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जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान में बैठे आतंकियों पर एक्शन, कई जिलों में पुलिस की छापेमारी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अटैक के बाद भारत अलर्ट मोड में है और आतंकवाद का सफाया करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. इसी के चलते जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. पुलिस ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के घरों पर डोडा और किश्तवाड़ में छापेमारी की.

पुलिस ने डोडा के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी डोडा जिले के भद्रवाह, भल्ला, गंदोह और साजान इलाके में अंजाम दी गई है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंक पर व्यापक कार्रवाई की जा रही है. डोडा के साथ ही किश्तवाड़ के जिलों में भी विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है.

कई आतंकवादियों के घरों पर एक्शन

जहां एक तरफ पुलिस ने डोडा और किश्तवाड़ में आतंकवादियों के घरों पर छापेमारी की है. वहीं, कई आतंकवादियों के घरों पर ढेर भी कर दिया गया है. हाल ही में बांदीपोरा, पुलवामा और शोपियां जिलों में तीन कथित सक्रिय आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही अब तक आतंकवादियों के 9 घरों पर एक्शन लिया गया है और इनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद विरोधी अभियान को तेजी से चलाया जा रहा है. इसी के तहत सुरक्षा बलों ने सिर्फ 5 दिन में घाटी में 500 से अधिक स्थानों पर छापे मारे हैं और सैकड़ों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.

26 लोगों की गई जान

पहलगाम में 22 अप्रैल को हमला हुआ था. इस हमले में 26 टूरिस्ट की जान गई थी, जिनमें 2 विदेशी टूरिस्ट भी शामिल थे. इसी के बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. भारत ने जहां एक तरफ पाकिस्तानियों के लिए वीजा रद्द कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ सिंधु जल संधि को भी स्थगित कर दिया है. पानी रोकने के बाद से ही दोनों देशों के बीच सियासी तनाव बढ़ गया है.

NIA को सौंपी गई जांच

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई है, इसी के चलते NIA ने FIR दर्ज कर जांच तेज कर दी है. क्राइम स्पॉट से मिले सैंपल को NIA ने फॉरेंसिक लैब भेज दिया है. इसके साथ ही जांच एजेंसी ने सभी चश्मदीद के बयान दर्ज करना भी शुरू कर दिए हैं. NIA के IG, DIG , SP स्तर के अधिकारी लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. साथ ही हमले में मारे गए लोगों के परिवार के बयान भी दर्ज किए जाएंगे.

कब शादी करेंगी महाकुंभ की वायरल गर्ल मोनालिसा… खुद दिया जवाब

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ से चर्चा में आई मोनालिसा काफी फेमस हो गई हैं. तब से वह सुर्खियों में बनी रहती हैं. अक्सर उनके वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर सामने आते रहते हैं. महाकुंभ के बाद उन्हें फिल्म से लेकर म्यूजिक वीडियो तक का ऑफर मिल चुका है. उन्होंने डायरेक्टर सनोज मिश्रा के साथ फिल्म साइन की थी. साथ ही सिंगर उत्कर्ष के साथ नई म्यूजिक वीडियो भी अनाउंस की थी.

महाकुंभ के बाद से मोनालिसा इतनी मशहूर हो गई हैं कि कई लोग उनके फैन भी हो गए हैं. लोग उनके बारे में जानने चाहते हैं. ऐसे में लोग ये भी जानना चाहते है कि मोनालिसा कब शादी करेंगी. अब मोनालिसा ने अपनी शादी को लेकर जवाब दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उन्होंने बताया कि शादी को लेकर उन्होंने क्या फैसला लिया है.

शादी के सवाल पर दिया ये जवाब

मोनालिसा ने हाल ही में खुद ही अपने नया म्यूजिक वीडियो की अनाउंसमेंट की थी. अब उन्होंने शादी के सवाल पर बात करते हुए कहा कि मम्मी पापा मना करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी शादी को लेकर मेरे मम्मी पापा अभी मना करते हैं. मैं भी मना करती हूं. क्योंकि मुझे शादी नहीं करनी हैं. मेरे वायरल होने से पहले ही मेरे मम्मी पापा ने कह दिया था, जब तुम कहोगी तब ही शादी होगी और मैं भी उनको कहती थी कि मैं तो कभी हां नहीं कहूंगी. मैं कभी शादी नहीं करूंगी. मम्मी पापा को छोड़कर कौन जाएगा.”

