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डीएमएफ घोटाला : EOW स्पेशल कोर्ट में 6 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश

रायपुर- डीएमएफ घोटाले में EOW की विशेष कोर्ट में 6 हज़ार पन्नों की चार्जशीट पेश की गई. मामले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी समेत 9 आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए.

जानिए क्या है DMF घोटाला

ईडी की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है. केस में यह तथ्य सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है. टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है. प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है. ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का युक्तियुक्तकरण पर आया बयान

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संघों के विरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि यह बच्चों के हित में है. शिक्षकों और छात्रों का अनुपात में संतुलन जरूरी है. कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा तो कुछ स्कूलों में बहुत कम हैं. युक्तियुक्तकरण के माध्यम से संतुलित किया जाएगा.

रायपुर से सारंगढ़ रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि सारंगढ़ और रायगढ़ जिले का दौरा करेंगे. समाधान शिविर में शामिल होंगे. सुशासन तिहार में जनता से संवाद करेंगे. रायगढ़ में सुशासन तिहार की समीक्षा करेंगे.

वहीं सुशासन तिहार में विधायकों की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनता से पूछता हूं विधायकगण आपके बीच जा रहे हैं कि नहीं. हमारे सब विधायक क्षेत्र में जा रहे हैं. सुशासन तिहार के दौरान समाधान शिविर अटेंड कर रहे हैं.

देशभर में रिलीज होगी छत्तीसगढ़ से बनी पहली हिन्दी फिल्म जानकी भाग-1

रायपुर-  छत्तीसगढ़ी सिनेमा इंडस्ट्री जिसे छॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ी सिनेमा का इतिहास दशकों पुराना है. साल 1965 में पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘कहि देबे सन्देस’ का निर्माण हुआ था. दूसरी फिल्म घर-द्वार साल 1972 में आई थी. इसके बाद साल 2000 में छत्तीसगढ़ की पहली रंगीन छत्तीसगढ़ी फिल्म आई थी मोर छइयां भुइयां. 25 सालों से छत्तीसगढ़ी सिनेमा का सिलसिला अनवरत जारी है. वहीं अब छत्तीसगढ़ की धरा से एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. पहली बार छत्तीसगढ़ की धरा से छत्तीसगढ़ी सिनेमा निर्माता-निर्देशकों ने एक हिन्दी फिल्म का निर्माण किया है. ये हिन्दी फिल्म देशभर में 13 जून को रिलीज होने वाली है.

छत्तीसगढ़ से बनी पहली हिन्दी फिल्म जानकी-भाग 1

बता दें कि कौशल उपाध्याय के निर्देशन में बनी फिल्म जानकी-भाग 1 (Janki Chapter 1) छत्तीसगढ़ की पहली हिन्दी है. इस फिल्म को मोहित साहू ने प्रोड्यूस किया है. फिल्म में जानकी के रोल में अनिकृति चौहान और रघु के किरदार में दिलेश साहू नजर आने वाले हैं.

इस फिल्म में मेकर्स ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को देश तक पहुंचाने के लिए एक सुंदर पहल किया है. इस फिल्म में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गायक और संगीतकार मोनिका वर्मा और तोषांत कुमार है. खास बात तो ये है कि फेमस वाइस डबिंग आर्टिस्ट संकेत म्हात्रे ने रघु के किरदार और जानकी के करिदार के लिए पायल विशाल ने अपनी आवाज दी हैं.

ये है मुख्य कलाकार

फिल्म जानकी-भाग 1 (Janki Chapter 1) में जानकी के रोल में अनिकृति चौहान और रघु के किरदार में दिलेश साहू नजर आने वाले हैं. इनके अलावा जीत शर्मा, नीरज उइके, नितीन ग्वाला, अमित गोस्वामी, सुमित्रा साहू, अनुनय शर्मा, दीवाना पटेल, मोहित जोशी, पप्पू चंद्राकर, तेजराम साहू और अमर दास लहरे दिखाई देंगे. इस फिल्म को मोहित साहू ने प्रोड्यूसर और एक्शन डिजाइन किया है. गजेन्द्र देवांगन, आशीष कुमार गोयल और रवि माहवार फिल्म के को-प्रोड्यूसर हैं.

