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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से सांसद मनोज तिवारी ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर श्री तिवारी का पारंपरिक शाल ओढ़ाकर तथा छत्तीसगढ़ की विशिष्ट बेलमेटल कला से निर्मित नंदी की प्रतिमा भेंट कर आत्मीय स्वागत किया।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय और सांसद मनोज तिवारी के बीच छत्तीसगढ़ की लोक कला, लोक संस्कृति और राज्य में उभरते फिल्म उद्योग सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री तिवारी को राज्य सरकार द्वारा लोककला के संरक्षण, संवर्धन तथा फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में फिल्म सिटी की स्थापना की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से भी अवगत कराया।

सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और लोक धरोहरों को राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की।

डोंगरगढ़ रोपवे हादसा: कुदरगढ़ मंदिर में रोपवे लगाने की थी प्लानिंग, अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे पूर्व मंत्री पैकरा,लेकिन हो गया हादसा

डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर में शुक्रवार को हुए रोपवे हादसे ने एक बार फिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह महज एक तकनीकी दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही, अवैध निर्माण और VIP संस्कृति की एक खतरनाक मिसाल बन गई है।

पैकरा निरीक्षण पर आए, खुद हो गए हादसे का शिकार

बता दें कि छत्तीसगढ़ के वन विकास निगम के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बीते शुक्रवार की दोपहर डोंगरगढ़ में रोपवे संचालन की प्रणाली समझने के उद्देश्य से पहुंचे थे। उनके नेतृत्व में कुदरगढ़ मंदिर में भी रोपवे लगवाने की योजना बनाई जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के साथ मीटिंग निर्धारित थी, जिसमें कुदरगढ़ से जुड़े कुछ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे। लेकिन जिस तकनीक को देखने आए थे, उसी तकनीक ने उन्हें हादसे का शिकार बना दिया।

जैसे ही ट्रॉली दोपहर में मंदिर से नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अपनी तय सीमा से आगे बढ़ गई और वहां बने अवैध चबूतरे से टकराकर पलट गई। चबूतरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के निर्देश पर बनाया गया था, जिसकी तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गई थी और जो रोपवे की मूल डिज़ाइन का हिस्सा ही नहीं था। इस रोपवे का नियमित संचालन दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक बंद रहता है। लेकिन पैकरा की VIP यात्रा को देखते हुए रोपवे को विशेष रूप से चालू किया गया, वो भी उस वक्त जब अधिकांश स्टाफ भोजन अवकाश में था।

हादसे के वक्त ट्रॉली में रामसेवक पैकरा, भाजपा नेता भरत वर्मा, ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, दया सिंह, सिद्धार्थ सिंह और बलराम सिंह सवार थे। इस दौरान भरत वर्मा को गंभीर चोटें आई हैं, रीढ़ की हड्डी और हाथ में फ्रैक्चर की आशंका है। अन्य को हल्की चोटें लगीं।

पुरानी घटनाएं बता रहीं—ये हादसा इत्तेफाक नहीं!

यह पहली बार नहीं है जब डोंगरगढ़ का रोपवे सवालों के घेरे में आया हो—

  • फरवरी 2021: रोपवे की ट्रॉली गिरने से मज़दूर गोपी गोड़ की मौत हो गई थी। ट्रॉली रोप केबल से अलग होकर सीधे ज़मीन पर आ गिरी थी।
  • अप्रैल 2024: कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी मोहित गर्ग नवरात्रि से पहले निरीक्षण के दौरान ट्रॉली में ही फंस गए थे। बिजली सप्लाई रुकने से सिस्टम बंद हो गया और जनरेटर से उन्हें नीचे लाया गया।

