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भारतीय मूल के इंजीनियर राजकुमार मिश्रा लंदन के बेलिगबौरी शहर में चुने गए मेयर

संतोष देव गिरि, मिर्ज़ापुर। यूपी के जनपद मिर्ज़ापुर के किसान परिवार के बेटे इंजीनियर राजकुमार मिश्रा लंदन के बेलिगबौरी शहर के मेयर चुने गए हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में जन्मे इंजीनियर राजकुमार मिश्रा ने बेलिगबौरी शहर में मंगलवार को शपथ ग्रहण किया. घरवालों को जानकारी मिलते ही बधाई मिलने लगी. इस प्रतिष्ठित पद पर बैठने वाले मिर्जापुर के पहले व्यक्ति हैं.ब्रिटेन की लेबर पार्टी से राजकुमार मिश्रा चुने गए हैं।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले किसान का बेटा लंदन में मेयर का चुनाव जीतने पर घर वालों में खुशी है रिश्तेदारों से लेकर गांव वाले तक बधाई दे रहे हैं. किसान का बेटा लंदन में एमटेक करने गया था इस दौरान एमटेक का कोर्स पूरा करने के बाद लंदन में नौकरी शुरू कर दी, 5 साल में नौकरी के दौरान वहां की नागरिकता ले लिया 2 महीने पहले लेबर पार्टी ज्वाइन किया और 3 अप्रैल को काउंसलर का चुनाव जीतने के बाद 12 अप्रैल को मेयर पद का शपथ लिया है. हम बात कर रहे मिर्जापुर जनपद के सदर तहसील के भटेवरा गांव के रहने वाले किसान मुन्ना लाल मिश्रा के बेटे राजकुमार मिश्रा की जो 5 साल पहले चंडीगढ़ में बीटेक करने के बाद लंदन एमटेक करने चले गए थे।

कंप्यूटर साइंस से m.tech की पढ़ाई करने के बाद लंदन में ही नौकरी शुरू कर दी. इस दौरान अपने जनपद मिर्जापुर में आकर प्रतापगढ़ में शादी की. राजकुमार की पत्नीअभिषेकता मिश्रा भी इंजीनियर है. परिवार के साथ लंदन में ही सेटल है. पढ़ाई और शादी के साथ ही नौकरी के 5 साल में नागरिकता लंदन में हासिल कर, दो महीने पहले लेबर पार्टी ज्वाइन कर चुनाव में उतर गए और काउंसलर का चुनाव जीतने के बाद बेलिगबौरी शहर के मेयर पद पर आसीन हो गए हैं.

भारतीय मूल के इंजीनियर राजकुमार मिश्रा लंदन के बेलिगबौरी शहर में मेयर चुने गए हैं. राजकुमार मिश्रा नौ भाई एक बहन है. पूरा परिवार शिक्षित है. राजकुमार के पिता मुन्नालाल मिश्रा किसान है माता चंद्रकली मिश्रा हाउसवाइफ है. राजकुमार की नौ भाइयों की बात किया जाए तो राजकुमार छठवें नंबर के है. राजकुमार के बड़े भाई किशोर कुमार मिश्रा, सुनील कुमार मिश्रा अधिवक्ता है, रमेश कुमार मिश्रा विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं, विपिन कुमार मिश्रा प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर है, शिवजी मिश्रा विद्यालय में शिक्षक हैं. वही राजकुमार से तीन छोटे भाई पवन कुमार मिश्रा किसान है ,सर्वेश कुमार मिश्रा डॉक्टर है जो एमडी की पढ़ाई कर रहे हैं. वही आकाश कुमार मिश्रा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. एक बहन अनीता कुमार मिश्रा है जिनकी शादी हो गई है मुंबई में रहती है।

