/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:shah
30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

#amit _

केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

#sanjayrautwritestoamitshahaboutjagdeepdhankhar_missing

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

#amit_shah_raise_question_on_sonia_gandhi_tears_batla_house_encounter

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

सीएम हेमन्त सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा पत्र, जानें क्या है वजह

#hemantsorenwrotealettertoamit_shah

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने झारखंड में प्रतिनियुक्त अर्द्धसैनिक बलों के एवज में झारखंड सरकार के यहां बकाया 13299 करोड़ रुपये की राशि को माफ करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तत्परता से काम कर रही है और अब तक राज्य में 400 लोग शहीद हो चुके हैं।

विकास योजनाएं प्रभावित होने का दिया हवाला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि उग्रवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी है। कोविड -19 महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान करने, आपदाओं से निपटने तथा अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है। अपने सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय भार अधिक बढ़ गया है, ऐसे में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के विरुद्ध लंबित राशि के भुगतान करने पर राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे फलस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।

नक्लल विरोधी अभियान में 400 से अधिक जवान शहीद

सीएम ने पत्र में यह भी कहा कि झारखंड राज्य गठन के समय से ही अति उग्रवाद से प्रभावित रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों एवं केंद्र द्वारा प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान संचालित किया गया है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। अब तक इस अभियान में 400 से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सीएम हेमंत ने जताया सहयोग का भरोसा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुरोध किया है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में संबंधित प्रतिधारण शुल्क को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत पूर्ण रूप से माफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री का सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग राज्य की जनता को अवश्य प्राप्त होगा तथा राज्य अपने आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा।

शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज विवादित ढांचा घोषित करने की मांग वाली याचिका

#allahabad_high_court_order_on_declaring_shahi_idgah_as_a_disputed_structure

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका दिया है। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह से जुड़ी संपत्ति को विवादित घोषित करने से इनकार कर दिया।

पिछली सुनवाई पर बहस पूरी होने पर हाईकोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था। साथ ही निर्णय के लिए चार जुलाई की तारीख नियत की थी। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत ने वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी।

हिंदू पक्ष के सूट नंबर 13 में वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने यह अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने मासरे आलम गिरी से लेकर मथुरा के कलेक्टर रहे एफ एस ग्राउस तक के समय की लिखी पुस्तकों का अदालत में हवाला दिया था। सूट नंबर 13 के वादी द्वारा आवेदन A-44 प्रस्तुत किया गया था, जिसमें संबंधित स्टेनोग्राफर को इस मूल मुकदमे की संपूर्ण आगे की कार्रवाई में शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान पर “विवादित ढांचा” शब्द का उपयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष द्वारा इस आवेदन पर लिखित आपत्ति दायर की गई थी।

साथ ही दावा किया था कि मथुरा की शाही मस्जिद भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भगृह को तोड़कर ही बनाई गई है। हालांकि हिंदू पक्ष की इस मांग पर मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताया था। साथ ही कोर्ट में लिखित आपत्ति भी दाखिल की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की कोर्ट ने शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

#pakintellectualstargetshahbazgovtfornominatingtrumpfor_nobel

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

*Murshidabad Kings Ride on Rishabh and Toufik Brilliance to Clinch Victory in Bengal Pro T20 League*

Sports

Sports Desk : A commanding run chase led by Rishabh Chaudhary and Toufik Uddin Mondal powered Murshidabad Kings to a confident five-wicket win over Shrachi Rarh Tigers in Season 2 of the Bengal Pro T20 League at the iconic Eden Gardens on Sunday.

Chasing 151 for victory, Murshidabad Kings made light work of the target, reaching 151/5 in just 18.4 overs. Veteran Rishabh Chaudhary top-scored with a brisk 50 off 35 balls, setting the tone for the innings. He was ably supported by Toufik Uddin Mondal, whose calm and composed unbeaten 42 off 37 balls anchored the chase.

