया गया।

डॉ. गुप्ता ने ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से आम जनता को तंबाकू सेवन के खतरों और युवाओं में इसकी बढ़ती प्रवृत्ति पर जागरूक किया।

सह-प्राध्यापिका डॉ. निशिता कंकाणे ने नर्सिंग व डेंटल छात्रों को तंबाकू निषेध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति सजग किया। उन्होंने बताया कि ये छात्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में परिवर्तन के वाहक हैं।

परास्नातक छात्रों ने स्कूलों में जाकर बच्चों को तंबाकू उद्योग की चालों से अवगत कराया। बच्चों ने भी अभियान में भाग लेकर तंबाकू के दुष्प्रभावों पर अपने विचार साझा किए।

डेंटल और नर्सिंग छात्रों ने मेडिकल व डेंटल ओपीडी में स्ट्रीट प्ले प्रस्तुत किए और “नो स्पिटिंग” अभियान के अंतर्गत जगह-जगह स्टिकर लगाए, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य का संदेश आमजन तक पहुँचा।

सरोजिनी नगर व बंथरा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को स्वयं मौखिक जांच (Self Oral Examination) की विधि सिखाई गई, जिससे वे प्रारंभिक अवस्था में ही मौखिक कैंसर जैसे खतरों को पहचान सकें।

अभियान के समापन पर सैकड़ों नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू-मुक्त जीवन जीने की शपथ ली, जिससे इस वर्ष के थीम “झूठी चमक के पीछे की सच्चाई: तंबाकू और निकोटिन उत्पादों के उद्योग की रणनीतियों को उजागर करना” को सार्थकता मिली।

केजीएमयू का पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग जनस्वास्थ्य व तंबाकू नियंत्रण के लिए निरंतर प्रयासरत है, और यह अभियान उसकी प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण बना।

राज्य संग्रहालय में टेराकोटा म्यूरल एवं मूर्ति कला कार्याशाला सम्पन्न, प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

लखनऊ। राज्य संग्रहालय लखनऊ, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं लखनऊ पब्लिक स्कूल वृंदावन योजना, सेक्टर 9 के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 11 दिवसीय टेराकोटा म्यूरल एवं मूर्ति कला कार्यशाला का पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की लखनऊ पब्लिक स्कूल , वृंदावन योजना में प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यशाला में लगभग 30 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों द्वारा गौतम बुद्ध, शिव महादेव, नायिका, संगीतकार, सांकेतिक चिन्ह, एवं अन्य पारंपरिक दृश्य उकेरे गए। 

इस अवसर पर राज्य संग्रहालय लखनऊ की सहायक निदेशक डॉ मीनाक्षी खेमका के साथ डॉ अनीता चौरसिया, प्रमोद कुमार, परवेज खान एवं लखनऊ पब्लिक स्कूल के अध्यापक एवं अध्यापिकाएं राजेश कुमार, श्रीमती सोनी चौरसिया, संदीप कुमार, प्रमुख कलाकार के रूप में ऋषभ कुमार, प्रतिभागी एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे। प्रतिभागियों में खूब उत्साह देखने को मिला।

उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा: 22 जिलों में लगेंगे दिशा सूचक साइनेज, पर्यटकों को मिलेगा बेहतर मार्गदर्शन

* दुधवा, पीलीभीत, कतर्नियाघाट समेत प्रमुख स्थलों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगी यह पहल : जयवीर सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड राज्य के समृद्ध प्राकृतिक स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के 22 जिलों में लगभग 9.72 करोड़ रुपये की लागत से इको टूरिज्म आधारित साइनेज लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को मार्गदर्शन और जानकारी दोनों एक साथ मिल सकेंगी।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक धरोहरों की भरपूर उपलब्धता है, जिसे संरक्षित करते हुए पर्यटन सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यटकों को आकर्षित करना है, बल्कि उन्हें एक सहज और समृद्ध अनुभव भी देना है।

प्रमुख इको टूरिज्म गंतव्यों में पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर एवं कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी शामिल हैं। इन स्थलों तक पहुंचने के लिए लखनऊ और दिल्ली प्रमुख केंद्र बिंदु माने जाते हैं। इन्हीं मार्गों पर साइनेज लगाकर यात्रियों को नजदीकी गंतव्य, दूरी और वहां के प्रमुख आकर्षणों की जानकारी दी जाएगी।