मेयर पद की शपथ लेने के बाद राजकुमार मिश्रा ने लंदन से खुद अपना वीडियो जारी कर यह जानकारी दी है. वही मेयर पद की शपथ लेने के बाद पिता मुन्नालाल मिश्रा माता चंद्रकली के साथ ही भाइयों में भी खुशी है. पिता मुन्ना लाल मिश्रा बताते हैं कि फोन से जानकारी हुई है प्रतिदिन अपने माँ से बेटा बात करता है. मुझे कभी यह नहीं था कि बेटा लंदन में मेयर बनेगा आज मेयर के पद पर चुनाव जीता है मुझे बहुत खुशी है. वहां का विकास करें जिससे जनता याद करें. राजकुमार के भाई रमेश कुमार और सुशील कुमार में भी बधाई दी है साथ ही कहा कि आज हम सभी को गर्व है की भाई लंदन का मेयर बना है हम लोगों को बधाइयां मिल रही है. हम सभी भाइयों ने भाई को शुभकामना दी हैं. यह सब संभव हो पाया है पिता जी की वजह से जिन्होंने सभी भाइयों को पढ़ाया है।

बाईट- राजकुमार मिश्रा,मेयर

बाईट- मुन्नू लाल मिश्रा, पिता

बाईट- सुशील कुमार मिश्रा, भाई

गांव के लाल ने सीबीएसई बोर्ड में फहराया पताका, गांव-परिवार में हर्ष

मिर्ज़ापुर। सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा परिणाम आने के बाद कई ग्रामीण छात्र-छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपने गांव परिवार का नाम रोशन किया है। अक्सर अभावों को बेड़ियां बनाकर सफलता छूने से रह जाने वाले लोगों के लिए ग्रामीण क्षेत्र के यह छात्र-छात्राएं नजीर भी बना रहे हैं जो भावों को दरकिनार कर सफलता के आयाम को छूने को आतुर दिखाई दे रहे हैं इन्हीं में से एक नाम है वैभव शर्मा, जिन्होंने सीबीएसई बोर्ड के हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में 91% प्राप्त कर अपने स्कूल सहित गांव घर परिवार का नाम रोशन किया है।

नगर के सुविख्यात पब्लिक स्कूल एसएन पब्लिक स्कूल में हाई स्कूल के छात्र वैभव शर्मा मिर्जापुर सिटी ब्लॉक के विजयपुर गांव के रहने वाले हैं। किसान परिवार से नाता रखने वाले वैभव शर्मा पिता रमेश कुमार शर्मा तथा अपनी माता एवं गुरुजनों को अपना आदर्श बताते हुए कुछ बड़ा बनने एवं बड़ा करने की तमन्ना पाले हुए हैं। वैभव शर्मा की सफलता पर सुरेंद्र कुमार शर्मा, डॉक्टर सौरभ शर्मा, रामकुमार शर्मा, बिषप शर्मा, गौरव निधि शर्मा, राहुल शर्मा सहित गांव के लोगों ने बधाई देते हुए उनका पीठ थपथपाया है।

धर्म की गति बहुत सूक्ष्म, धर्म को जानना बहुत कठिन: बद्रीश जी महाराज


ड्रमंडगंज, मीरजापुर।बबुरा रघुनाथ सिंह ग्राम पंचायत के कठारी गांव में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भागवताचार्य बद्रीश जी महाराज ने श्रोताओं को धर्म और अधर्म का अंतर समझाया। कहा कि धर्म की गति बहुत सूक्ष्म है और धर्म को जानना बहुत कठिन है। लोग मानते हैं कि राम ने असुरों के संहार के लिए अवतार लिया था, जबकि ऐसा होता तो प्रभु के एक अवतार परशुराम तब धरती पर ही थे, वही असुरों का मर्दन कर सकते थे।

राम ने तो केवल मूल्यों की रक्षा और मनुष्य को कैसा होना चाहिए यह बताने के लिए अवतार लिया था। इसके पहले उन्होंने गर्भ में राजा परीक्षित की रक्षा की कथा सुनाई। कथा के क्रम में बद्रीश जी महाराज ने कहा कि भगवान की छाती से धर्म और पीठ से अधर्म पैदा हुआ। अधर्म की पत्नी है मृषा यानी असत्य।

