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अवैध कॉलोनी में 31 लाख की सड़क को मंजूरी, नगर पालिका की भूमिका पर सवाल, कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश

महासमुंद-  नगर पालिका महासमुंद एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल, मचेवा स्थित कलेक्टोरेट कॉलोनी के सामने एक अवैध कॉलोनी में नगर पालिका ने 31.62 लाख रुपये की लागत से 400 मीटर लंबी कंक्रीट सड़क निर्माण की मंजूरी दी है. यह निर्माण वार्ड क्रमांक 28 में हो रहा है, जहां भू-माफिया और जमीन दलालों द्वारा अवैध प्लॉटिंग कर जमीन बेचे गई थी.

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024 में तत्कालीन कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष राशि महिलांग के कार्यकाल में इस सड़क निर्माण का प्रस्ताव पारित हुआ था. इस प्रस्ताव में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि संबंधित क्षेत्र अवैध कॉलोनी का हिस्सा है. लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों द्वारा स्थल निरीक्षण और योजना तैयार करने की प्रक्रिया में इस तथ्य की अनदेखी की गई.

नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने इसी अवैध कॉलोनी में सड़क निर्माण का भूमिपूजन और निरीक्षण भी किया है. यह कार्य यामिनी साहू के निवास से कलेक्टर कॉलोनी तक किया जा रहा है.

अवैध काॅलोनी में सड़क निर्माण से अंजान 

नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू को वार्ड क्रमांक 28 में हो रहे सड़क निर्माण की जानकारी तो है, लेकिन यह निर्माण अवैध कॉलोनी में हो रहा है, इससे वे अंजान हैं. हैरानी की बात यह है कि वे खुद कुछ दिन पहले इसी अवैध कॉलोनी में सड़क निर्माण का भूमिपूजन कर चुके हैं. इसके ठीक दो दिन बाद नगर पालिका उपाध्यक्ष देवीचंद राठी ने भी निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और ठेकेदार को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए. ऐसे में सवाल उठता है कि जब नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को ही को वैध अवैध की की जानकारी नहीं है, तो फिर नगर पालिका में इससे पहले क्या-क्या हुआ और किन नियमों की अनदेखी हुई, इसका पता कैसे लगाया जाएगा?

ऐसे पहुंचाया जाता भू माफिया को फायदा 

जानकारी के अनुसार, अवैध प्लॉटिंग में जब सड़क और नाली जैसी सुविधाएं जुड़ जाती हैं तो जमीन की कीमत बढ़ जाती है. जैसे 1500 रुपये वर्गफुट की जमीन सीधे 2000 रुपये वर्गफुट तक बिकने लगती है. इससे भू-माफिया को बड़ा मुनाफा होता है और आम जनता को भविष्य में मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है. दरअसल, नियमों के अनुसार नगर पालिका किसी भी अवैध कॉलोनी में तब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा सकती, जब तक उस मकान या कॉलोनी का नियमितीकरण नहीं हो जाता. लेकिन इस मामले में नियमों की अनदेखी करते हुए महज 12 मकानों के लिए 31 लाख रुपये से अधिक की लागत से 400 मीटर लंबी सीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है. इससे स्पष्ट है कि नगर पालिका भू-माफिया को सीधा फायदा पहुंचाने के साथ-साथ अवैध कॉलोनी को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभा रही है.

कलेक्टर लिया संज्ञान 

अब इस पूरे मामले पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने संज्ञान लिया है. उन्होंने सीएमओ अशोक सलामे को निर्माण की जांच करने और नियमों के विपरीत पाए जाने पर तत्काल कार्य रोकने के निर्देश दिए हैं. सीएमओ ने कहा कि यह सड़क निर्माण पिछले परिषद के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत हुआ था. कॉलोनी की वैधता की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

रायपुर निगम का ऑनलाइन सिस्टम फेल, प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं होने से नामांतरण, भवन अनुज्ञा जैसे कामों के लिए भटक रहे हैं लोग…

रायपुर- रायपुर नगर निगम का संपत्तिकर जमा करने का भुगतान विंडो पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा है. टैक्स जमा नहीं हो पाने की वजह से लोगों के कई जरूरी काम अटक गए हैं. दरअसल, नक्शा पास कराने, बिजली का कनेक्शन लेने, गुमाश्ता लाइसेंस बनवाने समेत अन्य कई अन्य कार्यों में संपत्तिकर की चालू वर्ष की रसीद लगती है, जो टैक्स जमा नहीं होने से अटक गए हैं.

