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कृषि वैज्ञानिकों का आंदोलन कल, भेदभाव और अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ रैली निकालकर करेंगे प्रदर्शन

रायपुर- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) में कार्यरत वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मचारी कल से आक्रोश व्यक्त करते हुए रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ तकनीकी कर्मचारी संघ ने लंबे समय से लगातार आवेदन व ज्ञापन सौंपने के बावजूद समस्याओं की अनदेखी और भेदभावपूर्ण व्यवहार से नाराज होकर आंदोलन का रास्ता चुना है।

संघ का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन KVKs में कार्यरत कर्मचारियों के साथ संस्थागत भेदभाव कर रहा है, उनकी सेवा शर्तों का उल्लंघन हो रहा है और उन्हें उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

ये हैं प्रमुख मुद्दे –

पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना: KVK कर्मचारियों को NPS/OPS जैसे मूलभूत लाभों से अनुचित तरीके से वंचित किया गया है।

मेडिकल एवं अन्य भत्तों की समाप्ति: बिना किसी सूचना के मेडिकल भत्ते रोक दिए गए, जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कैरियर उन्नयन योजना (CAS) का उल्लंघन: योग्य कर्मचारियों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि से अनुचित रूप से रोका गया है।

सेवा-निवृत्ति आयु में भेदभाव: विश्वविद्यालय के नियमों के विपरीत KVK कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जबकि अन्य कर्मचारियों के लिए यह सीमा 62/65 वर्ष है।

सेवानिवृत्ति उपरांत लाभों की अनदेखी: पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं जैसे अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।

विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियों का विरोध: विश्वविद्यालय द्वारा KVKs में विशुद्ध अस्थायी नियुक्तियां की जा रही हैं, जो IGKV अधिनियम, 1987 और ICAR के समझौते का उल्लंघन है।

कर्मचारी संघ की मांगें –

KVK कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के समकक्ष पदों के समान सेवा लाभ प्रदान किए जाएं।

NPS/OPS, मेडिकल भत्ते और CAS योजना को तुरंत बहाल किया जाए।

सेवा-निवृत्ति आयु को 62/65 वर्ष किया जाए।

सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।

विवादित अस्थायी नियुक्तियों के विज्ञापन को तुरंत रद्द किया जाए।

ये दी गई थी चेतावनी –

संघ ने चेतावनी दी थी कि यदि 15 दिनों के भीतर इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो तकनीकी कर्मचारी संघ संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) व (b) के तहत राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा। यह आंदोलन विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रसार गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है। संघ ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थिति के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और भेदभावपूर्ण नीतियां जिम्मेदार होंगी।

अवमानक और भ्रामक लेबल वाले उत्पादों पर खाद्य सुरक्षा विभाग करेगी कार्रवाई, स्वास्थ्य मंत्री बोले-

रायपुर- राज्य में गर्मी के मौसम के आगमन के साथ ही खाद्य और औषधि प्रशासन द्वारा उपभोक्ताओं को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु व्यापक स्तर पर सघन निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव, दुर्ग और कबीरधाम जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीमों ने खाद्य प्रतिष्ठानों, होटल-रेस्टोरेंट, पेय जल कंपनियों और निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर बड़ी संख्या में नमूने संकलित किए हैं. अभियान के अंतर्गत जहां अवमानक और भ्रामक लेबल वाले उत्पादों पर कार्रवाई की गई है, वहीं खाद्य कारोबारियों को नियमों के पालन हेतु स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.

नियमित निरीक्षण व कानूनी कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत सभी जिलों में पदस्थ अधिकारियों ने खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस/पंजीयन अनिवार्यता, समय पर नवीनीकरण और स्वच्छता नियमों का पालन करने हेतु निर्देशित किया. बालोद जिले में बीबी फूड्स एंड बेवरेजेस सहित कई प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री व पेयजल के नमूने संकलित किए गए. बेमेतरा में मिठाई दुकान, किराना दुकान, दूध उत्पाद और बर्फ फैक्ट्रियों की जांच की गई. यहां सात प्रतिष्ठानों पर कुल 17 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया तथा बिना पंजीयन व भ्रामक लेबल वाले उत्पाद विक्रय के दो प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किए गए.

