पूर्व आईएएस अधिकारी स्व.रमाकांत मिश्र की जयंती सदाचार दिवस के रूप में मनाई गई
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मिर्ज़ापुर। प्रबोधिनी शक्ति धाम विंध्याचल में संत आईएएस के रूप में विख्यात पूर्व आयुक्त तथा काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक रहे स्व. रमाकांत मिश्र की 93 वीं जयंती सदाचार दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मनाई गई। इस अवसर पर अखिल भारत रचनात्मक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभूति कुमार मिश्र ने स्व. रमाकांत मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. रमाकांत मिश्र अपने सादगीपूर्ण, एवं सात्विक जीवन शैली के लिए जाने जाते थे।
कर्तव्य परायणता, निष्ठा तथा सदाचार की तपोमूर्ति स्व. मिश्र प्रशासनिक अधिकारी के साथ ही साथ उच्च कोटि के विद्वान थे तथा संस्कृत, हिन्दी , बंगला अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज सहित 22 देशी विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ थे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सर्वप्रथम मीरजापुर से ही अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ की थी। उत्तर प्रदेश गजेटियर निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी सादगी पूर्ण जीवन शैली के प्रति आम जनमानस की बड़ी श्रद्धा थी उन्हें जनता धर्माधिकारी कहकर बुलाती थी।
महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन की अध्यक्ष तथा स्व.रमाकांत मिश्र की छोटी पुत्री नंदिनी मिश्रा ने कहा कि बाबू जी प्रशासनिक अधिकारी के संग ही संग बहुत एक धर्म निष्ठ आध्यात्मिक व्यक्ति थे। उनकी मां गंगा तथा मां विंध्यवासिनी देवी के प्रति अगाध श्रद्धा थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्य उन्हें विश्व पटल पर एक संत आईएएस के रूप में प्रसिद्धि दिलाई। उन्हें इस बात की खुशी है कि बाबू जी द्वारा बनाई गई सारी योजनाएं आज मूर्त रूप ले रही है। इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि महिला समूहों की प्रतिनिधि भी स्व. रमाकांत मिश्र जी को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर, विनायक मिश्र, राजेंद्र प्रसाद दूबे विनोद यादव, नसरीन आरा, गुड्डा कुमारी तथा कुसुम देवी ने भी श्रृद्धांजलि अर्पित की।।
May 14 2025, 19:01