दरअसल, नए वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीने में टैक्स जमा करने पर नगर निगम की ओर से संपत्तिकर में 6.5 प्रतिशत की छूट दी जाती है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग टैक्स जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं. लोग ऑनलाइन भुगतान करने की कोशिश कर रहे हैं. निगम की वेबसाइट में प्रापर्टी आईडी डालने के बाद वार्ड नंबर मकान नंबर इत्यादि सबकुछ अपडेट बता रहा है. टैक्स भी ड्यू दिखा रहा है, लेकिन लोग जैसे ही भुगतान करने के लिए पेमेंट आप्शन में पहुंचते हैं, तो भुगतान ही नहीं हो रहा है.

राजस्व विभाग से जुड़े जानकारों से इस संबंध में बात की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. दरअसल, नगर निगम चुनाव के पहले वार्डों का परिसीमन हुआ था. उस परिसीमन में अधिकांश वार्डों का क्रमांक बदल गया. कई वार्डों की सीमाएं बदल गई. नए सिरे से वार्ड बनने के बाद उसकी जानकारी को राजस्व रिकार्ड में अपडेट करना है.

पूरा सिस्टम पुराने वार्डों और वित्तीय वर्ष के अनुसार है. इसे परिसीमन के बाद नए वित्तीय वर्ष में शिफ्ट करना है. इसके लिए सभी डेटा तैयार कर लिए गए हैं, लेकिन वह सिस्टम में अपडेट नहीं हो पाया है. सिस्टम में अपडेट नहीं होने तक भुगतान ऑप्शन चालू नहीं किया जा सकता.

तीन साल पूरा, बढ़ेगा यूजर चार्ज

संपत्तिकर भुगतान नहीं हो पाने की एक बड़ी वजह यूजर चार्ज को नए सिरे से अपग्रेड करना है. दरअसल, राज्य शासन के नियम के अनुसार हर तीन साल में यूजर चार्ज में वृद्धि करनी है. तीन साल पहले यूजर चार्ज लागू किया गया था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में तीन साल पूरा हो गया. अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में यूजर चार्ज में वृद्धि करना और इसे प्रापर्टी टैक्स में जोड़ा जाना है.

खाली प्लाट पर भी लगेगा टैक्स

निगम अफसरों के अनुसार, यूजर चार्ज में वृद्धि का पूरा खाका तैयार हो गया है. इसे अंतिम अनुमति देने के बाद संपत्तिकर में जोड़ा जाएगा. खाली प्लाट पर भी देना होगा टैक्स ऐसे बहुत से खाली प्लाट के मालिक हैं, जो उसका उपयोग गैरेज या अन्य व्यवसाय में कर रहे हैं. खाली प्लाट होने के कारण वे टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. उनसे भी यूजर चार्ज वसूल किया जाना है.

रायपुर के यात्री भी फ्लाइट में भी ले सकेंगे इंटरनेट का मजा, इस एयरलाइन ने शुरू की सुविधा…

रायपुर- स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में यात्री नई इन फ्लाइट मनोरंजन सेवा ‘विस्टा स्ट्रीम’ का लाभ ले सकते हैं. पैसेंजर मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटाप जैसे अपने व्यक्तिगत उपकरणों पर सीधे फिल्म देखने, टीवी शो और संगीत स्ट्रीम कर अपने सफर का आनंद ले सकते हैं.

