हिंद महासागर में चीन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में भारत, फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल की डील
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अपने पड़ोसी देशों की हरकतों को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल खरीदने को मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच पहले भी रॉफेल विमानों को लेकर सौदा हो चुका है। साल 2016 में भारत ने वायु सेना के लिए 36 रॉफेल विमान खरीदे थे। अब नौ सेना के लिए यह नया सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। इस सौदे में विमानों के साथ-साथ हथियार, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का सामान भी शामिल होगा।
सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद फ्रांस 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा। राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन की डील उसी बेस प्राइज में करना चाहता था, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। इस डील की जानकारी सबसे पहले पीएम मोदी की 2023 की फ्रांस यात्रा के दौरान सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लेटर ऑफ रिक्वेस्ट जारी किया था, जिसे फ्रांस ने दिसंबर 2023 में स्वीकार किया।
जून 2024 में हुई थी पहले दौर की चर्चा
26 राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-M जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टक सपोर्ट मुहैया कराएगा।
इन हथियारों में अस्त्र एयर-टु-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। इससे पहले सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए की डील में भारत वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है।
हिंद महासागर में चीन को मिलेगी टक्कर
यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। रॉफेल मरीन विमान आधुनिक तकनीक से लैस हैं और समुद्र में ऑपरेशन के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। ये विमान नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रांत से उड़ान भर सकेंगे। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह सौदा बहुत जरूरी माना जा रहा है। ये विमान नौसेना को समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी और हमले की ताकत देंगे।





Apr 09 2025, 15:23
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