इंस्टाग्राम पर रहती हैं एक्टिव

उनकी इस बात से ये जाहिर होता है कि अभी उनका शादी का कोई इरादा नहीं है. मोनालिसा अभी अपने करियर की शुरुआत करने जा रही हैं. जल्द ही वह सिंगर उत्कर्ष के साथ म्यूजिक वीडियो में मोनालिसा नजर आने वाली हैं. मोनालिसा इंस्टाग्राम पर भी काफी मशहूर हैं. उनके हजारों फॉलोअर्स हैं. वह खुद भी इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी वीडियो, फोटो भी शेयर करती रहती हैं.

पाकिस्तानियों का वापस लौटने का आज आखिरी दिन, अटारी बॉर्डर पर लंबी लाइन, कई लोग हो रहे परेशान

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे. सरकार के आदेश के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को उनके देश भेजने का काम तेजी से किया जा रहा है. देश के कई राज्यों में मौजूद पाकिस्तानियों में कुछ लौट चुके हैं तो कुछ लौटने के लिए अभी भी बॉर्डर पर मौजूद हैं.

भारत के कड़े रुख के बाद से अब भारतीय भी पाकिस्तान से वापस स्वदेश लौट रहे हैं. पिछले तीन दिनों में अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते 450 से अधिक भारतीय वापस अपने देश लौटे हैं.

अब तक कितने नागरिक वापस लौटे

सरकार के आदेश के बाद अटारी-वाघा इंटरनेशनल बॉर्डर से अब तक पाकिस्तान वापिस लौटे और भारत वापस आए लोगों में 24 अप्रैल को 28 नागरिक अपने देश वापस लौटे थे तो वहीं 105 भारतीय नागरिक भारत वापस आए थे.

25 अप्रैल को 191 पाकिस्तानी नागरिक और 287 भारतीय नागरिक, 26 अप्रैल को 75 पाकिस्तानी नागरिक 335 भारतीय नागरिक वापस आए थे. इस समय भी अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान लौटने वालों की भारी भीड़ है. सरकार के अल्टीमेटम खत्म होने से पहले हर पाकिस्तानी नागरिक अपने देश वापस लौटना चाहता है. यही कारण है कि लोग ऑटो में सवार होकर बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं.

सरकरी की डेडलाइन का अंतिम दिन

भारत सरकार के आदेश वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी बॉर्डर के जरिए आज 27 अप्रैल तक पाकिस्तान लौटना ही होगा. इन समय सीमा का ध्यान रखते हुए राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में मौजूद पाकिस्तानियों को खोज-खोज कर वापस भेज रही हैं. दिल्ली, मुंबई, बिहार, यूपी, उत्तराखंड में मौजूद पाकिस्तानियों को वापस भेजने के लिए पुलिस भी लगी हुई है.

डेडलाइन खत्म होने के बाद होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश तेज हो गई है. केंद्र सरकार चाहती है कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय से ज्यादा भारत में न रहे, इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है. भारत सरकार की डेडलाइन खत्म होने के बाद भारत रह रहे पाकिस्तानियों का रहना गैरकानूनी माना जाएगा. इसलिए ये भी साफ है कि अगर कोई पाकिस्तानी डेडलाइन के बाद भी भारत में पाया जाता है तो उस कार्रवाई की जाएगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की थी. उन्होंने साफ कहा था कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक तय समय से ज्यादा देश में नहीं रहना चाहिए. यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है.

पहलगाम हमले के बाद हिमाचल में मिला पाकिस्तान एयरलाइंस का गुब्बारा, मचा हड़कंप; पुलिस ने शुरू की जांच

जम्मु कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं. इसी बीच शनिवार को पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक मॉडल गुब्बारा मिला.

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का मॉडल गुब्बारा हमीरपुर और बिलासपुर की सीमा पर स्थित बड़सर थाना क्षेत्र के रैली जजरी पंचायत अंतर्गत करनेहड़ा गांव में मिला. गांव में मॉडल गुब्बारा मिलने से हड़कंप मच गया. स्थानीय पंचायत के प्रधान ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. जानकारी मिलने के बाद बड़कर पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई प्रकाश ठाकुर टीम के साथ मौके पर पहुंचे.

पुलिस ने शुरू की जांच

इसके बाद पुलिस ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के मॉडल गुब्बारे को कब्जे में लिया और जांच शुरू कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये मॉडल गुब्बारा कहां से आया. इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है. गुब्बारे में पाकिस्तान का लोगो और अन्य चिन्ह साफ-साफ नजर आ रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है.

