भारत सरकार ने सन् 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया था- प्रो0 आलोक धवन

गोरखपुर। स्थापना वर्ष/स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में एवं हीरक जयंती के अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र, वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला तारामण्डल गोरखपुर एवं दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विषय पर आधारित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन दीक्षा भवन दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, महात्मा गाॅधी पी0जी0 कालेज, सेन्ट एन्ड्रयूज डिग्री काॅलेज, आई0टी0एम0 गीडा, बी0आई0टी. गीडा, गोरखपुर के छात्र/छात्राओं के द्वारा विज्ञान माॅडल की प्रदर्शनी लगायी गई और दीक्षा भवन में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो0 आलोक धवन, निदेशक, सेन्टर फार बायोमेडिकल, लखनऊ, एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 पूनम टंडन ने विद्यार्थियों द्वारा लगाये गये माॅडलों को अवलोकनोपरान्त दीप प्रज्जावलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि प्रो0 आलोक धवन ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत सरकार ने सन् 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया गया था और पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी-1987 को मनाया गया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो0 पूनम टंडन कुलपति डीडीयू गोरखपुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि शोथ छात्र जन्म उपयोगी तकनीकियों को पेटेण्ट कराने हेतु कामरशिलाइस करके जन्म उपयागी प्रोैद्योगिकियों से आम जनमानस को लाभान्वित किया जाय, तथा गोरखपुर को सांइस सिंटी के रूप में विकसित किया जाय।
कार्यक्रम परिचय एवं वैज्ञानिक उद्बोधन देते हुए वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पाण्डेय ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य आम जन मानस एवं वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति अभिरूचि बढ़ाना तथा जागरूकता बढ़ाना था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन से वैज्ञानिक सोच को एवं विद्यार्थियों में मानसिक सोच को विकसित व प्रोत्साहित करना एवं विज्ञान के क्षेत्र में भारत के योगदान को याद कराना था।
विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान माण्डल प्रतियोगिता का आयोजित किया गया जिसमें प्रथम स्थान- सिद्धार्थ तिवारी, आई.ई.टी. डी.डी.यू. गोरखपुर, द्वितीय स्थान-रंगिता कुमारी, आई.ई.टी. डी.डी.यू. गोरखपुर, तृतीय स्थान संयुक्त रूप में-आलोक गुप्ता, आई.ई.टी. डी.डी.यू. गोरखपुर, प्रीति राजभर, बीआई.टी. गीडा, गोरखपुर, एवं प्रिंस श्रीवास्तव, आई.ई.टी. डी.डी.यू. गोरखपुर दिया गया। और प्रियंका गुप्ता, आई.टी.एम. गीडा, स्नेहा पाण्डेय, आई.टी.एम. गीडा गोरखपुर व अमन मौर्या अर्थशास्त्र विभाग, डी.डी.यू. गोरखपुर बृज किशोरी को संयुक्त रूप से सांत्वना पुरस्कार प्रदान प्रदान किया गया।
फिजिकल साइंस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सोनल, डी.डी.यू. गोरखपुर, द्वितीय स्थान-मिनहोजुद्दीन शाह, महात्मा गाॅधी पी0जी0 कालेज, गोरखपुर तृतीय स्थान-स्वाती, सेन्ट एन्ड्रयूज डिग्री काॅलेज, गोरखपुर को प्रदान प्रदान किया गया।
प्रो0 शान्तनु रस्तोगी, डीन विज्ञान संकाय, डी.डी.यू. गोरखपुर ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन देते हुए भौतिकी विज्ञान में जन उपयोगिता पर विशेष व्याख्यान दिया तथा सर सी0वी0 रमन की उपलब्धियों एवं उनके द्वारा खोज किये गये रमन प्रभाव के बारे में विशेष जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में वेद प्रकाश पाण्डेय, सुरेश कुमार, अशोक मिश्र, पप्पूलाल, जितेन्द्र सिंह, अमर पाल सिंह ( खगोल विद), सहिर हसन, इजहार अली श्री राम घिसियावन आदि लोगों का सराहनीय सहयोग रहा।

Mar 02 2025, 18:53