इन घटनाओं के बावजूद न तो सिस्टम बदला, न ही सुरक्षा इंतज़ाम।

जवाबदेही से बचते दिखे ज़िम्मेदार

हादसे के बाद एसपी मोहित गर्ग मौके पर पहुंचे और रोपवे संचालन करने वाली कंपनी दामोदर इंफ्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। लेकिन स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब अवैध चबूतरा, VIP दबाव में संचालन और स्टाफ की गैरमौजूदगी से हादसा हुआ, तो ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल पर भी कार्रवाई क्यों नहीं? मनोज अग्रवाल मीडिया के सामने ये कहकर बचते नज़र आए कि संचालन ट्रस्ट करता है लेकिन मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी दामोदर इंफ्रा की है। दूसरी ओर, दामोदर इंफ्रा के साइट इंचार्ज ने सारा ठीकरा बिजली विभाग पर फोड़ते हुए ‘लो वोल्टेज-हाई वोल्टेज’ का बहाना बना डाला। लेकिन कंपनी ने आज तक कभी बिजली विभाग को इस समस्या की कोई लिखित सूचना तक नहीं दी।

यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस लापरवाह और वीआईपी संस्कृति की पोल खोलता है, जिसमें आम जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर नियम तोड़े जाते हैं। रोपवे जैसी तकनीकी सेवा, जहां जान की बाज़ी लगी हो, वहां बिना स्टाफ, बिना सुरक्षा जांच और बिना ज़रूरी अनुमति के संचालन किया गया।

कुदरगढ़ में रोपवे लगाने का सपना लेकर आए थे पैकरा, लेकिन डोंगरगढ़ का ही रोपवे उन्हें ज़मीन पर ला पटका। अब सवाल यह है, क्या इस हादसे के बाद सिर्फ कंपनी पर कार्रवाई होगी ? या उन असली ज़िम्मेदारों पर भी शिकंजा कसेगा जिन्होंने नियमों को VIP आदेशों के नीचे कुचल डाला?

पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव पर भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप…

रायपुर- पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर एक बार फिर से पत्र को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. अबकी बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास राव पर कांग्रेस का एजेंट बनकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कैम्पा योजना में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. इसके साथ 1628 वनरक्षकों की भर्ती में किए गए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की मांग की है.

ननकीराम कंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि कैम्पा योजना के मुख्य पद पर रहते हुए श्रीनिवास राव ने केन्द्र सरकार के बजट एवं दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए अपने करीबी रिश्तेदारों एवं चहेतों को मनमर्जी तरीके से कई सौ करोड़ का काम दिया, जिसमें बाजार दर से अधिक दर पर निर्माण सामग्रियों की आपूर्ति के साथ स्तरहीन कार्य कराया. इसके अतिरिक्त अधिकतर दूरस्थ स्थानों पर कार्य के नाम पर आवंटन का अगर सत्यापन किया जाएगा, तो यहां कार्य होना ही नहीं पाया जाएगा.

इसके अलावा कंवर ने वनरक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि राज्य में वन रक्षकों (फारेस्ट गार्ड) की भर्ती हेतु लगभग 1500 पदों पर नवम्बर 2024 से दिसम्बर 2024 के बीच फीजिकल टेस्ट विभिन्न वन मंडलों में किया गया. 4 लाख 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण डीएफओ बालोद, सरगुजा, महासमुंद समेत अन्य ने लिया. जो 16 नवंबर 2024 से प्रारंभ होकर 17 दिसम्बर 2024 तक मंडलवार अलग-अलग तिथियों में संपन्न हुआ.

राज्य शासन के शारीरिक क्षमता परीक्षा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पर्याप्त रोशनी में कराई जाने के निर्देश के बावजूद कुछ जिलों में कृत्रिम प्रकाश में यह कार्रवाई नियम विरुद्ध की गई. श्रीनिवास राव पर अपने पद का दुरूपयोग कर कमीशनखोरी करने की नियत से भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ वन अधिकारी के साथ उनके रिश्ते-नातेदार की चल-अचल संपत्ति की भी जांच कराने की मांग की है.

