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तंबाकू और धूम्रपान से नुकसान ही नुकसान : डॉ सूर्य कान्त

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025: युवाओं को लुभाने वाली तंबाकू उद्योग की चालें होंगी बेनकाब

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और तंबाकू निषेध क्लिनिक के संस्थापक प्रभारी डॉ. सूर्य कान्त के अनुसार, इस वर्ष का उद्देश्य स्पष्ट है—तंबाकू और निकोटीन उत्पादों को आकर्षक दिखाने के पीछे की छल-कपट वाली रणनीतियों को उजागर करना, विशेषकर युवाओं को लक्ष्य बनाने वाले हथकंडों को।

डॉ. सूर्य कान्त बताते हैं कि उद्योग आज की युवा पीढ़ी को लुभाने के लिए उत्पादों में स्वाद, खुशबू और आकर्षक पैकेजिंग जैसे तत्व मिलाते हैं। इसके साथ-साथ सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर तंबाकू उत्पादों को ग्लैमराइज किया जाता है। यही कारण है कि आज युवाओं में तंबाकू की लत तेजी से बढ़ रही है।

:- जानलेवा तंबाकू: आंकड़े और खतरे

भारत में हर साल 12 लाख लोग तंबाकू और धूम्रपान से संबंधित बीमारियों के कारण जान गंवाते हैं। तंबाकू सेवन से 25 प्रकार की बीमारियां और लगभग 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं—जैसे मुँह, फेफड़े, प्रोस्टेट, पेट, और ब्रेन ट्यूमर।

:- अन्य समस्याएं: ब्रॉन्काइटिस, एसिडिटी, टीबी, हार्ट अटैक, फॉलिज, नपुंसकता, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, सांस फूलना आदि।

:- गर्भावस्था और परोक्ष धूम्रपान:

गर्भवती महिलाओं के तंबाकू सेवन से कम वजन वाले नवजात, गर्भपात और जन्मजात बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तो 70% धुआं वातावरण में रह जाता है, जिससे परिवार और आस-पास के लोग भी परोक्ष रूप से प्रभावित होते हैं।

:- सरकार की सख्ती: COTPA अधिनियम

भारत सरकार ने "सिगरेट्स एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट (COTPA), 2003" लागू किया है, जिसके अंतर्गत: सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर ₹200 का जुर्माना।

18 वर्ष से कम आयु वालों को तंबाकू बेचना प्रतिबंधित। शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में बिक्री पर रोक। तंबाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य।

:- चौंकाने वाले आंकड़े:

27 करोड़ भारतीय तंबाकू का सेवन करते हैं (GATS 2016-17)। शुरुआत की औसत उम्र: 18.7 वर्ष। 2.2 करोड़ किशोर (13-15 वर्ष) तंबाकू की लत के शिकार हैं। 08 करोड़ किशोर परोक्ष धूम्रपान के संपर्क में आते हैं। पुरुषों में इसकी लत महिलाओं की तुलना में पहले शुरू होती है।

:- बीड़ी बनाम सिगरेट:

डॉ. सूर्य कान्त बताते हैं कि बीड़ी, सिगरेट से अधिक हानिकारक होती है। कम निकोटीन मात्रा होने के कारण बार-बार सेवन की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर में निकोटीन की मात्रा ज्यादा पहुंचती है।

:- तंबाकू छोड़ने के फायदे: स्वास्थ्य की ओर पहला कदम

8 घंटे - निकोटीन व कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटता है; रक्त में ऑक्सीजन सामान्य होती है।

24 घंटे- कार्बन मोनोऑक्साइड शरीर से बाहर; दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम।

