दुनिया के सामने आएगा पाकिस्तान का ‘नापाक’ चेहरा, भारत सरकार की बड़ी तैयारी, थरूर को मिला अहम जिम्मा
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पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को बेनकाब करने की बड़ी तैयारी की है। भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने 'जीरो टॉलरेंस' के संदेश को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार पहलगाम की घटना पर दुनिया को जानकारी देने के लिए सांसदों के आठ समूह भेज रही है। हर समूह में अलग-अलग पार्टियों के कम से कम पांच सांसद होंगे। उनके साथ एक सीनियर राजनयिक भी होगा। ये समूह अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ (EU), रूस, जापान, दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी देशों जैसे अहम शहरों में जाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्रालय की शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के विरुद्ध एकमत और दृढ़ रणनीति को दुनिया के सामने रखेगा। वे आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत के सख्त रुख का संदेश लेकर जाएंगे। सरकार ने इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले नेताओं का चयन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से किया है, जो कई वैचारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। इन ग्रुपों में सभी पार्टियों के सांसदों को शामिल किया जा रहा है,सीनियर राजनयिक इन सांसदों की मदद करेंगे। इस लिस्ट में पूर्व विदेश सचिव एच.वी. श्रृंगला, फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत जावेद अशरफ और मोहन कुमार, और जापान में पूर्व राजदूत सुजान चिनॉय जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेता इस प्रकार हैं:
• रवि शंकर प्रसाद (भाजपा सांसद)
• बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद)
• शशि थरूर (कांग्रेस सांसद)
• संजय झा (जदयू सांसद)
• कनीमोझी (डीएमके सांसद)
• सुप्रिया सुले (एनसीपी - शरद पवार गुट सांसद)
• श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद)
थरूर अमेरिका में सांसदों की संभालेंगे कमान
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अमेरिका जाएंगे। जेडीयू के सांसद संजय झा और श्रृंगला भी एक समूह का नेतृत्व करेंगे। सुप्रिया सुले (एनसीएसपी), और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) भी एक-एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। सुले के समूह में राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी), अनुराग ठाकुर (बीजेपी), मनीष तिवारी (कांग्रेस), बृज लाल (बीजेपी) और तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) शामिल हैं। असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम) भी एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। डीएमके नेता कनिमोझी रूस जाने वाले समूह का नेतृत्व करेंगी। आरजेडी सांसद प्रेम चंद गुप्ता उनकी टीम में हैं।
क्या है मकसद?
हर प्रतिनिधिमंडल में करीब आधा दर्जन सांसद शामिल होंगे और सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स इनमें नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे। इन सांसदों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह साफ करना होगा कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया और उसके जवाब में किस तरह भारत ने संयम और संकल्प के साथ जवाब दिया है। इन 8 प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य होगा—विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों, मीडिया संस्थानों और नीति-निर्माताओं को यह बताना कि भारत क्यों और कैसे इस जवाबी कार्रवाई के लिए विवश हुआ। साथ ही यह बताना भी होगा कि भारत किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ।
May 17 2025, 12:05