मंदिर बनाना धर्म है, मगर उसका उद्देश्य गलत है तो वह मंदिर रूपी धर्म भी गलत है। इसी तरह यज्ञ करना धर्म है, लेकिन वह किसी महापुरुष के अपमान या अहित के लिए किया जा रहा हो तो वह गलत है। दक्ष का यज्ञ इसका उदाहरण है, जिसे गणों ने विंध्वंस इसलिए कर दिया कि वह भोलेनाथ का अपमान करने के लिए हो रहा था। कहा कि माला जपना धर्म है लेकिन उस पर उच्चाटन, मारन या वशीकरण मंत्र जपा जा रहा तो वह धर्म नहीं है।

व्यास पीठ ने वर्तमान काल में धर्म रक्षा और प्रसार पर कहा कि हम अपनी तपस्या अपना धर्म जीवन में इतना व्यापक कर लें कि अन्य धर्म छोटे लगने लगें। अधर्मी को मत मारो, उसके भीतर के अधर्म का निवारण करो। दूसरे को नीचा दिखाने की जगह अपने आचरण को इतना ऊंचा करो कि वह खुद छोटा दिखने लगे। कथा के बीच बीच में बद्रीश जी महाराज ने भजनों की सरिता भी बहाई। जिसमें– होवे धर्म प्रचार प्यारे भारत में,लेवे जन्म सुधार प्यारे भारत में और हंसना तेरे लिए रोना तेरे लिए, हंसते रोते दिन यू ही गुजर जाएंगे सहित कई अन्य भजन शामिल रहे। कथा का रसपान करने के लिए इस अवसर पर यजमान मणि प्रसाद मिश्र, मालती मिश्र, शिव शंकर द्विवेदी, विजय बहादुर सिंह, बैद्यनाथ सिंह, विजय प्रताप सिंह, राम बिहारी मिश्र, छोटे सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

पूर्व आईएएस अधिकारी स्व.रमाकांत मिश्र की जयंती सदाचार दिवस के रूप में मनाई गई

मिर्ज़ापुर। प्रबोधिनी शक्ति धाम विंध्याचल में संत आईएएस के रूप में विख्यात पूर्व आयुक्त तथा काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक रहे स्व. रमाकांत मिश्र की 93 वीं जयंती सदाचार दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाई गई। इस अवसर पर अखिल भारत रचनात्मक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभूति कुमार मिश्र ने स्व. रमाकांत मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. रमाकांत मिश्र अपने सादगीपूर्ण, एवं सात्विक जीवन शैली के लिए जाने जाते थे।

कर्तव्य परायणता, निष्ठा तथा सदाचार की तपोमूर्ति स्व. मिश्र प्रशासनिक अधिकारी के साथ ही साथ उच्च कोटि के विद्वान थे तथा संस्कृत, हिन्दी , बंगला अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज सहित 22 देशी विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ थे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सर्वप्रथम मीरजापुर से ही अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ की थी। उत्तर प्रदेश गजेटियर निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी सादगी पूर्ण जीवन शैली के प्रति आम जनमानस की बड़ी श्रद्धा थी उन्हें जनता धर्माधिकारी कहकर बुलाती थी।

महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन की अध्यक्ष तथा स्व.रमाकांत मिश्र की छोटी पुत्री नंदिनी मिश्रा ने कहा कि बाबू जी प्रशासनिक अधिकारी के संग ही संग बहुत एक धर्म निष्ठ आध्यात्मिक व्यक्ति थे। उनकी मां गंगा तथा मां विंध्यवासिनी देवी के प्रति अगाध श्रद्धा थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्य उन्हें विश्व पटल पर एक संत आईएएस के रूप में प्रसिद्धि दिलाई। उन्हें इस बात की खुशी है कि बाबू जी द्वारा बनाई गई सारी योजनाएं आज मूर्त रूप ले रही है। इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि महिला समूहों की प्रतिनिधि भी स्व. रमाकांत मिश्र जी को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर, विनायक मिश्र, राजेंद्र प्रसाद दूबे विनोद यादव, नसरीन आरा, गुड्डा कुमारी तथा कुसुम देवी ने भी श्रृद्धांजलि अर्पित की।।