48 घंटे - निकोटीन खत्म; स्वाद और सूंघने की शक्ति लौटने लगती है।

1 महीना - त्वचा साफ; खांसी और कफ में कमी।

3-9 महीने फेफड़े मजबूत; इम्यून सिस्टम बेहतर।

5 साल - हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटता है।

10 साल - फेफड़ों और अन्य अंगों के कैंसर का खतरा लगभग आधा हो जाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस केवल एक प्रतीक नहीं है, यह एक संकल्प है—स्वास्थ्य के प्रति सजगता का, उद्योगों के छलावरण को पहचानने का और तंबाकू-मुक्त भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने का।

" आज छोड़िए तंबाकू, ताकि कल का जीवन हो स्वस्थ और सुरक्षित।"

लोकतंत्र में निष्पक्ष पत्रकारिता का चौथा स्तंभ बने रहना अत्यंत आवश्यक : रजनी तिवारी

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एनयूजे (आई) के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री मंत्री

लखनऊ। "देश और समाज को जब-जब दशा-दिशा की आवश्यकता पड़ी, तब-तब पत्रकारिता ने सही राह दिखाई है। लोकतंत्र में पत्रकारिता को निष्पक्ष और निर्भीक बने रहना चाहिए, क्योंकि यही चौथा स्तंभ देश की चेतना को दिशा देता है।" यह विचार उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने शुक्रवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस-2025 के अवसर पर एनयूजे (आई) उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित ‘सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ स्थित होटल दीप पैलेस में हुआ, जहाँ विषय था:

"कृत्रिम बौद्धिकता के दौर में पत्रकारिता"।

मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता ने न केवल परतंत्र भारत में आज़ादी के दीवानों को प्रेरित किया, बल्कि स्वयं भी उस आंदोलन का हिस्सा बनकर योगदान दिया। आपातकाल के दौर में जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की कोशिश की गई, तब पत्रकारों ने निर्भीकता से सच्चाई को सामने लाने का साहस दिखाया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के अच्छे कार्यों का समर्थन करना और गलत नीतियों की रचनात्मक आलोचना करना—दोनों ही पत्रकारिता के संतुलित और जिम्मेदार स्वरूप को दर्शाते हैं।

एआई की भूमिका सहायक, पर पत्रकार की संवेदनशीलता अपरिहार्य

राज्य मंत्री ने कहा कि आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल टूल्स पत्रकारों की कार्यशैली को आसान बना सकते हैं, लेकिन तकनीक कभी भी पत्रकार की संवेदना, दृष्टिकोण और सामाजिक समझ का विकल्प नहीं बन सकती।

“तकनीक सहयोगी है, प्रतिस्थापन नहीं,” उन्होंने ज़ोर देकर कहा।

पत्रकार समाज के प्रहरी हैं: अमित कुमार घोष

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन श्री अमित कुमार घोष विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक सतत अधिगम की प्रक्रिया है। “तकनीक चाहे जितनी भी विकसित हो जाए, पत्रकार की कलम और उसकी जागरूकता हमेशा प्रासंगिक रहेगी ।" एआई युग में भी पत्रकारों के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर सामने आएंगे, जिससे वे और अधिक दक्षता के साथ कार्य कर सकेंगे।

सम्मान समारोह में लखनऊ इकाई के पत्रकार हुए सम्मानित

कार्यक्रम की अध्यक्षता एनयूजे (आई), उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने की। संगठन के वरिष्ठ संरक्षक के. बख्श सिंह भी मंच पर मौजूद रहे। इस अवसर पर लखनऊ इकाई से जुड़े कई पत्रकारों को उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया, जिससे समारोह में उत्साह और गरिमा का वातावरण बना रहा।

