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पंजीयन विभाग में तकनीकी क्रांति : आम जनता के लिए 10 नई सुविधाएं लागू, मंत्री ओपी चौधरी ने समीक्षा बैठक में दी जानकारी

रायपुर- पंजीयन विभाग में आम जनता की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से कई बड़े बदलाव किये जा रहे हैं. पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आज समीक्षा बैठक कर विगत वित्तीय वर्ष के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की. बैठक में जिलेवार प्राप्त राजस्व, पंजीबद्ध दस्तावेजों और मुदांक एवं आरआरसी प्रकरणों पर चर्चा हुई. साथ ही फील्ड लेवल पर आ रही तकनीकी समस्याओं को लेकर सुझाव भी लिए गए.

मंत्री चौधरी ने बताया कि शासन ने नागरिकों की सहूलियत के लिए कई सुविधाएं शुरू की हैं, जैसे- होम विजिट के माध्यम से पंजीयन, तत्काल अपॉइंटमेंट की व्यवस्था, पारिवारिक दान व हकत्याग में पंजीयन शुल्क मात्र 500 रुपये तय किया गया है. इन प्रयासों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए सभी पंजीयन कार्यालयों में फ्लैक्स और बैनर लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

राज्य को मिला 2979 करोड़ का राजस्व

पंजीयन विभाग ने विगत वर्ष राज्य के लिए 2979 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया. मंत्री चौधरी ने विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की इस उपलब्धि पर सराहना करते हुए निर्देश दिए कि कार्य में संवेदनशीलता बरती जाए तथा राजस्व अर्जन के साथ-साथ पक्षकारों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाए.

मंत्री चौधरी ने जानकारी दी कि विभागीय सेटअप का पुनरीक्षण कर नए पदों का सृजन किया गया है, जिससे दस्तावेजों की जांच और पंजीयन प्रक्रिया और बेहतर हो सकेगी. आम जनता की सुविधा के लिए पंजीयन विभाग में 10 नई सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं, जो नीचे दर्शाया गया है.

1- आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा

वर्तमान में पंजीयन कार्यालय में पक्षकारों की शिनाख्त (पहचान) दो गवाहों के द्वारा की जाती है. संपत्तियों के पंजीयन में छद्म प्रतिरूपण एक बहुत आम समस्या है. अक्सर देखने में आता है कि अमुक व्यक्ति की संपत्ति दूसरे व्यक्ति ने बेच दी है. इससे वास्तविक भूमि स्वामी को सालों कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं. आधार लिंक होने से बायोमैट्रिक के माध्यम से पक्षकार की पहचान आधार डाटा बेस से की जाएगी.

2- ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा

आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते हैं, इसलिए संपत्ति खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल आवश्यक है. अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है. इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है. आम आदमी के लिए यह एक जरूरी सुविधा है. संपत्ति खरीदने से पहले उसकी भली-भांति जांच-पड़ताल पक्षकार स्वयं कर सकेंगे. निर्धारित शुल्क का भुगतान कर खसरा नंबर से पूर्व की सभी रजिस्ट्रियों का ब्यौरा देखा जा सकेगा. साथ ही उसकी प्रति को डाउनलोड किया जा सकेगा.

जनता को घर बैठे सर्च की सुविधा होने से पक्षकारों को रजिस्ट्री ऑफिस में भटकना नहीं पड़ेगा. इससे आम आदमी धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकेगा.

3- भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा

संपत्ति के क्रय करने के पूर्व पक्षकारों को यह जानना जरूरी है कि उक्त संपत्ति पर किसी प्रकार का भार या बंधक तो नहीं है अथवा संपत्ति किसी अन्य को पूर्व में विक्रय तो नहीं की गई है. अतः पक्षकारों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सर्च के साथ ही भारमुक्त प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी करने का प्रावधान किया गया है. ऑनलाइन आवेदन करने पर ऑनलाइन ही भारमुक्त प्रमाण पत्र संबंधित को उपलब्ध करा दिया जाएगा.

4- एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा

वर्तमान में रजिस्ट्री ऑफिस में पंजीयन शुल्क का भुगतान नगद किया जाता है. इसे कैशलेस बनाया गया है. स्टांप और पंजीयन शुल्क का भुगतान पक्षकार अपनी सुविधानुसार क्रेडिट/डेबिट कार्ड, पीओएस मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यूपीआई से कर सकेंगे. पक्षकार को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन फीस का भुगतान अलग-अलग करना पड़ता था, जिसमें पक्षकारों के साथ-साथ विभाग को भी कैश हैंडलिंग की समस्या होती थी. अब इंटीग्रेटेड कैशलेस पेमेंट सिस्टम से दोनों शुल्क एक साथ भुगतान हो सकेगा.

5- व्हाट्सएप मैसेज सेवाएं

आज के समय में व्हाट्सएप एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है. पंजीयन प्रणाली में पक्षकारों (क्रेता/विक्रेता) को व्हाट्सएप के माध्यम से नोटिफिकेशन भेजने के संबंध में व्हाट्सएप मैसेजिंग सर्विस का प्रावधान किया गया है. पक्षकारों को आवेदन प्रस्तुति, स्लॉट बुकिंग, पंजीकरण की प्रगति और पंजीकरण पूर्ण होने के संबंध में रियल टाइम जानकारी प्राप्त हो सकेगी.

6- डिजीलॉकर की सुविधा

रजिस्ट्री दस्तावेजों को भारत सरकार के डिजीलॉकर सुविधा के माध्यम से सुरक्षित स्टोर किया जा सकेगा. वर्तमान में शासन एवं निजी क्षेत्र की विभिन्न सेवाओं के लिए रजिस्ट्री पेपर की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए पक्षकार को रजिस्ट्री ऑफिस आना पड़ता है. डिजीलॉकर के माध्यम से इसका एक्सेस और नकल प्राप्त किया जा सकेगा.

7- ऑटो डीड जनरेशन की सुविधा

वर्तमान पंजीयन प्रक्रिया में पक्षकार को दस्तावेज बनाने, स्टांप खरीदने, अपॉइंटमेंट लेने तथा पंजीयन के लिए प्रस्तुत करने के बीच अलग-अलग लोगों जैसे डीड राइटर, स्टांप वेंडर आदि का चक्कर लगाना पड़ता है. जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस बना दिया गया है. इस प्रक्रिया में विलेख प्रारूप का चयन कर कंप्यूटर में एंट्री करने के दौरान दस्तावेज स्वतः तैयार हो जाता है और वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा. रजिस्ट्री करने के पश्चात दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा.

8- डिजीडॉक्यूमेंट की सुविधा

कई ऐसे दस्तावेज होते हैं जिसमें स्टाम्प लगाना जरूरी है लेकिन पंजीयन नहीं होता है, जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र. कानूनी भाषा की जटिलता के कारण लोगों को स्वयं ऐसे दस्तावेज तैयार करने में कठिनाई होती है. इसके निराकरण के लिए डिजीडॉक सेवा विकसित की गई है. इस सेवा के माध्यम से आम नागरिक दैनिक उपयोग में आने वाले दस्तावेज तैयार कर सकेंगे. डिजीडॉक सुविधा के तहत डिजिटल स्टाम्प के साथ दस्तावेज तैयार जाता है.

9- घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा

वर्तमान पंजीयन प्रक्रिया में पक्षकार को दस्तावेज बनाने, स्टांप खरीदने, अपॉइंटमेंट लेने तथा पंजीयन के लिए प्रस्तुत करने के बीच अलग-अलग लोगों जैसे डीड राइटर, स्टांप वेंडर आदि का चक्कर लगाना पड़ता है. जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस बना दिया गया है. इस प्रक्रिया में विलेख प्रारूप का चयन कर कंप्यूटर में एंट्री करने के दौरान दस्तावेज स्वतः तैयार हो जाता है और वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा. रजिस्ट्री करने के पश्चात दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा.