मनरेगा महिला मजदूरों का नही हो रहा भुगतान

मिर्जापुर। सदर तहसील के विकास खंड कोन के रामपुर ग्राम पंचायत में महिला मनरेगा मजदूरों की बकाया मज़दूरी न मिलने से उनकी हालत दयनीय हैं। रविवार को मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन की तरफ से लगे सदस्यता अभियान में शामिल ग्रामीण दलित महिला मनरेगा मजदूरों ने अपनी अपनी समस्या बताई।

मजदूर नेता मंगल तिवारी के अनुरोध पर सभी ने बारी बारी से अपनी बात कही।

शिविर में मजदूर महिलाओं ने मनरेगा में कार्य उपरांत तीन से 6 माह से मजदूरी बकाया, मनरेगा जॉब कार्ड के बावजूद भेदभाव के चलते काम न मिलना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (गैस कनेक्शन) का लाभ न मिलना, लेबर कार्ड न बनना, आवास एवं अन्त्योदय कार्ड में पात्रता के मानक की ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा अनदेखी करना सहित विभिन्न समस्याओं पर खुलकर बात कही। एक महिला मनरेगा मजदूर (पूर्व मेठ) ने यह भी बताया कि उनका 20 दिन का बकाया मजदूरी पूर्व के प्रधान के कार्यकाल में बाकी है जो आज तक नही मिला जिसकी शिकायत कई बार ग्राम सचिव से की गई है।

यूनियन महामंत्री तिवारी ने

सभी मौजूद महिला एवं पुरुष निर्माण श्रमिकों से उनकी समस्या जानी और उनकी बात संबंधित अधिकारी सहित जिलाधिकारी मिर्जापुर तक पहुंचाने का आश्वाशन दिया।उक्त शिविर का आयोजन गंगा किनारे चौरा माई स्थान पर किया गया था।इस अवसर पर सीता देवी, सीमा कुमारी, पूजा देवी, बुधना देवी, शिवकुमारी, मंजू, सावित्री, शांति, कांति देवी, समरावती, शीला, चिरौंजी, लालती, शीला देवी, सुरसती देवी, केवला देवी, रीता, सविता, मीरा, चिंता, सुनीता देवी, दुआसी देवी, अनीता, फुलगेना, कुसुम देवी, चंद्रावती, रंजना पत्नी विकास , सूरज शिवकुमार , दिलीप कुमार, सुभाष, अष्टभुजा यादव , सूरज, जन्नी हरिजन आदि रहे।

भागवत कथा के श्रवण से पाप व संताप से मनुष्य होता मुक्त: बद्रीश जी महराज

ड्रमंडगंज, मीरजापुर।क्षेत्र के बबुरा रघुनाथ सिंह ग्राम पंचायत के कठारी गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन सोमवार को कथा व्यास भागवताचार्य बद्रीश जी महराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य पाप और संताप से मुक्त होता है। भगवान कभी संतों और भक्तों से दूर नहीं होते हैं। वे अपने भक्तों के निस्वार्थ प्रेम से वशीभूत होकर दौड़े चले आते हैं। उन्होंने प्रथम स्कंध में सनत कुमार नारद मिलन, नारद–व्यास संवाद, अश्वत्थामा प्रसंग, कुंती भीम स्तुति, राजा परीक्षित द्वारा कलि निग्रह आदि की कथाओं का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करने से सांसारिक बंधनों से छुटकारा मिल जाता है।