छत्तीसगढ़ में कितने पाकिस्तानी नागरिक! इनमें से अधिकांश हिंदू, राज्य में संपत्ति खरीदी, अब वापसी के अल्टीमेटम से डरे, 4 की हुई वापसी

रायपुर- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है. केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे यानी कि दो दिन के भीतर भारत देश छोड़ने का फरमान जारी किया है. इस आदेश के बाद रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पाकिस्तानी नागरिकों में अफरा-तफरी मच गई है.

जानकारी के मुताबिक, हजारों पाकिस्तानी नागरिक रायपुर समेत पूरे प्रदेश में रह रहे हैं, जिसमें ज्यादातर हिंदू नागरिक हैं, जिन्हें भारत छोड़कर जाने में तकलीफ महसूस हो रही है. लेकिन सरकार के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों ने सभी नागरिकों को देश छोड़ने की हिदायत दी है. जानकारी ये भी सामने आ रही है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिकों ने रायपुर समेत प्रदेशभर में संपत्ति खरीदकर बस चुके हैं, जिनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.

हाल में आए चार पाक नागरिक वापस लौटे

सामाजिक कार्यों के लिए पाकिस्तान से तीन मुस्लिम महिलाएं समेत चार नागरिक रायपुर आए थे, जिनमें महिला समेत सभी लोग वापस पाकिस्तान लौट गए हैं, जिनकी जानकारी सूत्रों से पाई गई है. हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से पाकिस्तानी नागरिकों के नाम को उजागर नहीं किया गया है, लेकिन उन पर और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

रायपुर समेत अन्य जिलों में बना लिया घर

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान से आए कई नागरिकों ने प्रदेशभर में जमीन और घरों को खरीदकर अपनी संपत्ति बना ली है. रायपुर के आर. सद्दू, विधानसभा, महावीर नगर, बोरियाकला और माना रोड पर अपना घर बना लिया है. जिसके बाद धीरे-धीरे भारत की नागरिकता भी ली जा रही है. इनमें कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है. ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है.

पाकिस्तानियों का नियमित वेरिफिकेशन

यहां रह रहे पाक नागरिकों का जिला विशेष शाखा तथा पासपोर्ट कार्यालय में बुलाकर वेरिफिकेशन कराने के साथ उनकी गतिविधियों की निगरानी करने का पुलिस अफसर दावा कर रहे हैं. अफसरों के अनुसार यहां रह रहे ज्यादातर पाक नागरिक बिजनेस वीज़ा में रह रहे हैं. बिजनेस वीज़ा में रह रहे ज्यादातर पाक नागरिकों ने अपना वीज़ा एक्सटेंड करा लिया है. रायपुर में रह रहे ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आकर यहां रह रहे हैं. लंबे समय से रह रहे कई पाकिस्तानी नागरिकों ने भारतीय नागरिकता ग्रहण कर ली है. रायपुर में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों में से ज्यादातर लोगों ने भारतीय नागरिकता हासिल करने आवेदन दिया है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को दिए निर्देश

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार के पांच बड़े निर्णय और सख्ती को देखकर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को स्पष्ट निर्देशित किया है कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों को तय समय के अंदर ही वापस भेज दिया जाए. किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को तय समय से अधिक रुकने न दिया जाए.

इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का निर्देश मिला है. सभी राज्य इसका पालन करेंगे और पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है.

भीषण गर्मी के बीच स्कूलों में 1 मई से समर कैम्प का आदेश !

रायपुर- भीषण गर्मी और लू के चलते राज्य शासन ने जहां स्कूलों में आज से छुट्टियां घोषित कर दी हैं, वहीं 1 मई से स्कूलों में समर कैम्प लगाने का आदेश शिक्षा सचिव ने जारी किया है. हालांकि समर कैम्प स्वैच्छिक रखा गया है किन्तु बच्चों को बड़े संस्थानों का भ्रमण कराने की भी बात सचिव ने कही है. गर्मी में समर कैम्प और संस्थानों के भ्रमण को लेकर शिक्षकों और पालकों में तीखी प्रतिक्रिया है.

शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने समस्त कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर स्कूलों में 1 मई से 15 जून तक समर कैम्प आयोजित करने के आदेश दिए हैं. पत्र में कहा गया है कि समर कैम्प के जरिए बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न कर उनकी बहुमुखी प्रतिभा को विकसित किया जा सकता है. समर कैम्प स्कूलों अथवा गांव-शहर के सामुदायिक स्थानों में लगाने कहा गया है. समर कैम्प के लिए कला एवं अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है. इतना ही नहीं गांव एवं शहर से निकट के विभिन्न बड़े संस्थानों का भ्रमण कराने की भी बात शिक्षा सचिव ने कही है. समर कैम्प के लिए शिक्षकों एवं पालकों का सहयोग लिया जाएगा.

शिक्षा सचिव ने कहा है कि समर कैम्प स्वैच्छिक रहेगा तथा इसका समय सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे तक निर्धारित किया गया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि समर कैम्प के लिए शिक्षा विभाग की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाएगा.

पाकिस्तानी हिंदुओं ने डिप्टी सीएम शर्मा से लगाई गुहार….उपमुख्यमंत्री बोले- आप पाकिस्तान पीड़ित, केंद्र से करेंगे बात…

रायपुर- पहलगाम हमले के बाद भारत की शरण लेने आए करीब 125 पाकिस्तानी हिंदुओं का जीवन अधर पर लटक रहा है. वे 22 अप्रैल को सिंध से भारत आए, इसी बीच सरकार ने पाकिस्तानियों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिया. पाकिस्तानी हिंदुओं ने अब छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम शर्मा से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है.

रायपुर पहुंचे पाकिस्तानी हिंदुओं के एक समूह ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी परेशानियां बताई और मदद की गुहार लगाई है. जिसके बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने उन्हें यह आश्वासन दिया है कि वे इन्हें आम पाकिस्तानी नागरिक नहीं, बल्कि “पाकिस्तान पीड़ित” मानते हैं और केंद्र सरकार से इनके स्थायी समाधान के लिए बात करेंगे. डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि सिंध से आए लोगों की आपबीती से पाकिस्तान में हिंदुओं की कठिन स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इन पीड़ितों में शामिल सुखदेव लुंद, जो सिंध के घोटकी जिले के खानपुर के निवासी हैं, ने साफ कहा कि “हम लौटकर पाकिस्तान नहीं जाएंगे.” सुखदेव 45 दिन के विजिटर वीजा पर रायपुर के शदाणी दरबार पहुंचे हैं और उनके साथ परिवार के अलावा 24 लोगों का समूह भी है. 

सुखदेव ने बताया कि आतंकवादी हमलों और अत्याचारों से परेशान होकर वे भारत पहुंचे हैं और रायपुर में शरण की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन आने के बाद बीते 48 घंटे में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुखदेव ने बताया कि इससे पहले लगभग 100 अन्य पाकिस्तानी हिंदू भी रायपुर पहुंच चुके हैं. सभी ने भारत में स्थायी निवास की मांग की है, ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें.

एक्शन में लोक शिक्षण संचालनालय : अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, दो दिन में मांगी रिपोर्ट

रायपुर- छत्तीसगढ़ के लोक शिक्षण संचालनालय ने अनधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. इस संबंध में संचालनालय ने सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को पत्र जारी किया है.

पत्र में तीन माह या उससे अधिक समय से बिना अनुमति के अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची दो दिन के भीतर भेजने के निर्देश दिए गए हैं. लोक शिक्षण संचालक ने स्पष्ट किया है कि सूची की हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी दोनों अनिवार्य रूप से भेजनी होगी.