संस्कृति से जुड़ती युवा पीढ़ी: यूपी में ग्रीष्मकालीन सांस्कृतिक कार्यशालाओं के जरिए लोक कलाओं का पुनर्जागरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की संस्कृति को पुनर्जीवित करने और भावी पीढ़ी को अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के उद्देश्य से संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा ग्रीष्मकालीन सांस्कृतिक कार्यशालाओं का आयोजन प्रदेशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों और युवाओं को लोकनृत्य, लोकसंगीत, चित्रकला, कठपुतली, पारंपरिक नाट्य एवं हस्तशिल्प जैसी विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने कहा, "संस्कृति केवल स्मृति नहीं, सृजन का स्रोत है।" इसी भावना से प्रदेश के कोने-कोने में भारतेंदु नाट्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, भातखंडे विश्वविद्यालय, बिरजू महाराज कथक संस्थान, अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान जैसी संस्थाओं के माध्यम से विविधतापूर्ण सांस्कृतिक कार्यशालाएं संचालित की जा रही हैं।

बौद्धिक परंपराओं को भी मिला सम्मान

इस वर्ष कार्यशालाओं की विशेषता यह है कि इनमें बौद्ध और जैन दर्शन को भी स्थान दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा आयोजित "बुद्ध पथ प्रदीप" कार्यशाला में बच्चों को ध्यान, करुणा, सह-अस्तित्व और नैतिकता के मूल्यों से परिचित कराया जा रहा है। वहीं जैन विद्या शोध संस्थान की कार्यशालाओं में अहिंसा, अपरिग्रह और सत्य जैसे सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप में सिखाया जा रहा है।

55 जिलों में 59 कार्यशालाएं संपन्न

‘सृजन’ ग्रीष्मकालीन कार्यशालाओं के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 55 जिलों में कुल 59 कार्यशालाएं सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं। ये कार्यशालाएं प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से संपन्न हुईं। कार्यशालाओं में कृ भगत, ढोला-मारु, नौटंकी, आल्हा, सोहर, बुंदेली गायन, मयूर नृत्य, राई, रसिया ब्रजलोक गायन, कठपुतली कला, तथा राम-केवट संवाद जैसे लोक तत्वों को शामिल कर युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास किया गया।

हस्तशिल्प और वादन कला का भी प्रशिक्षण

हस्तशिल्प के क्षेत्र में थारू जनजाति की मूंज शिल्प, बुंदेली चितेरी कला, रंगोली, मुखौटा निर्माण और पारंपरिक चौक पूरण चित्रकला की कार्यशालाएं आयोजित की गईं। वहीं ढोलक वादन की कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों को ताल-लय और लोकवाद्य की समझ से जोड़ा गया।

एक नया सांस्कृतिक युग प्रारंभ

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में सांस्कृतिक आयोजनों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से नवोदित कलाकारों, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इन कार्यशालाओं ने लोक कला को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि उन्हें पुनर्जीवित भी किया है।

* उद्देश्य: यूपी को भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनाना

इन समग्र प्रयासों का लक्ष्य स्पष्ट है—उत्तर प्रदेश को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित करना। जब वैश्वीकरण के दौर में हमारी लोक परंपराएं और मूल्य संकट में हों, तब इस प्रकार की सांस्कृतिक पहलें राष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पिछड़ा वर्ग आयोग में जनसुनवाई: अध्यक्ष ने किया शिकायतों का निस्तारण, गैरहाजिर अधिकारियों पर जताई नाराजगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने शुक्रवार को इंदिरा भवन स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों पर जनसुनवाई करते हुए समस्याओं का मौके पर समाधान किया। इस दौरान कई प्रकरणों में कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा की गई, जबकि गैरहाजिर अधिकारियों पर नाराजगी भी व्यक्त की गई।

शिकायतों का समाधान, ग्रेच्युटी भुगतान सुनिश्चित

राकेश कुमार बनाम प्रमुख सचिव, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग एवं राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के मामले में आयोग के निर्देशों के बाद शिकायतकर्ता को ₹8,89,657 की ग्रेच्युटी एवं नकदीकरण का शेष भुगतान कर दिया गया।

फर्जी सुलहनामा प्रकरण में फोरेंसिक जांच जारी

सुधाकर सिंह बनाम पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी/बंदोबस्त अधिकारी के मामले में जमीन पर फर्जी सुलहनामा तैयार करने की शिकायत की गई थी। पुलिस विभाग ने अवगत कराया कि दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कराई जा रही है।

