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छत्तीसगढ़ को शिक्षा का राष्ट्रीय केंद्र बनाने का संकल्प : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को गुणवत्ता के आधार पर देश के टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी पढ़ाई के लिए छत्तीसगढ़ को वरीयता देंगे, जिससे प्रदेश की शैक्षणिक छवि राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ होगी।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देशित किया कि कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त डीएमएफ (जिला खनिज निधि) की राशि उपलब्ध है, वहां कुछ महाविद्यालयों को चिन्हित कर, विषय विशेष के राष्ट्रीय स्तर के मॉडल महाविद्यालयों के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे महाविद्यालय न केवल प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि देश-विदेश के विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन का केंद्र बन सकते हैं।

श्री साय ने नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' की नीति को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध विषय विशेषज्ञों को शिक्षण से जोड़ने से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और समसामयिक जानकारियों का सीधा लाभ मिलेगा। इसी क्रम में उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को और अधिक उन्नत बनाने हेतु विशेष रणनीति और प्रयास किए जाने के निर्देश भी दिए।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने विभागीय गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना (बहु विषयक शिक्षा एवं शोध विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने अवगत कराया कि शिक्षा सत्र 2024-25 से प्रदेश के 7 शासकीय तथा 17 निजी विश्वविद्यालयों, 335 शासकीय और 321 निजी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया गया है। उन्होंने इस नीति के विभिन्न प्रावधानों तथा चल रही प्रमुख गतिविधियों की भी जानकारी दी। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. भारतीदासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत हुए कार्यों की प्रगति, प्राध्यापकों की विभागीय पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं द्वारा विभिन्न पदों पर भर्तियों की स्थिति तथा आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में भी अवगत कराया। आगामी कार्ययोजनाओं में 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस', कौशल उन्नयन, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना तथा कौशल आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना प्रमुख हैं।

इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ : दृष्टिबाधित बच्चे अब स्मार्टफोन से करेंगे पढ़ाई, समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी

रायपुर- समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा, रायपुर एवं एम. जंक्शन, कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्मार्टफोन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. ठाकुर प्यारेलाल पंचायत ग्रामीण एवं विकास संस्थान, निमोरा में दो चरणों में आयोजित इस प्रशिक्षण का पहला चरण आज 26 अप्रैल 2025 को संपन्न हुआ. दूसरा चरण 28 से 30 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा.

समग्र शिक्षा से सीमा गौरहा, सहायक संचालक ने कहा कि बोर्ड के उपयोग से टाइपिंग करना और बच्चों को लिखित परीक्षा में सक्षम बनाना, स्मार्टफोन के उपयोग से पाठ्यपुस्तक को सॉफ्ट कॉपी में डाउनलोड कर पढ़ना, बच्चों की अध्ययन में आ रही समस्या को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से दूर करना और बुकशेयर के माध्यम से ऑनलाइन लाइब्रेरी से बच्चों को जोड़ना. इन उद्देश्यों के तहत कार्य किया जा रहा है.

प्रथम चरण में 15 जिलों से कुल 40 दृष्टिबाधित एवं सहयोगी के रूप में बी.आर.पी. (समावेशी शिक्षा) एवं स्पेशल एजुकेटर उपस्थित रहे. एम. जंक्शन से पिया नंदी एवं मास्टर ट्रेनर डॉ. हॉमियार, संजोग, चिराग द्वारा दृष्टिबाधित बच्चों को स्मार्टफोन का सामान्य परिचय, ऑन-ऑफ करना, गेस्चर की विभिन्न क्रियाएं, टॉकबैक के अंतर्गत स्मार्टफोन को सुगम्य कर विभिन्न एप्लिकेशन, जिनमें इजी रीडर एवं बुकशेयर का उपयोग शामिल है, सिखाया गया, जिसके माध्यम से दृष्टिबाधित बच्चे सुगमता से अपनी कक्षा की पुस्तकों को पढ़ सकेंगे.

एम. जंक्शन द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित बी.आर.पी. एवं स्पेशल एजुकेटर की सहायता से सभी प्रायोगिक कार्यों को अच्छे ढंग से बच्चों को सिखाया गया तथा अभ्यास करवाया गया. प्रशिक्षण का दूसरा चरण दिनांक 28 से 30 अप्रैल 2025 तक ठाकुर प्यारेलाल पंचायत ग्रामीण एवं विकास संस्थान, निमोरा, रायपुर में आयोजित किया जाएगा.

