उत्तर प्रदेश में अवैध शराब पर कसेगा शिकंजा, आबकारी विभाग ने अत्याधुनिक एक्स-रे तकनीक का किया परीक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल की अध्यक्षता में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। इस कदम का उद्देश्य सीमा-पार से हो रही अवैध शराब की आपूर्ति की समय रहते पहचान कर राज्य को राजस्व क्षति से बचाना है।
लखनऊ स्थित गन्ना संस्थान में आयोजित बैठक के दौरान तकनीकी कंपनियों रैपिस्कन और विडेरे द्वारा अपने-अपने हैंडहेल्ड एक्स-रे उपकरणों का लाइव प्रदर्शन किया गया। इन उपकरणों का उपयोग पहले से ही देश के विभिन्न सरकारी संगठनों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। कंपनियों द्वारा प्रस्तुति (PPT) के माध्यम से उपकरणों की तकनीकी विशेषताओं, कार्यप्रणाली और उपयोगिता की जानकारी दी गई। इसके पश्चात फील्ड डेमो में एक छोटे ट्रक में छुपाकर रखी गई शराब की पेटियों को स्कैन कर दोनों उपकरणों ने सफलतापूर्वक शराब की पहचान की, जिससे तकनीक की प्रभावशीलता स्पष्ट हुई।
इस अवसर पर आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा, “हम ऐसी तकनीक को अपनाना चाहते हैं जो न केवल प्रभावी हो, बल्कि व्यावहारिक और लागत-कुशल भी हो। भविष्य में हम और अधिक आधुनिक तकनीकों की खोज करेंगे, ताकि अवैध शराब के खिलाफ हमारी कार्रवाई और सशक्त हो सके।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग राजस्व संरक्षण एवं अवैध गतिविधियों पर रोकथाम के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह, अपर आयुक्त नवनीत सेहारा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
May 29 2025, 17:52