अनुपस्थित अधिकारियों पर चेतावनी

सत्यम पटेल बनाम निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग के प्रकरण में संबंधित अधिकारी जनसुनवाई में अनुपस्थित रहे, जिस पर अध्यक्ष वर्मा ने कड़ा खेद व्यक्त करते हुए चेतावनी दी कि पुनः अनुपस्थित रहने पर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति दी जाएगी।

शामली और लखनऊ के मामलों में कार्रवाई प्रगति पर

अजब सिंह (जनपद शामली) के मामले में क्षेत्राधिकारी ने बताया कि FIR दर्ज कर विवेचना जारी है। वेदान्त वर्मा बनाम अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती एवं अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय, लखनऊ के मामले में मृतक के विरुद्ध की गई कार्यवाही पर अध्यक्ष ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत कर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।

शिक्षिका के वेतन भुगतान में देरी पर नाराजगी

बबिता सिंह बनाम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बाराबंकी व हरदोई के प्रकरण में शिक्षिका को वेतन न मिलने पर अध्यक्ष ने तीव्र असंतोष प्रकट किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो शासन को कार्रवाई हेतु संस्तुति भेजी जाएगी।

सुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ सख्ती

अध्यक्ष राजेश वर्मा ने अन्य प्रकरणों में भी सक्षम अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भविष्य में भी सुनवाई में लापरवाही बरती गई तो शासन को लिखित रूप से रिपोर्ट भेजी जाएगी।

शब्द से कर्म तक: नन्द गोपाल नन्दी ने निभाया सहायता का वादा

नन्दी सेवा संस्थान ने अशोक अग्रवाल के परिवार को दिया हर माह सहारा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' ने जो वादा किया था, उसे पूरे मन से निभाया भी। उनके इसी वचनबद्ध सेवा भाव का प्रमाण मऊरानीपुर में एक बार फिर देखने को मिला, जब प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी गुरुवार देर शाम अपने पुत्र नमन गुप्ता के साथ सर्राफा कारोबारी स्व. अशोक अग्रवाल के घर पहुंचीं।

यहां उन्होंने अशोक अग्रवाल की पत्नी नीलम अग्रवाल को नन्दी सेवा संस्थान की ओर से ₹10,000 के 24 चेक सौंपे और परिवार की कुशलक्षेम पूछते हुए हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

2021 में हुई थी हत्या, उसी वर्ष किया गया था वादा

गौरतलब है कि 13 जून 2021 को मऊरानीपुर में मामूली विवाद के चलते सर्राफा व्यापारी अशोक अग्रवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही दिनों बाद, 27 जून 2021 को मंत्री नन्दी ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की थी और स्व. अशोक अग्रवाल की पत्नी को आजीवन ₹10,000 मासिक सहायता तथा उनकी बिटिया की शादी में ₹1 लाख की मदद का वादा किया था। तब से अब तक, बिना किसी व्यवधान के, यह मासिक सहायता राशि लगातार प्रदान की जा रही है, जो परिवार के लिए आर्थिक सहारे का मजबूत आधार बनी हुई है।

नीलम अग्रवाल ने जताया आभार

स्व. अशोक अग्रवाल की पत्नी नीलम अग्रवाल ने इस सहायता को "परिवार की आजीविका का प्रमुख सहारा" बताया और मंत्री नन्दी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "2021 में हमारे जीवन में अंधकार छा गया था, लेकिन नन्दी जी की मदद ने हमें फिर से खड़ा होने का हौसला दिया।"