मिलावटी पेय पदार्थों पर निगरानी

राजनांदगांव जिले में गर्मी के मौसम में पेयजल उत्पादों में मिलावट की संभावनाओं को देखते हुए सघन जांच की गई. ग्रामीण अंचलों में बिकने वाले ‘अज्जु’, ‘पोपो एक्वा’, ‘पोम्पी मैंगो’, ‘पेप्सी’ जैसे ब्रांड्स के पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर के नमूने संकलित कर परीक्षण हेतु भेजे गए. इसके अतिरिक्त होटल व भोजनालयों से आलू मसाला, बिरयानी राइस, कटहल आदि के नमूने लिए गए. अप्रैल 2025 से अब तक यहां 211 नमूने संकलित किए गए हैं, जिनमें 06 अवमानक, 03 मिथ्याछाप और 03 असुरक्षित पाए गए, जिन पर विधिक कार्रवाई जारी है.

दुर्ग जिले में खाद्य पदार्थों और पैकेजिंग सामग्री की गुणवत्ता जांच हेतु 18 विधिक नमूने तथा 20 पैकिंग सामग्री के नमूने लिए गए हैं. पूर्व में संकलित नमूनों में मिठाई, खोवा, मसाले, बेकरी उत्पाद और पेयजल में गंभीर गुणवत्ता दोष पाए गए हैं. चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा लिए गए 121 नमूनों में 09 अवमानक पाए जाने पर उन्हें मौके पर नष्ट किया गया.

कबीरधाम जिले में 08 नमूने संकलित किए गए, जिनमें 08 प्रकरण अवमानक तथा 01 मिथ्याछाप पाए जाने पर उन्हें एडीएम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. न्यायालय द्वारा ‘बादशाही द ढाबा’ को ₹20,000 और ‘न्यू कल्पना रेस्टोरेंट’ को ₹5,000 का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अभियान की सराहना करते हुए कहा, “राज्य सरकार नागरिकों को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. खाद्य और औषधि प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा यह सघन निरीक्षण अभियान जनस्वास्थ्य की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल है. विभागीय अधिकारी तत्परता से कार्य कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

प्रदेश में खाद्य और औषधि प्रशासन की यह सघन कार्रवाई न केवल उपभोक्ता स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि खाद्य कारोबारियों को भी नियमों के पालन हेतु जागरूक कर रही है. राज्य खाद्य प्रयोगशालाओं में नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त होते ही दोषी प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जा रही है. विभाग द्वारा यह अभियान निरंतर जारी रहेगा ताकि नागरिकों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा सके.

राजधानी में संचालित 80 से अधिक स्पा सेंटर्स में पुलिस की दबिश: दूसरे राज्यों से आकर काम कर रहे कर्मचारियों की जुटाई जानकारी

रायपुर- शहर में संचालित स्पा सेंटर्स की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रायपुर पुलिस ने रविवार को बड़ा अभियान चलाया। पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा के निर्देश और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के मार्गदर्शन में रायपुर के करीब 80 से अधिक स्पा सेंटर्स पर एक साथ औचक निरीक्षण किया गया। इस कार्रवाई के दौरान स्पा सेंटर्स के संचालन से जुड़े दस्तावेज, लाइसेंस और वहां कार्यरत युवकों-युवतियों के पहचान पत्र की गहन जांच की गई।

बता दें कि रायपुर पुलिस के इस अभियान के दौरान खास तौर पर छत्तीसगढ़ के बाहर से आकर काम कर रहे कर्मचारियों के आधार कार्ड और निवास से जुड़ी जानकारियां जुटाई गईं। सभी दस्तावेजों को जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है और इनका सूक्ष्मता से विश्लेषण किया जा रहा है।

