*सत्य एवं न्याय पथ ही मानव धर्म का सबसे उत्कृष्ट कर्म है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज राजेश तिवारी*
-विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज :– सत्य एवं न्याय पथ ही मानव धर्म का सबसे उत्कृष्ट कर्म है यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज राजेश तिवारी ने वरिष्ठ समाजसेवी पं० वीरेन्द्र कुमार दुबे से व्यूर चौराहा सैदाबाद प्रयागराज के यादव मिष्ठान एवं जलपान स्टॉल प्रोपराइटर अरविन्द यादव के शॉप के सामने कही।खबर का दृष्टिकोणिक कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी एवं वरिष्ठ समाजसेवी श्री दुबे के बीच बहुत ही घनिष्ठतम पारिवारिक सम्बन्ध हैं।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी जब भी इधर से गुजरते हैं तो वरिष्ठ समाजसेवी श्री दुबे से मिले बगैर कभी आगे नहीं बढ़ते और दोनों ही सम्भ्रान्त जन एक दूसरे के सुख-दुःख में अवश्य सहभागिता करते रहते हैं।
आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सत्य एवं न्याय पथ ही मानव धर्म का सबसे उत्कृष्ट कर्म है क्योंकि मानव तन में जन्म लेने का मूल अर्थ ही यही है कि सत्य एवं न्याय का आत्मसात होना अन्यथा इस संसार में बार बार चौरासी लाख योनियों में जन्म एवं मृत्यु के बन्धन में बंधे रहना।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे कहा कि आत्मा अमर है और यह केवल शरीर बदलती है।जैसा कर्म प्राणी के अनुसार किया जाता है उसी प्रकार की उसे अगली योनि प्राप्त होती है परन्तु मानव तन पाकर जो मनुष्य सत्य एवं न्याय से आत्मसात कर लेता है वह इस संसार के जन्म मृत्यु के भव बन्धन से मुक्त हो मोक्ष को प्राप्त होता है और सदा स्वर्ग में निवास करता है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे कहा कि बड़े भाग्य से मानव तन प्राप्त होता है और यह सत्य एवं न्याय से आत्मसात करके इस चौरासी लाख योनियों में जन्म एवं मृत्यु से छुटकारा पाने हेतु ईश्वर मनुष्य को मानव तन प्रदान करता है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि सत्य ही ईश्वर का मूलभूत स्वरूप है,न्याय ही ईश्वर के निवास स्थल का अमृतकूप है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी द्वारा मानव जीवन के वास्तविक कर्म को सत्य एवं न्याय में प्रवाहित कर आत्मा में सत्य एवं न्याय की ज्योति प्रज्ज्वलित करने को बतलाया गया है जो कथन बहुत सुन्दर एवं मानव कल्याणकारी है।वास्तव में सत्य एवं न्याय पथ मानव धर्म का सबसे उत्कृष्ट कर्म है और इस संसार से मोक्ष प्राप्ति का अटूट मार्ग है और यही जीवन मनुष्य का सर्वोत्तम जीवन है।
इस साहित्यिक एवं आध्यात्मिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज श्री तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,वरिष्ठ समाजसेवी पं० वीरेन्द्र कुमार दुबे,नवयुवक समाजसेवी क्षेत्रपाल यादव,यादव मिष्ठान एवं जलपान स्टॉल प्रोपराइटर अरविन्द यादव,शिक्षाविद जोखू लाल पटेल एवं सुरेन्द्र कुमार सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।
May 16 2025, 18:18