मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, आंध्र के पूर्व सीएम जगन मोहन की 27 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की 27.5 करोड़ रुपये की शेयर संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। इसके साथ ही, डालमिया सीमेंट्स (भारत) लिमिटेड (डीसीबीएल) की 377.2 करोड़ रुपये की जमीन भी जब्त की गई है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है।
सीबीआई ने इस मामले में 2013 में चार्जशीट लगाई थी। इसके अनुसार जगन मोहन रेड्डी के साथ मिलकर डालमिया सीमेंट्स ने 417 हेक्टेयर के लाइम स्टोन अवैध तरीके से लीज में लिए थे। सीबीआई चार्जशीट के आधार पर मनी लॉर्डिंग के मामले को अब ईडी ने आगे बढ़ाया है।
जगन मोहन रेड्डी के कार्मेल एशिया होल्डिंग्स लिमिटेड, सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और हर्षा फर्म में शेयर जब्त किए गए हैं। डीसीबीएल को यह जब्ती आदेश 15 अप्रैल, 2025 को मिला। जबकि यह आदेश 31 मार्च को ही जारी कर दिया गया था।
आरोप है आंध्र प्रदेश के कडपा जिले में 417 हेक्टेयर के लाइम स्टोन की खरीदारी में धांधली की गई थी। जगन ने अपने पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी पर प्रभाव डालकर डीसीबीएल को कडप्पा जिले में 407 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन पट्टा दिलाने में मदद की थी। यह सब 'क्विड प्रो क्वो' डील के तहत हुआ। 'क्विड प्रो क्वो' का मतलब होता है 'कुछ देना और कुछ लेना'।
इस घोटाले के जरिए जगन मोहन रेड्डी को करीब 150 करोड़ अवैध तरीके से लाभ मिलने का आरोप है। आरोप ही कि आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी तक जो पैसे पहुंचे थे, उनमें से 95 करोड़ रघुराम सीमेंट के शेयर के जरिए मिले थे और 55 करोड़ रुपये हवाला के रूप में जगन तक पहुंचे थे। सीबीआई का कहना है कि जगन मोहन रेड्डी को जो 150 करोड़ रुपये मिले हैं, उनके अलावा उन्हें हावाला के जरिए 85 करोड़ रुपये और मिलने वाले थे, लेकिन सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया इस वजह से ये पैसे जगन मोहन रेड्डी तक नहीं पहुंचे।
ईडी और सीबीआई का आरोप है कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी, ऑडिटर और पूर्व सांसद वी विजय साई रेड्डी और डीसीबीएल के पुनीत डालमिया के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत, उन्होंने रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड में अपने शेयर एक फ्रांसीसी कंपनी PARFICIM को 135 करोड़ रुपये में बेच दिए। इसमें से 55 करोड़ रुपये जगन को 16 मई, 2010 और 13 जून, 2011 के बीच हवाला चैनलों के माध्यम से नकद में दिए गए। इन भुगतानों की जानकारी आयकर विभाग, नई दिल्ली द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों में मिली।
Apr 18 2025, 16:40