कथा विराम के बाद आरती और प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान कथा आयोजक मणि प्रसाद मिश्र, मालती मिश्र, सुधा जायसवाल, पंडित शिव शंकर द्विवेदी, अशोक मिश्र,शंकर सिंह, विजय नारायण मिश्र, पारिजात मिश्र,मोनू सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, भगवान प्रसाद द्विवेदी, श्याम बहादुर सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

न्याय के लिए दर-दर भटक रहा पिता, मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नहीं हो पा रही है कोई कार्रवाई

मिर्जापुर। कानून व्यवस्था रईसों के लिए मात्र एक किताबी जैसी कोई चीज हैं। जिसे रईस अपने मनमाफ़िक खरीदते रहते हैं। जिन्हें कानून का कोई डर नहीं हैं। यहां तक कि जिम्मेदार जिनके ऊपर कानून को लागू करने का भार हैं। वह भी मुंह फेर लेते हैं। जिससे गरीब पीड़ित कोर्ट और थाने के चक्कर काटते-काटते चकरघिन्नी बनके हार जाते हैं। जिन्हें न्याय बहुत बेगानी चीज लगती हैं। थाना पुलिस के नाम से गरीबों में नफरत के बीज पनपने लगते हैं।

ताजा मामला मिर्जापुर जिले के विंध्याचल थाना क्षेत्र का हैं। पीड़ित अमरनाथ ने पुलिस उच्चाधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र देकर गुहार किया कि उनका पुत्र अमरदीप (22 वर्ष), मुमताज नाम के व्यापारी के यहां गाड़ी चलाने का काम करता था।

मुमताज का धंधा पुराने कनस्तरों (टीना) को ठीक करके सगरा, विंध्याचल स्थित गोदाम में रखता था। जहां उनका बेटा अमरदीप कनस्तरों को मुमताज के साथ जाकर सप्लाई करता था। आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति से होने के नाते मालिक मुमताज बेटे को टॉर्चर भी किया करता था। जातिसूचक शब्दों के साथ जलील भी करता था। मालिक के टॉर्चर करने की बात को अमरदीप ने फोन के माध्यम से अपनी मां को बताते हुए, काम छोड़ने का जिक्र भी किया था, तो वह उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसी सब के पशोपेश में 4 अक्टूबर 2024 को मुमताज ने अमरदीप को बुलाया तो अमरदीप ने अपनी मां को बताया था। उसी शाम को पांच बजे मुमताज ने अमरदीप के आत्महत्या की बात बताई।

बेटे के आत्महत्या की बात सुनते ही फौरन हम सभी वहां पहुंचे तो देखा कि बेटे अमरदीप की लाश को जमीन पर लिटाया गया हैं। मृत अमरदीप के शरीर पर कई अनगिनत चोटे भी थी। मौके पर पेंट गिरा मिला अमरदीप के हाथ और चेहरे और शरीर पर भी पेंट लगा हुआ था। जिससे मामला पूरी तरह से संदिग्ध प्रतीत हो रहा था, बावजूद इसके पुलिस और गोदाम मालिक लाश को जल्द से जल्द हटाने में जुटे हुए थे।

परिजनों के मुताबिक वहां मौजूद दरोगा से जब कहा गया कि उनके बेटे अमरदीप की हत्या हुई हैं, लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था। जवान बेटे को मृत देखकर मैं बदहवास हो गया। उसी बीच पता नहीं कब मुझसे लोगों ने दस्तखत करा लिया। आनन-फानन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार की गई। जो कि पूरी तरह से फर्जी थी। बेटे के मोबाइल व लाइसेंस को भी अभी तक पुलिस ने हमें नहीं दिया हैं। हम गरीब हैं, जबकि मुमताज के पास काफी संपत्ति है, इसलिए मुमताज ने अपनी पैसों से जिम्मेदारों को खरीद लिया। उच्चाधिकारीयों के यहां गुहार करने पर काफी समय बीतने के बाद विंध्याचल कोतवाली पुलिस ने किसी तरह रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन विंध्याचल पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई अभी तक करना तो दूर रहा है उन्हें संरक्षण देने में जुटी हुई हैं। पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि चूंकि हम गरीब दलित हैं इसी लिए हम लोगों की सुनवाई नहीं हो पा रही है।