10- स्वतः नामांतरण की सुविधा

अचल संपत्ति के दस्तावेजों के पंजीयन उपरांत उसे राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए नामांतरण की कार्यवाही के लिए वर्तमान में पक्षकारों को लगभग 1 से 2 माह तक का समय लग जाता है. कुछ प्रकरणों में कई महीने भी लग जाते हैं. शासन द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए पंजीयन के साथ ही नामांतरण के संबंध में राजस्व विभाग के साथ इंटीग्रेशन किया गया है. यह सुविधा अभी मात्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं तमिलनाडु राज्यों में ही है तथा हरियाणा राज्य में स्वतः नामांतरण 07 दिन पश्चात होता है. पंजीयन विभाग, राजस्व विभाग एवं एनआईसी की टीम द्वारा संयुक्त रूप से इसे विकसित किया गया है. आम नागरिकों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण सुधार है. इससे पक्षकारों को बिचौलियों से मुक्ति के साथ नामांतरण की लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना नहीं पड़ेगा. समय एवं श्रम के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी कम होगा.

मंत्री ओपी चौधरी द्वारा विभाग के पंजीयन अधिकारियों को इन सभी नए प्रावधानों को लागू करने के पूर्व जानकारी दी गई तथा इनके प्रभावी रूप से सफल क्रियान्वयन करने तथा आम जनता को सहयोग करने के लिए निर्देशित किया गया.

मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में आयोजित बैठक में विभाग द्वारा किए जा रहे बड़े कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष की प्राथमिकताओं पर चर्चा कर विभाग द्वारा संचालित केंद्र और राज्य शासन की योजनाओं के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में अधिकारियों को शहरों में आने वाले दस वर्षों की जरूरत के हिसाब से पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की कार्ययोजना बनाने और उन पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरों के आउटर में विकसित हो रहे नए रिहायशी इलाकों में प्राथमिकता से उद्यान बनाने को कहा, ताकि बच्चों को खेलने-कूदने तथा बड़े-बुजुर्गों को वॉकिंग, जॉगिंग, योग और शारीरिक व्यायाम के साथ ही आमोद-प्रमोद की जगह सुलभ हो सके। मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों में अटल विश्वास पत्र पर प्रमुखता से अमल करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करते हुए भारत सरकार द्वारा जारी स्वच्छता की अपनी वर्तमान रैंकिंग में सुधार लाने को कहा। उन्होंने शहरों को सुंदर और स्वच्छ बनाने जन भागीदारी बढ़ाने के साथ ही इंदौर जैसे बेहतर सफाई व्यवस्था वाले शहरों में नगर निगमों के आयुक्तों को अध्ययन के लिए भेजने को कहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए शहरी आबादी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य विभागों से समन्वय बनाकर बुनियादी शहरी सुविधाएं विकसित करने को कहा। इससे निकट भविष्य में समीपवर्ती ग्रामीण इलाकों के नगरीय निकाय में शामिल होने या नए नगरीय निकाय के रूप में अस्तित्व में आने पर शहरों के मुताबिक व्यवस्थाएं और जन सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में काम पूरा करने पर जोर देते हुए निर्धारित समयावधि में काम पूरा करने वाले निकायों के लिए रिवार्ड-सिस्टम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने निर्माण और विकास कार्यों की प्रगति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एप या ऑनलाइन सिस्टम तैयार करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम की तरह अन्य नगरीय निकायों में भी संपत्ति कर की वसूली के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया। इससे लोग घर बैठे या अपने कार्यस्थल से ही मोबाइल या कम्प्यूटर से संपत्ति कर जमा कर सकेंगे जिससे राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने अगले एक वर्ष में सभी निकायों में ऑनलाइन संपत्ति कर जमा करने की व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने मोर संगवारी योजना के तहत घर पहुंच दस्तावेज बनाने की व्यवस्था को केंद्र सरकार के डिजी-लॉकर से लिंक करने को कहा। इससे नागरिकों के दस्तावेज स्थायी रूप से उनके डिजी-लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। इससे योजना संचालन के व्यय में भी कमी आएगी।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने बैठक में बताया कि नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन सवेरे निकाय के अधिकारियों के साथ साफ-सफाई एवं विकास कार्यों के निरीक्षण के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। इससे विभाग के कार्यों में कसावट के साथ ही निर्माण कार्यों की प्रगति एवं साफ-सफाई की नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। सभी नगरीय निकायों में वर्तमान जरूरतों के मुताबिक सेट-अप के पुनरीक्षण और निकायों के वर्गीकरण की कार्यवाही की जा रही है। बड़े विकास कार्यों, शहरों की आवश्यकता एवं भावी जरूरतों के मुताबिक शहरी विकास को गति देने इस साल मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में नगरीय निकायों में अधोसंरचना मद, 15वें वित्त आयोग एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों की प्रगति तथा सुडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), पीएम स्वनिधि, अमृत मिशन तथा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के साथ ही विभिन्न निकायों में बन रहे अटल परिसरों तथा नालंदा परिसरों की प्रगति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का, उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव तथा सुडा के सीईओ शशांक पाण्डेय भी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