भारत की अग्रणी वैश्विक एयरलाइन एयर इंडिया ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में एयरबस ए-350, बोइंग 787-9 और चुनिंदा एयरबस ए 321 नियो विमानों में वाई-फाई इंटरनेट कनेक्टिंग सेवाएं शुरू की है. इस सुविधा के जरिए यात्री अपनी डिवाइस लैपटाप, टैबलेट, स्मार्टफोन पर वाई-फाई के माध्यम से 10,000 फीट की ऊंचाई पर भी इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं.

एयरप्लेन मोड का करना होगा इस्तेमाल

अपने डिवाइस को कनेक्ट करने सबसे पहले फ्लाइट एयरप्लेन मोड चालू करना होगा. दूसरे चरण में अपने व्यक्तिगत वाई-फाई डिवाइस पर वाई-फाई चालू कर ‘विस्टा’ नेटवर्क कनेक्ट करना होगा. तीसरे चरण में क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. चौथे चरण में अपनी पसंद का मनोरंजन चुनकर उसका आनंद ले सकते हैं.

विमानों में मिलेगा ‘यात्री गाइड’

यात्रियों को अपनी यात्रा की तैयारी करने से पहले डिवाइस को पूरी तरह से चार्ज करना होगा तथा ईयरफोन भी साथ रखना होगा. क्यूआर कोड को स्कैन करने या इस संबंध में अधिक जानकारी उपलब्ध कराने विमान में यात्री गाइड’ भी उपलब्ध कराई गई है. कंपनी ने यह सेवा चुनिंदा उड़ानों में ही उपलब्ध कराई है.

बरसात की तैयारी शुरू, बस स्टैंड के समीप नालियों पर सालों से हुए अवैध कब्जे को प्रशासन ने सख्ती से हटाया

सारंगढ़-बिलाईगढ़- बारिश की तैयारी नगरीय प्रशासन ने अभी से शुरू कर दी है. इस कड़ी में नगर के मुख्य बस स्टैंड क्षेत्र में वर्षों से नाली पर किए गए अवैध कब्जों को प्रशासन ने सख्ती के साथ हटाने की कार्रवाई की.

अवैध कब्जे के कारण बरसात के दिनों में पानी भराव और जलजमाव की समस्या बनी रहती थी, जिससे यात्रियों और आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. शुक्रवार को तहसीलदार मनीष सूर्यवंसी नगर पालिका टीम और पुलिस बल की उपस्थिति में अतिक्रमण हटाया गया. प्रशासन ने साफ किया कि सार्वजनिक स्थलों पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इसके साथ नालियों की सफाई के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे बारिश में जलनिकासी सही तरीके से हो सके. स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि इससे आने वाले दिनों में जलभराव की समस्या से राहत मिलेगी. प्रशासन ने अन्य अतिक्रमणों पर भी जल्द कार्रवाई के संकेत दिए हैं.

सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट पर शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज ने डॉक्टर को किया सस्पेंड, एमसीआई ने कॉलेज प्रशासन से मांगी जांच रिपोर्ट…

दुर्ग- श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंसेस के डॉक्टर (यूरोलोजिस्ट) के सोशल मीडिया में किए पोस्ट पर बवाल मचा हुआ है. मामले की पीएमओ तक हुई शिकायत के बाद कॉलेज प्रबंधन ने संबंधित डॉक्टर को निलंबित करते हुए शोकॉज नोटिस जारी किया है, वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.

बता दें कि श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंसेस में पदस्थ डॉक्टर शिवेंद्र सिंह तिवारी ने अपने सोशल मीडिया ग्रुप में पहलगाम हमले के बाद भारत में चल रहे राजनीतिक बयानों को लेकर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था. इस वायरल पोस्ट पर आईएमए के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्रार और कॉलेज प्रबंधन से आपत्ति जताई. इसमें रजिस्ट्रार से डॉक्टर को एथिक्स कमेटी के जरिए जवाब तलब करने कहा था.

इसके बाद कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया और गुरुवार देर शाम डॉ शिवेंद्र सिंह तिवारी को 15 दिन के लिए निलंबित करने का फैसला किया. इसके साथ ही एमसीआई ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.

जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष बने डॉ. रेशम सिंह, नई कार्यकारिणी का भी हुआ गठन

रायपुर- डॉ. रेशम सिंह पीजी छात्र जनरल सर्जरी विभाग को सर्वसम्मति से जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) रायपुर का नया अध्यक्ष चुना गया है। उनके नेतृत्व में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें उपाध्यक्ष पद पर डॉ. राजेन्द्र झरिया, डॉ. शिल्पा, डॉ. संजू और डॉ. वीरेंद्र वारते को चुना गया है। वहीं डॉ. स्वास्तिक भट्टाचार्य को सचिव और डॉ. अमित बंजारा को सह-सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

डॉ. रेशम सिंह NGO “SANKALAP – A Mission” के संस्थापक एवं सलाहकार मंडल के सदस्य हैं। उनके नेतृत्व में अब तक हजारों निःशुल्क मेडिकल कैंप, रक्तदान शिविर तथा NEET-UG जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु शैक्षिक सहायता कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किए गए हैं।

मेडिकल समुदाय में डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व में अनेक परिवर्तन हुए हैं, इनमें प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

-अंडरग्रेजुएट एवं पोस्टग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित कर भ्रष्टाचार का समापन

-200-पॉइंट रोस्टर नीति को प्रभावी रूप से लागू कराना

-विषयों के आवंटन की प्रणाली में सुधार करते हुए लकी ड्रा की जगह व्यवस्थित रोस्टर प्रणाली लागू कराना

इन सुधारों के परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य की मेडिकल काउंसलिंग अब पूर्णतः पारदर्शी एवं निष्पक्ष हो चुकी है। समस्त जूनियर डॉक्टरों को डॉ. रेशम सिंह के नेतृत्व से व्यापक अपेक्षाएँ हैं और उनके अध्यक्ष चुने जाने से चिकित्सकीय समुदाय में उत्साह का वातावरण है।

डीन प्रोफेसर डॉ. विवेक चौधरी एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष सोनकर ने डॉ. रेशम सिंह को शुभकामनाएं देते हुए आश्वस्त किया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में कार्यरत जूनियर डॉक्टरों — जो मरीजों की सेवा में प्रथम पंक्ति में खड़े रहते हैं — उनके लिए समुचित सुरक्षा, भयमुक्त कार्य वातावरण और संतुलित ड्यूटी शेड्यूल सुनिश्चित किया जाएगा।

यह प्रयास न केवल डॉक्टरों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि आम जनता को बेहतर एवं सुलभ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।

साथ ही छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन (CGDF) के अध्यक्ष डॉ. हीरा सिंह लोधी ने पत्र जारी कर डॉ. रेशम सिंह को बधाई दी और उत्साहपूर्वक कहा कि “उगते हुए सूरज को कोई रोक नहीं सकता।” उन्होंने विश्वास जताया कि अब समस्त चिकित्सक मिलकर चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्थाओं को दूर करेंगे और आम जनमानस के हित में चिकित्सा सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लाएंगे।

लापरवाह अफसरों पर कलेक्टर का एक्शन : 21 अधिकारियों को शोकॉज नोटिस, 7 दिन में समाधान के निर्देश

मुंगेली- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन के संकल्प को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से मुंगेली जिले के नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार लगातार प्रशासनिक विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में आज उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें समस्त न्यायालयों में समय-सीमा से बाहर के लंबित प्रकरणों पर नाराज़गी जताते हुए सख्त रुख अपनाया। बैठक में कलेक्टर ने अपर कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख तथा एसडीएम सहित कुल 21 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद लंबित प्रकरणों का निराकरण नहीं किया जाना कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता तथा उच्च अधिकारियों व शासन के निर्देशों की अवहेलना का द्योतक है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि सभी राजस्व अधिकारी सात दिवस के भीतर सभी लंबित प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित करें। विशेष रूप से एक वर्ष से अधिक पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र निराकृत किया जाए, ताकि आमजन को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि नागरिकों को राजस्व संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान मिले और प्रशासन की छवि मजबूत हो।