Earlier, Shrachi Rarh Tigers posted a competitive 150/6 after being put in to bat. Opener Kazi Junaid Saifi was the standout performer with a fluent 78 off 54 deliveries. However, regular breakthroughs by the Kings' bowling unit—led by Saksham Chaudhary, Vikas Singh, and Sukhmeet Singh, who claimed two wickets apiece—kept the Tigers in check.

Despite efforts from the Tigers’ bowling attack, with wickets shared among Ravi Kumar, Pritam Chakrabarty, Shahbaz Ahmed, and Ashutosh Kumar, the Kings held their nerve in a well-paced chase.

With this win, Murshidabad Kings continue to assert themselves as strong contenders in the

BengalProT20League Season 2.

Pic Courtesy by: CAB

*Bengal Pro T20 League men’s draft featured 802 cricketers*

Sports 

 

 

 Khabar kolkata sports Desk : A total of 802 cricketers were drafted in the mega men’s draft of the Bengal Pro T20 League Season 2 at a glitzy ceremony at a city hotel on Monday.

The players were picked by the eight franchisees namely Sobisco Smashers Malda, Adamas Howrah Warriors, ServoTech Siliguri Strikers, Harbour Diamonds, Shrachi Rarh Tigers, Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers, Murshidabad Kings and Rashmi Medinipur Wizards.  

CAB Office bearers led by President Snehasish Ganguly, Vice President Amalendu Biswas, Secretary Naresh Ojha, Treasurer Prabir Chakrabarty, Joint Secretary Debabrata Das along with India cricket legend Sourav Ganguly, women’s cricket icon Jhulan Goswami were present for the draft. Chairpersons of various CAB committees, former international players, former office bearers and Apex Council Members were also present.

Also present were Bengal Pro T20 League committee members - Deep Chatterjee, Subhradeep Ganguly, Lopamudra Banerjee, Keya Ray, Surajit Lahiri, Ambarish Mitra, Soumendu Chatterjee, Joydeep Mukherjee, along with other CAB members.  

Speaking about the draft, CAB President Mr Ganguly said: “I welcome to all the current office bearers, former office bearers, international players and all the franchises for the men’s draft of the second season of the Bengal Pro T20 League. 

“I hope you will all witness an exciting draft process in the next few hours. I am sure we will have an even more successful Bengal Pro T20 League season this time,” Mr Ganguly added. 

MEN’S TEAMS:

1. Shrachi Rarh Tigers: Shahbaz Ahmed, Pradipta Pramanik, Sumanta Gupta, Ashutosh Kumar, Ravi Kumar, Sayan Shekhar Mondal, Kazi Junaid Saifi, Pritam Chakraborty, Gaurav Singh Chauhan, Abhishek Das, Siddharth Patidar, Abhijeet Bhagat, Md Shami, Saikat Das, Ayan Bhattacharyaa, Avirup Gupta, Mayank Jha

2. ServoTech Siliguri Strikers: Akash Deep, Suraj Singhu Jaiswal, Vikas Singh, Tarun Godara, Ankur Paul, Subham Chatterjee, Nuruddin Mondal, Irshad Alam, Ankush Tyagi, Sourav Paul, Mithilesh Das, Raju Halder, Pawan, Lokesh, Aditya Singh, Shivamm Bharati, Sachin Yadav, 

3. Rashmi Medinipur Wizards: Sudip Chatterjee, Vivek Singh, Priyanshu Srivastava, Vaibhav Yadav, Ritwik Roy Chowdhury, Ranjot Singh Khaira, Rajkumar Pal, Soumyadip Mandal, Sandipan Das Jr, Sourav Halder, Rahul Kundu, Akash Ghatak, Rahul Gupta, Pankaj Shaw, Aishik Patel, Ayush Ghosh, Jagmohan Prasad Gupta 

4. Adamas Howrah Warriors: Aamir Gani, Kanishk Seth, Shakir Habib Gandhi, Pramod Chandila, Sujit Kumar Yadav, Saksham Sharma, Yuvraj Deepak Keswani, Shreyan Chakrabarty, Shashank Singh, Deepak Kumar, Debangshu Pakhira, Jayveer Singh, Rohit, Sachin Chaudhary, Arindam Ghosh, Agniswar Das, Agastya Shukla

5. Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers: Abishek Porel, Karan Lal, Sayan Ghosh, Akash Pandey, Sandeep Kumar Tomar, Ayush Kumar Singh, Anurag Tiwari, Md Kaif, Sandipan Das, Debopratim Halder, Ronit Ghosh, Vipin Chandra, Harsh Vardhan Jajodia, Arjun Kumar, Sanjib Goswami, Bhoirob De Sarkar, Dron Chatterjee

6. Harbour Diamonds: Prayas Ray Barman, Manoj Tiwary, Badal Singh Balyan, Subham Sarkar, Chandrahas Dash, Vishal Bhati, Kaushik Maity, Geet Puri, Pradeep Kumar, Priyank Patel, Abhishek Raman, Rahul Prasad, Abhimanyu Easwaran, Balkesh Yadav, Prakash Kr Roy, Kaushik Giri, Ankit Chatterjee, Vijay Srivastava

7. Murshidabad Kings: Sudip Kumar Gharami, Agniv Pan, Sukhmeet Singh, Vikas Singh, Toufik Uddin Mondal, Saksham Chaudhury, Rishabh Chaudhary, Dilshad Khan, Saurabh Kumar Singh, Aniket Singh, Tanmoy Pramanick, Sayed Irfan Aftab, Priyam Sarkar, Koushik Ghosh, Nikhil Singh, Ankit Chatterjee, Sayan Paul 

8. Sobisco Smashers Malda: Mukesh Kumar, Writtick Chatterjee, Kaif Ahmed, Ramesh Prasad, Akhil, Shuvam Dey Sr, Gitimoy Basu, Brijesh Sharma, Arjun Bharadwaj, Avilin Ghosh, Sumit Mohanta, Viraj Krishna, Harsimar Singh Patheja, V Venkat Raj, Sk Janishar Akhatar Nishar, Arjun Singh, Aditya Roy.

Pic Courtesy by: CAB

कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने SIT बनाने को कहा

#supreme_court_orders_sit_probe_into_mp_minister_vijay_shah

कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।कर्नल कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि यह मामला गंभीर है और इसे किसी भी तरह से राजनीतिक रंग नहीं लेने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले में मंत्री की माफी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने आगे कहा, "आप एक सार्वजनिक चेहरा हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। हमें आपके वीडियो यहां चलाने चाहिए। यह सेना के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें इस मामले में बेहद जिम्मेदार होना होगा।"

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एसवीएन भट की पीठ इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सख्त लहजे में कहा कि हम इस केस को बहुत करीब से देख रहे हैं और यह सरकार के लिए एक अग्नि परीक्षा है। अदालत ने कहा कि मंत्री को उनके बयान के नतीजे भुगतने होंगे और कानून को अपना रास्ता तय करने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों, लेकिन जो एमपी से संबंधित नहीं हों। इन 3 में से 1 महिला आईपीएस अधिकारी होनी चाहिए। डीजीपी, एमपी को कल रात 10 बजे से पहले एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है। इसका नेतृत्व एक आईजीपी द्वारा किया जाना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे।

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील देते हुए कहा कि विजय शाह माफी मांग रहे हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है? यह जिस प्रकृति का मामला है, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, आपका क्या घड़ियाली आंसू बहाना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने बिना सोचे जो किया और अब माफी मांग रहे हैं। हमें आपकी माफी नहीं चाहिए। अब कानून के मुताबिक निपटेंगे। आपने अगर दोबारा माफी मांगी तो हम अदालत की अवमानना मानेंगे। आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं और क्या बोलते हैं? ये सब वीडियो में है और आप कहां जाकर रुकेंगे। संवेदनशील होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है। हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आप टाइमिंग देखिए, क्या आप बोले?