बता दें कि कौशल उपाध्याय ने फिल्म की स्क्रिप्ट और निर्देशन किया है. फिल्म के एडिटर गौरांग त्रिवेदी हैं, तो वहीं तोषांत कुमार और मोनिका वर्मा ने संगीत दिया है. फिल्म में गायकों की बात करें तो कैलाश खेर, शान, जावेद अली, देव नेगी, नक्श अजीज और मोनिका वर्मा ने अपनी आवाज दी है. मनोहर यादव ने बेकग्राउंड म्यूजिक, प्रवीर दास ने वीएफएक्स और फिल्म में कोरियोग्राफी की बात करें तो बाबा बघेल ने कोरियोग्राफ किया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा : हितग्राहियों के पीएम आवास बने ही नहीं और कागजों में काम पूरा बताकर निकाल ली राशि

तखतपुर- भाजपा सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना को धरातल में गतिमान देने के लिए सरकार पूरा जोर लगाकर आवास निर्माण करा रही है। गरीब, मजदूर वर्ग के लोगों के कच्चे मकान को पक्का मकान बनाकर उनके सपनों का घर तैयार कर रही है। वहीं तखतपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बांधा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को जिम्मेदार ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। कागजों में ही आवास को पूरा बताकर फर्जी तरीके से राशि निकाल ली गई, जबकि हितग्राहियों के पीएम आवास बने ही नहीं हैं।

ग्राम बांधा के ग्रामीणों ने कलेक्टर से प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत की है और लचर व्यवस्था के जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाते हुए कहा कि कलेक्टर साहब हमारे साथ न्याय करिए। ग्रामीणों ने बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल को बताया कि आवास मित्र ने पात्र हितग्राहियों के आवास को कागजों में पूरा बताकर फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकाल ली। मृत व्यक्तियों के नाम से भी भुगतान कर दिया गया।

सरकारी दफ्तर के चक्कर काटकर थक चुके हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि जिन पात्र हितग्राहियों का आवास निर्माण ऑनलाइन में पूरा दिखा रहा है वे लोग जमीनी स्तर पर आज भी कच्चे मकान में निवास कर रहे हैं। जब उन हितग्राहियों का आवास निर्माण पूरा दिखा रहा है तो क्या उस आवास को जमीन खा गई या आसमान निगल गया, अब जांच के बाद ही हकीकत का पता चलेगा। वहीं ग्रामीणों ने सरकारी दफ्तर के चक्कर काट कर थक हार जाने के बाद सीधे न्याय की गुहार लगाते हुए कलेक्टर से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सीएम दे चुके हैं सख्त हिदायत

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इन दिनों एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। हाल ही में मुंगेली के समाधान शिविर में शिकायत मिलने पर जल संसाधन विभाग के एक बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर अफसरों को सख्त हिदायत दी थी। मुख्यमंत्री ने साफ चेतावनी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी जिले से गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो सीधे जिले के कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।

इन हितग्राहियों के नाम से हुआ है फर्जीवाड़ासंतोष पोर्ते पिता रामपाल पोर्ते, केहर सिंह श्रीवास के नाम से आवास स्वीकृत कर राशि का गबन किया गया है। सरस्वती मरावी के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है और मौके पर आवास ही नहीं बना है. सरस्वती मरावी को आवास स्वीकृति की जानकारी ही नहीं, लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति ने आवास की संपूर्ण राशि निकालकर गबन कर लिया गया है। लैनी बाई की मृत्यु वर्ष 2016-17 में हो चुकी है, लेकिन उनके नाम से आवास स्वीकृति हुआ है और मौके पर आवास का निर्माण नहीं हुआ है। इस मृत महिला की आवास की संपूर्ण राशि किसी अज्ञात व्यक्ति ने निकालकर गबन कर लिया है। गंगोत्री बाई के नाम से आवास स्वीकृत है, लेकिन मौके पर आवास नहीं बना है और राशि निकालकर गबन कर लिया गया है। राजेश पिता कन्हैया आवास हितग्राही है, लेकिन मौके पर राजेश का आवास का निर्माण नहीं हुआ है। हितग्राही ने बताया कि मेरे आवास की राशि राजेश कुमार सोनवानी ने आहरण कर लिया है, जबकि आवास स्वीकृति राजेश पिता कन्हैया के नाम से हुआ है।

सोना देवी अग्रवाल पिता प्रदीप अग्रवाल के नाम से आवास स्वीकृत हुआ है, लेकिन मौके पर आवास का निर्माण नहीं हुआ है, जबकि संबंधित कर्मचारी ने जियो टेक कर संपूर्ण राशि को गबन कर लिया है। कन्हैया पिता बुलवा की प्रथम किस्त की राशि जारी हुई है, लेकिन कन्हैया की मृत्यु 2019 – 20 में हो चुकी है और मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत किया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत बांधा में भी कई लोगों के नाम से फर्जी तरीके से आवास स्वीकृत किया गया है और फर्जी तरीके से राशि निकालकर बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। इस मामले में जिम्मेदार अफसरों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कॉल रिसीव ही नहीं किया गया.