इस व्यापक अभियान में शहर के सभी थाना प्रभारियों के साथ-साथ करीब 200 पुलिसकर्मी (महिला और पुरुष) शामिल रहे। नेतृत्व कर रहे अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) लखन पटले, एएसपी (ग्रामीण) कीर्तन राठौर, एएसपी (पश्चिम) दौलत राम पोर्ते, एएसपी (ICCW) ममता देवांगन, सीएसपी आजाद चौक अमन झा, सीएसपी सिविल लाइन अजय कुमार, सीएसपी नवा रायपुर करन कुमार उके, सीएसपी पुरानी बस्ती राजेश देवांगन और डीएसपी ICCW रूचि वर्मा शामिल थे।

पुलिस का कहना है कि यह अभियान शहर में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने और स्पा सेंटर्स की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया गया है। जांच के बाद जिन सेंटर्स में गड़बड़ी मिलेगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अबूझमाड़ मुठभेड़ में DRG जवानों को मिली बड़ी कामयाबी, 2010 और 17 में लूटी गई AK-47 समेत भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार किए बरामद

सुकमा- नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अड्डे पर सुरक्षा बलों ने बीते दिनों अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऐतिहासिक मुठभेड़ में कुल 27 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 10 करोड़ के इनामी और बहुचर्चित माओवादी नेता बसव राजू उर्फ केशव राव भी शामिल हैं। DRG जवानों ने मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। बरामद हथियारों में वे राइफलें भी शामिल हैं जो 2010 के ताड़मेटला (दंतेवाड़ा), 2010 गवादि (नारायणपुर) और 2017 बुरकापाल (सुकमा) हमलों के दौरान नक्सलियों द्वारा लूटी गई थीं।

बरामद हथियारों में शामिल हैं

  • AK-47 राइफल – 3
  • SLR – 4
  • INSAS राइफल – 6
  • कार्बाइन – 1
  • .303 राइफल – 6
  • BGL लॉन्चर – 1
  • सुरका (रॉकेट लॉन्चर) – 2
  • 12 बोर बंदूक – 2
  • पिस्तौल – 1
  • भरमार – 2
  • अन्य भारी मात्रा में गोला-बारूद

बसव राजू समेत कई प्रमुख नक्सलियों को किया ढेर


गौरतलब है कि इस भीषण मुठभेड़ में नक्सल संगठन के शीर्ष नेता और महासचिव नामबाला केशव राव उर्फ बसवराजु समेत 27 सशस्त्र नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। बसव राजु पर छत्तीसगढ़ सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था, वहीं अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों ने भी उस पर कुल मिलाकर 10 करोड़ का इनाम घोषित घोषित किया। बसव राजु के अलावा मारे गए नक्सलियों में 1 महासचिव/पोलित ब्यूरो सदस्य, 1 दक्षिण सब जोनल ब्यूरो प्रमुख, 4 क्षेत्रीय सचिव, 3 प्लाटून कमांडर, पीएलजीए कंपनी नंबर-7 के 18 सदस्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने मारे गए इन नक्सलियों पर कुल ₹3.33 करोड़ का इनाम घोषित किया था।


आदिवासियों के खून से सना है बसवराजु का इतिहास

बसवराजु, जो 10 नवंबर 2018 से सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था, सुरक्षा बलों पर कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इससे पहले वह संगठन की सेंट्रल मिलिट्री कमेटी का प्रमुख था। वह हजारों निर्दोष आदिवासियों और जवानों की हत्या, और नाबालिग बच्चों को जबरन संगठन में भर्ती कराने जैसे गंभीर अपराधों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अब तक 258 से अधिक मामलों में उसकी संलिप्तता की जांच की जा रही है।

विधिसम्मत तरीके से शवों का किया गया अंतिम संस्कार

मुठभेड़ के बाद बरामद 27 शवों में से 20 की पहचान कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इनमें से माओवादी कैडर कोसी उर्फ हुंगी के परिजन 26 मई को नारायणपुर पहुंचे और शव की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन से वहीं अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी। शेष 7 शवों – जिनमें बसवराजु का शव भी शामिल था – का अंतिम संस्कार कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार विधिसम्मत तरीके से नारायणपुर में किया गया।