यह परियोजना दो चरणों में क्रियान्वित की जाएगी, जिसमें लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, गोरखपुर, बहराइच, चित्रकूट, आगरा, इटावा, नोएडा, मुरादाबाद, बरेली सहित अन्य जिलों को शामिल किया गया है। पर्यटन मंत्री ने आशा जताई कि इस पहल से न केवल राज्य के पर्यटक स्थलों को नई पहचान मिलेगी, बल्कि दिल्ली और आसपास के राज्यों से पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी।

आईपीएस प्रशांत कुमार आज हो रहे सेवानिवृत्त, नए डीजीपी को लेकर शासन स्तर पर मंथन शुरू

 लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब यूपी में नए डीजीपी को लेकर कवायद तेज हो गई है। प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने की भी प्रबल संभावनाएं है। क्याेंकि 29 मई काे पुलिस मुख्यालय में विदायी समाराेह का आयाेजन हुआ था। इसमें सेवानिवृत्त हाे रहे आईपीएस पीवी रामा शास्त्री व संजय एम तरडे काे विदायी दी गई, लेकिन प्रशांत कुमार का नाम नहीं था। कुछ लोगों को कहना है कि डीजीपी की सेवा विस्तार को लेकर शासन ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा है।

नए पुलिस महानिदेशक को लेकर शासन स्तर में मंथन शुरू

डीजीपी प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के सबसे भराेसेमंद अधिकारियाें की सूची में हैं। वे 31 मई यानि की आज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अब नए पुलिस महानिदेशक को लेकर शासन स्तर में मंथन शुरू हो गया है। डीजीपी की रेस में डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा और डीजी विजिलेंस एवं पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्णा समेत कई आईपीएस अधिकारियाें का नाम सामने आ रहे हैं। इसी बीच एक नाम और तेजी से आया है वो है बीएसएफ के डीजीपी दलजीत चौधरी का है।

यूपी का नया डीजीपी को लेकर दलजीत चौधरी को लेकर चर्चा तेज 

गृहमंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि दलजीत चौधरी को यूपी का नया डीजीपी बनाया जा सकता है। वहीं, प्रशांत कुमार के सेवा विस्तार को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ ही घंटों के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि यूपी का नया डीजीपी कौन बन रहा है या फिर प्रशांत कुमार काे सेवा विस्तार मिलेगा। इसको लेकर शासन स्तर से लेकर पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है।वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के डीजीपी काे लेकर एक दिन पहले तंज कसा था। उन्हाेंने एक्स पर पाेस्ट करते हुए कहा था कि उप्र कार्यवाहक डीजीपी का रिकार्ड बन चुका है। अब क्या सेवा विस्तार का भी बनाएगा ?

तंबाकू और धूम्रपान से नुकसान ही नुकसान : डॉ सूर्य कान्त

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025: युवाओं को लुभाने वाली तंबाकू उद्योग की चालें होंगी बेनकाब

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और तंबाकू निषेध क्लिनिक के संस्थापक प्रभारी डॉ. सूर्य कान्त के अनुसार, इस वर्ष का उद्देश्य स्पष्ट है—तंबाकू और निकोटीन उत्पादों को आकर्षक दिखाने के पीछे की छल-कपट वाली रणनीतियों को उजागर करना, विशेषकर युवाओं को लक्ष्य बनाने वाले हथकंडों को।

डॉ. सूर्य कान्त बताते हैं कि उद्योग आज की युवा पीढ़ी को लुभाने के लिए उत्पादों में स्वाद, खुशबू और आकर्षक पैकेजिंग जैसे तत्व मिलाते हैं। इसके साथ-साथ सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर तंबाकू उत्पादों को ग्लैमराइज किया जाता है। यही कारण है कि आज युवाओं में तंबाकू की लत तेजी से बढ़ रही है।

:- जानलेवा तंबाकू: आंकड़े और खतरे

भारत में हर साल 12 लाख लोग तंबाकू और धूम्रपान से संबंधित बीमारियों के कारण जान गंवाते हैं। तंबाकू सेवन से 25 प्रकार की बीमारियां और लगभग 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं—जैसे मुँह, फेफड़े, प्रोस्टेट, पेट, और ब्रेन ट्यूमर।

:- अन्य समस्याएं: ब्रॉन्काइटिस, एसिडिटी, टीबी, हार्ट अटैक, फॉलिज, नपुंसकता, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, सांस फूलना आदि।

:- गर्भावस्था और परोक्ष धूम्रपान:

गर्भवती महिलाओं के तंबाकू सेवन से कम वजन वाले नवजात, गर्भपात और जन्मजात बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो 70% धुआं वातावरण में रह जाता है, जिससे परिवार और आस-पास के लोग भी परोक्ष रूप से प्रभावित होते हैं।