हमीरपुर के एसपी ने क्या बताया

इस मामले में हमीरपुर जिले के एसपी भगत सिंह ने बताया कि बड़सर थाना क्षेत्र के रैली जजरी पंचायत अंतर्गत करनेहड़ा गांव में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक मॉडल गुब्बारा मिलने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और गुब्बारे को कब्जे में लिया. गुब्बारे में उपयोग की गई सामग्री की भी जांच की जा रही है. जल्द ही पता लगा लिया जाएगा कि ये कहां से आया और इसके पीछे का मकसद क्या है.

बम से उड़ाने की भी मिली थी धमकी

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को हमीरपुर के उपायुक्त ऑफिस को बम से उड़ा देने की धमकी मिली थी. फिर इसके अगले ही दिन शनिवार को गुब्बारा मिलने का मामला सामने आया. ऐसे में अब सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है.

42 डिग्री तापमान, तपती छत… बुजुर्ग मां को बेसहारा छोड़ गए बेटा-बहू, रुला देगी ये कहानी

मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां भीषण गर्मी पड़ रही है, तापमान 42 डिग्री पार कर चुका है. वहीं एक 95 वर्षीया बुजुर्ग मां को उसके अपने बेटे और पोते ने ठंड बरसात हो या भीषण गर्मी सभी मौसम में खुले आसमान के नीचे छोड़ दिया. एक पुरानी खाट, एक फटी हुई तिरपाल और कुछ टूटे-फूटे बर्तन के सहारे उसके जीवन की संध्या वेला गुजर रही है. इतना ही नहीं वो बासी रोटियों और गंदे पानी के सहारे अपने जीवन के अंतिम पड़ाव के दिन और रात गुजार रही है.

कभी जिस मां ने अपने बेटे को धूप से बचाने के लिए अपनी चुनरी फैलाई थी. उन्हीं बेटों ने उसे झुलसा देने वाली धूप में मरने के लिए छोड़ दिया. पहले प्यार से रहने वाली इस मां को अब अपने ही घर में जगह नहीं मिली. जमीन-जायदाद बेटे के नाम होते ही मां का मूल्य समाप्त हो गया. एक समय था जब बेटा उसकी गोद में सिर रखकर मीठी नींद सोता था. आज वही बेटा उसकी आखिरी सांसे गिनने के लिए खुले आसमान के नीचे तिल-तिल मरने को मजबूर कर दिया.

जब कॉलोनी वासियों ने वृद्धा को देखा और उसका दर्द महसूस किया तो उनका दिल कांप उठा. किंतु डर और असहायता के कारण खुलकर सामने नहीं आ सके. आखिरकार, एक गुमनाम पत्र के जरिये कलेक्टर दीपक सक्सेना को इस अमानवीय कृत्य की सूचना दी गई. पत्र में लिखा था “माँ को आग की भट्टी में झोंक दिया गया है. वे छत पर जलती हुई जमीन पर बैठी हैं, नन्हीं सी छांव भी नसीब नहीं.”

तपती धूप में छत पर बैठी बुजुर्ग मां

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तुरंत एक्शन लिया. तहसीलदार और पुलिस टीम को भेजा गया. जब टीम वहां पहुंची तो जो हृदय विदारक दृश्य सामने आया, उसने हर किसी का दिल दहला दिया. एक कांपती, डरी-सहमी बूढ़ी मां फटी हुई तिरपाल के नीचे सिकुड़ी बैठी थी. पैरों के नीचे तपती हुई छत, सिर पर आग बरसाता सूरज. लेकिन उसके चेहरे पर कोई शिकवा नहीं. बस एक अजीब सी खामोशी थी. जैसे मां अपने ही बच्चों के हाथों मिले इस दर्द को चुपचाप सह रही थी.

पड़ोसियों ने डीएम को लिखा पत्र

कलेक्टर के आदेश पर जब तहसीलदार पुलिस के साथ रेस्क्यू करने पहुंची तो पोते और बहु ने मना कर दिया कि कुछ भी ऐसा नहीं है. लेकिन जब अधिकारियों ने ऊपर जाकर देखा तो होस पाख्ता हो गए. पुलिस ने तुरंत वृद्धा को रेस्क्यू किया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. पड़ोसियों की मांग पर उसे वृद्धाश्रम में रखने की प्रक्रिया शुरू की गई, जहां उसे कम से कम एक सम्मानजनक जीवन मिल सकेगा.

क्या मां को नहीं समझ पाए नादान?

