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गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में नमाज प्रकरण पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, एसएसपी ने NSS प्रभारी समेत अन्य पर FIR के दिए आदेश

बिलासपुर-  गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) के एनएसएस कैंप में जबरन नमाज पढ़वाने के मामले में अब बड़ी कार्रवाई की गई है। बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह ने खुद कोनी थाना पहुंचकर इस मामले की जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया और तत्काल सख्त कदम उठाते हुए एनएसएस प्रभारी प्रो. दिलीप झा सहित अन्य कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

गौरतलब है कि 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक चले एनएसएस कैंप में कुल 159 छात्रों ने भाग लिया था, जिनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि 30 मार्च को ईद के दिन छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाई गई थी। इस घटना के विरोध में एबीवीपी और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन भी किया था।

इस मामले में पहले ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एनएसएस समन्वयक दिलीप झा को पद से हटाकर उनके स्थान पर प्रोफेसर राजेंद्र कुमार मेहता को नियुक्त कर दिया था और 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी पद से हटा दिया गया था। अब पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में उन सभी जिम्मेदार अधिकारियों के नाम शामिल होंगे, जिन पर छात्रों से धार्मिक क्रिया-कलाप जबरन कराए जाने का आरोप है। मामले में आगे और भी बड़ी कार्रवाई संभव मानी जा रही है।

राज्यों में उर्वरकों की उपलब्धता और किसानों के हित में हो रहा है ठोस कार्य: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

अगरतला/रायपुर-  रसायन और उर्वरक मंत्रालय की स्थायी संसदीय समिति इन दिनों त्रिपुरा, असम और मेघालय की अध्ययन यात्रा पर है। समिति अध्यक्ष कीर्ति आज़ाद के नेतृत्व में हो रही इस यात्रा में सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत 17 से अधिक सदस्य शामिल हैं।

आज अगरतला (त्रिपुरा) में अध्ययन यात्रा के दौरान त्रिपुरा राज्य सरकार, ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के प्रतिनिधियों और किसानों के साथ अनौपचारिक चर्चा हुई। चर्चा का मुख्य विषय "पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों में उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण" रहा। इस अवसर पर किसानों की आवश्यकताओं, समस्याओं और समाधान के लिए गहन संवाद हुआ।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों के हित और कृषि क्षेत्र का समुचित विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। समिति द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर उर्वरक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे। किसानों की सुविधा सुनिश्चित करना हमारी प्रतिबद्धता है।

इसके अतिरिक्त, रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग (डीसीपीसी) और केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) के प्रतिनिधियों के साथ भी अनौपचारिक चर्चा हुई। चर्चा का विषय "चरम भारतीय जलवायु परिस्थितियों के तहत खाद्य उत्पादों में माइक्रोप्लास्टिक लीचिंग के जोखिम को कम करने के लिए खाद्य ग्रेड प्लास्टिक में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना" रहा।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान हेतु अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना समय की मांग है। इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएंगे ताकि नागरिकों को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराया जा सके।

CGMSC घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई: EOW ने 6 आरोपियों के खिलाफ 18 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में की पेश

रायपुर- छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) के 421 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने इस घोटाले में करीब 18 हजार पन्नों का चालान तैयार कर विशेष अदालत में पेश कर दिया है। EOW की विशेष अदालत में दाखिल इस चार्जशीट में अब तक गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। इन सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया।

बता दें कि जिन 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं, उनमें CGMSC के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक बसंत कुमार कौशिक, बायो मेडिकल इंजीनियर छिरोद रौतिया, उपप्रबंधक कमलकांत पाटनवार, डॉ. अनिल परसाई, मेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बंधे और मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा का नाम शामिल है।

छत्तीसगढ़ के राजकोष को किया गया खाली

कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को खाली किया गया था. इस पूरे मामले को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था.

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया.

बिना जरूरत की हॉस्पिटलों को सप्लाई

प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था.

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने अम्बेडकर अस्पताल का किया निरीक्षण

रायपुर- आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर, रेडियो डायग्नोसिस (एक्स-रे) विभाग, डीएसए ब्लॉक, स्त्री एवं प्रसूति रोग वार्ड, नियोनेटल केयर यूनिट (नर्सरी), एचडीयू वार्ड, कैंसर ओपीडी, कीमोथेरेपी कक्ष सहित प्रस्तावित एकीकृत 700 बिस्तरों वाले अस्पताल स्थल का अवलोकन भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों में स्थापित चिकित्सा उपकरणों की स्थिति और उनकी कार्यक्षमता के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं तथा भोजन व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल के किचन का निरीक्षण कर किचन की स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता का जायजा लिया। साथ ही अस्पताल के विभिन्न विभागों में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियनों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरे एवं रिक्त पदों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय के ऐसे विभाग, जहां मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संविदा नियुक्ति के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ चर्चा की।