:- सरकार की सख्ती: COTPA अधिनियम

भारत सरकार ने "सिगरेट्स एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (COTPA), 2003" लागू किया है, जिसके अंतर्गत: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर ₹200 का जुर्माना।

18 वर्ष से कम आयु वालों को तंबाकू बेचना प्रतिबंधित। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में बिक्री पर रोक। तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य।

:- चौंकाने वाले आंकड़े:

27 करोड़ भारतीय तंबाकू का सेवन करते हैं (GATS 2016-17)। शुरुआत की औसत उम्र: 18.7 वर्ष। 2.2 करोड़ किशोर (13-15 वर्ष) तंबाकू की लत के शिकार हैं। 08 करोड़ किशोर परोक्ष धूम्रपान के संपर्क में आते हैं। पुरुषों में इसकी लत महिलाओं की तुलना में पहले शुरू होती है।

:- बीड़ी बनाम सिगरेट:

डॉ. सूर्य कान्त बताते हैं कि बीड़ी, सिगरेट से अधिक हानिकारक होती है। कम निकोटीन मात्रा होने के कारण बार-बार सेवन की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर में निकोटीन की मात्रा ज्यादा पहुंचती है।

:- तंबाकू छोड़ने के फायदे: स्वास्थ्य की ओर पहला कदम

8 घंटे - निकोटीन व कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटता है; रक्त में ऑक्सीजन सामान्य होती है।

24 घंटे- कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर से बाहर; दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम।

48 घंटे - निकोटीन खत्म; स्वाद और सूंघने की शक्ति लौटने लगती है।

1 महीना - त्वचा साफ; खांसी और कफ में कमी।

3-9 महीने फेफड़े मजबूत; इम्यून सिस्टम बेहतर।

5 साल - हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटता है।

10 साल - फेफड़ों और अन्य अंगों के कैंसर का खतरा लगभग आधा हो जाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस केवल एक प्रतीक नहीं है, यह एक संकल्प है—स्वास्थ्य के प्रति सजगता का, उद्योगों के छलावरण को पहचानने का और तंबाकू-मुक्त भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने का।

" आज छोड़िए तंबाकू, ताकि कल का जीवन हो स्वस्थ और सुरक्षित।"

लोकतंत्र में निष्पक्ष पत्रकारिता का चौथा स्तंभ बने रहना अत्यंत आवश्यक : रजनी तिवारी

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एनयूजे (आई) के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री मंत्री

लखनऊ। "देश और समाज को जब-जब दशा-दिशा की आवश्यकता पड़ी, तब-तब पत्रकारिता ने सही राह दिखाई है। लोकतंत्र में पत्रकारिता को निष्पक्ष और निर्भीक बने रहना चाहिए, क्योंकि यही चौथा स्तंभ देश की चेतना को दिशा देता है।" यह विचार उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने शुक्रवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस-2025 के अवसर पर एनयूजे (आई) उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित ‘सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ स्थित होटल दीप पैलेस में हुआ, जहाँ विषय था:

"कृत्रिम बौद्धिकता के दौर में पत्रकारिता"।

मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता ने न केवल परतंत्र भारत में आज़ादी के दीवानों को प्रेरित किया, बल्कि स्वयं भी उस आंदोलन का हिस्सा बनकर योगदान दिया। आपातकाल के दौर में जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई, तब पत्रकारों ने निर्भीकता से सच्चाई को सामने लाने का साहस दिखाया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के अच्छे कार्यों का समर्थन करना और गलत नीतियों की रचनात्मक आलोचना करना—दोनों ही पत्रकारिता के संतुलित और जिम्मेदार स्वरूप को दर्शाते हैं।

एआई की भूमिका सहायक, पर पत्रकार की संवेदनशीलता अपरिहार्य

राज्य मंत्री ने कहा कि आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल टूल्स पत्रकारों की कार्यशैली को आसान बना सकते हैं, लेकिन तकनीक कभी भी पत्रकार की संवेदना, दृष्टिकोण और सामाजिक समझ का विकल्प नहीं बन सकती।

“तकनीक सहयोगी है, प्रतिस्थापन नहीं,” उन्होंने ज़ोर देकर कहा।

पत्रकार समाज के प्रहरी हैं: अमित कुमार घोष

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन श्री अमित कुमार घोष विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक सतत अधिगम की प्रक्रिया है। “तकनीक चाहे जितनी भी विकसित हो जाए, पत्रकार की कलम और उसकी जागरूकता हमेशा प्रासंगिक रहेगी ।" एआई युग में भी पत्रकारों के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर सामने आएंगे, जिससे वे और अधिक दक्षता के साथ कार्य कर सकेंगे।

