बड़ी खबर : पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी ने पीके से मिलाया हाथ, अपनी पार्टी का जन सुराज मे किया विलय
डेस्क : बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टिया और दलों के नेता बड़े फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी मे एक बड़ा सियासी उलट-फेर हुआ है।
जेडीयू से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी का विलय जनसुराज में कर दिया है। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने उनके इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि आरसीपी सिंह के साथ आने से जनसुराज को ताकत मिलेगी। इस दौरान दोनों नेताओं ने जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला।
जनसुराज पार्टी के सुप्रीम प्रशांत किशोर ने कहा कि हम आरसीपी सिंह को हृदय से धन्यवाद देते हैं। उनके आने से पार्टी को बहुत बड़ा फायदा होगा। उसे सोच को भी फायदा होगा, जो लोग चाहते हैं कि बिहार में अलग राजनीतिक व्यवस्था बने। बिहार फिर से जंगल राज की तरफ नहीं लौटे। नीतीश कुमार की जो हालात है बीजेपी पीछे के दरवाजे से सत्ता पर कब्जा नहीं करें, इसको लेकर हम दोनों एक मंच पर आए हैं।
प्रशांत किशोर ने जदयू के लोगों से अपील की है कि जेडीयू डूबता हुआ नाव है और वे जल्दी से जेडीयू को छोड़कर जनसुराज के साथ आ जाएं क्योंकि नीतीश कुमार की स्थिति पहले जैसे नहीं है। क्राइम, करप्शन कम्युनलिस्म से मुक्त कोई भी अगर राजनीतिक व्यवस्था है तो वह जन सुराज है। उन्होंने कहा कि जेडीयू को पांच ठेकेदार चला रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू के जो पांच नेता हैं, जिन्होंने पार्टी को हाईजैक किया है उनसे जाकर पूछिए कि उनकी जनता में क्या पैठ है। अगर हम लोग नहीं होते यह लोग अभी कहां होते। उन्होंने कहा कि हमें धमकी दिया जाता है कि लीगल नोटिस भेजेंगे, हम लीगल नोटिस डरने वाले नहीं हैं। प्रशांत किशोर का बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अशोक चौधरी और पूर्व कांग्रेस के अध्यक्ष सदानंद सिंह हमारे कमरे में आकर बैठते थे और कहते थे कि लालू प्रसाद से बात कीजिए, हम लोग जब जाते हैं तो लालू प्रसाद हम लोगों को बहुत बेइज्जत करते हैं।
उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह का काम करने का जो अनुभव है, बिहार में ऐसे बहुत कम लोग हैं। आरसीपी सिंह आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। मैं जानता हूं कि अगर सबसे समझदार कार्यकर्ता किसी दल में हैं तो वह जनता दल यूनाइटेड में हैं। जन सुराज में समाजवाद को जिंदा रखा जाएगा। नीतीश कुमार ना अपना दल चला रहे हैं ना सरकार चला रहे। सरकार ऐसे लोग चला रहे हैं जो ठेकेदार है ना उनका राजनीतिक अनुभव है।
May 18 2025, 16:07