प्रदेश के अन्य जिलों में भी जारी है सहायता

नन्दी सेवा संस्थान न केवल मऊरानीपुर, बल्कि प्रयागराज, कानपुर, झांसी, गोरखपुर, प्रतापगढ़ समेत कई अन्य जिलों में भी ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद दे रहा है जिन्होंने किसी दुर्घटना या आपराधिक घटना में अपने परिजनों को खो दिया है। मंत्री नन्दी का यह प्रयास राज्य में सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण बन चुका है।

* समाजसेवियों और स्थानीय लोगों की उपस्थिति

इस अवसर पर समाजसेवी और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों में प्रो. मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. अनूप गुप्ता, सीताराम बिलैया, नरेंद्र दमेले, भगवानदास सेठ, राधारमण कथिल, मनीष बिलैया, अमित अग्रवाल, गीता अग्रवाल, साधना अग्रवाल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

लाभार्थियों को मिलेगा जून माह का राशन मुफ्त: 30 मई से 10 जून तक होगा वितरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम- 2013 के अंतर्गत अंत्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को जून माह का मुफ्त राशन 30 मई से 10 जून 2025 तक वितरित किया जाएगा। इस संबंध में खाद्य आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने सभी जिलाधिकारियों, खाद्य नियंत्रकों व पूर्ति अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

29 मई तक उचित दर दुकानों तक गेहूँ व फोर्टिफाइड चावल की डोर-स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी। सिंगल स्टेज ट्रांसपोर्ट व्यवस्था वाले क्षेत्रों में भी यह वितरण समय से होगा।

वितरण मात्रा:

अंत्योदय कार्डधारकों को प्रति कार्ड:

माल थाना क्षेत्र में युवक ने पेड़ से लटककर की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस

लखनऊ । राजधानी के माल थाना क्षेत्र के ग्राम रुदान खेड़ा से एक युवक द्वारा आत्महत्या किए जाने की दुखद घटना सामने आई है। गुरुवार को थाना माल को सूचना मिली कि गांव के ही आम के बाग में एक युवक ने फांसी लगा ली है।मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने तत्काल जांच-पड़ताल शुरू की। प्राथमिक जांच में मृतक की पहचान सुधीर पुत्र रामदयाल, उम्र लगभग 30 वर्ष, निवासी ग्राम रुदान खेड़ा थाना माल, लखनऊ के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, सुधीर ने आम के पेड़ की डाल से जूट की रस्सी से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।

आत्महत्या करने के पीछे कारण स्पष्ठ नहीं

सूचना मिलते ही फील्ड यूनिट को भी घटनास्थल पर बुलाया गया और बाग का निरीक्षण किया गया। इसके बाद थाना माल पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों की उपस्थिति में पंचायतनामा की कार्रवाई पूरी की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।फिलहाल आत्महत्या के पीछे के कारणों का स्पष्ट खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस द्वारा परिजनों से पूछताछ की जा रही है और अन्य आवश्यक विधिक कार्रवाई भी जारी है। घटना से क्षेत्र में शोक का माहौल है और परिजन गहरे सदमे में हैं। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

25 मई के गोलीकांड का आरोपी मुठभेड़ में घायल, साथी पहले ही भेजे जा चुके जेल

लखनऊ । राजधानी के गाजी थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह चेकिंग के दौरान पुलिस और कार सवार बदमाश के बीच मुठभेड़ हो गई। जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश के पैर में गोली लग गई, जिसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल बदमाश की पहचान तकरोही निवासी फरमान अली पुत्र साबिर अली के रूप में हुई है।

पुलिस ने गाड़ी रोका तो पुलिस पर शुरू कर दी फायरिंग

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि आज सुबह गाजीपुर थाना पुलिस द्वारा आम्रपाली कॉलोनी के पास खुर्रमनगर बंधा रोड पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान ए-ब्लॉक की ओर से एक सफेद रंग की बिना नंबर प्लेट की कार आती दिखी। प्रभारी निरीक्षक द्वारा रोकने के प्रयास पर चालक ने गाड़ी तेजी से भगा दी। संदेह होने पर पुलिस टीम ने पीछा किया। कुछ दूरी पर कार अनियंत्रित होकर टकरा गई। इसी दौरान आरोपी ने गाड़ी से उतरकर पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।