“मां” शब्द का मतलब केवल जन्म देना नहीं है वह त्याग है, समर्पण है और ममता की छांव है. मां के बिना जीवन अधूरा है, और मां की उपेक्षा करके कोई भी सुखी नहीं रह सकता. जिस मां ने अपने बेटे को सींचा, उसे दुनिया से लड़ना सिखाया. वही मां जब वृद्धावस्था में सहारा मांगती है तो उसके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार होना, समाज के पतन का संकेत है. क्या हम मां शब्द की गहराई को सच में समझते हैं? मां को केवल शब्दों में नहीं, अपने आचरण में सम्मान देना ही उसकी सच्ची पूजा है.

भागलपुर: छात्रों ने चिढ़ाया तो भड़क गया BPSC टीचर, जमकर की पिटाई; मच गया बवाल

बिहार के भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय दोगच्छी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षक ने स्कूल परिसर में जमकर उत्पात मचाया. शिक्षक ने बच्चों से लेकर अभिभावकों तक पर हमला कर दिया. ये घटना शुक्रवार की है.

दरअसल, स्कूल के टीआरई-1 के तहत नियुक्त शिक्षक सवेंद्र कुमार ने अचानक अपना आपा खो दिया और छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार, छात्र शिक्षक को चिढ़ाते थे. इसी से गुस्सा होकर उसने छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. घटना में एक छात्र की आंख के पास गंभीर चोट आई, जिसकी शिकायत लेकर उसके अभिभावक और जिला परिषद सदस्य धनंजय मंडल स्कूल पहुंचे, लेकिन बात संभलने के बजाय और बिगड़ गई.

पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में लिया

सवेंद्र कुमार ने उन पर ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया. यही नहीं शिक्षक ने स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य पर भी लाठी से हमला करने की कोशिश की हालात बिगड़ते देख ग्रामीणों ने किसी तरह सवेंद्र को काबू में किया. उसके हाथ-पैर बांधे और स्कूल गेट के बाहर छोड़ दिया. घटना की सूचना के बाद मौके पर डायल 112 की टीम पहुंची और सवेंद्र को हिरासत में लेकर स्कूल से ले गई.

प्रिंसिपल बोले- उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी

इस मामले में प्रधानाचार्य सतीश कुमार ने बताया कि सवेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसकी जानकारी पहले ही शिक्षा विभाग को दी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं घटना के बाद स्कूल में डर और तनाव का माहौल है. स्थानीय लोग शिक्षक को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं.

साल 2023 में किया गया था चयन

बता दें कि शिक्षक मूलरूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. शिक्षक सवेंद्र कुमार को साल 2023 के नवंबर में कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए चुना गया था, लेकिन सवेंद्र को क्लास तीन तक के बच्चों को ही पढ़ाने के लिए बोला जाता था. शिक्षक पर आरोप लगाया गया है कि वो बच्चों के साथ मारपीट करने लगा था. प्रधानाचार्य ने कई बार उसके ट्रांसफर की शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

पिता की अर्थी को तीन बेटियों ने दिया कंधा, मुखाग्नि देकर नम आंखों से दी विदाई… गांव वालों ने कही ये बात

छत्तीसगढ़ के धमतरी में वक्त के साथ बेटियां भी हर वो सभी काम कर रही हैं, जो सिर्फ बेटे ही करते थे. वक्त के साथ समाज की सोच भी बदल रही है. बेटियां पिता की अर्थी को कंधा देने के साथ मुखाग्नि दे रही हैं. ऐसा ही वाक्या धमतरी के सिर्री गांव मे देखने को मिला. परंपराओं से हटकर तीन बेटियों ने अपने पिता को कंधे देकर मुक्तिधाम तक ले कर गए और मुखाग्नि दी. मृतक का कोई बेटा नहीं था. इसलिए बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया.

धमतरी जिले के कुरुद विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले भारत साहू का शुक्रवार निधन हो गया. वह 48 साल के थे. पिछले कुछ दिनों से वो बीमार थे, जिनका इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. यहां उन्होंने अंतिम सांस ली. भारत साहू की तीन बेटियां हैं. डाकेश्वरी साहू, होमिता साहू और भूमिता साहू है. जिनमें से बड़ी बेटी की शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी. वहीं, दो बेटियां अपनी पढ़ाई कर रही है.