Zora The Mall बनेगा रायपुर की नई पहचान, PVR LUXE में मिलेगा लग्जरी मूवी एक्पीरियंस, एक ही छत के नीचे 150 से ज्यादा ब्रांड्स

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज ज़ोरा मॉल की ऐतेहासिक शुरुआत हुई है, जो देश के टियर- 3 शहरों में राजधानी को स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है. डेढ़ सौ से भी ज्यादा नेशनल और इंटरनेशन ब्रांड ज़ोरा से जुड़कर एक परफेक्ट डेस्टिनेशन के रूप में तैयार होने जा रहा है. मॉल के साथ छत्तीसगढ़ के पहले और सबसे बड़े PVR LUXE की भी शुरूआत हुई है.

आज मॉल का भव्य शुभारंभ किया गया, जहां फाउंडर विजय झंवर और प्रमोद अरोड़ा ने मुख्य अतिथि सीएम विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का स्वागत किया. सीएम साय ने रिबन काटकर 12 साल से इस बहुप्रतीक्षित मॉल की शुरुआत की. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा मौजूद रहे.

PVR में मिलेगा मेट्रो सिटी जैसा लग्जरी फिल्म एक्सपीरियंस

यहां के आकर्षण का मुख्य केंद्र है छत्तीसगढ़ का पहला लक्जरी PVR मल्टीप्लेक्स, जहां फिल्म देखना अब सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक रॉयल एक्सपीरियंस होगा. लग्जरी स्क्रीन में सिर्फ 35 रिक्लाइनिंग सीटें हैं, जिनमें पांच स्मार्ट बटन दिए गए हैं – सीट को झुकाने से लेकर खाना ऑर्डर करने तक सब कुछ एक टच में…. यहां तक कि हाई-क्वालिटी स्क्रीन और डॉल्बी डिजिटल सराउंड साउंड से फिल्म का हर सीन रीयल फील देगा. PVR में कुल 5 स्क्रीन हैं, जिसमें चार मेन स्ट्रीम स्क्रीन और एक लक्स स्क्रीन . हर मेन स्ट्रीम ऑडिटोरियम को हरे, नीले और सुनहरे रंगों की थीम पर डिज़ाइन किया गया है. जिसमें फैब्रिक से तैयार की गई साइडवॉल्स, कोवलाइटिंग और अंतिम पंक्ति में प्रीमियम रिक्लाइनर सीटें हैं. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ वसियों को ये बेस्ट एक्सपीरियंस देगा.

खाने-पीने से लेकर कैफे का भी इंतजाम

यहां फिल्म देखते हुए आप कैफेटेरिया से खाना ऑर्डर कर सकते हैं, वो भी किफायती दरों में. दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर यहां प्रीमियम अनुभव मिलेगा.

बुक करें अपना प्राइवेट पीवीआर! रायपुर का यह पहला बुकेबल फैमिली पीवीआर है, जिसे ग्रुप या निजी आयोजनों के लिए बुक किया जा सकता है. बड़े शहरों की तुलना में इसकी कीमत काफी सस्ती है. जोरा द मॉल सिर्फ एक मॉल नहीं, बल्कि रायपुर की बदलती पहचान की एक झलक है. एक ऐसा ठिकाना, जहां हर उम्र के लोगों को शॉपिंग, एंटरटेनमेंट और लग्जरी का परफेक्ट कॉम्बिनेशन मिलेगा.

12 साल बाद ट्रेजर से बना ‘जोरा मॉल’, मिला नया कलेवर

कार्यक्रम में शामिल सीएम साय ने कहा कि “जोरा मॉल सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं, बल्कि शहर के विकास का नया पड़ाव है. इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और रायपुर की शहरी छवि को नया मुकाम मिलेगा.” उन्होंने मॉल के संचालकों को बधाई देते हुए इसे राजधानी के लिए गौरव की बात बताया. वही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बताया कि यह मॉल पहले ‘ट्रेजर आईलैंड’ के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब 12 साल बाद इसका कायाकल्प हुआ है और यह मॉल छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े मॉल्स में शुमार हो गया है.