IG अमरेश मिश्रा ने ली पुलिस अधिकारियों की बैठक : संगठित अपराध पर सख्ती और लंबित केसों के शीघ्र निपटारे के दिए निर्देश

रायपुर- रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) अमरेश कुमार मिश्रा ने आज रेंज के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. इस बैठक में रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) लाल उमेंद सिंह, महासमुंद के SSP आशुतोष सिंह, बलौदाबाजार की पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता, धमतरी के एसपी सूरज सिंह परिहार, गरियाबंद के एसपी निखिल राखेचा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गरियाबंद जितेंद्र चंद्राकर और धमतरी के शैलेन्द्र पांडेय शामिल रहे.

बैठक में IG मिश्रा ने नवीन आपराधिक कानून के तहत सभी अनिवार्य प्रावधानों (Mandatory Provisions) के पालन, तकनीकी दक्षता विकसित करने और कौशलपूर्ण विवेचना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि संगठित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए अपराध से अर्जित संपत्ति की जब्ती और पीड़ितों को मुआवजा (Victim Compensation) देने की प्रक्रिया को तेज किया जाए.

साक्ष्य संग्रहण और विवेचना में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करने हेतु ई-साक्ष्य और आई-ओ मितान पोर्टल के प्रभावी उपयोग के भी निर्देश दिए गए. एक वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों की समीक्षा कर चरणबद्ध निराकरण का आदेश दिया गया.

एनडीपीएस एक्ट से जुड़े मामलों में फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन कर संपत्ति जब्ती, कुर्की, वाहन राजसात और नीलामी की कार्यवाहियां तेज करने तथा PIT-NDPS के तहत उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए. धमतरी और गरियाबंद जिलों में यूएपीए (UA(P)A) के तहत लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर तय समय सीमा में निराकरण और न्यायालयीन ट्रायल की मॉनिटरिंग को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए.

सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की समीक्षा कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए.

बैठक के दौरान जिलों में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर बल दिया गया. मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के साथ ही, अवैध पार्किंग, मालवाहक वाहनों में सवारी बैठाने वाले चालकों/मालिकों पर पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई और बाउण्ड ओवर की कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए गए. ढाबों में अवैध शराब परोसने वालों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए.

स्कूल शिक्षा विभाग ने बीईओ को किया निलंबित, 16 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता का आरोप

पिथौरा-  छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड शिक्षा अधिकारी केके ठाकुर को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्यहीनता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. राज्य शासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, बीईओ ठाकुर पर अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और नियमों की अवहेलना करते हुए शासन की वित्तीय संहिताओं का उल्लंघन करने का आरोप है.

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीईओ ठाकुर ने बिना सक्षम प्राधिकारी की लिखित अनुमति के शासन से प्राप्त ₹16,61,163 (सोलह लाख इकसठ हजार एक सौ तिरेसठ रुपए) की मुआवजा राशि जो शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी के फोरलेन सड़क परियोजना में अधिग्रहण के एवज में मिली थी इसे दो वर्षों तक अपने पास रखा. इतना ही नहीं, उन्होंने अवकाश स्वीकृत किए बिना ही अनुपस्थिति अवधि का वेतन भी आहरित किया. यह पूरा कृत्य छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता, कोषालय संहिता, और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में पाया गया.

केके ठाकुर के इस आचरण को शासन ने गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय महासमुंद नियत किया गया है. नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा. इस कार्रवाई की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री कार्यालय, लोक शिक्षण संचालनालय, कलेक्टर महासमुंद, संभागीय संयुक्त संचालक रायपुर सहित संबंधित अधिकारियों को भी भेज दी गई है.