मेकाहारा में पत्रकारों से मारपीट का मामला: डीन ने “कॉल मी सर्विसेस” कंपनी को जारी किया नोटिस, ठेका रद्द कर ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी

रायपुर- डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल (मेकाहारा) में पत्रकारों से हुई मारपीट के मामले में अब बड़ी कार्रवाई की ओर कदम बढ़ाया गया है। बाउंसरों की गुंडागर्दी के बाद अस्पताल प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता (डीन) डॉ. विवेक चौधरी ने “कॉल मी सर्विसेस” ठेका कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

 

डॉ. चौधरी ने बताया कि अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर की अनुशंसा के बाद यह नोटिस जारी किया गया। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों के साथ रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात बाउंसरों द्वारा की गई धक्का-मुक्की और हाथापाई से अस्पताल की छवि धूमिल हुई है, जिसका असर पूरे चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल प्रशासन की साख पर पड़ा है।

अधिष्ठाता ने स्पष्ट किया है कि यदि कंपनी का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो केवल ठेका निरस्त ही नहीं किया जाएगा, बल्कि कंपनी को ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा।

बता दें कि मामला सामने आने के बाद अधीक्षक ने डीन को पत्र लिखकर ठेका निरस्त करने की सिफारिश की थी और पत्रकारों से वादा किया था कि सोमवार को कार्रवाई की जाएगी। उसी के तहत अब विभागीय जाँच शुरू की गई है। घटना के समय के सभी CCTV फुटेज की समीक्षा की जा रही है, और इस घटना में शामिल सभी कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

कंपनी ने दी ये सफाई

कंपनी के मालिक राज बोथरा ने नोटिस जारी कर कहा है कि यह घटना बेहद निंदनीय है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए सभी कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गौरतलब है कि “कॉल मी सर्विसेस” कंपनी की सुरक्षा सेवाओं को पहले भी कई बार लेकर विवाद हो चुका है। कंपनी वर्तमान में रायपुर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों जैसे दाऊ कल्याण सुपर स्पेशलिटी, जिला अस्पताल पंडरी, कालीबाड़ी मातृ अस्पताल, और AIIMS में भी तैनात है। कांग्रेस शासनकाल में मिली निविदा को भाजपा शासन में भी एक्सटेंशन मिलना अपने आप में सवालों के घेरे में है।

पत्रकारों ने घटना के विरोध में रविवार देर रात मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया था। घटना के बाद तीन बाउंसरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर आज उनका जुलूस भी निकाला। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या “कॉल मी सर्विसेस” को ब्लैकलिस्ट कर ठोस संदेश दिया जाएगा या यह मामला भी अन्य विवादों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

बड़े ऑपरेशन से हिला नक्सल संगठन: प्रेस नोट जारी कर की बसव राजू समेत 28 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि, कहा-

सुकमा- नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले अड्डे पर सुरक्षा बलों ने बीते दिनों अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस ऐतिहासिक मुठभेड़ में कुल 28 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 10 करोड़ के इनामी और बहुचर्चित माओवादी नेता बसव राजू उर्फ केशव राव भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद नक्सल संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर बसव राजू की मौत की पुष्टि की है और मुठभेड़ के लिए अपने ही कुछ साथियों को जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिस को 6 महीने पहले से बसव राजू के ठिकाने की जानकारी

बता दें कि संगठन ने प्रेस नोट में यह दावा किया है कि बसव राजू की माड़ इलाके में मौजूदगी की जानकारी पुलिस को छह महीने पहले ही मिल गई थी। इस दौरान उसकी सुरक्षा में लगे कुछ महत्वपूर्ण सदस्य और यूनिफाइड कमांड से जुड़े नेता पुलिस से जा मिले और गद्दार बन गए।