फाउंडर विजय झंवर ने ज़ोरा मॉल को छत्तीसगढ़ और यहां आने वाले सभी टूरिस्ट के लिये एक डेस्टिनेशन के रूप में बताया है. उन्होंने बताया कि मॉल की शुरुआत में ही रन्ना गिल, कैफ़े दिल्ली हाइट्स, आइकोनिक के अंदर 15 इंटरनेशनल ब्रांड्स रायपुर आ चुकी है जो पहले नहीं थी. आने वाले समय में और भी ब्रांड्स इस मॉल से जुड़ेंगे और राजधानी को देश के विकसित शहरों के बीच जगह देने में सफल होंगे.

SECR का घूसखोर अफसर समेत 4 गिरफ्तार, 32 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप

रायपुर- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के मुख्य अभियंता (आईआरएसई: 2000) सहित चार लोगों को 32 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में अधिकारी के एक पारिवारिक सदस्य, एक निजी कंपनी के प्रबंध निदेशक और उक्त कंपनी का एक कर्मचारी शामिल हैं. यह कार्रवाई रेलवे ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार के नेटवर्क को तोड़ने के बाद की गई.

सीबीआई ने मुख्य अभियंता, निजी कंपनी, इसके प्रबंध निदेशक और कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप है कि मुख्य अभियंता ने निजी कंपनी के पक्ष में रेलवे के ठेके और कार्य आदेशों में अनुचित लाभ देने के लिए रिश्वत ली. यह राशि उनके निर्देश पर उनके पारिवारिक सदस्य ने रांची में प्राप्त की.

जांच में पता चला कि निजी कंपनी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए विभिन्न निर्माण कार्य कर रही थी, जिसमें छोटे-बड़े पुल, रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी), रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), और ट्रैक लाइनिंग जैसे कार्य शामिल थे. प्रबंध निदेशक ने अपने बेटे को बताया था कि मुख्य अभियंता के साथ मुलाकात के बाद 32 लाख रुपये की रिश्वत तय की गई थी, ताकि कंपनी के लंबित मामलों को उनके पक्ष में निपटाया जा सके.

सीबीआई ने 25 अप्रैल 2025 को जाल बिछाकर मुख्य अभियंता को तब पकड़ा, जब उनके पारिवारिक सदस्य ने निजी कंपनी के प्रतिनिधि से रांची में 32 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार की. रिश्वत की राशि सीबीआई ने पारिवारिक सदस्य के कब्जे से बरामद की.

वर्तमान में बिलासपुर और रांची सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चल रहा है. तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी बरामद की गई है. जांच अभी जारी है.

पहलगाम पीड़ितों के साथ है देश की 140 करोड़ जनता, श्रद्धांजलि सभा में छलका आक्रोश और दर्द की असहनीय पीड़ा

अम्बिकापुर- पहलगाम में आतंकी हमले का दर्द, कष्ट, शोक, पीड़ा और आक्रोश पूरे देश को है, पूरी मानवता को है। हम 140 करोड़ भारतीय पीड़ित परिवारों के साथ हैं। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गये भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने कहा कि धर्म पूछ कर निहत्थे पर्यटकों की हत्या करना बहुत ही दुखद है। ये आतंकी और उनके आका कश्मीर की अर्थव्यवस्था को निशाना बना रहे हैं। आतंक की फैक्ट्री चलाने वाले चाहते हैं कि कश्मीर में बेरोजगारी बढ़े और उन्हें आतंक की फैक्ट्री चलाने का अवसर मिले। पहली बार पर्यटकों पर हमला हुआ जिससे कश्मीर के पर्यटन उद्योग को धक्का लगा है। पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठनों का करारा जवाब भारतीय सेना, भारत सरकार और देश की 140 करोड़ जनता देगी। श्रद्धांजलि सभा के दौरान दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना की गयी। सभा के दौरान सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।