शिक्षा विभाग में लंबे समय से शिकायतें आ रही थी कि कुछ अधिकारी वित्तीय प्रबंधन में घोर लापरवाही बरत रहे हैं. केके ठाकुर के विरुद्ध भी कई शिकायती पत्र शासन को प्राप्त हुए थे, जिनकी गंभीरता से जांच कराई गई. साक्ष्यों के आधार पर यह कठोर कदम उठाया गया है. माना जा रहा है कि शासन की ओर से इस मामले में आगे और भी कठोर प्रशासनिक एवं विधिक कार्रवाई की जा सकती है.

खर्चीली शादी से बचने का दिया संदेश : आदिवासी समाज ने किया सामूहिक विवाह का आयोजन, रीति-रिवाज से विवाह के बंधन में बंधे 31 जोड़े

मुंगेली- छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में आदिवासी समाज ने एक अनोखा मिसाल पेश करते हुए आदर्श गोंडवाना सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम में 31 जोड़े वर-वधुओं का विवाह हुआ। समाज के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि विवाह को एक आदर्श प्रथा के रूप में स्थापित करने के साथ ही शादियों में होने वाले खर्च से समाज और समाज के व्यक्तियों को खर्च मुक्त विवाह का वातावरण बनाना है।

कार्यक्रम में पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में आदिवासी समाज का यह कदम निश्चित तौर पर अन्य समाजों के लिए भी प्रेरणादायक है। विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि समाज की ओर आयोजित इस कार्यक्रम के वर वधुओं को मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत लाभ दिया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने दूल्हे-दुल्हन को उपहार भेंट कर आशीर्वाद भी दिया।

सामाजिक पदाधिकारियों ने कही ये बात…

केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली के जिला मीडिया प्रभारी कृष्णा ध्रुव ने कहा कि दिखावे के लिए हमारे समाज के लोग डीजे, टेंट से लेकर धूमधाम से शादी करने के चक्कर में अत्यंत ही खर्चीली शादी करते हैं। यही वजह है कि शादी के बाद फिर कमाने खाने के लिए पलायन करने की नौबत आ जाती है, जिससे छुटकारा पाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

वीरेंद्र मरावी, जिला अध्यक्ष केंद्रीय गोंड महासभा मुंगेली का कहना है कि आज की युवा पीढ़ी के लोग धूमधाम से शादी तो करते हैं, लेकिन उसके बाद इसकी कीमत माता -पिता को बहुत ही नुकसान दायक के रूप में चुकानी पड़ती है। एक वर्ग समाज में ऐसा भी होता है कि रोजमर्रा कमाई करके गुजर बसर करते हैं, लेकिन विवाह के कार्यक्रम में रिश्तेदारों को समाज के लोगों को बड़ी संख्या में भोजन कराना पड़ता है, जिससे बड़े पैमाने पर खर्च होते हैं।

सुभाष परते, प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज युवा प्रकोष्ठ ने कहा, आधुनिकता के इस दौर में हमारे समाज में आज भी गोंडीय रीति रिवाज से विवाह सम्पन्न होता है। समाज के युवा से लेकर हर वर्ग के लोगों ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभगिता निभाई है, तब कहीं जाकर भव्य आयोजन हो पाया है। इसमें जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने हम सबका हौसला बढ़ाया है। आने वाले समय मे बड़ी संख्या में जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जाएगा, ताकि हमारा यह सामाजिक कार्य खर्च मुक्त विवाह के उद्देश्य को पूर्ण कर सके।

कलेक्टर के सामने ग्रामीणों ने फिर दोहराई सड़क, बिजली, स्कूल और स्वास्थ्य सुविधा की वर्षों पुरानी मांगें, ज्ञापन सौंपकर कहा –

गरियाबंद- जय अंबेडकर वादी युवा संगठन के बैनर तले आज राजापड़ाव से लेकर शोभा गोना क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम के नेतृत्व में कलेक्टोरेट पहुंचे. ग्रामीणों ने नए कलेक्टर भगवान सिंह उइके को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए जल्द वर्षों पुरानी मांगों को पूरा करने की बात कही. ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य 7 पंचायत में रहने वाले 30 हजार से भी ज्यादा लोग आज भी जरूरी मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहे हैं. कलेक्टर ने मांगों से शासन के समक्ष अवगत कराने के अलावा जो काम संभव हो सके उसे अपने स्तर पर जल्द पूरा कराने का भरोसा दिलाया.