प्रेस नोट में बताया गया है कि माड़ आंदोलन को गाइड करने वाले यूनिफाइड कमांड के सदस्य, सीवीपीसी मेंबर सहित छह नक्सली पिछले डेढ़ महीने में आत्मसमर्पण कर चुके थे। इन गद्दारों ने पुलिस को लगातार गोपनीय जानकारी दी और ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे सुरक्षा बलों को इतनी बड़ी सफलता मिली।

नक्सल प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट में बसव राजू (बीआर दादा), कामरेड मधु, चंदन, सजंति समेत अन्य नक्सलियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि संगठन उनके अधूरे इरादों को पूरा करने का संकल्प लेता है। साथ ही संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि यह ऑपरेशन जल-जंगल-जमीन से जनता को बेदखल कर खनिज संपदा को कॉरपोरेट हाथों में सौंपने की साजिश का हिस्सा है।

नक्सलियों ने यह भी स्वीकार किया कि जनवरी और मार्च में दो बार बसव राजू को निशाना बनाकर अभियान चलाया गया था, लेकिन वे विफल रहे थे। अंततः गद्दारों की वजह से मई में चलाए गए अभियान में सुरक्षा बलों को अभूतपूर्व सफलता मिली।

देखें नक्सलियों की ओर से जारी प्रेस नोट

पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, TI, SI और ASI समेत 50 पुलिसकर्मी किये गए इधर से उधर, देखें लिस्ट…

दुर्ग- जिले में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है। दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल ने सोमवार को 50 पुलिस कर्मियों के तबादले का आदेश जारी किया है। इस आदेश में दो निरीक्षक (TI), तीन उपनिरीक्षक (SI), दो सहायक उपनिरीक्षक (ASI), पांच प्रधान आरक्षक और 40 आरक्षकों को इधर से उधर किया गया है।

ट्रांसफर आदेश के अनुसार, जिन पुलिसकर्मियों की लंबे समय से एक ही थाने या चौकी में पदस्थापना थी, उन्हें अब नई जिम्मेदारी दी गई है। वहीं विभागीय अनुशासन के तहत 30 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर रक्षित केंद्र भेजा गया है। इसके साथ ही रक्षित केंद्र में पदस्थ 15 जवानों पर फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें थानों और चौकियों में नई जिम्मेदारी दी गई है।

देखें लिस्ट –

मंत्री ओपी चौधरी पहुंचे खेत, देसी अंदाज में जमीन पर बैठकर किया भोजन, फेसबुक लाइव में साझा किए खेती से जुड़े अहम टिप्स

रायगढ़- छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी रविवार को अपने खेत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने देसी अंदाज में जमीन पर बैठकर भोजन किया और फेसबुक लाइव के जरिए लोगों से संवाद किया। खेत के दौरे के दौरान मंत्री चौधरी ने खेती से जुड़े अहम टिप्स भी साझा किए।

फेसबुक लाइव में उन्होंने कहा कि काफी समय से शासन-प्रशासन के कार्यों में व्यस्त रहने के कारण ‘मोर खेती’ के एपिसोड नहीं आ पा रहे थे, लेकिन आज मौसम ने साथ दिया और गांव के अंदाज में खेत पहुंचा हूं।

मंत्री चौधरी ने खेत में लगे बांस, लीची, नारियल और कटहल के पौधों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने लीची और नारियल के पौधों के बीच ‘सन’ (संडीला) की फसल लगाई है ताकि तेज गर्मी और लू से बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि 15 मई से 15 जून के बीच प्रदेश में अक्सर भीषण गर्मी पड़ती है, जिसे ध्यान में रखते हुए खेत में प्राकृतिक सुरक्षा व्यवस्था तैयार की गई है।

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह है कि लीची और नारियल की फसल तेज गर्मी से प्रभावित न हो। इसके लिए सन के पौधे लगाकर एक प्राकृतिक कवच तैयार किया गया है।