इन अफसरों को थमाया नोटिस

कलेक्टर ने अपर कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख गिरधारी लाल यादव, लोरमी एसडीएम अजीत पुजारी, मुंगेली एसडीएम पार्वती पटेल, पथरिया एसडीएम अजय शतरंज, तहसीलदार लोरमी शेखर पटेल, तहसीलदार पथरिया छाया अग्रवाल, तहसीलदार जरहागांव कमल किशोर पाटनवार, तहसीलदार मुंगेली कुणाल पांडेय, तहसीलदार सरगांव अतुल वैष्णव, प्रभारी तहसीलदार लालपुर थाना महेत्तर प्रसाद कौशिक, अतिरिक्त तहसीलदार मुंगेली चंद्रकांत राही, नायब तहसीलदार लोरमी शांतनु तारम एवं चंद्रप्रकाश सोनी, नायब तहसीलदार मुंगेली हरिशचंद्र यादव, नायब तहसीलदार जरहागांव प्रकृति ध्रुव, नायब तहसीलदार पथरिया चंद्रकांत चंद्रवंशी, भू-अभिलेख अधीक्षक ऋचा गुप्ता, विकास गढ़ेवाल, मुकेश कुमार वर्मा, भूमिका तिवारी और इंद्र कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर निर्धारित समय-सीमा में जवाब मांगा है। साथ ही कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है। बैठक में जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडेय, अपर कलेक्टर मेनका प्रधान सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

सुशासन तिहार का इंडोर स्टेडियम में लगा समाधान शिविर, 1413 आवेदनों का हुआ त्वरित निराकरण, महापौर मीनल चौबे ने अधिकारियों से कहा-

रायपुर- आज सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आदेशानुसार एवं उपमुख्यमंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अरूण साव के निर्देशानुसार नगर पालिक निगम रायपुर द्वारा जोन 4 के 7 वार्डों के लिए सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में सुशासन तिहार समाधान शिविर लगाया गया। जिसमें रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड़, आयुक्त विश्वदीप, एसडीएम नंद कुमार चौबे, एमआईसी सदस्य मनोज वर्मा, अगर गिदवानी, संजना हियाल, जोन 4 अध्यक्ष मुरली शर्मा, जोन 5 अध्यक्ष श्री अम्बर अग्रवाल, पार्षद अजय साहू, आकाश तिवारी, अर्जुमन बेबर की उपस्थिति में नगर निगम एवं विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारियों द्वारा उपस्थित नागरिको को सुशासन तिहार के प्रथम चरण में 8 से 11 अप्रैल तक जोन 4 के 7 वार्डों में लगे शिविर में आमजनता से प्राप्त सभी 1413 आवेदनो, 1203 मांगो, 210 शिकायतो का शत प्रतिशत गुणवत्ता पूर्ण त्वरित समाधान द्वितीय चरण में 12 अप्रैल से 4 मई के माय करने की प्रकरणवार विस्तृत समाधान की जानकारी मंच से दी गई।

सुशासन तिहार समाधान शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड़, आयुक्त विश्वदीप ने किया। रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड, एमआईसी सदस्य मनोज वर्मा, अमर गिदवानी, संजना हियाल, जोन 4 अध्यक्ष मुरली शर्मा, जोन 5 अध्यक्ष अम्बर अग्रवाल, पार्षद अजय साहू ने मंच से उतरकर फाफाडीह निवासी दिव्यांग नागरिक हेमंत दीप को समाज कल्याण विभाग में आवेदन करते ही प्राप्त नई ट्रायसिकल ससम्मान प्रदत्त की। वहीं 3 श्रवण बाधित नागरिको दिनेश कुमार सोनी, माधवी सोनी, निषाद को तत्काल आवेदन करते ही श्रवण यंत्र मंच पर प्रदत्त किये गये, श्रम विभाग ने 2 नागरिको को आवेदन करते ही श्रमिक पंजीयन कार्ड बनाकर प्रदत्त किये। अतिथियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल में जाकर नवजात शिशुओं का अन्न प्रासन्न कराया।

रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने अधिकारियों से कहा कि वे गर्मी में बाहर निकलकर पसीना बहाये एवं नालो, नालियों में झांककर देखें, उन्होने सफाई, पेयजल संबंधी सभी समस्याओं का नगर निगम द्वारा त्वरित समाधान करने की प्रशासनिक व्यवस्था कायम करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कियान्वित प्रधानमंत्री आवास योजना के सभी आवेदको को मकान दिया जाना सुनिश्चित किया जाये। रायपुर दक्षिण विधायक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सुशासन तिहार समाधान शिविर के आवेदको से पूछे कि क्या वे किये गये समाधान से संतुष्ट है अथवा नहीं आवेदको को अधिकारीगण संतुष्ट करें। नगर निगम के सभी कार्य समय सीमा में गुणवत्ता पूर्ण तरीके से करवाये। विष्णुदेव साय सरकार में रायपुर को विकसित करने धन की कोई कमी नहीं होगी।

दक्षिण विधायक ने मंच से नागरिको से इधर, उधर कचरा ना डालकर सफाई मित्र को देने अथवा निर्धारित स्थान पर डालने की अपील की ताकि स्वच्छता कायम रह सके। उन्होने कहा कि इंदौर लगातार 6 वर्ष से देश का सबसे स्वच्छ शहर है क्योकि वहां की जनता निगम की सफाई व्यवस्था में समाहित है। दक्षिण विधायक ने कहा कि रायपुर शहर की जनता को अगले वर्ष सुव्यवस्थित तरीके से गर्मी में पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। इस के लिए योजना बनाकर और इसमें अभी सामने आ रही कमियों को सुधारकर कार्य किये जायेंगे।

रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविरों में प्रदेश भर में 40 लाख आवेदन आये है। रायपुर नगर निगम को 15 हजार आवेदन नागरिको ने किये है। इससे स्पष्ट है कि रायपुर के नागरिक जागरूक है।

महापौर मीनल चौबे ने कहा कि नगर निगम रायपुर आमजनों की समस्याओं का निदान करने संकल्पबद्ध है। महापौर ने अधिकारियों को कहा कि जनसमस्याओं का ईमानदारी से कार्य कर समाधान करें। महापौर ने ब्राम्हणपारा और सदर बाजार वार्ड की गर्मी में पेयजल समस्या का पूरी गंभीरता से शीघ्र समाधान करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। महापौर ने अमृत मिशन एवं 24 गुना 7 पेयजल योजना में व्यवस्था में शीघ्र सुधार लाकर नागरिको को गर्मी में पेयजल उपलब्ध करवाने कहा। महापौर ने कहा कि पहले जो शिविर लगते थे। उनमें केवल समस्याएं ली जाती थी। उनके समाधान का आमजनता को पता नहीं होता था। जबकि इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर पहले शिविर लगाकर आमजनो से समस्याओं के आवेदन लिये गये, फिर उनका समाधान किया गया एवं शिविर लगाकर आमजनों को उनके आवेदनो के समाधान की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि किरायेदारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक मोर मकान मोर आस के तहत मकान उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होने अधिकारियों से कमरे में ना बैठकर फील्ड में निकलकर जनसमस्याओं को सुनकर उनका निदान त्वरित रूप से करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कार्यों में लापरवाही कदापि सहन नहीं की जायेगी।

सभापति सूर्यकांत राठौड ने कहा कि सुशासन तिहार अंतर्गत अधिकारियों ने आमजनों के आवेदनों का त्वरित समय सीमा में समाधान करने रात्रि जागरण करके कार्य किया है। जिसके लिये अधिकारियों की सराहना की जानी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन उपायुक्त प्रीति सिंह एवं अंत में आभार प्रदर्शन एमआईसी सदस्य मनोज वर्मा ने किया।