इससे पहले बीते गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन शाह को यहां भी फटकार ही पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप संवैधानिक पद हैं, आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर कें कंटेंट को लेकर भी फटकारा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की भाषा ऐसी लिखी गई है जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एफआईआर में सुधार करने और पुलिलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा किए जाने के भी आदेश दिए।

30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

#amit _

केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

#sanjayrautwritestoamitshahaboutjagdeepdhankhar_missing

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किया बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र, प्रियंका ने यूं दिया जवाब

#amit_shah_raise_question_on_sonia_gandhi_tears_batla_house_encounter

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम के आतंकियों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया। अमित शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा। शाह ने सलमान खुर्शीद के एक वीडियो का हवाला देते हुए सोनिया गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकियों के लिए आंसू बहाए थे।

अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के एक इंटरव्यू का जक्र करते हुए कहा कि अगर स्पीकर कहेंगे तो वह इसे सदन में लगे टीवी पर दिखाने के लिए भी तैयार हैं।

रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते-शाह

अमित शाह ने कहा कि, मैं सलमान खुर्शीद जी को भी याद करना चाहता हूं एक बार मैं बड़े सवेरे मैं नाश्ता कर रहा था, टीवी पर उनको रोते देखा। मुझे लगा क्या हुआ बड़ी घटना हो गई, तो वो रोते-रोते सोनिया गांधी के घर से बाहर आए, कि बाटला हाउस घटना देखकर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रो पड़ीं। अरे रोना था तो शहीद मोहन चंद शर्मा के लिए रोते, बाटला हाउस के आतंकवादियों के रोना आता है। ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया, कोई अधिकार नहीं है पूछने का।

उनका जवाब मांगना नहीं बनता-शाह

अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सांसद सोमवार को कह रहे थे कि बैसरन के गुनहगार पाकिस्तान भाग गए। ये लोग बार-बार कहते थे कि भाग गए, भाग गए, भाग गए। गृह मंत्री क्या कर रहे थे, जिम्मेदारी लें। अमित शाह ने कहा कि हमारी तो सेना ने ठोंक दिया। सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब मेरा तो न जवाब देना बनता है और न ही उनका मांगना बनता है।

प्रियका गांधी का पलटवार

अमित शाह के इस बयान पर प्रियंका गांधी ने जोरदार पलटवर किया। प्रियंका गांधी ने कहा, मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी। मेरी मां ने उस दुख को जिया है। उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए। गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई।

पाकिस्तान से आपकी बात होती है? अमित शाह ने किससे पूछा ये सवाल, चिदंबरम पर भी भड़के

#amit_shah_angry_on_congress_and_chidambaram_statement 

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की जो नृशंस हत्या की गई, धर्म पूछकर उन्हें उनके परिवार के सामने मारा गया, बड़ी बर्बरता के साथ यह हत्याएं की गई, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जो मारे गए हैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

22 मई को ही शुरू हो गया था ऑपरेशन महादेव 

भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए। इन तीनों आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। अमित शाह ने पहलगाम आतंकवादी हमले के तुरंत बाद 22 मई को ही ऑपरेशन महादेव शुरू हो गया था। 23 अप्रैल को अहम मीटिंग में यह फैसला हुआ कि किसी भी कीमत पर आतंकवादियों को देश से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। इन आतंकवादियों का पता लगाने किए खुफिया अधिकारी पहाड़ियों पर घूमते रहे। फिर सेंसर के जरिए इनके बारे में जानकारी मिली और 28 जुलाई को इनका खात्मा किया गया।

आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए-शाह

अमित शाह जब ये जानकारी दे रहे थे इसी बीच अखिलेश यादव ने कुछ कहा तो गृह मंत्री ने पलटवार कर दिया। उन्होंने सपा मुखिया से दो टूक कहा कि अखिलेश जी बैठ जाइए मेरा पूरा जवाब सुनिए आपको सब समझ में आ जाएगा, भाई आप आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए। शाह ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि आतंकवादियों की मौत की सूचना पाकर पक्ष-विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी। लेकिन, इनके चेहरे पर स्याही छा जाएगी, ऐसा मैंने नहीं सोचा था।