बीडीआर फार्मा ने धूमधाम से मनाया नर्स डे

मुंबई। अंतरराष्ट्रीय नर्स डे के अवसर पर पर बीडीआर फार्मास्युटिकल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने मलाड स्थित संजीवनी हॉस्पिटल में नर्सिंग डे पर हॉस्पिटल में कार्यरत नर्सों के साथ केक काटा।बीडीआर कंपनी के सीनियर मैनेजर दिलीप शुक्ला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नर्स डे दिवस की बात की जाए तो इसका महत्व बेहद खास है। जहां पर अस्पतालों में मरीज का इलाज भले ही डॉक्टर करते हैं, लेकिन उनकी देखभाल की जिम्मेदारी नर्सेस पर होती है। कोरोना महामारी जैसे काल में भगवान के रूप में डॉक्टर और नर्स ही थे जिन्होंने सराहनीय काम किया था। कहते हैं कि, अपनी जान की परवाह किए बिना, अपनों से दूर होकर नर्सों ने महामारी से पीड़ित मरीजों की सेवा की थी।

मेडिकल फील्ड में नर्सेस के इस अहमियत पर जोर देने और उनका आभार जताने के लिए इस खास दिन को मनाया जाता है। दुनिायाभर की नर्स को समर्पित इस दिन की शुरूआत करने वाली नर्स का नाम फ्लोरेंस नाइटिंगेल है। इनकी याद में हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्सेस डे मनाया जाता है। कहा जाता है कि, इस दिवस को मनाने की शुरूआत 12 मई 1820 को की गई थी। मशहूर नर्स नाइटिंगल, अपनी जिम्मेदारी नर्स की निभाने के साथ ही एक समाज सुधारक भी थीं। कहा जाता है कि, क्रीमिया युद्ध के दौरान उन्होंने जिस तरह से काम किया था, उसकी सराहना आज तक होती थी। इसलिए उन्हें ‘द लेडी विद द लैंप’ के नाम से भी जानी जाती हैं। क्योंकि वो रात के अंधेरे में लैंप लेकर घायल सैनिकों का इलाज करने के लिए निकलती थीं।

युद्ध के दौरान घायल सैनिकों में इन्फेक्शन बढ़ रहा था,जिससे सैनिकों की मौत हो रही थी।इलाज से हजारों की तादाद में सैनिक फिर से ठीक होने लगे थे।अपने इस सराहनीय काम से फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने ‘नर्सिंग’ को महिलाओं के लिए एक नया पेशा बना दिया था। नर्स मौजूदा समय में चिकित्सा जगत की रीढ़ हैं। इस मौके पर बीडीआर कम्पनी के मैनेजर संजय दुबे व संजीवजी हॉस्पिटल की सीनियर नर्स तृप्ति पवार,डेजी जॉन,विद्या,शबाना,गायत्री,मानसी,अक्षदा,प्रगति,दीपिका,रूनाली,वनिता,वैभवी, दर्शना,वंदना आदि उपस्थित रहीं।

भोपाल का 'लघुकथा श्री कृति सम्मान 25' केदार नाथ सविता को

मिर्जापुर। नगर के वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ सविता को उनके लघुकथा संग्रह "पहला वेतन " के लिए लघुकथा शोध केन्द्र समिति, भोपाल (मप्र) द्वारा लघुकथा श्री कृति सम्मान-25 देने की घोषणा की गयी है। यह सम्मान उन्हें आगामी 19 जुन, 25को मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन, भोपाल में एक समारोह में प्रदान किया जायगा। यह जानकारी लघुकथा शोध केन्द्र भोपाल की निदेशक कान्ताराय ने उन्हें दी है।