ये हैं ग्रामीणों की मांगें

  1. राजापड़ाव क्षेत्र के पांच ग्राम पंचायतों (कोकड़ी, गरहाडीह, गौरगांव, भूतबेड़ा, कूचेंगा) सहित शेष छूटे हुए पारा टोला में विद्युतीकरण किया जाए.
  2. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोभा में सेटअप के आधार पर समुचित व्यवस्था करते हुए नवीन भवन बनाई जाए एवं निर्माणाधीन उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण तत्काल पूर्ण कराया जाए.
  3. स्वीकृति के बाद भी अड़गडी, जरहीडीह, शोभा, कोकड़ी, गरहाडीह, घोटियाभर्री नाला पर पुल-पुलिया का निर्माण आज भी अधूरा है. अविलंब इसे पूर्ण कराई जाए.
  4. क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूलों एवं क्षेत्र के दोनों आदिवासी कन्या आश्रमों में शिक्षकों की व्यापक कमी है. तत्काल सभी स्कूलों में आगामी सत्र 2025–26 में शिक्षकों की अविलंब व्यवस्था कराते हुए निर्माणाधीन स्कूल भवनों को तत्काल पूर्ण कराई जाए.
  5. क्षेत्र पात्रधारी किसानों को विधि सम्मत वन अधिकार पत्र दिया जाए.
  6. क्षेत्र के किसानों को समुचित सुविधा मिले इसलिए पूर्व में गरहाडीह में प्रस्तावित धान खरीदी केंद्र को इसी सत्र 2025–26 में खोली जाए.
  7. शोभा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस (108) और महतारी एक्सप्रेस (102) की सुविधा प्रदान की जाए.
  8. गोना से गरीबा पक्की सड़क मार्ग अत्यंत जर्जर और ऊबड खाबड़ होने से आए दिन दुर्घटनाएं घट रही है, तत्काल सड़क की चौड़ीकरण करते हुए मरम्मत कराई जाए.
  9. क्षेत्र में एक भी बालक छात्रावास नहीं है, ग्राम मोंगराडीह में बालक छात्रावास की स्वीकृति प्रदान करते हुए सुदूर वनांचल के बच्चे जंगल रास्तों से आवाजाही करते हुए शोभा में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी में पढा़ई करने पहुंचते हैं. परिस्थिति को देखते हुए प्री मैट्रिक छात्रावास शोभा में खोला जाए.
  10. गरहाडीह और शोभा कन्या आश्रमों में बिजली, पानी भवनों की जर्जर हालत से पूर्व में अवगत कराया गया था, अविलंब आश्रमों की समस्याओं को दूर की जाए. साथ ही दोनों आश्रमों का भवन जर्जर है इसलिए नवीन भवन का निर्माण कराया जाए.
  11. ग्राम शोभा हायर सेकंडरी स्कूल और ग्राम भूतबेड़ा हाइस्कूल में भवन नहीं है वैकल्पिक व्यवस्थाओं में शैक्षणिक कार्य चल रहा है, तत्काल भवन निर्माण कराया जाए.
  12. ग्राम शोभा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महिला बाल विकास के सेक्टर भवन में संचालित हो रही है, तत्काल भवन निर्माण कराया जाए.
  13. क्षेत्र के किसानों को तहसील कार्यालय मैनपुर बहुत दूरी तय करना होता है, परिस्थितियों को देखते हुए शोभा में उप तहसील खोला जाए.

ज्ञापन सौंपने वाले में ये थे शामिल

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने वालों में पतंग मरकाम(अध्यक्ष अंबेडकरवादी युवा संगठन), पूरन मेश्राम, शंकर नेताम(सरपंच गरहाडीह), पुरुषोत्तम परदे, नकुल नागेश,रोहन नेताम, तिलक मरकाम (जनपद सदस्य प्रतिनिधि), अजय नेताम (पूर्व सरपंच भूतबेड़ा), कमलचंद नेताम, बिकाऊ नेताम, महेश सूर्यवंशी, पतिराम मरकाम, रामसिंह नेताम, दुल्लुराम मरकाम समेत अन्य शामिल थे.

वन विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, कई जिलों के बदले गए DFO, देखें लिस्ट…

रायपुर- राज्य सरकार इन दिनों पूरी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटी है. इस कड़ी में IAS-IPS के बाद अब वन विभाग में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला किया गया है. कई जिलों के डीएफओ को इधर से उधर किया गया है.

देखें लिस्ट –

बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर- छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लगभग अंतिम चरण पर है. पिछले सात दिनों से बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन जारी है. इसी बीच पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 24 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों में से 14 पर कुल 28.50 लाख रुपये का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली फायरिंग, आईडी ब्लास्ट, आगजनी जैसी हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं.

आत्मसमर्पण करने वाले 24 माओवादियों को पुलिस अधिकारियों ने 50-50 हजार रुपये की नगद राशि प्रदान की. यह आत्मसमर्पण पुलिस के समक्ष सीआरपीएफ डीआईजी देवेन्द्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू की मौजूदगी में हुआ.

बता दें कि वर्ष 2025 में अब तक कुल 203 माओवादी पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं. इसके अलावा 213 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 90 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया है.

नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन - मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में छत्तीसगढ में नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण देव गौतम, विशेष डीजी नक्सल ऑपरेशंस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक का मुख्य फोकस प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और नक्सल उन्मूलन अभियानों की प्रगति रहा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन करना हमारा लक्ष्य है और इस दिशा में हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज प्रदेश के कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा बनाए रखने के लिए उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत किया करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाया जाए और क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके लिए समर्पित है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सुरक्षा बल, प्रशासनिक अमला और प्रदेशवासी एकजुट होकर इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगे और 'विकसित छत्तीसगढ़' के सपने को साकार करेंगे।

पहलगाम आतंकी हमला : टी एस सिंहदेव ने कहा- कारोबारी दिनेश मिरानिया की बेटी की पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगा राजकुमार कॉलेज प्रबंधन

रायपुर- पहलगाम आतंकी हमले ने सभी भारतवासियों को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में रायपुर के व्यापारी दिनेश मिरानिया भी मारे गए। दुःख की घड़ी में पीड़ित परिवार की मदद के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने संवेदनशील पहल की है। उन्होंने मृतक दिनेश मिरानिया की बेटी की शिक्षा 12वीं कक्षा तक मुफ्त करने के लिए राजकुमार कॉलेज प्रबंधन से सिफारिश की थी। जिसके बाद प्रबंधन ने बेटी लक्षिता मिरानिया की 12वीं कक्षा तक के लिए मुफ्त कर दिया है।

बता दें कि पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मिरानिया परिवार से मुलाकात के बाद यह सिफारिश की थी, ताकि शहीद के परिवार को दुःख की घड़ी में सहारा मिल सके। व्यापारी दिनेश मिरानिया की बेटी लक्षिता मिरानिया राजकुमार कॉलेज की 9वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही प्रबंधन उठाएगा बेटी लक्षिता की पढ़ाई का सारा खर्च : पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेवइसे लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने कहा कि लगातार बाहर रहने के कारण मैं उनसे (मिरनिया परिवार) से मिलने नहीं जा पाया था। पिछली शाम मैने परिजनों से मुलाकात की थी। जहां जानकारी में आया कि उनका बेटा पुणे में रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा है, अभी उसका पहला साल है और बेटी 9वीं कक्षा में है, जो राजकुमार कॉलेज में ही पढ़ती है। राजकुमार कॉलेज प्रबंधन ने ये फैसला लिया है कि उनके आगे की पढ़ाई का सारा खर्चा प्रबंधन करेगा। यानी कि अब 9वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में होगी।

बता दें कि समता कॉलोनी रायपुर के स्टील कारोबारी दिनेश मिरानिया (45 वर्ष) सपरिवार अपनी सालगिराह मनाने जम्मू-कश्मीर गए थे। वे 22 अप्रैल को मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले बैसरन घाटी में घूम रहे थे। उनके साथ पत्नी नेहा, बेटा शौर्य और बेटी लक्षिता मौजूद थे। इस दौरान अचानक आतंकियों ने कायराना हमला कर दिया। आतंकियों ने धर्म और नाम पूछकर दिनेश मिरानिया की गोली मारकर हत्या कर दी

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