चिदंबरम का बयान पाक प्रेम का बखान-शाह

गृह मंत्री ने अमित शाह ने पूर्व गृह मंत्री पर चिदंबरम पर हमला बोला। लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को बचाने की कोशिश कर कांग्रेस को क्या हासिल होगा। शाह ने कहा कि चिदंबरम का बयान पूरी दुनिया के सामने अपने पाक प्रेम का बखान कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह सवाल कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, देश के पूर्व गृह मंत्री की तरफ से एक तरह से पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। 

आतंकी पाकिस्तान के ही थे-शाह

इसके साथ ही शाह ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हम संसद के पटल पर उसे रखने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो के वोटर नंबर तक हमारे पास हैं। उनकी जेब में पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट भी मिले हैं। साथ ही शाह ने बताया कि हमला कब और कैसे हुआ।

सीएम हेमन्त सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा पत्र, जानें क्या है वजह

#hemantsorenwrotealettertoamit_shah

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। चिट्ठी में उन्होंने झारखंड में प्रतिनियुक्त अर्द्धसैनिक बलों के एवज में झारखंड सरकार के यहां बकाया 13299 करोड़ रुपये की राशि को माफ करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तत्परता से काम कर रही है और अब तक राज्य में 400 लोग शहीद हो चुके हैं।

विकास योजनाएं प्रभावित होने का दिया हवाला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में लिखा है कि उग्रवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी है। कोविड -19 महामारी के बाद राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान करने, आपदाओं से निपटने तथा अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है। अपने सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय भार अधिक बढ़ गया है, ऐसे में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के विरुद्ध लंबित राशि के भुगतान करने पर राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे फलस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी।

नक्लल विरोधी अभियान में 400 से अधिक जवान शहीद

सीएम ने पत्र में यह भी कहा कि झारखंड राज्य गठन के समय से ही अति उग्रवाद से प्रभावित रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों एवं केंद्र द्वारा प्रतिनियुक्त सीआरपीएफ के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान संचालित किया गया है। इसके सकारात्मक परिणामस्वरूप राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। अब तक इस अभियान में 400 से अधिक पुलिस पदाधिकारी और कर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं जो राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सीएम हेमंत ने जताया सहयोग का भरोसा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुरोध किया है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में संबंधित प्रतिधारण शुल्क को सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत पूर्ण रूप से माफ करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री का सकारात्मक दृष्टिकोण और सहयोग राज्य की जनता को अवश्य प्राप्त होगा तथा राज्य अपने आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा।

शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष को झटका, हाईकोर्ट ने खारिज विवादित ढांचा घोषित करने की मांग वाली याचिका

#allahabad_high_court_order_on_declaring_shahi_idgah_as_a_disputed_structure

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका दिया है। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह से जुड़ी संपत्ति को विवादित घोषित करने से इनकार कर दिया।

पिछली सुनवाई पर बहस पूरी होने पर हाईकोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था। साथ ही निर्णय के लिए चार जुलाई की तारीख नियत की थी। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अदालत ने वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी।

हिंदू पक्ष के सूट नंबर 13 में वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने यह अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने मासरे आलम गिरी से लेकर मथुरा के कलेक्टर रहे एफ एस ग्राउस तक के समय की लिखी पुस्तकों का अदालत में हवाला दिया था। सूट नंबर 13 के वादी द्वारा आवेदन A-44 प्रस्तुत किया गया था, जिसमें संबंधित स्टेनोग्राफर को इस मूल मुकदमे की संपूर्ण आगे की कार्रवाई में शाही ईदगाह मस्जिद के स्थान पर “विवादित ढांचा” शब्द का उपयोग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष द्वारा इस आवेदन पर लिखित आपत्ति दायर की गई थी।