फरमान ने साथियों के साथ मिलकर मुरसलिन को मारी थी गोली

पुलिस ने संयम बरतते हुए जवाबी फायरिंग की, जिसमें एक गोली आरोपी के पैर में लगी। उसे घायल अवस्था में गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।पूछताछ में फरमान अली ने बताया कि उसने 25 मई को गाजीपुर थाना क्षेत्र में अपने साथियों संग मुरसलिन को फिल्मी अंदाज में दौड़ाकर गोली मारी थी। इस मामले में पहले ही उसके तीन साथी जेल भेजे जा चुके हैं। फरमान के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और उस पर इनाम भी घोषित है।पुलिस ने मौके से एक तमंचा, कारतूस, खोखा और सफेद रंग की कार बरामद की है। फिलहाल फरमान के अन्य साथियों की तलाश जारी है और उससे आगे की पूछताछ इलाज के बाद की जाएगी।

सेवानिवृत्त हुए डीजी स्तर के अधिकारी, डीजीपी ने दी शुभकामनाएं

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में आज एक गरिमामय विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ अधिकारियों को सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए और उनके दीर्घकालिक उत्कृष्ट सेवाकाल की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ अधिकारी

पी.वी. रामाशास्त्री, पुलिस महानिदेशक, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं

18 मई 1965 को वारंगल (आंध्र प्रदेश) में जन्मे श्री रामाशास्त्री 1989 बैच के IPS अधिकारी हैं, जिन्हें पहले गुजरात कैडर मिला और बाद में उन्होंने उत्तर प्रदेश कैडर में स्थानांतरण लिया। अपने 34 वर्षों के सेवाकाल में उन्होंने PAC, जनपद पुलिस, CBCID, रेलवे, सतर्कता और कानून-व्यवस्था जैसे अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक, DGP प्रशंसा चिन्ह (सिल्वर, गोल्ड, प्लैटिनम) सहित कई सम्मान प्राप्त हुए। वे एक कुशल, निष्ठावान और कानूनविद अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।

डॉ. संजय एम. तरड़े, पुलिस महानिदेशक, दूरसंचार

अहमदनगर (महाराष्ट्र) में जन्मे 1990 बैच के IPS अधिकारी डॉ. तरड़े ने झांसी, कानपुर, देवरिया, बहराइच, बलिया सहित कई जनपदों में नेतृत्व किया। उन्होंने पीएसी, सीबीसीआईडी, सुरक्षा, प्रशिक्षण व स्थापना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं। उन्हें भी राष्ट्रपति का पुलिस पदक, दीर्घ सेवाओं के लिए पुलिस पदक व प्रशंसा चिन्हों से नवाजा गया। 33 वर्षों का उनका कार्यकाल अनुकरणीय रहा।

किरण यादव, पुलिस उपमहानिरीक्षक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन

जौनपुर में जन्मीं 1997 बैच की पीपीएस अधिकारी श्रीमती यादव ने मुरादाबाद, वाराणसी, आगरा, बरेली सहित कई स्थानों पर सेवाएं दीं। 2018 में IPS में प्रोन्नत होने के बाद सतर्कता और पीटीएस गोरखपुर में कार्य किया। 2024 में DIG पद पर प्रोन्नति के बाद वे महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की प्रमुख बनीं। उनका सेवाकाल समर्पण व कार्यकुशलता का उदाहरण रहा।

डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान

इटावा जनपद में जन्में डॉ. चतुर्वेदी 1994 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने रायबरेली, महोबा, लखनऊ, STF, कोसोवो और बाराबंकी जैसे स्थानों पर प्रभावी भूमिका निभाई। 2018 में IPS में प्रोन्नति के बाद जालौन, गाजीपुर और सुलतानपुर के SP बने। उन्हें वीरता व विशिष्ट सेवा के लिए अनमिक पदक, पुलिस पदक और DGP प्रशंसा चिन्हों से सम्मानित किया गया।