केदार नाथ सविता को लघुकथा संग्रह 'पहला वेतन' के लिए सम्मानित होने पर जनपद के साहित्यकारों, कवियो, शायरों आदि ने बधाई दी है। बधाई देने वालों मे सर्वश्री डॉ अनुज प्रताप सिंह, वृजदेव पांडेय, गणेश गंभीर, भोलानाथ कुशवाहा, प्रमोद कुमार सुमन, लल्लू तिवारी अरविंद अवस्थी, लाल व्रत सिंह सुगम, आनन्द अमित, प्रमोद चंद गुप्त, रवीन्द्र कुमार पांडेय, डॉ अनुराधा ओस, डॉ सुधा सिंह, सारिका चौरसिया, नन्दिनी वर्मा, इला जायसवाल, पूजा यादव, मुहिब मिर्जापुरी, हसन जौनपुरी ,इम्तियाज अहमद गुमनाम, इरफान कुरैशी,महेश यादव,आनन्द केसरी आदि हैं।

निर्माण श्रमिकों की बैठक में मजदूर हित पर चर्चा

मीरजापुर। रविवार को सिविल लाइन फतहां स्थित मिर्जापुर असंगठित कामगार यूनियन कार्यालय परिसर में निर्माण श्रमिकों की बैठक सम्पन्न हुई।

आम सभा की आयोजित बैठक की अध्यक्षता यूनियन महामंत्री मंगल तिवारी पत्रकार ने की।

शाम साढ़े 4 बजे से प्रारंभ हुई सभा का संचालन गुलाब चंद ने की। बैठक में सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। बैठक में उपस्थित निर्माण श्रमिकों ने बारी बारी से अपनी समस्या बताई जिसको गंभीरता से लेते हुए रजिस्टर में नोट किया गया और आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु श्रमिकों को आश्वाशन दिया गया।

सभा में मजदूरों ने सबसे पहले कन्या विवाह योजना में आवेदन उपरांत आवेदन फेल होने की बात बताई। कुछ लोगों ने राशन कार्ड में त्रुटि तो कुछ ने आधार सत्यापन न होने के चलते आवेदन न कर पाने की बात कही। इसी क्रम में कईयों ने मजदूरी बकाया भुगतान कराए को लेकर अनुरोध किया तो एक ने दुर्गापुर के निर्माण श्रमिक(बिजली मिस्त्री)के मृत्यु उपरांत दाखिल वाद के बारे में जानकारी मांगी।

चर्चा में निर्माण श्रमिकों के श्रम पंजीयन तथा गैर निर्माण श्रमिकों का ई-श्रम कार्ड बनवाने को लेकर चर्चा की गई। बैठक में उपस्थित सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने मजदूरों के सवालों का जवाब दिया।

इस अवसर पर यूनियन जिलाध्यक्ष राजेश दूबे एड ,सहित यूनियन के अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

बॉक्स में..........

कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न

मिर्जापुर। माकू यूनियन कार्यकारिणी की एक बैठक प्रधान कार्यालय फतहा में देर शाम लगभग साढ़े 7 बजे आरंभ हुई। सभा की अध्यक्षता यूनियन अध्यक्ष राजेश कुमार दुबे ने किया।

सभाध्यक्ष द्वारा पूर्व सूचना और आज की एजेंडे पर चर्चा शुरू करने के आह्वाहन पर कार्यकारिणी बैठक में शामिल सदस्यों ने बारी बारी से चर्चा की।

कार्यकारिणी सदस्यों को सुनते हुए सभाध्यक्ष राजेश दूबे एड0 ने संबंधित को दिशा निर्देश देते हुए सभा समापन की घोषणा की। इस अवसर पर यूनियन के लगभग सभी सदस्य एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।