साथ ही दावा किया था कि मथुरा की शाही मस्जिद भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मूल गर्भगृह को तोड़कर ही बनाई गई है। हालांकि हिंदू पक्ष की इस मांग पर मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताया था। साथ ही कोर्ट में लिखित आपत्ति भी दाखिल की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की कोर्ट ने शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

ट्रंप को नोबेल नामांकन पर पाकिस्तान में ही घिरी शहबाज सरकार, जानें पूरा मामला

#pakintellectualstargetshahbazgovtfornominatingtrumpfor_nobel

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अपने ही लोगों के निशाने पर आ गई है। पाकिस्तान के कुछ नेताओं और प्रमुख हस्तियों ने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के हमले के बाद सरकार से 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रहे हैं।

पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को अचानक घोषणा की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव कम करने में डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा। इसके लिए उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने नॉर्वे में नोबेल कमेटी को सिफारिश पत्र भी भेज दिया। 

ट्रंप के लिए इस सिफारिश के कुछ घंटों बाद ही अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद पाकिस्तान में सरकार की कड़ी आलोचना शुरू हो गई। देश के कुछ प्रमुख राजनेताओं ने सरकार से नवीनतम घटनाक्रम के मद्देनजर अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। 

शहबाज सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के प्रमुख वरिष्ठ नेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले। फजल ने रविवार को मरी में पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप का शांति का दावा झूठा साबित हुआ है। नोबेल पुरस्कार के लिए प्रस्ताव वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक और दोनों के साथ में भोजन करने से ‘पाकिस्तानी शासकों को इतनी खुशी हुई’ कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश कर दी।

‘अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा’

फजल ने सवाल किया, ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजराइल के हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है?' उन्होंने कहा, जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?'

ट्रंप कोई शांति दूत नहीं- पूर्व सांसद

पूर्व सांसद मुशाहिद हुसैन ने ट्रंप की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि ट्रंप अब कोई 'शांति दूत' नहीं, बल्कि 'युद्ध का समर्थक' बन चुके हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से नोबेल की सिफारिश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि ट्रंप ने खुद को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और युद्ध लॉबी के चंगुल में फंसा लिया है।

*Murshidabad Kings Ride on Rishabh and Toufik Brilliance to Clinch Victory in Bengal Pro T20 League*

Sports

Sports Desk : A commanding run chase led by Rishabh Chaudhary and Toufik Uddin Mondal powered Murshidabad Kings to a confident five-wicket win over Shrachi Rarh Tigers in Season 2 of the Bengal Pro T20 League at the iconic Eden Gardens on Sunday.

Chasing 151 for victory, Murshidabad Kings made light work of the target, reaching 151/5 in just 18.4 overs. Veteran Rishabh Chaudhary top-scored with a brisk 50 off 35 balls, setting the tone for the innings. He was ably supported by Toufik Uddin Mondal, whose calm and composed unbeaten 42 off 37 balls anchored the chase.

Earlier, Shrachi Rarh Tigers posted a competitive 150/6 after being put in to bat. Opener Kazi Junaid Saifi was the standout performer with a fluent 78 off 54 deliveries. However, regular breakthroughs by the Kings' bowling unit—led by Saksham Chaudhary, Vikas Singh, and Sukhmeet Singh, who claimed two wickets apiece—kept the Tigers in check.

Despite efforts from the Tigers’ bowling attack, with wickets shared among Ravi Kumar, Pritam Chakrabarty, Shahbaz Ahmed, and Ashutosh Kumar, the Kings held their nerve in a well-paced chase.

With this win, Murshidabad Kings continue to assert themselves as strong contenders in the

BengalProT20League Season 2.

Pic Courtesy by: CAB

*Bengal Pro T20 League men’s draft featured 802 cricketers*

Sports 

 

 

 Khabar kolkata sports Desk : A total of 802 cricketers were drafted in the mega men’s draft of the Bengal Pro T20 League Season 2 at a glitzy ceremony at a city hotel on Monday.