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि चिकित्सा एक अत्यंत आवश्यक सेवा है, और अस्पताल के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

निरीक्षण के दौरान चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सहित अस्पताल के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ सरकार ने शसकीय सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी के लिए किया महत्वपूर्ण सुधार, 13 सेवाएं अब पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के दायरे में

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सुधार लागू किया है। राज्य के प्रमुख विभागों की 13 सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाया गया है, ताकि नागरिकों और व्यवसायियों को समय पर सेवाएं मिलें। इन विभागों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईसीबी, वाणिज्य और उद्योग, विधिक माप विज्ञान, नगर तथा ग्राम निवेश और जल संसाधन विभाग शामिल हैं। इस कदम से मंजूरी और अनुमति की प्रक्रिया तय समयसीमा में पूरी होगी, जिससे पारदर्शिता, कार्यक्षमता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

नई व्यवस्था के तहत, इन 13 सेवाओं के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन अनिवार्य होगा। यदि कोई विभाग समय पर सेवा प्रदान करने में विफल रहता है, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह प्रणाली न केवल सरकारी कामकाज को गति देगी, बल्कि नागरिकों और व्यवसायियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में हर नागरिक और व्यवसायी को सरकारी सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से मिलें। पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत 13 महत्वपूर्ण सेवाओं को शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुधार न केवल जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य में निवेश और विकास को भी नई गति दकिन सेवाओं को मिलेगा लाभ

इस नई व्यवस्था में पर्यावरण मंजूरी, औद्योगिक लाइसेंस, माप-तौल प्रमाणन, टाउन प्लानिंग अनुमोदन और जल संसाधन से संबंधित अनुमतियां जैसी सेवाएं शामिल हैं। पहले इन सेवाओं में देरी के कारण व्यवसायियों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब तय समयसीमा के साथ यह सुनिश्चित होगा कि आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द हो।

रायपुर अवन्ति बाई चौक के युवा व्यवसायी नान्हू अग्रवाल ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा, पहले मंजूरी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब समयसीमा तय होने से हमारे कारोबार को गति मिलेगी। यह व्यवसायियों के लिए बहुत बड़ी राहत है।

पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत लाई गई यह व्यवस्था सरकारी कामकाज में जवाबदेही को बढ़ावा देगी। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी, बल्कि छत्तीसगढ़ निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनेगा। यह कदम छोटे और मझोले उद्यमों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जो समयबद्ध सेवाओं पर निर्भर रहते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह सुधार डिजिटलीकरण और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक और मील का पत्थर है। सरकार की योजना है कि भविष्य में और सेवाओं को इस एक्ट के दायरे में लाया जाए, ताकि राज्य में हर क्षेत्र में विकास को गति मिले। इस पहल से निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ नए भारत के निर्माण में अपनी मजबूत भूमिका निभाएगा।ेगा।

रायपुर पुलिस का बड़ा एक्शन, 1 करोड़ 20 लाख की शराब पर चला बुलडोजर

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. रायुपर जिले के विभिन्न थानों में अलग-अलग मामलों में जब्त 1 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध शराब को बुलडोजर चलाकर नष्ट किया गया. माना थाना परिसर में पुलिस ने बोतलों को मैदान में बिछाकर नष्ट किया. कार्रवाई के दौरान 3 थानों के निरीक्षक और कई अधिकारी मौजूद रहे.

इस कार्रवाई के दौरान अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी देवेन्द्र पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कीर्तन राठौर, उपायुक्त आबकारी जिला रायपुर रामकृष्ण मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक अमन रमन झा और 3 थानों के निरीक्षक मौजूद रहे. यहां सबसे पहले अवैध शराब को मैदान में जमाया गया, फिर बुलडोजर चलाकर नष्ट किया गया. जिससे पानी की तरह शराब की बाढ़ बहने लगी और मिट्टी में मिल गई.

कई वर्षो से रायपुर जिले के 32 थानों में जब्त शराब रखी हुई थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह के मार्गदर्शन में 3,585 आबकारी अधिनियम के प्रकरणों में 12,582 लीटर देशी शराब, 5,583 लीटर विदेशी शराब, 88 लीटर महुआ शराब, 427 लीटर बियर, कुल 18804 लीटर कीमती लगभग 1 करोड़ 20 लाख रूपये के शराब को नष्ट किया गया. 

भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामला: EOW ने ठेकेदार समेत 4 आरोपियों को कोर्ट में किया पेश, 7 दिन की मिली रिमांड

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को आज को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने सभी आरोपियों को EOW को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार 25 अप्रैल को EOW ने नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग, और बिलासपुर समेत कई जिलों में 16 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए थे, जो जांच में अहम भूमिका निभा सकते हैं। EOW की टीम मामले की गहन जांच कर रही है और सूत्रों के मुताबिक आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से करें निराकरण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समय सीमा में नामांतरण न होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही में विलंब न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना न पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है, अतः मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने और सभी आवेदनों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो। अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।

डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।

राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने विभागीय कार्यों और गतिविधियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, पंजीयन का डिजिटलीकरण तथा मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।

श्री चंपावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री श्री साय के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण नियमित रूप से किया जा रहा है।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत दी जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

"राजस्व विभाग का कार्य सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है। आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ मिले, इसके लिए सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण किया जाए। फौती–नामांतरण सहित सभी राजस्व प्रकरणों में अनावश्यक विलंब न हो, पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिले, और राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन नियमित रूप से किया जाए। मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि को प्रभावित करती है, इसलिए अविवादित नामांतरण, बंटवारे सहित अन्य राजस्व मामलों के निराकरण में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।"
—मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

"शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए। राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान करें। आम नागरिकों को न्याय और सुविधा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा


किशोर न्याय तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण कानूनों पर कार्यशाला सह परिचर्चा आयोजन में, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े हुई शामिल

रायपुर- रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में आज महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला-सह-परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती राजवाड़े ने कहा, बच्चों के अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। बाल संरक्षण से जुड़े प्रत्येक मामले में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई बेहद आवश्यक है। संबंधित विभाग समन्वय के साथ लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सभी मामलों को गंभीरता से लें ताकि जो बच्चे बाल सुधार गृह तथा अन्य स्थानों पर हैं वह पुनः अपराध न करें। श्रीमती राजवाड़े ने सभी को बाल विवाह रोकने शपथ भी दिलाई और बताया कि छत्तीसगढ़ में लगातार बाल विवाह में गिरावट आ रही है जिसे सबके सहयोग से हमें शून्य तक ले जाना है।

कार्यशाला की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि हर बच्चा एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। हम सबकी साझा जिम्मेदारी है कि हम कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव मजबूत करें। कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को बाल संरक्षण कानूनों, नियमों एवं संवेदनशील मामलों के कुशल प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी देना और उन्हें बाल अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाना था। तकनीकी सत्रों में प्रशिक्षकों विपीन ठाकुर एवं शरवत हुसैन नकवी ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान करते हुए कानूनों के व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। सचिव शम्मी आबिदी और संयुक्त संचालक नंदलाल चौधरी ने विभागीय योजनाओं एवं बाल संरक्षण संस्थाओं के कार्यों की जानकारी साझा की।

कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय कर्मचारी तथा बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लगभग 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के अंतर्गत विधि से संघर्षरत बच्चों एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास और उनके सर्वाेत्तम हितों की रक्षा संबंधी प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत बालकों के प्रति अपराधों की रोकथाम और दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बाल शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम जैसे विषयों पर भी अपने विचार साझा किए। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने बाल विवाह की रोकथाम, बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने तथा कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन, पीएचई और पीडब्ल्यूडी के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने एक दिवसीय बालोद प्रवास के दौरान जिले में नगरीय प्रशासन एवं विकास, लोक निर्माण तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बालोद कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मौजूदा ग्रीष्म ऋतु में लोगों को पेयजल एवं निस्तारी के लिए पानी की समस्या से जूझना न पडे़, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के पुख्ता उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता को इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पेयजल समस्या के निराकरण के लिए पूर्वानुमान लगाकर समय पूर्व समस्या के निराकरण की व्यवस्था करने को कहा। सांसद भोजराज नाग भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में बालोद जिले के विभिन्न नगरीय निकायों तथा लोक निर्माण एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्वीकृत एवं प्रगतिरत् निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में अच्छी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों में पेयजल की व्यवस्था, 15वें वित्त आयोग के कार्यों, नगरीय क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति और अटल परिसरों के निर्माण की प्रगति की सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से बारी-बारी से जानकारी ली। श्री साव ने बालोद नगर पालिका के व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बालोद शहर में जिला मुख्यालय के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने तथा शहरवासियों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान सिटी डेव्हलपमेंट प्लान की भी जानकारी ली। उन्होंने सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को शहरवासियों की अपेक्षाओं के अनुरूप सिटी डेव्हलपमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों एवं उनके निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सुबह नगर भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने को कहा। श्री साव ने अधिकारियों को गंभीरता और सक्रियता से काम करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यों में कोताही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से कार्यों का संपादन करने को कहा।

श्री साव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान लोगों को पेयजल संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े, इसके लिए समय पूर्व व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिन गांवों में हैण्डपंप खराब हैं वहां पानी की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में बताया कि बालोद जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए 70 नए ट्यूबवेल की स्वीकृति दी गई है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने तथा शत-प्रतिशत गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए शासन-प्रशासन की अच्छी छवि बनाने तथा नागरिकों में विश्वास का भाव जागृत करने को कहा। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा और पुलिस अधीक्षक योगेश कुमार पटेल सहित बालोद जिला प्रशासन, के वरिष्ठ अधिकारी, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।