पैसा दुगुना करने का झांसा देकर 72 लाख की ठगी, पुलिस ने तीन आरोपियों को दबोचा

कांकेर-  रियल एस्टेट और फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को दो महीने में रकम दुगुनी करने का लालच देकर 72 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को कांकेर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने अफशा प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड और आगाज इंफ्रा मल्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ट्रेडिंग टायर्स एकेडमी) नामक कंपनियों के जरिए यह धोखाधड़ी की।

जानकारी के अनुसार, आरोपी आम लोगों को रियल एस्टेट और फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करवाकर 200 प्रतिशत कैशबैक और कार गिफ्ट देने का झांसा देते थे। जमीन की खरीद-फरोख्त में मोटे मुनाफे का लालच देकर बड़ी संख्या में लोगों से रकम जमा करवाई गई और बाद में ठगी कर ली गई।

पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन टीमों का गठन किया और रायपुर, दुर्ग एवं कोरबा शहर में दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और ठगी के पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।

भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला : जांच में मिले 150 संदिग्ध खातेधारक, पूछताछ जारी

रायपुर- भारतमाला प्रोजेक्ट के भू-अर्जन घोटाले मामले में अबतक की जांच में 150 संदिग्ध लोगों की जानकारी और उनके 130 बैंक खातों के बारे में पता चला है, जिसकी गहनता से इस वक्त जांच की जा रही है. जो संदिग्ध मिले में हैं उनमें महासमुंद और अभनपुर के लोग शामिल हैं. महसमुंद के आईसीआईसीआई बैंक के 130 बैंक खाते मिले हैं. इन खातों के जरिए कितने रूपये का लेन-देन हुआ है इसकी जांच जारी है. 

इस घोटाला मामले में जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले 1 महीने के भीतर दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कुछ लोगों की गिरफ़्तारी भी हुई है. इनमें केदार तिवारी और उनकी पत्नी उमा तिवारी, कारोबारी हरमीत सिंह खनूजा और विजय जैन शामिल हैं. ये सभी न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद हैं. छापेमारी के दौरान बरामद किए गए अहम दस्तावेज और कई लोगों से पूछताछ में 150 संदिग्ध और उनके खातों की जानकारी सामने आई. भारत माला प्रोजेक्ट के मुआवजा राशि जिन दो दर्जन किसानों के खाते में आई, यह राशि हरमीत सिंह के खाते में ट्रांसफर होने की जानकारी एसीबी-ईओडब्ल्यू को पता चली है. 

युक्तियुक्तकरण पर शिक्षण संगठन के प्रदर्शन पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा का बड़ा बयान, कहा- सभी के हित में लिए जा रहे हैं निर्णय…

रायपुर- युक्तियुक्तकरण के विरोध में शिक्षक संगठन के प्रदर्शन पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि बहुत सारे लोगों को समझ नहीं आ रहा है. जो सरकार चलाता है, उसे स्टेयरिंग की चिंता होती हैं. साय सरकार के हाथ में स्टेयरिंग है. सभी के हित के लिए काम और निर्णय लिए जा रहे हैं.

भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में HSRP प्लेट को लेकर कांग्रेस के RTO ऑफिस का घेराव पर कहा कि साय सरकार नित नए आयाम लेकर जनता के सामने आ रही हैं. सारे काम सरकार कर रही हैं. नंबर प्लेट, E पोर्टल, पंचायतों को ऑनलाइन करने के काम हो रहे हैं. कांग्रेस के पास कोई काम अब बचा नहीं हैं. आपसी कन्फ्यूज़न बस बचा हैं. कांग्रेस ये सब कर के अपना समय काट रहे हैं.

ननकीराम खरे आदमी

पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर के अपने ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए जाने पर पुरंदर मिश्रा ने कहा कि ननकी राम कांवर हमारे वरिष्ठ नेता हैं. वो खरे आदमी हैं. जब वो गृहमंत्री थे, तब अपने आप को भी कह देते थे. ये उनका स्वभाव हैं. मैं इस पर टिपण्णी नहीं करना चाहता.