सम्मान समारोह में लखनऊ इकाई के पत्रकार हुए सम्मानित

कार्यक्रम की अध्यक्षता एनयूजे (आई), उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने की। संगठन के वरिष्ठ संरक्षक के. बख्श सिंह भी मंच पर मौजूद रहे। इस अवसर पर लखनऊ इकाई से जुड़े कई पत्रकारों को उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया, जिससे समारोह में उत्साह और गरिमा का वातावरण बना रहा।

संस्कृति से जुड़ती युवा पीढ़ी: यूपी में ग्रीष्मकालीन सांस्कृतिक कार्यशालाओं के जरिए लोक कलाओं का पुनर्जागरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की संस्कृति को पुनर्जीवित करने और भावी पीढ़ी को अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के उद्देश्य से संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रीष्मकालीन सांस्कृतिक कार्यशालाओं का आयोजन प्रदेशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों और युवाओं को लोकनृत्य, लोकसंगीत, चित्रकला, कठपुतली, पारंपरिक नाट्य एवं हस्तशिल्प जैसी विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने कहा, "संस्कृति केवल स्मृति नहीं, सृजन का स्रोत है।" इसी भावना से प्रदेश के कोने-कोने में भारतेंदु नाट्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, भातखंडे विश्वविद्यालय, बिरजू महाराज कथक संस्थान, अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान जैसी संस्थाओं के माध्यम से विविधतापूर्ण सांस्कृतिक कार्यशालाएं संचालित की जा रही हैं।

बौद्धिक परंपराओं को भी मिला सम्मान

इस वर्ष कार्यशालाओं की विशेषता यह है कि इनमें बौद्ध और जैन दर्शन को भी स्थान दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा आयोजित "बुद्ध पथ प्रदीप" कार्यशाला में बच्चों को ध्यान, करुणा, सह-अस्तित्व और नैतिकता के मूल्यों से परिचित कराया जा रहा है। वहीं जैन विद्या शोध संस्थान की कार्यशालाओं में अहिंसा, अपरिग्रह और सत्य जैसे सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप में सिखाया जा रहा है।

55 जिलों में 59 कार्यशालाएं संपन्न

‘सृजन’ ग्रीष्मकालीन कार्यशालाओं के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 55 जिलों में कुल 59 कार्यशालाएं सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं। ये कार्यशालाएं प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से संपन्न हुईं। कार्यशालाओं में कृ भगत, ढोला-मारु, नौटंकी, आल्हा, सोहर, बुंदेली गायन, मयूर नृत्य, राई, रसिया ब्रजलोक गायन, कठपुतली कला, तथा राम-केवट संवाद जैसे लोक तत्वों को शामिल कर युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया गया।

हस्तशिल्प और वादन कला का भी प्रशिक्षण

हस्तशिल्प के क्षेत्र में थारू जनजाति की मूंज शिल्प, बुंदेली चितेरी कला, रंगोली, मुखौटा निर्माण और पारंपरिक चौक पूरण चित्रकला की कार्यशालाएं आयोजित की गईं। वहीं ढोलक वादन की कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों को ताल-लय और लोकवाद्य की समझ से जोड़ा गया।

एक नया सांस्कृतिक युग प्रारंभ

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में सांस्कृतिक आयोजनों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से नवोदित कलाकारों, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इन कार्यशालाओं ने लोक कला को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित भी किया है।

* उद्देश्य: यूपी को भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनाना

इन समग्र प्रयासों का लक्ष्य स्पष्ट है—उत्तर प्रदेश को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करना। जब वैश्वीकरण के दौर में हमारी लोक परंपराएं और मूल्य संकट में हों, तब इस प्रकार की सांस्कृतिक पहलें राष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पिछड़ा वर्ग आयोग में जनसुनवाई: अध्यक्ष ने किया शिकायतों का निस्तारण, गैरहाजिर अधिकारियों पर जताई नाराजगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने शुक्रवार को इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों पर जनसुनवाई करते हुए समस्याओं का मौके पर समाधान किया। इस दौरान कई प्रकरणों में कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा की गई, जबकि गैरहाजिर अधिकारियों पर नाराजगी भी व्यक्त की गई।

शिकायतों का समाधान, ग्रेच्युटी भुगतान सुनिश्चित

राकेश कुमार बनाम प्रमुख सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग एवं राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के मामले में आयोग के निर्देशों के बाद शिकायतकर्ता को ₹8,89,657 की ग्रेच्युटी एवं नकदीकरण का शेष भुगतान कर दिया गया।

