*हर मंगलवार को होगा सीएचओ से संवाद, ई-आरोग्य पाठशाला से किया जाएगा क्षमता संवर्धन*
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गोरखपुर। जिले के करीब साढ़े चार सौ से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) से हर मंगलवार को स्वास्थ्य सेवा से जुड़े अहम विषयों पर संवाद होगा। इसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने मंगलवार से ई-आरोग्य पाठशाला की शुरूआत की । इसके जरिये आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर तैनात सभी सीएचओ का क्षमता संवर्धन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की इस विशेष पहल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और सहयोगी संस्था इको इंडिया मददगार बने हैं। प्रत्येक संवाद सत्र में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सक हिस्सा भी लेंगे। ई-आरोग्य पाठशाला की शुरूआत करते हुए सीएमओ ने कहा कि हर महीने बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी को सम्मानित भी किया जाएगा।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि अगले मंगलवार को प्रसव पूर्व जांच विषय पर सीएचओ से संवाद होगा। इस दौरान विषय विशेषज्ञ चालीस मिनट की प्रस्तुति देंगे। उसके बाद बीस मिनट में या तो प्रश्नोत्तर सत्र होगा अथवा सीएचओ द्वारा प्रस्तुत किये गये किसी केस विशेष पर बातचीत होगी। केस प्रस्तुति के दौरान सीएचओ को मरीज का नाम और पहचान गोपनीय रखना है। प्रत्येक संवाद सत्र के पहले और बाद में टेस्ट भी किया जाएगा। टेस्ट में जिन सीएचओ का प्रदर्शन अच्छा मिलेगा उन्हें स्वास्थ्य विभाग और इको इंडिया की तरफ से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। प्रत्येक मंगलवार के लिए विषय निर्धारण में सीएचओ भी सुझाव दे सकते हैं।
इस मौके पर एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ आनंद मोहन दीक्षित ने कहा कि प्रत्येक मंगलवार के संवाद में एम्स गोरखपुर से कोई न कोई विशेषज्ञ अवश्य जुड़ेगा । इस पहल में संस्थान की तरफ से हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। इको इंडिया की प्रतिनिधि डॉ सत्या ने सभी सीएचओ को आश्वस्त किया कि अगर सत्र में कोई भी तकनीकी दिक्कत होती है तो तुरंत सूचित करें, ताकि आवश्यक सहयोग किया जा सके। संस्था के वरिष्ठ अधिकारी अरुण ने भी उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। उद्घाटन के दौरान डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, मंडलीय कम्युनिटी प्रॉसेस मैनेजर राजीव रंजन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश और डीडीएम पवन गुप्ता भी कार्यक्रम से जुड़े।
समय, श्रम और संसाधनों की होगी बचत
सीएमओ डॉ झा ने बताया कि सीएचओ के साथ किसी भी विषय पर भौतिक संवाद में उन्हें दूरस्थ क्षेत्रों से आना पड़ेगा। उनका क्षेत्र खाली रहेगा। समय, श्रम और संसाधान बर्बाद होंगे। ऐसे में वर्चुअल माध्यम से उनका प्रत्येक सप्ताह क्षमता संवर्धन काफी उपयोगी साबित होगा और ऐसे कार्यक्रमों के जरिये हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दे पाने में सफल होंगे। इको इंडिया की प्रतिनिधि दीक्षा भी इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण सहयोग दे रही हैं। आगे चल कर हम जिले के चिकित्सकों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ेंगे और आवश्यकतानुसार स्कूलों के स्मार्ट क्लास को भी जोड़ा जाएगा।
May 20 2025, 19:54