CM साय ने की सुशासन तिहार के तीसरे चरण की समीक्षा, शिक्षा, पेयजल और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास को प्राथमिकता देने के दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिला मुख्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सतत निगरानी एवं समन्वय बनाए रखें। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले में भू-जल स्तर और पेयजल के स्रोतों की उपलब्धता की समीक्षा की। कलेक्टर बीजापुर ने बताया कि मांग के अनुरूप नलकूपों की खुदाई करवाई गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पेयजल की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए वैकल्पिक स्रोतों पर भी काम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि समर कैंप और 'बाल शिक्षा मित्र' जैसे नवाचारों से बच्चों की शिक्षा में रुचि बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इन प्रयासों को और अधिक संगठित एवं परिणामोन्मुखी बनाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि बस्तर और सरगुजा संभाग को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने इस सम्बन्ध में बीजापुर और दंतेवाड़ा के कलेक्टरों को रूट चिन्हांकन कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए आवास, पुनर्वास और कौशल प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने एनएमडीसी व निजी क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं हेतु प्लेसमेंट कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार के तीसरे चरण में स्वयं भागीदारी करते हुए जमीनी सच्चाई का मूल्यांकन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अधिकांश वादे पूरे किए गए हैं और बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय समुदाय की आर्थिक समृद्धि के लिए उन्हें उनकी प्रकृति के अनुरूप कार्यों से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि अटल सेवा केंद्र का शुभारंभ अनेक पंचायतों में हो चुका है, जिससे अब ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाएँ उनके ही गांवों में सुलभ होंगी।

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि टीम भावना से काम करने से ही प्रशासनिक और विकासात्मक लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे इसी भावना से कार्य करते हुए जनता के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध रहें। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

जानिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के किस बयान पर भड़के मंत्री ओपी चौधरी

रायपुर- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बयान पर तंज कसने के बाद अब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तीखा पलटवार किया है। साथ ही कड़ी नसीहत दी है।

पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की यह जीत पूर्व सीएम पचा नहीं पा रहे – ओपी चौधरी

भूपेश बघेल के इस प्रतिक्रिया पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पलटवार किया है। ओपी चौधरी ने एक्स पर पर लिखा कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री के विरुद्ध भूपेश बघेल की ऐसी हल्की बयानबाजी यह दिखाता है कि वे बुरी तरह हीनता बोध से ग्रस्त हैं। देश हित से जुड़े इतने बड़े विषय का इस तरह मजाक उड़ाने का अर्थ यही है कि पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की यह जीत पूर्व सीएम पचा नहीं पा रहे हैं।

उन्होंने आगे लिखा कि वैसे कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल की जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दी में सबसे प्रामाणिक माने जाने वाले ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ के शब्दकोष में ‘आयोजन’ का अर्थ है – ‘किसी कार्य या गतिविधि को सुनियोजित और व्यवस्थित ढंग से करने की प्रक्रिया।’ इसमें योजना बनाना, संसाधनों का प्रबंधन और कार्य को निर्धारित समय पर पूरा करना शामिल है।

तो क्या कांग्रेस नेता यह कहना चाहते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत चला अभियान सुनियोजित नहीं था या अव्यवस्थित था? या सेना ने योजना सही नहीं बनायी थी, कि संसाधनों का प्रबंधन सेना ने सही नहीं किया? कभी सर्जिकल स्ट्राइक का इसी तरह मजाक बनाते हुए भूपेश बघेल ने यह कहा था कि ‘वहां केवल कौए मरे हैं।’ जनता ने उस भद्दे मजाक का माकूल जवाब भी दे दिया उन्हें।हमारे सैनिकों के शौर्य पर सवाल खड़ा करते रहने की परिपाटी बंद होना चाहिये। यह राजनीति का विषय नहीं है।


ईश्वर, सेना के शौर्य और पराक्रम को आयोजन बताने वाले इन लोगों को क्षमा करना – बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए बयान का एक 18 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया है। भूपेश बघेल ने अपने पोस्ट में लिखा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय “ऑपरेशन सिंदूर” को एक ‘आयोजन’ बता रहे हैं. हे ईश्वर, सेना के शौर्य और पराक्रम को आयोजन बताने वाले इन लोगों को क्षमा करना. वे नहीं जानते कि शौर्य और पराक्रम क्या होता है‌.