छत्तीसगढ़: राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में कोंडागांव की बेटियों ने हासिल की जीत, नेशनल कॉम्पिटिशन की तैयारियों में जुटी…

कोंडागांव- छत्तीसगढ़ के भिलाई में आयोजित राज्य स्तरीय बेंच प्रेस और डेड लिफ्ट प्रतियोगिता में कोंडागांव की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन कर जीत हासिल की है. उन्होंन गोल्ड मैडल जीतकर जिले का नाम रोशन किया है. 45 वर्षीय शोभा धाकरे ने मास्टर कैटेगरी में 9 जिलों की प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए बेंच प्रेस में 40, 45 और 50 किलोग्राम के वजन में गोल्ड मेडल हासिल किया. डेड लिफ्ट प्रतियोगिता में भी शोभा ने 80, 85 और 90 किलोग्राम वजन में गोल्ड अपने नाम किया.

इसी तरह, 31 वर्षीय नीता नेताम ने सीनियर कैटेगरी में 40, 45 और 50 किलोग्राम वजन के बेंच प्रेस में गोल्ड मेडल और डेड लिफ्ट में 80, 85 और 90 किलोग्राम वजन में गोल्ड जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. दोनों खिलाड़ियों की इस उपलब्धि से जिले में खुशी की लहर है. नगरवासियों ने दोनों चैंपियनों का भव्य स्वागत किया और फूल-मालाओं से सम्मानित किया.

यह सफलता मसल मानिया जिम, कोंडागांव के कोच संजय सोनपिपरे के मार्गदर्शन और दोनों खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है. अब नीता और शोभा 12 से 15 जून तक रायपुर में होने वाली नेशनल लेवल चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी. जिलेवासियों को उम्मीद है कि दोनों खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी गोल्ड मेडल जीतकर कोंडागांव का नाम और ऊंचा करेंगी.

ABVP की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की तीन दिवसीय बैठक, भारत के वैश्विक संबंधों और समसामयिक विषयों पर होगा मंथन, 478 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल

रायपुर- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक 29 से 31 मई तक राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित की जाएगी. इससे पूर्व 28 मई को परिषद के विभिन्न आयामों और गतिविधियों से जुड़ी बैठकों का आयोजन होगा, जिसमें 250 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे. तीन दिवसीय इस मुख्य बैठक में देश के सभी राज्यों से 478 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होने के लिए पहुचेंगे.

इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान शिक्षा, पर्यावरण, आंतरिक सुरक्षा, भारत के वैश्विक संबंधों और समसामयिक मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा. बैठक का प्रमुख उद्देश्य देशभर में विद्यार्थी परिषद की आगामी गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करना और राष्ट्रीय छात्र-युवा नीति में ठोस एवं सार्थक हस्तक्षेप की दिशा को सुनिश्चित करना है.

सांस्कृतिक प्रदर्शनी का उद्घाटन

इस आयोजन की शुरुआत 27 मई की शाम एक भव्य प्रदर्शनी के उद्घाटन से होगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. यह प्रदर्शनी दस प्रमुख विषयों पर केंद्रित रहेगी, जिनमें छत्तीसगढ़ का इतिहास, कला एवं लोक संस्कृति, भारतीय गणतंत्र के 75 वर्ष, ढोकरा आर्ट, मूर्ति कला और बस्तर आर्ट आदि विषयों को चित्रित किया जाएगा.

भगवान बिरसा मुंडा शार्ध शती वर्ष

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में अभाविप उनकी जन्मस्थली उलिहातु से पीतल के पात्र में मिट्टी लेकर इस बैठक में रायपुर ला रही है. यहां से वह मिट्टी देश के सभी प्रांतों में स्मृतिस्वरूप भेजी जायेंगी.

28 मई को नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. इस आयोजन में रायपुर के गणमान्य नागरिक भी शामिल होंगे. यह कार्यक्रम परिषद की सामाजिक सहभागिता, संवाद की परंपरा और राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ समरसता को दर्शायेगा.

तीन दिवसीय बैठक में पांच प्रस्ताव होंगे पारित

29 से 31 मई के दौरान आयोजित राष्ट्रीय बैठक में पांच प्रमुख प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. इनमें भारतीय सेना के पराक्रम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ व ‘ऑपरेशन कगार’ के लिए अभिनंदन प्रस्ताव, कोचिंग संस्थानों में अवैध व मनमानी फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए ठोस नीति निर्माण, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के रिक्त पदों की शीघ्र नियुक्ति की मांग, आंतरिक सुरक्षा पर आधारित विमर्श, और भारत के वैश्विक संबंधों पर केंद्रित प्रस्ताव सम्मिलित हैं. इसके साथ ही मार्च महीने में द्वारिका, गुजरात में संपन्न विचार बैठक में आए सुझावों पर भी व्यापक चर्चा होगी.

पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और नवाचार

यह संपूर्ण आयोजन पर्यावरणीय अनुकूलता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. जिसमें सब्जियों के छिलकों से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी, भोजन अपव्यय रोकने केलिए ‘जीरो फूड वेस्ट’ नीति लागू की गई है, तथा परिषद के सेवा प्रकल्प सेवार्थ विद्यार्थी के माध्यम से बचा हुआ भोजन सेवा बस्तियों में वितरित किया जाएगा. लकड़ी के बुरादों से जूठे बर्तनों को साफ़ कर जल-संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा, वहीं गोधन से बने नेमप्लेट्स का उपयोग कर प्लास्टिक मुक्त आयोजन को मूर्त रूप दिया जायेगा. इस आयोजन के माध्यम से परिषद पर्यावरण के प्रति सजग, सामाजिक दायित्वनिष्ठ और नवाचारशील विद्यार्थी संगठन के रूप में अपनी भूमिका को और भी सशक्त बना रही है.

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की यह बैठक समकालीन भारत में युवाओं की भूमिका को और अधिक सक्रिय व सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. रायपुर की सांस्कृतिक विरासत के बीच आयोजित यह आयोजन न केवल परिषद की संगठनात्मक ऊर्जा का प्रतीक बनेगी, बल्कि शिक्षा, पर्यावरण, आंतरिक सुरक्षा एवं वैश्विक परिप्रेक्ष्य जैसे निर्णायक विषयों पर विचारशील हस्तक्षेप की पहल भी बनेगी. कोचिंग संस्थानों की मनमानी फीस वृद्धि हो या केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति-विद्यार्थियों से जुड़े हर मुद्दे पर स्पष्ट दृ‌ष्टिकोण प्रस्तुत करना हमारी प्राथमिकता है.

कृषि वैज्ञानिकों का आंदोलन कल, भेदभाव और अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ रैली निकालकर करेंगे प्रदर्शन

रायपुर- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) में कार्यरत वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारी कल से आक्रोश व्यक्त करते हुए रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ तकनीकी कर्मचारी संघ ने लंबे समय से लगातार आवेदन व ज्ञापन सौंपने के बावजूद समस्याओं की अनदेखी और भेदभावपूर्ण व्यवहार से नाराज होकर आंदोलन का रास्ता चुना है।

संघ का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन KVKs में कार्यरत कर्मचारियों के साथ संस्थागत भेदभाव कर रहा है, उनकी सेवा शर्तों का उल्लंघन हो रहा है और उन्हें उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

ये हैं प्रमुख मुद्दे –

पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना: KVK कर्मचारियों को NPS/OPS जैसे मूलभूत लाभों से अनुचित तरीके से वंचित किया गया है।

मेडिकल एवं अन्य भत्तों की समाप्ति: बिना किसी सूचना के मेडिकल भत्ते रोक दिए गए, जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कैरियर उन्नयन योजना (CAS) का उल्लंघन: योग्य कर्मचारियों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि से अनुचित रूप से रोका गया है।

सेवा-निवृत्ति आयु में भेदभाव: विश्वविद्यालय के नियमों के विपरीत KVK कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जबकि अन्य कर्मचारियों के लिए यह सीमा 62/65 वर्ष है।

सेवानिवृत्ति उपरांत लाभों की अनदेखी: पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं जैसे अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।

विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियों का विरोध: विश्वविद्यालय द्वारा KVKs में विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियां की जा रही हैं, जो IGKV अधिनियम, 1987 और ICAR के समझौते का उल्लंघन है।

कर्मचारी संघ की मांगें –

KVK कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के समकक्ष पदों के समान सेवा लाभ प्रदान किए जाएं।

NPS/OPS, मेडिकल भत्ते और CAS योजना को तुरंत बहाल किया जाए।

सेवा-निवृत्ति आयु को 62/65 वर्ष किया जाए।

सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।

विवादित अस्थायी नियुक्तियों के विज्ञापन को तुरंत रद्द किया जाए।

ये दी गई थी चेतावनी –

संघ ने चेतावनी दी थी कि यदि 15 दिनों के भीतर इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो तकनीकी कर्मचारी संघ संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) व (b) के तहत राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। यह आंदोलन विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है। संघ ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थिति के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और भेदभावपूर्ण नीतियां जिम्मेदार होंगी।