सेंट्रल जेल में एक और कैदी ने की आत्महत्या, 2016 से हत्या, पॉक्सो जैसे गंभीर अपराध में था बंद

रायपुर- सेंट्रल जेल रायपुर में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गंभीर अपराधों में बंद कैदी ओम प्रकाश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. मामले में पुलिस और जेल प्रशासन आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. इस घटना ने सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.  

जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ओम प्रकाश निषाद जेल में पिछले 2016 से जेल में बंद था, उसने आज फांसी लगा लिया है. आरोपी महासमुंद के नजदीकी गांव का रहने वाला था. आरोपी ओम के ऊपर 302 मर्डर, पॉक्सो सहित कई अपराध दर्ज थे. उन्होंने बताया कि आज मजीरस्टेड के सामने बॉडी प्रस्तुत की गई है. कल पोस्टमार्टम करके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.

अफ्रिकन कैदी ने भी किया था सुसाइड

रायपुर केंद्रीय जेल में किसी बंद कैदी के आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले इसी साल के 28 जनवरी को अफ्रीकी मूल के बंदी ने आत्महत्या की थी. कैदी पेट्रिक 2021 से ड्रस केस में जेल में बंद था. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गंज थाना पुलिस मृत कैदी का पंचनामा किया गया था.

सुरक्षा व्यवस्था पर बार-बार उठे सवाल

सेंट्रल जेल रायपुर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं. नवंबर 2024 में जेल परिसर के गेट पर फायरिंग की भी घटना हुईं थी. जिसमें एक युवक बुरी तरह घायल हुआ था.

छत्तीसगढ़ में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का कैंपस शुरू, डिप्टी CM शर्मा ने कहा- युवाओं के लिए बहुत अच्छी अपॉर्चुनिटी,जानिए कैसे लें एडमिशन

रायपुर- छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 176(3) के तहत सात वर्ष से अधिक सजा वाले प्रकरणों में अनिवार्य रूप से फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट द्वारा जांच की जाएगी. ऐसे मामलों में फॉरेंसिक साइंस विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, रायपुर में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) का एक नया कैंपस शुरू किया गया है.

डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा से यह महत्वपूर्ण पहल की गई है. जब तक नया भवन बनकर तैयार नहीं हो जाता, तब तक गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज (GEC) रायपुर के परिसर से कैंपस का संचालन किया जाएगा.

तीन प्रमुख कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू

  • एमएससी फॉरेंसिक साइंस (3 सीटें)
  • एमएससी डिजिटल फॉरेंसिक एंड इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी (3 सीटें)
  • प्रोफेशनल डिप्लोमा इन क्राइम सीन मैनेजमेंट (20 सीटें)

इन सभी कोर्सों में प्रवेश के लिए स्नातक की योग्यता आवश्यक है. इच्छुक छात्र nfsc.nic.in/admission वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं.

डिप्टी सीएम ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 18 मार्च 2025 से प्रारंभ हो चुकी है और आवेदन भरने की अंतिम तिथि 5 मई 2025 है. प्रवेश के लिए एग्जाम 7 और 8 जून 2025 को आयोजित होगा, तथा परिणाम 23 जून 2025 को घोषित किया जाएगा. यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की होगी, लेकिन मेरिट सूची राज्य स्तर पर तैयार की जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं.

फिलहाल 80 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है. भविष्य में सीटों और कोर्सेज की संख्या बढ़ाने तथा लगभग 400-500 करोड़ रुपये की लागत से नया अत्याधुनिक भवन बनाने की योजना भी प्रस्तावित है.

डिप्टी सीएम ने युवाओं से अपील की है कि वे इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और समय रहते आवेदन जरूर करें.

सेक्स रैकट का भंडाफोड़, ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस, फिल्मी स्टाइल में मारी रेड, 3 महिला समेत 5 गिरफ्तार

जगदलपुर- शहर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. यहां एक किराए के मकान में जिस्मफरोशी का गोरखधंधा संचालित किया जा रहा था. जहां जाल बिछाकर पुलिस की टीम ने रेड मारी. छापेमारी में 3 महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई बोधघाट थाना क्षेत्र के तेतरखूंटी में की गई. 

जाल बिछाकर मारी रेड, दबोचे गए आरोपी 

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, स्थानीय व्यक्ति ने थाना बोधघाट में शिकायत की थी कि तेतर खूंटी में किराए के मकान में कुछ लडकियां देह व्यापर कर रही है. मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने एएसपी, सीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की. पॉइंटर नियुक्त ने आरोपी युवती से फोन पर बात की, इस दौरान युवती ने अपना नाम कविता साहू बताया. उसने कहा कि  वह तेतरखूंठी इलाके में सेक्स के लिए लड़की उपलब्ध करा सकती है, और एक बार का रेट 1500 रुपये होगा. 