The players were picked by the eight franchisees namely Sobisco Smashers Malda, Adamas Howrah Warriors, ServoTech Siliguri Strikers, Harbour Diamonds, Shrachi Rarh Tigers, Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers, Murshidabad Kings and Rashmi Medinipur Wizards.  

CAB Office bearers led by President Snehasish Ganguly, Vice President Amalendu Biswas, Secretary Naresh Ojha, Treasurer Prabir Chakrabarty, Joint Secretary Debabrata Das along with India cricket legend Sourav Ganguly, women’s cricket icon Jhulan Goswami were present for the draft. Chairpersons of various CAB committees, former international players, former office bearers and Apex Council Members were also present.

Also present were Bengal Pro T20 League committee members - Deep Chatterjee, Subhradeep Ganguly, Lopamudra Banerjee, Keya Ray, Surajit Lahiri, Ambarish Mitra, Soumendu Chatterjee, Joydeep Mukherjee, along with other CAB members.  

Speaking about the draft, CAB President Mr Ganguly said: “I welcome to all the current office bearers, former office bearers, international players and all the franchises for the men’s draft of the second season of the Bengal Pro T20 League. 

“I hope you will all witness an exciting draft process in the next few hours. I am sure we will have an even more successful Bengal Pro T20 League season this time,” Mr Ganguly added. 

MEN’S TEAMS:

1. Shrachi Rarh Tigers: Shahbaz Ahmed, Pradipta Pramanik, Sumanta Gupta, Ashutosh Kumar, Ravi Kumar, Sayan Shekhar Mondal, Kazi Junaid Saifi, Pritam Chakraborty, Gaurav Singh Chauhan, Abhishek Das, Siddharth Patidar, Abhijeet Bhagat, Md Shami, Saikat Das, Ayan Bhattacharyaa, Avirup Gupta, Mayank Jha

2. ServoTech Siliguri Strikers: Akash Deep, Suraj Singhu Jaiswal, Vikas Singh, Tarun Godara, Ankur Paul, Subham Chatterjee, Nuruddin Mondal, Irshad Alam, Ankush Tyagi, Sourav Paul, Mithilesh Das, Raju Halder, Pawan, Lokesh, Aditya Singh, Shivamm Bharati, Sachin Yadav, 

3. Rashmi Medinipur Wizards: Sudip Chatterjee, Vivek Singh, Priyanshu Srivastava, Vaibhav Yadav, Ritwik Roy Chowdhury, Ranjot Singh Khaira, Rajkumar Pal, Soumyadip Mandal, Sandipan Das Jr, Sourav Halder, Rahul Kundu, Akash Ghatak, Rahul Gupta, Pankaj Shaw, Aishik Patel, Ayush Ghosh, Jagmohan Prasad Gupta 

4. Adamas Howrah Warriors: Aamir Gani, Kanishk Seth, Shakir Habib Gandhi, Pramod Chandila, Sujit Kumar Yadav, Saksham Sharma, Yuvraj Deepak Keswani, Shreyan Chakrabarty, Shashank Singh, Deepak Kumar, Debangshu Pakhira, Jayveer Singh, Rohit, Sachin Chaudhary, Arindam Ghosh, Agniswar Das, Agastya Shukla

5. Lux-Shyam Kolkata Royal Tigers: Abishek Porel, Karan Lal, Sayan Ghosh, Akash Pandey, Sandeep Kumar Tomar, Ayush Kumar Singh, Anurag Tiwari, Md Kaif, Sandipan Das, Debopratim Halder, Ronit Ghosh, Vipin Chandra, Harsh Vardhan Jajodia, Arjun Kumar, Sanjib Goswami, Bhoirob De Sarkar, Dron Chatterjee

6. Harbour Diamonds: Prayas Ray Barman, Manoj Tiwary, Badal Singh Balyan, Subham Sarkar, Chandrahas Dash, Vishal Bhati, Kaushik Maity, Geet Puri, Pradeep Kumar, Priyank Patel, Abhishek Raman, Rahul Prasad, Abhimanyu Easwaran, Balkesh Yadav, Prakash Kr Roy, Kaushik Giri, Ankit Chatterjee, Vijay Srivastava