फर्जी सुलहनामा प्रकरण में फोरेंसिक जांच जारी

सुधाकर सिंह बनाम पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी/बंदोबस्त अधिकारी के मामले में जमीन पर फर्जी सुलहनामा तैयार करने की शिकायत की गई थी। पुलिस विभाग ने अवगत कराया कि दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कराई जा रही है।

अनुपस्थित अधिकारियों पर चेतावनी

सत्यम पटेल बनाम निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के प्रकरण में संबंधित अधिकारी जनसुनवाई में अनुपस्थित रहे, जिस पर अध्यक्ष वर्मा ने कड़ा खेद व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि पुनः अनुपस्थित रहने पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति दी जाएगी।

शामली और लखनऊ के मामलों में कार्रवाई प्रगति पर

अजब सिंह (जनपद शामली) के मामले में क्षेत्राधिकारी ने बताया कि FIR दर्ज कर विवेचना जारी है। वेदान्त वर्मा बनाम अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती एवं अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय, लखनऊ के मामले में मृतक के विरुद्ध की गई कार्यवाही पर अध्यक्ष ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत कर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।

शिक्षिका के वेतन भुगतान में देरी पर नाराजगी

बबिता सिंह बनाम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी व हरदोई के प्रकरण में शिक्षिका को वेतन न मिलने पर अध्यक्ष ने तीव्र असंतोष प्रकट किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो शासन को कार्रवाई हेतु संस्तुति भेजी जाएगी।

सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ सख्ती

अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अन्य प्रकरणों में भी सक्षम अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भविष्य में भी सुनवाई में लापरवाही बरती गई तो शासन को लिखित रूप से रिपोर्ट भेजी जाएगी।

शब्द से कर्म तक: नन्द गोपाल नन्दी ने निभाया सहायता का वादा

नन्दी सेवा संस्थान ने अशोक अग्रवाल के परिवार को दिया हर माह सहारा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' ने जो वादा किया था, उसे पूरे मन से निभाया भी। उनके इसी वचनबद्ध सेवा भाव का प्रमाण मऊरानीपुर में एक बार फिर देखने को मिला, जब प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी गुरुवार देर शाम अपने पुत्र नमन गुप्ता के साथ सर्राफा कारोबारी स्व. अशोक अग्रवाल के घर पहुंचीं।

यहां उन्होंने अशोक अग्रवाल की पत्नी नीलम अग्रवाल को नन्दी सेवा संस्थान की ओर से ₹10,000 के 24 चेक सौंपे और परिवार की कुशलक्षेम पूछते हुए हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

2021 में हुई थी हत्या, उसी वर्ष किया गया था वादा

गौरतलब है कि 13 जून 2021 को मऊरानीपुर में मामूली विवाद के चलते सर्राफा व्यापारी अशोक अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही दिनों बाद, 27 जून 2021 को मंत्री नन्दी ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की थी और स्व. अशोक अग्रवाल की पत्नी को आजीवन ₹10,000 मासिक सहायता तथा उनकी बिटिया की शादी में ₹1 लाख की मदद का वादा किया था। तब से अब तक, बिना किसी व्यवधान के, यह मासिक सहायता राशि लगातार प्रदान की जा रही है, जो परिवार के लिए आर्थिक सहारे का मजबूत आधार बनी हुई है।

नीलम अग्रवाल ने जताया आभार

स्व. अशोक अग्रवाल की पत्नी नीलम अग्रवाल ने इस सहायता को "परिवार की आजीविका का प्रमुख सहारा" बताया और मंत्री नन्दी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "2021 में हमारे जीवन में अंधकार छा गया था, लेकिन नन्दी जी की मदद ने हमें फिर से खड़ा होने का हौसला दिया।"

प्रदेश के अन्य जिलों में भी जारी है सहायता

नन्दी सेवा संस्थान न केवल मऊरानीपुर, बल्कि प्रयागराज, कानपुर, झांसी, गोरखपुर, प्रतापगढ़ समेत कई अन्य जिलों में भी ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद दे रहा है जिन्होंने किसी दुर्घटना या आपराधिक घटना में अपने परिजनों को खो दिया है। मंत्री नन्दी का यह प्रयास राज्य में सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण बन चुका है।

* समाजसेवियों और स्थानीय लोगों की उपस्थिति

इस अवसर पर समाजसेवी और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों में प्रो. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. अनूप गुप्ता, सीताराम बिलैया, नरेंद्र दमेले, भगवानदास सेठ, राधारमण कथिल, मनीष बिलैया, अमित अग्रवाल, गीता अग्रवाल, साधना अग्रवाल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।