इसके बाद पुलिसकर्मी (पॉइंटर) ने निर्देश के अनुसार बताए गए मकान पर पहुंची. जहां पॉइंटर ने 1500 रुपए आरोपी युवती को थमाए, जब सौदा पक्का हो गया उसने इशारा किया और पुलिस की टीम ने रेड मार दी. कार्रवाई से हड़कंप मच गया. घर के कमरे से तीन महिला और 2 पुरुष को दबोचा गया. 

पूछताछ में खुलासा

दबिश के दौरान मौके से “कविता साहू” उर्फ मानसी, पूजा नाग उर्फ मोना, केश कुमारी उर्फ किरण कोर्राम उर्फ मान्या, प्रवीण ए. पी. प्रकाश एस. और विपिन एम. जी. को पकड़ा गया. महिला पुलिस अधिकारियों गोदावरी नागवंशी और सुजाता डोरा की पूछताछ में मुख्य आरोपी कविता साहू ने स्वीकार किया कि वह देह व्यापार के लिए पूजा नाग और केश कुमारी को अपने पास रखती थी, जबकि प्रवीण और विपिन रेगुलर ग्राहक थे. आरोपियों के कब्जे से 4,500 रुपये नकद और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया. पर्याप्त सबूत मिलने के बाद पांचों के खिलाफ थाना बोधघाट में पीटा एक्ट की धारा 3 और 5 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया. मामला जमानती होने के कारण सभी आरोपियों को शनिवार को न्यायिक रिमांड पर अदालत में पेश किया गया.

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में नमाज प्रकरण पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, एसएसपी ने NSS प्रभारी समेत अन्य पर FIR के दिए आदेश

बिलासपुर-  गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) के एनएसएस कैंप में जबरन नमाज पढ़वाने के मामले में अब बड़ी कार्रवाई की गई है। बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह ने खुद कोनी थाना पहुंचकर इस मामले की जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया और तत्काल सख्त कदम उठाते हुए एनएसएस प्रभारी प्रो. दिलीप झा सहित अन्य कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

गौरतलब है कि 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक चले एनएसएस कैंप में कुल 159 छात्रों ने भाग लिया था, जिनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाई गई थी। इस घटना के विरोध में एबीवीपी और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन भी किया था।

इस मामले में पहले ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एनएसएस समन्वयक दिलीप झा को पद से हटाकर उनके स्थान पर प्रोफेसर राजेंद्र कुमार मेहता को नियुक्त कर दिया था और 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी पद से हटा दिया गया था। अब पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में उन सभी जिम्मेदार अधिकारियों के नाम शामिल होंगे, जिन पर छात्रों से धार्मिक क्रिया-कलाप जबरन कराए जाने का आरोप है। मामले में आगे और भी बड़ी कार्रवाई संभव मानी जा रही है।

राज्यों में उर्वरकों की उपलब्धता और किसानों के हित में हो रहा है ठोस कार्य: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

अगरतला/रायपुर-  रसायन और उर्वरक मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति इन दिनों त्रिपुरा, असम और मेघालय की अध्ययन यात्रा पर है। समिति अध्यक्ष कीर्ति आज़ाद के नेतृत्व में हो रही इस यात्रा में सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत 17 से अधिक सदस्य शामिल हैं।

आज अगरतला (त्रिपुरा) में अध्ययन यात्रा के दौरान त्रिपुरा राज्य सरकार, ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के प्रतिनिधियों और किसानों के साथ अनौपचारिक चर्चा हुई। चर्चा का मुख्य विषय "पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों में उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण" रहा। इस अवसर पर किसानों की आवश्यकताओं, समस्याओं और समाधान के लिए गहन संवाद हुआ।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों के हित और कृषि क्षेत्र का समुचित विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। समिति द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर उर्वरक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे। किसानों की सुविधा सुनिश्चित करना हमारी प्रतिबद्धता है।

इसके अतिरिक्त, रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग (डीसीपीसी) और केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) के प्रतिनिधियों के साथ भी अनौपचारिक चर्चा हुई। चर्चा का विषय "चरम भारतीय जलवायु परिस्थितियों के तहत खाद्य उत्पादों में माइक्रोप्लास्टिक लीचिंग के जोखिम को कम करने के लिए खाद्य ग्रेड प्लास्टिक में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना" रहा।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान हेतु अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना समय की मांग है। इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएंगे ताकि नागरिकों को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जा सके।