7. Murshidabad Kings: Sudip Kumar Gharami, Agniv Pan, Sukhmeet Singh, Vikas Singh, Toufik Uddin Mondal, Saksham Chaudhury, Rishabh Chaudhary, Dilshad Khan, Saurabh Kumar Singh, Aniket Singh, Tanmoy Pramanick, Sayed Irfan Aftab, Priyam Sarkar, Koushik Ghosh, Nikhil Singh, Ankit Chatterjee, Sayan Paul 

8. Sobisco Smashers Malda: Mukesh Kumar, Writtick Chatterjee, Kaif Ahmed, Ramesh Prasad, Akhil, Shuvam Dey Sr, Gitimoy Basu, Brijesh Sharma, Arjun Bharadwaj, Avilin Ghosh, Sumit Mohanta, Viraj Krishna, Harsimar Singh Patheja, V Venkat Raj, Sk Janishar Akhatar Nishar, Arjun Singh, Aditya Roy.

Pic Courtesy by: CAB

कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह की बढ़ी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने SIT बनाने को कहा

#supreme_court_orders_sit_probe_into_mp_minister_vijay_shah

कर्नल सोफिया पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है।कर्नल कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वाले विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि यह मामला गंभीर है और इसे किसी भी तरह से राजनीतिक रंग नहीं लेने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए बयान पर फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम इस मामले में मंत्री की माफी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। कोर्ट ने आगे कहा, "आप एक सार्वजनिक चेहरा हैं। एक अनुभवी नेता हैं। आपको बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। हमें आपके वीडियो यहां चलाने चाहिए। यह सेना के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें इस मामले में बेहद जिम्मेदार होना होगा।"

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एसवीएन भट की पीठ इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सख्त लहजे में कहा कि हम इस केस को बहुत करीब से देख रहे हैं और यह सरकार के लिए एक अग्नि परीक्षा है। अदालत ने कहा कि मंत्री को उनके बयान के नतीजे भुगतने होंगे और कानून को अपना रास्ता तय करने दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि एफआईआर की जांच एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें एमपी कैडर के सीधे भर्ती किए गए 3 वरिष्ठ आईपीसी अधिकारी शामिल हों, लेकिन जो एमपी से संबंधित नहीं हों। इन 3 में से 1 महिला आईपीएस अधिकारी होनी चाहिए। डीजीपी, एमपी को कल रात 10 बजे से पहले एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है। इसका नेतृत्व एक आईजीपी द्वारा किया जाना चाहिए और दोनों सदस्य भी एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे।

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील देते हुए कहा कि विजय शाह माफी मांग रहे हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपकी माफी कहां है? यह जिस प्रकृति का मामला है, आप किस तरह कि माफी मांगना चाहते हैं, आपका क्या घड़ियाली आंसू बहाना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने बिना सोचे जो किया और अब माफी मांग रहे हैं। हमें आपकी माफी नहीं चाहिए। अब कानून के मुताबिक निपटेंगे। आपने अगर दोबारा माफी मांगी तो हम अदालत की अवमानना मानेंगे। आप पब्लिक फिगर हैं, राजनेता हैं और क्या बोलते हैं? ये सब वीडियो में है और आप कहां जाकर रुकेंगे। संवेदनशील होना चाहिए और अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है। हमें अपनी आर्मी पर गर्व है और आप टाइमिंग देखिए, क्या आप बोले?

इससे पहले बीते गुरुवार को विजय शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण पहुंचे और एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की, लेकिन शाह को यहां भी फटकार ही पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आप संवैधानिक पद हैं, आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। एक मंत्री होकर आप कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर कें कंटेंट को लेकर भी फटकारा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एफआईआर की भाषा ऐसी लिखी गई है जो चुनौती देने पर निरस्त हो जाए। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एफआईआर में सुधार करने और पुलिलिस विवेचना की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट द्वारा किए जाने के भी आदेश दिए।