तेज स्वरूप सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक (कार्मिक), मुख्यालय

चित्रकूट में जन्मे श्री सिंह 1995 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने कानपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, आगरा जैसे जनपदों में और PAC की विभिन्न वाहिनियों में सेवा दी। 2019 में IPS में प्रोन्नत होकर वे SP कार्मिक, DCP कानपुर व लखनऊ जैसे पदों पर कार्यरत रहे। 2025 में DIG बने और मुख्यालय में DIG (कार्मिक) के रूप में कार्यरत रहे। उन्हें सेवा पदक व DGP प्रशंसा चिन्ह प्राप्त हुआ है।

उपस्थित रहे वरिष्ठ अधिकारी

इस गरिमामयी समारोह में पुलिस महानिदेशक रूल्स मैन्युअल, फायर सर्विस, होमगार्ड्स, प्रशिक्षण, भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, अभियोजन, कानून-व्यवस्था, यूपी 112, साइबर क्राइम, रेलवे, लॉजिस्टिक, यातायात, तकनीकी सेवाएं, कमिश्नरेट लखनऊ के पुलिस आयुक्त सहित अन्य अपर पुलिस महानिदेशकगण व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि इन अधिकारियों की सेवाएं उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं। उनके द्वारा निभाई गई जिम्मेदारियाँ, उनकी ईमानदारी, निष्ठा और नेतृत्व क्षमता, भावी पीढ़ी के पुलिस अधिकारियों के लिए अनुकरणीय रहेंगी।इस भावुक विदाई समारोह में उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार ने इन अधिकारियों को सम्मानपूर्वक विदाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

उप्र रेरा की घर खरीदारों को चेतावनी: सिर्फ पंजीकृत परियोजनाओं में ही करें निवेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (उप्र रेरा) ने रियल एस्टेट में निवेश करने वाले घरों और दुकानों के खरीददारों को एक बार फिर सतर्क किया है कि वे केवल रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं में ही निवेश करें। रेरा ने उपभोक्ताओं को आगाह किया है कि बुकिंग से पहले रेरा पोर्टल पर जाकर परियोजना और प्रोमोटर से संबंधित समस्त जानकारी अवश्य जांचें, जिससे किसी भी प्रकार के फरेब या धोखाधड़ी से बचा जा सके।

उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि रेरा पोर्टल पर प्रोमोटर की साख, वित्तीय स्थिति, परियोजना की स्वीकृतियां, मानचित्र, भूमि स्थिति, एवं अन्य आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। यहां तक कि प्रोमोटर या परियोजना के खिलाफ की गई शिकायतों की संख्या और विवरण भी देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा: "घर खरीदना आम नागरिक के जीवन का बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय होता है। इसमें उनकी जीवन भर की कमाई लगती है, इसलिए उन्हें किसी भी परियोजना में निवेश करने से पहले पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।"

* रेरा पोर्टल से जानकारी कैसे लें?

अध्यक्ष श्री भूसरेड्डी ने बताया कि उपभोक्ता रेरा पोर्टल के होम पेज पर जाकर 'Registered Projects' लिंक पर क्लिक करें। वहां से वे प्रोमोटर या परियोजना के नाम अथवा पंजीकरण संख्या से सर्च कर सकते हैं। संबंधित परियोजना के समरी पेज पर जाकर भूमि विवरण, मानचित्र, बैंक अकाउंट, ओसी/सीसी स्टेटस, क्वार्टर्ली प्रोग्रेस रिपोर्ट, और शिकायतों की स्थिति देख सकते हैं। निवेशकों को केवल प्रोजेक्ट के कलेक्शन अकाउंट में भुगतान करने की सलाह दी गई है।