CGMSC घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई: EOW ने 6 आरोपियों के खिलाफ 18 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में की पेश

रायपुर- छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) के 421 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इस घोटाले में करीब 18 हजार पन्नों का चालान तैयार कर विशेष अदालत में पेश कर दिया है। EOW की विशेष अदालत में दाखिल इस चार्जशीट में अब तक गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। इन सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया।

बता दें कि जिन 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, उनमें CGMSC के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक बसंत कुमार कौशिक, बायो मेडिकल इंजीनियर छिरोद रौतिया, उपप्रबंधक कमलकांत पाटनवार, डॉ. अनिल परसाई, मेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बंधे और मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा का नाम शामिल है।

छत्तीसगढ़ के राजकोष को किया गया खाली

कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को खाली किया गया था. इस पूरे मामले को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया.

बिना जरूरत की हॉस्पिटलों को सप्लाई

प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने अम्बेडकर अस्पताल का किया निरीक्षण

रायपुर- आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर, रेडियो डायग्नोसिस (एक्स-रे) विभाग, डीएसए ब्लॉक, स्त्री एवं प्रसूति रोग वार्ड, नियोनेटल केयर यूनिट (नर्सरी), एचडीयू वार्ड, कैंसर ओपीडी, कीमोथेरेपी कक्ष सहित प्रस्तावित एकीकृत 700 बिस्तरों वाले अस्पताल स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों में स्थापित चिकित्सा उपकरणों की स्थिति और उनकी कार्यक्षमता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं तथा भोजन व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल के किचन का निरीक्षण कर किचन की स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता का जायजा लिया। साथ ही अस्पताल के विभिन्न विभागों में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियनों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरे एवं रिक्त पदों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय के ऐसे विभाग, जहां मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संविदा नियुक्ति के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ चर्चा की।

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि चिकित्सा एक अत्यंत आवश्यक सेवा है, और अस्पताल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

निरीक्षण के दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सहित अस्पताल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ सरकार ने शसकीय सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी के लिए किया महत्वपूर्ण सुधार, 13 सेवाएं अब पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के दायरे में

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सुधार लागू किया है। राज्य के प्रमुख विभागों की 13 सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाया गया है, ताकि नागरिकों और व्यवसायियों को समय पर सेवाएं मिलें। इन विभागों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईसीबी, वाणिज्य और उद्योग, विधिक माप विज्ञान, नगर तथा ग्राम निवेश और जल संसाधन विभाग शामिल हैं। इस कदम से मंजूरी और अनुमति की प्रक्रिया तय समयसीमा में पूरी होगी, जिससे पारदर्शिता, कार्यक्षमता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

नई व्यवस्था के तहत, इन 13 सेवाओं के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन अनिवार्य होगा। यदि कोई विभाग समय पर सेवा प्रदान करने में विफल रहता है, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह प्रणाली न केवल सरकारी कामकाज को गति देगी, बल्कि नागरिकों और व्यवसायियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में हर नागरिक और व्यवसायी को सरकारी सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से मिलें। पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत 13 महत्वपूर्ण सेवाओं को शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुधार न केवल जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य में निवेश और विकास को भी नई गति दकिन सेवाओं को मिलेगा लाभ

इस नई व्यवस्था में पर्यावरण मंजूरी, औद्योगिक लाइसेंस, माप-तौल प्रमाणन, टाउन प्लानिंग अनुमोदन और जल संसाधन से संबंधित अनुमतियां जैसी सेवाएं शामिल हैं। पहले इन सेवाओं में देरी के कारण व्यवसायियों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब तय समयसीमा के साथ यह सुनिश्चित होगा कि आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द हो।

रायपुर अवन्ति बाई चौक के युवा व्यवसायी नान्हू अग्रवाल ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, पहले मंजूरी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब समयसीमा तय होने से हमारे कारोबार को गति मिलेगी। यह व्यवसायियों के लिए बहुत बड़ी राहत है।

पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाई गई यह व्यवस्था सरकारी कामकाज में जवाबदेही को बढ़ावा देगी। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनेगा। यह कदम छोटे और मझोले उद्यमों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जो समयबद्ध सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह सुधार डिजिटलीकरण और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक और मील का पत्थर है। सरकार की योजना है कि भविष्य में और सेवाओं को इस एक्ट के दायरे में लाया जाए, ताकि राज्य में हर क्षेत्र में विकास को गति मिले। इस पहल से निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ नए भारत के निर्माण में अपनी मजबूत भूमिका निभाएगा।ेगा।