मेरे सामने पिता को 3 गोलियां मारीं’, पहलगाम हमले में सुरक्षित बची 26 साल की लड़की ने सुनाई खौफनाक कहानी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए 26 टूरिस्ट को मौत के घाट उतार दिया और कई घायल हैं. दहशतगर्दों की इस कायराना हरकत की वजह से तमाम परिवार की जिंदगियां तबाह हो गईं. कई पर्यटकों ने इस पूरी घटना को अपने आंखों के सामने घटित होते देखा और उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि कोई इस हद तक कैसे जा सकता है. उन्हीं में एक पीड़ित बेटी ने बताया है कि कैसे उसके पिता को आतंकियों ने बेरहमी से मारा है.
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समाचारा एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुणे के व्यवसायी की 26 साल बेटी असावरी जगदाले ने बताया कि जब आतंकवादी आए तो परिवार एक तंबू के अंदर डर के मारे दुबका हुआ था. उन्होंने उसके पिता संतोष जगदाले को बाहर बुलाया. उनकी उम्र 54 साल थी. आंतकवादियों ने बाहर बुलाकर एक इस्लामी आयत पढ़ने को कहा. जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्होंने उन्हें तीन गोलियां गोली मारी. उसके पिता को एक गोली सिर पर, दूसरी पीठ में और तीसरी कान के पास मारी.
चाचा की पीठ पर दागी कई गोलियां
उसने बताया कि गोली लगते ही उसके पिता जमीन पर गिर गए. इसके बाद आतंकी बगल में लेटे उसके चाचा की तरफ मुड़ गए और उन पर हमला कर दिया. उनके पीठ में कई गोलियां मारीं. असावरी जगदाले ने कहा, ‘हम पांच लोगों का ग्रुप में थे, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे. हम पहलगाम के पास बैसरन घाटी में थे और मिनी स्विट्जरलैंड नामक स्थान पर थे, जब गोलीबारी शुरू हुई.’ हालांकि असावरी को अभी तक यह जानकारी नहीं है कि उसके पिता और चाचा जीवित हैं या फिर उनकी मौत हो गई है. वहीं, उसकी मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार बच गई, जिन्हें स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों ने पहलगाम क्लब में पहुंचाया है.
असावरी जगदाले पुणे में एचआर प्रोफेशनल हैं. उनका कहना है कि उनका परिवार छुट्टियां मनाने जम्मू-कश्मीर गया हुआ था. पहलगाम में जिन आतंकियों ने हमला किया है वह स्थानीय पुलिस की तरह ड्रेस पहने हुए थे. उन्होंने पहाड़ी से उतरते ही गोलीबारी शुरू कर दी. जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई वैसे ही उनका परिवार तुरंत सुरक्षा के लिए पास के एक तंबू में भाग गया. छह से सात अन्य पर्यटक भी वहां पहुंचे. वे गोलीबारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए. वे समझ रहे थे कि आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हो रही है.
‘चौधरी तू बाहर आ जा’, आतंकियों ने बुलाया
असावरी जगदाले ने कहा कि आतंकी पहले पास के एक तंबू में गए और गोलीबारी शुरू कर दी फिर वे उसके तंबू में आए और उसके पिता को बाहर आने के लिए कहा. उन्होंने कहा ‘चौधरी तू बाहर आ जा’. फिर आतंकवादियों ने उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्होंने बयान दिया, जिसमें इस बात से इनकार किया गया कि कश्मीरी आतंकवादी निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों को मारते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘तंबू में मौजूद कई पुरुषों को आतंकियों ने गोली मारी. मदद करने वाला कोई नहीं था. कोई पुलिस या सेना नहीं थी, जो 20 मिनट बाद पहुंची. यहां तक कि स्थानीय लोग भी इस्लामी आयत पढ़ रहे थे. जो लोग हमें घोड़ों पर लेकर घटनास्थल पर पहुंचे, उन्होंने हमारी मदद की. बाद में चोटों की जांच के लिए हमारी मेडिकल जांच की गई और फिर हमें पहलगाम क्लब में भेज दिया गया. गोलीबारी दोपहर करीब साढ़े 3 बजे हुई.’
Apr 23 2025, 15:29