भारत का कोई बेटे नहीं होने के चलते अंतिम संस्कार के लिए गांव के लोग असमंजस में पढ़ गए थे. लेकिन तीनों बेटियों ने रूढ़िवादी परम्परा से हटकर अपने पिता के अर्थी को कंधा देने का फैसला किया. फिर तीनों बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाया. इसके बाग विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार किया. इस दौरान शमशान घाट में जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें नम हो गईं.

हर कोई दे रहा बेटियों की मिसाल

गांव के लोगों ने कहा- तीनों बेटियों ने न सिर्फ पिता की अर्थी को कंधा किया, बल्कि उनका अंतिम संस्कार करते हुए चिता को मुखाग्नि भी दी. उन्होंने वो सारे कार्य किए जो एक बेटा करता है. पूरा गांव इन बेटियों की मिसाल दे रहा है.

मिट्टी में मिलाए जा रहे आतंकियों के घर, त्राल से कुलगाम तक फुल ऑन एक्शन

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद सेना का आतंकियों और उनके मददगारों पर तगड़ा एक्शन हो रहा है. पूरी घाटी में कई जगहों पर ऑपरेशन चल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आतंकवादियों के घरों पर भी कार्रवाई की जा रही है. सेना ने अब तक 7 आतंकियों के घरों को तहस-नहस कर दिया है. सेना की इस कार्रवाई से साफ है कि आतंकियों की मदद करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. त्राल से लेकर कुलगाम तक फुल ऑन एक्शन मोड में सेना नजर आ रही है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से घाटी मे सुरक्षाबलों का एक्शन जारी है. शुक्रवार और शनिवार सुबह सेना ने 7 आतंकियों के घर धमाके कर ध्वस्त किए गए हैं. त्राल में आतंकी आसिफ शेख और अनंतनाग में आदिल ठोकेर के घर में ब्लास्ट किया गया. पुलवामा के मुर्रान में जैश-ए-मोहम्मद के एक्टिव आतंकी अहसान उल हक का घर उड़ाया गया.

इन आतंकियों पर बरपा सेना का कहर

1. मुरन पुलवामा के आतंकवादी एहसान उल हक शेख के घर को कल (25 अप्रैल) देर रात अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई के दौरान भारी सुरक्षा बल मौजूद रहा.

2. कुलगाम में आतंकवादी जाकिर अहमद गनिया जो कि साल 2023 से ही एक्टिव है. उसके घर मतलहामा में विस्फोट से नष्ट कर दिया गया.

3. शोपियां में, चोटिपोरा में आतंकवादी शाहिद अहमद कुटे का घर भी नष्ट कर दिया गया. शाहिद कश्मीर में साल 2002 से एक्टिव है, इसके साथ ही कई घटनाओं में भी शामिल रहा है.

4. मतलहामा कुलगाम के एक्टिव आतंकवादी जाहिद अहमद के घर को रात के समय जमींदोज कर दिया.

5. पुलवामा के ही काचीपोरा इलाके में LeT आतंकी हारिस अहमद का घर भी तबाह कर दिया गया है.

पहलगाम हमले में शामिल होने की बात सामने आने के बाद दो आतंकवादियों आसिफ अहमद शेख त्राल के और आदिल थोकर बिजभेरा के घरों को ध्वस्त कर दिया गया था. सेना का इन कार्रवाई के जरिए साफ संदेश है कि अब कश्मीर में किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा.

हमें बेवजह सजा मिल रही- आतंकी की बहन

आतंकी की बहन ने सुरक्षाबलों पर ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बहन ने कहा कि मेरा एक भाई जेल में है और दूसरा मुजाहिदीन है. मेरी दो बहनें भी हैं. जब मैं ससुराल से अपने घर आई, तो माता-पिता और भाई-बहन घर पर नहीं थे. मुझे बताया गया कि पुलिस उन्हें ले गई है. तभी सुरक्षाबल आए और मुझे पड़ोसी के घर भेज दिया. मैंने देखा कि एक जवान ने वर्दी में हमारे घर की छत पर बम जैसी चीज रखी और फिर घर गिरा दिया गया. हम पूरी तरह बेगुनाह हैं. हमें बेवजह सजा मिल रही है.

बच्चे सीमा पार, खुद भारत में फंसे… अटारी बॉर्डर बंद होने से मुस्लिम महिलाएं परेशान,किया हंगामा

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है. इसका खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है. हमले के तुरंत बाद भारत ने कई कड़े फैसले लिए, जिनमें देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश देना भी शामिल है. अब इस फैसले के कारण पाकिस्तान में कई लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और वे एक बार फिर अपनों से दूर जाने को मजबूर हो रहे हैं

अटारी बॉर्डर पर उस समय तनाव उत्पन्न हो गया जब पाकिस्तान में विवाहित भारतीय महिलाओं को सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई. अधिकारियों के रवैये से नाराज महिलाओं ने हंगामा किया और बॉर्डर पर धरना शुरू कर दिया.

दरअसल, ये महिलाएं भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट हैं, जबकि उनके बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं. सीमा पर अधिकारियों ने बच्चों को तो पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी, लेकिन इन महिलाओं को जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

नाराज महिलाओं ने बॉर्डर पर किया प्रदर्शन

इस फैसले से नाराज महिलाओं ने अटारी सीमा पर इमिग्रेशन चेक पोस्ट (आईसीपी) के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी और प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों का रवैया अन्यायपूर्ण और असंवेदनशील है, जो मां और बच्चों को अलग करने जैसा अमानवीय कदम उठा रहे हैं.

सीमा पार करने की मांग पर अड़ी महिलाएं

विरोध प्रदर्शन के कारण सीमा पर कुछ समय के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया. हालांकि अधिकारियों ने स्थिति को संभालने और महिलाओं को मनाने की कोशिश की, लेकिन महिलाएं अपनी मांग पर अड़ी रहीं कि उन्हें भी अपने बच्चों के साथ सीमा पार करने की अनुमति दी जाए.

इस घटना ने एक बार फिर बॉर्डर पार वैवाहिक रिश्तों और उनसे जुड़ी कानूनी जटिलताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सेना के अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की.

हिरन दफनाने के लिए खोदा गड्ढा, मिल गए ‘शिवजी’; पूजा के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक अजीब घटनाक्रम हुआ है. यहां एक मृत हिरन को दफनाने के लिए वन विभाग की टीम गड्ढा खुदवा रही थी, उसी गड्ढे में भगवान शिव की पीतल की मूर्ति मिल गई है. इसके साथ ही तांबे का आठ पुराने सिक्के भी मिले हैं. यह खबर लोगों को मिली तो देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंची और मूर्ति को हटाने का प्रयास किया, लेकिन इससे लोग नाराज हो गए और भारी विरोध हो गया. इसके बाद मूर्ति को उसी स्थान पर छोड़कर खुद पुलिस हट गई. अब इस स्थान पर खूब पूजा पाठ हो रहा है.

घटना गुरुवार की शाम हल्दौर रोड स्थित वन विभाग की चौकी के पास का है. जानकारी के मुताबिक हाल ही में वन विभाग की गश्ती टीम को एक हिरन घायल अवस्था में मिला था. वन विभाग के अधिकारियों ने इस हिरन का खूब उपचार किया, लेकिन फिर उसे बचा नहीं पाए. वहीं हिरन की मौत के बाद वन कर्मियों ने पोस्टमार्टम कराया और चौकी के पास ही गड्ढा खोद कर उसे दफनाने की कोशिश की. अभी गड्ढा खोदा ही जा रहा था कि फावड़ा किसी धातु से टकराया.

झंडा लगाकर पूजा पाठ शुरू

इसके बाद वन कर्मियों ने बड़ी सावधानी से मिट्टी हटाकर देखा तो भगवान शिव की पीतल की मूर्ति गड़ी थी. वहीं तांबे के 8 सिक्के भी पड़े थे. देखते ही देखते यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए. इतने में पुलिस भी पहुंची और भीड़ को पीछे कर मूर्ति को हटाने का प्रयास किया. इतने में भीड़ आक्रोशित हो गई और पुलिस का विरोध करना शुरू कर दिया. हालात को देखते हुए खुद पुलिस को ही पीछे हटना पड़ा. फिलहाल मूर्ति उसी स्थान पर मौजूद है और लोग धार्मिक झंडा लगाकर वहां पूजा पाठ करना शुरू कर दिए हैं.

कार्बन डेटिंग की तैयारी

उधर, पुलिस और वन विभाग ने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी है. इसके बाद जिला प्रशासन ने इस मूर्ति और सिक्कों की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला किया है. अधिकारियों के मुताबिक यह पता किया जाएगा कि यह मूर्ति कितनी पुरानी है और यहां गड्ढे में क्यों पड़ी थी. संभावना है कि इस मूर्ति के जरिए इस स्थान का कोई पुराना इतिहास निकलकर सामने आ जाए. इसके लिए कोशिश हो रही है कि जल्द से जल्द इसकी कार्बन डेटिंग कराई जाए.