इस दौरान उन्होंने बांस की खेती को लेकर भी जानकारी दी और बताया कि इससे अतिरिक्त आय भी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही कटहल और केले के पौधों की देखरेख की रणनीति भी साझा की। फेसबुक लाइव के अंत में मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, मैं समय-समय पर ‘मोर खेती’ के माध्यम से खेती संबंधी जानकारी आप सभी से साझा करता रहूंगा।

बुलडोजर कार्रवाई पर भड़कीं महापौर: मेयर ने निगम के अधिकारियों को लगाई फटकार, पूछा- शहर में किसके परमिशन से हो रही है कार्रवाई…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नगर निगम में महापौर और अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय की कमी देखी गई. निगम द्वारा किए गए बुलडोजर कार्रवाई की जानकारी महापौर को दिए बिना ही कर दी गई. बुल्डोजर कार्रवाई से प्रभावित व्यापारियों ने जब मेयर से शिकायत की, तो मेयर ने अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. इसके साथ ही उन्होंने निगम में अफसरशाही चलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है.

दरअसल, जवाली नाला रोड पर सोमवार को नगर निगम ने बुलडोजर कार्रवाई करते हुए कई व्यापारियों के दुकानों को हटा दिए. इससे समुदाय में भारी आक्रोश भड़काया. प्रभावित व्यापारियों ने मेयर पूजा विधानी के कार्यालय का रुख कर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

शिकायत मिलने पर मेयर विधानी ने बिलासपुर नगर निगम की भवन शाखा के मुख्य अधिकारी को तलब किया और कार्रवाई के पीछे की कारण-विवरण पूछे. जब अधिकारी संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे, तो मेयर ने निगम में बढ़ती अफसरशाही पर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि सिंधी समाज के व्यापारियों को बिना कोई पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था बताए निशाना बनाया गया.

मेयर ने स्पष्ट रूप से कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले जनप्रतिनिधियों को सूचित करना अनिवार्य होगा तथा मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए.

इसके बाद पूजा विधानी खुद प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंची. निरीक्षण के दौरान उन्होंने निगम अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मनमानी और बिना समन्वय के कोई भी कदम दोहराया नहीं जाएगा.

छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी का विस्तार, प्रदेश अध्यक्ष ने किया पदाधिकारियों का मनोनयन

रायपुर- छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने आज छत्तीसगढ़ व्यापार एवं उद्योग की प्रगति के लिए अपनी कार्यकारणी का विस्तार किया है. छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को चैंबर में संरक्षक, चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, कार्यकारी अध्यक्ष, प्रमुख सलाहकार के पद पर मनोनीत किया गया है.

संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी, पूरनलाल अग्रवाल, खूबचंद पारख, सरदार बलदेव सिंग भाटिया, शिवराज भंसाली, यूएन अग्रवाल, मगन भाई पटेल, चतुर्भुज अग्रवाल को बनाए गए हैं. चेयरमेन गोपाल कृष्ण अग्रवाल, वाइस चेयरमेन चेतन तारवानी को बनाए गए हैं. कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी राधाकिशन सुंदरानी, राजेश वासवानी, ललित जैसिंग, विनय बजाज, विक्रम सिंहदेव, कमल सोनी, जसप्रीत सलूजा को दी गई है.

प्रमुख सलाहकार त्रिलोकचंद बरड़ीया, सरल मोदी, लाभचंद बाफना, छगन मुंदड़ा, संजय रुंगटा, अरविंद जैन, राजेन्द्र शर्मा, लखमशी पटेल, किशोर आहुजा, सुशील अग्रवाल, मोहनलाल तेजवानी, अशोक मलानी, अमर गिदवानी, जयंती भाई पटेल, चंदर विधानी, विजय मुकीम, गुरजीत सिंह संधु, विनोद तलरेजा, दीपक रहेजा को बनाए गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष सतीश थौरानी ने कहा, शीघ्र ही अन्य पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी.