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पत्रकार की हत्या पर जारी है सियासत : भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने जारी की तस्वीर, सुशील आनंद ने कहा- हत्यारा है भाजपा का सदस्य

रायपुर-  बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर छत्तीसगढ़ सियासत जारी है. भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने बस्तर के बीजेपी से वरिष्ठ नेता के साथ ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का फोटो जारी किया है. पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, आरोपी ठेकेदार को गृहमंत्री ने कांग्रेसी नेता बताया था. कांग्रेस पार्टी गृह मंत्री विजय शर्मा के आरोपों का खंडन करती है. सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का नेता था. आज की तारीख में हत्यारा बीजेपी का सदस्य है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, बीजेपी के बस्तर से वरिष्ठ नेता जी. वेंकटेश रेड्डी ने हत्यारे सुरेश चंद्राकर का बीजेपी प्रवेश कराया था. अपराधी सुरेश चंद्राकर को माला पहनाया था. बीजापुर के पूर्व भाजपा अध्यक्ष जी. वेंकट बस्तर जिले के तीन जिले का भाजपा प्रभारी भी है. गृह मंत्री को अपने संगठन के बारे में पता नहीं है. गृह मंत्री के बयान का कांग्रेस पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है. दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. पत्रकार स्व. मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ की नगद सहायता एवं सरकारी नौकरी दी जाए.

कांग्रेस संचार प्रमुख शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है. बीजेपी सरकार में कई बार हमला हुआ है. इस सरकार के TI ने बीजापुर में ही चार पत्रकारों को जेल भेज दिया था. कल ही प्रतिष्ठित संस्थान के पत्रकार को वन विभाग के अधिकारी ने जान से मारने की धमकी दी. कार्रवाई करने और सुरक्षित रखने पत्रकारवार्ता कर सिर्फ कांग्रेस को कोसते हुए नजर आए. उनकी पत्रकारवार्ता में कांग्रेस ही तकिया कलाम था. अपराधी…अपराधी होता है, किसी भी दल का हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

दस दिन पहले सीएम हाउस गया था सुरेश चंद्राकर : सुशील आनंद

सुशील आनंद ने कहा, कांग्रेस पार्टी उनमें से नहीं है जो यदि उद्योगपति द्वारा किए भ्रष्टाचार पर बचाव करने केंद्र की एक दर्जन मंत्री को सफाई देने उतार दे. 15 दिन का सीएम निवास का सीसीटीवी सार्वजनिक किया जाए. सुरेश चंद्राकर दस दिन पहले सीएम हाउस गया था. सीएम हाउस में नाम पते के साथ जानकारी दर्ज किया जाता है. पता चल जाएगा अपराधी मुख्यमंत्री निवास गया था या नहीं. यह समाज के लिए घातक है. अपनी असक्षता को छुपाने के लिए कांग्रेस जैसे दल पर आरोप नहीं लगाना था.

गृहमंत्री ने पत्रकार के खुलासे के बारे में बताने की हिम्मत नहीं की : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा, गृह मंत्री ने पत्रकार के खुलासे के बारे में बताने की हिम्मत नहीं किए. 120 करोड़ की 90% भुगतान बिना काम के कैसे हो जाता है? गृह मंत्री बार-बार बोल रहे थे कि कांग्रेस प्रदेश की शांति भंग करने का काम करती है. पिछले 48 घंटे में राजधानी में 5 मर्डर हुए और गृह मंत्री कहते हैं कांग्रेस कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है. गृह मंत्री का गृह जिला भी हत्या का गृह बन गया है. गृह मंत्री इस्तीफा दें नहीं देते तो मुख्यमंत्री उनको बर्खास्त करे. जिस भ्रष्टाचार को पत्रकार ने उजागर किया था उसे देखते हुए अरुण साव को भी इस्तीफा देनी चाहिए नहीं तो उन्हें भी बर्खास्त करना चाहिए. पत्रकार मुकेश चंद्राकर के घर वालों को 1 करोड़ की सहायता दी जाए. पत्रकारवार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, सोमेन चटर्जी उपस्थित थे.

कांग्रेस ने उठाई ये मांगें

  • बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए गृह मंत्री इस्तीफा दें, वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करने का साहस दिखाए.
  • पीडब्ल्यूडी मंत्री भी इस्तीफा दें.
  • पत्रकार स्व. मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ की नगद सहायता एवं सरकारी नौकरी दी जाए.
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

#chinadismissesreportsofmassivefluoutbreak

दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे प्रवेश वर्मा
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भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है।प्रवेश वर्मा आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों का नाम हैं। कालकाजी सीट से आप की उम्मीदवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है। करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव लड़ेंगे। वहीं करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा पूर्व सांसद हैं। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। वह दिल्ली के पूर्व सीएम और भापजा के दिग्गज नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पिछले दिनों उन पर अपने आवास पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगे थे। नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी कांटे का है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा हैं। संदीप दीक्षित पूर्व सांसद और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं।
VIVO का नया हेडसेट, एप्पल विज़न प्रो को देगा कड़ी टक्कर

डेस्क:– 2025 में VIVO कंपनी बड़ी तैयारी में है। कंपनी ने 2025 में मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट (MR) लॉन्च करने की घोषणा की है। ये डिवाइस वियरेबल मार्केट में हेडसेट ऐप्पल के मिक्स्ड रिएलिटी विजन प्रो और सैमसंग के आने वाले प्रोजेक्ट को भी टक्कर देगा। अभी इस हेडसेट के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई हैं। लेकिन वीवो इस साल मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट लॉन्च करेगा, जिसका पहला प्रोटोटाइप 2025 के सितंबर महिने तक आ सकता है।

मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट को बाजार में पेश करने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीवो पर टिप्सटर डिजिटल चैट से सामने आई है। टिपस्टर के अनुसार वीवो का मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट दिखने में ऐप्पल के विजन प्रो के जैसा ही हो सकता है। माना जा रहा है कि इसमें ऐप्पल विजन प्रो से ज्यादा फीचर्स हो सकते हैं। हेडसेट का पहला प्रोटोटाइप 2025 वर्ष के सितंबर महीने में आ सकता है। लेकिन मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट कब तक बाजार में पेश किया जाएगा, इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। चीन में Vivo इमेजिंग कॉन्फ्रेंस में चाइनीज ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) के दौरान मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट के डेवलपमेंट की जानकारी दी गई थी। इस दौरान VIVO इमेजिंग के उपाध्यक्ष यू मेंग ने मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट को 2025 में लॉन्च करने की घोषणा की थी।

मिक्स्ड रियालिटी (MR) उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) को मिला के बनती है। इस हेडसेट को सिर पर लगाया जाता है जिसमें इन डिसप्ले में कैमरा लगा होता है जो इसे पहनने वाले के वातावरण को लगातार मैप करते रहते हैं। जब यूज़र्स इन हेडसेट के अनुसार बनाए गए गेम्स खेलते हैं, तो कैरेक्टर्स उन यूज़र्स के आसपास की दुनिया को महसूस कर सकते है।

IQOO Z9 टर्बो स्मार्टफोन में मिलेगी पावरफुल 6400 MAH बैटरी

डेस्क:–चीन की कंपनी IQOO ने अपनी z सीरीज में एक और पावरफुल स्मार्टफोन को शामिल कर दिया है। कंपनी ने ज़ेड9 टर्बो Endurance Edition स्मार्टफोन को लॉन्च कर दिया है लेकिन ये स्मार्टफोन सिर्फ अभी चीन में ही पेश किया गया है। इस स्मार्टफोन में कई खास फीचर्स के साथ पावरफुल 6,400mAh की बैटरी दी गई है। जो 80वॉट के चार्जिंग को स्पोर्ट करेगी। इस स्मार्टफोन में Snapdragon 8s Gen 3 प्रोसेसर दिया गया है और 50 मेगापिक्सल का OIS मेन कैमरा दिया गया है साथ ही फ्रंट में 16 मेगापिक्सल का सैमसंग का कैमरा दिया गया है।

कंपनी ने स्मार्टफोन में 6.78 इंच की 1.5के डिस्प्ले पर 2800 × 1260 पिक्सल रेजोल्यूशन के साथ डिस्पले दी गई है ये डिस्पले OLED, TSAL की सी8 पैनल पर आधारित है। जो 120 हर्ट्ज़ से 144 हर्ट्ज़ रिफ्रेश रेट के साथ आती है। ये स्मार्टफोन एंड्रॉयड 14 के साथ लॉन्च हुआ है। प्रोसेसर की बात करें तो स्मार्टफोन में 4NM क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8एस जेन 3 आक्टाकोर प्रोसेसर दिया गया है जो 3.0Ghz की क्षमता के साथ रन करता है।


ज़ेड 9 टर्बो अभी सिर्फ चीन के बाजार में पेश किया गया है। वहां ये स्मार्टफोन 12 GB रैम और 16 GB रैम के साथ लॉन्च किया गया है और स्टोरेज 256 GB तथा 512 GB के इंटरनल स्टोरेज के साथ दी गई है। इस स्मार्टफोन में डुअल रियर कैमरा सपोर्ट करता है। इसमें 50 MP का Sony LYT 600 सेंसर दिया गया है जो OIS तकनीक पर काम करता है। इसके साथ ही अलट्रावाईड कैमरा के लिए 8 मेगापिक्सल का  कैमरा दिया गया है। वहीं फ्रंट में 16 मेगापिक्सल Samsung S5K3P9 सेंसर दिया गया है।

iQOO Z9 Turbo Endurance Edition की सबसे खास बात इस फोन की बड़ी दमदार बैटरी है। इसमें 6,400 MAH की बैटरी दी गई है साथ ही इस बड़ी बैटरी को चार्ज करने के लिए मोबाइल में 80 वॉट का फास्ट चार्जिंग स्पोर्ट दिया गया है। जो जल्द ही स्मार्टफोन को चार्ज कर देगा।
बांग्लादेश फिर से लिख रहा इतिहास, शेख मुजीबुर रहमान की विरासत मिटाने की तैयारी, भारत का दे रहा हवाला

#bangladeshwritinghistory_again

तख्तापलट के बाद बांग्लादेश बदल रहा है। पड़ोसी देश में अब इतिहास की किताबों को फिर से लिख रहा है। खासतौर से 1971 के मुक्ति संग्राम के बारे में फिर से लिखा जा रहा है। इतिहास की नई पाठ्यपुस्तकों में बताया जाएगा कि 1971 में 6 मार्च को बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा बंगबंधु मुजीबुर रहमान ने नहीं, बल्कि जियाउर रहमान ने की थी। नई पाठ्यपुस्तकों से मुजीब की ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि भी हटा दी गई है।

डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिक और माध्यमिक छात्रों के लिए नई किताबों में यह जानकारी होगी कि जियाउर रहमान ने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।रिपोर्ट के मुताबिक, नई पाठ्यपुस्तकों में कई बदलाव होंगे और इनको छापने का काम अभी चल रहा है। किताबों को एक जनवरी से छात्रों को वितरित किया जाना था। वर्ष 2010 से (जब शेख हसीना दूसरी बार सत्ता में आई थीं) पाठ्यपुस्तकों में लिखा गया कि शेख मुजीबुर रहमान ने 26 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना की ओर से गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले एक वायरलेस संदेश के जरिए स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

बांग्लादेश के नेशनल करिकुलम एंड टेक्स्ट बुक बोर्ड (एनसीटीबी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एकेएम रियाजुल हसन ने कहा कि 2025 शैक्षणिक वर्ष के लिए नई पुस्तकों में बताया जाएगा कि '26 मार्च 1971 को जियाउर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की और 27 मार्च को उन्होंने बंगबंधु की ओर से स्वतंत्रता की एक और घोषणा की।' उन्होंने कहा कि यह जानकारी निशुल्क वितरित की जाने वाली किताबों में शामिल कर ली गई है, जिनमें घोषणा का उल्लेख किया गया है।

अतिरंजित और थोपे गए इतिहास को हटाने की कोशिश

पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की प्रक्रिया में शामिल रहे रिसर्चर राखल राहा ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों से अतिरंजित और थोपे गए इतिहास को हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 'पाठ्यपुस्तकों में बताया गया था कि शेख मुजीबुर रहमान ने पाकिस्तानी सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने वायरलेस संदेश में बांग्लादेश की आजादी का एलान किया था, लेकिन ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला, जिसके बाद ही इसे हटाने का फैसला किया गया है।' आवामी लीग के समर्थक मानते हैं कि शेख मुजीबुर रहमान ने देश की आजादी का एलान किया था और जियाउर रहमान ने, जो उस समय सेना में थे, मुजीब के निर्देश पर केवल घोषणा पढ़ी थी।

बांग्लादेश भारत का दे रहा हवाला

एनसीटीबी के अध्यक्ष रियाजुल ने कहा कि टेलीग्राम को संविधान में संशोधन के माध्यम से शामिल किया गया था। उन्होंने कहा, ''तत्कालीन भारतीय नेता और तत्कालीन सूचना मंत्रालय की ओर से तैयार की गई स्वतंत्रता के बाद की पहली डॉक्यूमेंट्री 'स्वतंत्रता संग्राम के दस्तावेज' जियाउर रहमान की ओर से घोषणा करने के पक्ष में सबूत दिखाती है।''

सत्ता में बैठे लोगों के अनुसार बदला जाता रहा है इतिहास

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले कक्षा एक से 10 तक की पाठ्यपुस्तकों में स्वतंत्रता की घोषणा किसने की, इसकी जानकारी सत्ता में रहने वाली सरकार के अनुसार बदल दी जाती थी। एनसीटीबी के पूर्व अधिकारी बताते हैं कि 1996-2001 तक जब एएल सत्ता में थी किताबों में कहा गया कि शेख मुजीब ने स्वतंत्रता की घोषणा की और जियाउर रहमान ने घोषणा पढ़ी। इसके बाद 2001-2006 तक जब बीएनपी सत्ता में थी तो बताया गया कि जियाउर ने घोषणा की थी। हालांकि, वे यह नहीं बता सके कि 1996 से पहले पाठ्यपुस्तकों में क्या लिखा जाता था।

मुजीबुर रहमान की विरासत को मिटाने की कोशिश

बांग्लादेश के नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बीते साल 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने और उनके देश छोड़कर जाने के बाद से ही शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है। शेख मुजीबुर रहमान की हत्या वाली तारीख 15 अगस्त को मिलने वाले अवकाश को भी खत्म कर दिया गया है। गौरतलब है कि जिया उर रहमान की पत्नी खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने ही शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई थी।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को कहा 'बिछड़ा हुआ भाई', भारत के साथ रिश्ते पर भी बड़ा बयान

#pakistan_deputy_pm_ishaq_dar_says_bangladesh_lost_brother

शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में बहुत कुछ बदल रहा है। अब तक एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन लगते ढाका और इस्लामाबाद करीब आ रहे हैं। इसी महीने दोनों देशों के नेताओं ने इजिप्ट में मुलाकात की, जो पिछले कुछ महीनों में दूसरी भेंट थी। बांग्लादेश की आजादी के बाद से पहली बार उनके बीच समुद्री व्यापार भी शुरू हुआ, और सैन्य प्रैक्टिस की भी बात हो रही है। इस बीच पाकिस्तान ने बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया है।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को अपना बिछड़ा हुआ भाई बताया है। यह बयान पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार का है। डार ने कहा कि वह बांग्लादेश की यात्रा करेंगे और पाकिस्तान हर संभव तरीके से उनके साथ सहयोग करेगा। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने अफगानिस्तान को भी अपना भाई बताया।

यही नहीं, पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने भारत से द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने की गुजारिश की है।पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि संबंधों को बेहतर करने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। यह एकतरफा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने में मदद करने के लिए माहौल बनाया जाए।

दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के करीब दो हफ्ते बाद पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार का ये बयान सामने आया है। शहबाज से मुलाकात के दौरान मोहम्मद यूनुस ने 1971 के मुद्दों को हल करने का आग्रह किया था। वहीं, शहबाज ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की थी। इस दौरान शहबाज ने भी बांग्लादेश को अपना भाई बताया था. पाकिस्तानी पीएम ने कहा था कि हम वास्तव में अपने भाई देश बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं।

बता दें कि अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार आ गई, जिसके नेता मोहम्मद यूनुस हैं।उनकी विदेश नीति ढाका की पुरानी पॉलिसी से एकदम अलग लग रही है। एक तरफ वे भारत से तनाव को उकसा रहे हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तान से दशकों पुरानी दुश्मनी को मिटा रहे हैं। कई अहम मुद्दों पर नई दिल्ली को किनारे रख ढाका ने इस्लामाबाद का साथ देना शुरू कर दिया है।

क्या महाराष्ट्र में फिर करवट लेगी सियासत? 'सामना' में सीएम फडणवीस की तारीफ

#maharashtrapoliticscmfadnavispraisedinsaamana

महाराष्ट्र की राजनीति में उठा-पटक का माहौल बना रहता है। कब कौन किस करवट बैठ जाए, ये कहना मुश्किल होता है। एक समय था जब बीजेपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना साथ हुआ करते थे। फिर सियासत बदली और शिवसेना का बंटवारा हुआ। उद्धव सेना विपक्ष में चली गई। अब फिर से महाराष्ट्र की सियासत में कुछ उलटफेर होने के संकेत दिख रहे हैं। बीते कुछ समय से पानी पी-पीकर भाजपा को कोसने वाली उद्धव की शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है।

दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नये साल के पहले दिन नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले का दौरा किया। नए साल के मौके पर फडणवीस ने नक्सल प्रभावित जिले में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। नए साल के पहले दिन देवेंद्र फडणवीस के गढ़चिरौली दौरे का खास महत्व हो गया है। इसके साथ ही फडणवीस का दौरा काफी चर्चा में है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ की गई है। संपादकीय में लिखा गया है कि फडणवीस ने नए साल में काम की शुरुआत गढ़चिरौली जिले से की। फडणवीस ने गढ़चिरौली से विकास के एक पर्व की शुरुआत की। इसके बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी सीएम की तारीफ को लेकर जवाब दिया है।

सामना ने कहा कि फडणवीस ने जो कहा है अगर वह सच है तो यह गढचिरौली ही नहीं, पूरे महाराष्ट्र के लिए पॉजिटिव होगा। सामना के संपादकीय की मानें तो शिवसेना को यकीन है कि देवेंद्र फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे। सामना में लिखा, ‘गढ़चिरौली में गरीबी की वजह से नक्सलवाद बढ़ा। पढ़-लिखकर ‘पकौड़े’ तलने के बजाय, हाथों में बंदूकें लेकर आतंक मचाने, दहशत निर्माण करने की ओर युवाओं का झुकाव हुआ। इस संघर्ष में केवल खून ही बहा। पुलिस वाले भी मारे गए और बच्चे भी मारे गए। अब अगर मुख्यमंत्री गढ़चिरौली में इस तस्वीर को बदलने का निर्णय लेते हैं तो हम उन्हें बधाई देते हैं। हमें उम्मीद है कि फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे और आदिवासियों की जिंदगी बदल देंगे। अगर गढ़चिरौली में संविधान का राज आ रहा है तो मुख्यमंत्री फडणवीस प्रशंसा के पात्र हैं।

“लगता है फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे”

मुखपत्र में आगे लिखा कि कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि ‘संभावित संरक्षक मंत्री’ सीएम फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे। वहां के आदिवासियों की जिंदगी बदलेंगे। उन्होंने लिखा कि गढ़चिरौली में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। वहां के लोग नक्सलवादियों के विरोध में उंगली नहीं उठा सकते। उन्हें इन दोनों मोर्चों पर काम करते हुए नक्सलियों के विरोध को तोड़ना है और साथ ही विकास कार्यों को भी अंजाम देना है। फडणवीस की मौजूदगी में जाहल की महिला नक्सली तारक्का समेत 11 नक्सलियों का समर्पण किया है। साथ ही आजादी के बाद यानी 77 साल बाद पहली बार अहेरी से गरदेवाड़ा तक एसटी बस चली है, निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के ‘मिशन गढ़चिरौली’ के बारे में बहुत कुछ कहती है।

संजय राउत के बदले सुर

सामना में छपे संपादकीय को लेकर शिवसेना उद्धव के नेता संजय राउत ने कहा कि मैंने 10 नक्सलियों के हथियार डालने और भारतीय संविधान को स्वीकार करने की तस्वीरें देखी हैं। अगर कोई ऐसा करता है तो इसकी सराहना की जानी चाहिए। अगर गढ़चिरौली जैसे जिले का विकास होता है तो यह पूरे राज्य के लिए अच्छा है। अगर गढ़चिरौली महाराष्ट्र का स्टील सिटी बन जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। यह सब देवेंद्र फडणवीस की पहल के बाद किया गया है और कोई इसकी सराहना नहीं कर रहा है, तो यह सही नहीं है। शिवसेना नेता ने कहा कि हम हमेशा अच्छी पहल की सराहना करते हैं। हमने पीएम मोदी की भी आलोचना की है, लेकिन जब वे कुछ अच्छा करते हैं तो हम उसकी सराहना भी करते हैं।

क्यों अहम है यह तारीफ

सामान में फडणवीस की यह तारीफ ऐसे वक्त में हुई है, जब महाराष्ट्र की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है। एक अटकल यह है कि शरद पवार और अजित पवार में सुलह हो सकती है। दोनों एक साथ आ सकते हैं। पवार फैमिली के लोग भी इसके लिए बैटिंग कर रहे हैं। खुद शरद पवार से दिसंबर में अजित पवार मिल चुके हैं। दूसरी ओर अटकल यह है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकसाथ आ सकते हैं। अटकलें तो यह भी हैं कि उद्धव ठाकरे इंडिया गठबंधन में नाराज चल रहे हैं। उद्धव की शिवसेना को भाजपा का साथ छोड़ने का पछतावा है।

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मृत्युदंड, मदद के लिए सामने आया यह मुस्लिम देश, जानें क्या है वजह

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यमन में एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें एक महीने में फांसी दी जानी है। निमिषा की सजा माफ कराने के लिए भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। इस बीच भारत की मदद के लिए एक मुस्लिम देश आगे आया है। निमिषा प्रिया के केस में ईरान ने भारत की मदद करने की पेश की है।ईरान ने कहा है कि वह हरसंभव मदद करेगा।

ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘हम इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा लगता है कि उस पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। मानवीय आधार पर हम इस मामले में जो भी कर सकते हैं, करेंगे। बता दें कि निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में दोषी ठहराया गया था। यमन के राष्ट्रपति ने गत माह निमिशा को मौत की सजा को बरकरार रखा है। भारत ने कहा है कि वह इस मामले में नर्स की मदद करने के लिए उसके परिवार और संबंधितों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। प्रिया (37) अभी यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है। यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की मौत कथित तौर पर बेहोशी की दवा की ‘ओवरडोज’ से हुई थी, जो प्रिया ने उससे अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए दी थी।

ईरान क्यों करना चाहता है मदद

ईरान ने यह पेशकश ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कच्चे तेल के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रताड़ित ईरान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। ईरान ने भारत से फिर से तेल खरीदने की अपील की है। इसके अलावा उसने ईरानी नागरिकों को भारतीय वीजा पाने में ढील देने को भी कहा है। ईरान का कहना है कि इससे भारत और भारतीय नागरिकों के साथ उसकी दोस्ती गहरी होगी। हालांकि, भारत की तरफ से ईरान के इन दो प्रस्तावों पर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भारत के लिए मध्य पूर्व में ईरान का महत्व काफी ज्यादा है।

भारत ने क्यों बंद किया ईरान से तेल खरीदना

ईरान 2018 से कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पिछले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत, अमेरिका ने ईरान पर 1500 से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं। नतीजतन, 2019 में, अमेरिका के दबाव में, भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया था, जिसका दोतरफा व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "2018 में प्रतिबंध लगाए जाने से पहले हमारे भारत के साथ अच्छे आर्थिक संबंध थे। हम समझते हैं कि भारत को प्रतिबंधों का पालन क्यों करना पड़ रहा है, लेकिन व्यापार में साल-दर-साल गिरावट आ रही है, जो अच्छी बात नहीं है।"

95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति, इन्हें मिली जिम्मेदारी
रायपुर - राज्य सरकार ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं के बाद प्रदेश के 95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी है. तहसीलदार को प्रशासक बनाए गए हैं. ये प्रशासक नगर पंचायतों का निर्वाचन कार्यकाल खत्म होते ही अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे.
पत्रकार की हत्या पर जारी है सियासत : भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने जारी की तस्वीर, सुशील आनंद ने कहा- हत्यारा है भाजपा का सदस्य

रायपुर-  बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर छत्तीसगढ़ सियासत जारी है. भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने बस्तर के बीजेपी से वरिष्ठ नेता के साथ ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का फोटो जारी किया है. पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, आरोपी ठेकेदार को गृहमंत्री ने कांग्रेसी नेता बताया था. कांग्रेस पार्टी गृह मंत्री विजय शर्मा के आरोपों का खंडन करती है. सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का नेता था. आज की तारीख में हत्यारा बीजेपी का सदस्य है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, बीजेपी के बस्तर से वरिष्ठ नेता जी. वेंकटेश रेड्डी ने हत्यारे सुरेश चंद्राकर का बीजेपी प्रवेश कराया था. अपराधी सुरेश चंद्राकर को माला पहनाया था. बीजापुर के पूर्व भाजपा अध्यक्ष जी. वेंकट बस्तर जिले के तीन जिले का भाजपा प्रभारी भी है. गृह मंत्री को अपने संगठन के बारे में पता नहीं है. गृह मंत्री के बयान का कांग्रेस पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है. दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. पत्रकार स्व. मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ की नगद सहायता एवं सरकारी नौकरी दी जाए.

कांग्रेस संचार प्रमुख शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों पर हमले की यह पहली घटना नहीं है. बीजेपी सरकार में कई बार हमला हुआ है. इस सरकार के TI ने बीजापुर में ही चार पत्रकारों को जेल भेज दिया था. कल ही प्रतिष्ठित संस्थान के पत्रकार को वन विभाग के अधिकारी ने जान से मारने की धमकी दी. कार्रवाई करने और सुरक्षित रखने पत्रकारवार्ता कर सिर्फ कांग्रेस को कोसते हुए नजर आए. उनकी पत्रकारवार्ता में कांग्रेस ही तकिया कलाम था. अपराधी…अपराधी होता है, किसी भी दल का हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.

दस दिन पहले सीएम हाउस गया था सुरेश चंद्राकर : सुशील आनंद

सुशील आनंद ने कहा, कांग्रेस पार्टी उनमें से नहीं है जो यदि उद्योगपति द्वारा किए भ्रष्टाचार पर बचाव करने केंद्र की एक दर्जन मंत्री को सफाई देने उतार दे. 15 दिन का सीएम निवास का सीसीटीवी सार्वजनिक किया जाए. सुरेश चंद्राकर दस दिन पहले सीएम हाउस गया था. सीएम हाउस में नाम पते के साथ जानकारी दर्ज किया जाता है. पता चल जाएगा अपराधी मुख्यमंत्री निवास गया था या नहीं. यह समाज के लिए घातक है. अपनी असक्षता को छुपाने के लिए कांग्रेस जैसे दल पर आरोप नहीं लगाना था.

गृहमंत्री ने पत्रकार के खुलासे के बारे में बताने की हिम्मत नहीं की : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा, गृह मंत्री ने पत्रकार के खुलासे के बारे में बताने की हिम्मत नहीं किए. 120 करोड़ की 90% भुगतान बिना काम के कैसे हो जाता है? गृह मंत्री बार-बार बोल रहे थे कि कांग्रेस प्रदेश की शांति भंग करने का काम करती है. पिछले 48 घंटे में राजधानी में 5 मर्डर हुए और गृह मंत्री कहते हैं कांग्रेस कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है. गृह मंत्री का गृह जिला भी हत्या का गृह बन गया है. गृह मंत्री इस्तीफा दें नहीं देते तो मुख्यमंत्री उनको बर्खास्त करे. जिस भ्रष्टाचार को पत्रकार ने उजागर किया था उसे देखते हुए अरुण साव को भी इस्तीफा देनी चाहिए नहीं तो उन्हें भी बर्खास्त करना चाहिए. पत्रकार मुकेश चंद्राकर के घर वालों को 1 करोड़ की सहायता दी जाए. पत्रकारवार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, सोमेन चटर्जी उपस्थित थे.

कांग्रेस ने उठाई ये मांगें

  • बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए गृह मंत्री इस्तीफा दें, वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त करने का साहस दिखाए.
  • पीडब्ल्यूडी मंत्री भी इस्तीफा दें.
  • पत्रकार स्व. मुकेश चंद्राकर के परिजनों को 1 करोड़ की नगद सहायता एवं सरकारी नौकरी दी जाए.
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

#chinadismissesreportsofmassivefluoutbreak

दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे प्रवेश वर्मा
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भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है।प्रवेश वर्मा आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों का नाम हैं। कालकाजी सीट से आप की उम्मीदवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है। करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव लड़ेंगे। वहीं करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा पूर्व सांसद हैं। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। वह दिल्ली के पूर्व सीएम और भापजा के दिग्गज नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पिछले दिनों उन पर अपने आवास पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगे थे। नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी कांटे का है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा हैं। संदीप दीक्षित पूर्व सांसद और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं।
VIVO का नया हेडसेट, एप्पल विज़न प्रो को देगा कड़ी टक्कर

डेस्क:– 2025 में VIVO कंपनी बड़ी तैयारी में है। कंपनी ने 2025 में मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट (MR) लॉन्च करने की घोषणा की है। ये डिवाइस वियरेबल मार्केट में हेडसेट ऐप्पल के मिक्स्ड रिएलिटी विजन प्रो और सैमसंग के आने वाले प्रोजेक्ट को भी टक्कर देगा। अभी इस हेडसेट के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई हैं। लेकिन वीवो इस साल मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट लॉन्च करेगा, जिसका पहला प्रोटोटाइप 2025 के सितंबर महिने तक आ सकता है।

मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट को बाजार में पेश करने की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीवो पर टिप्सटर डिजिटल चैट से सामने आई है। टिपस्टर के अनुसार वीवो का मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट दिखने में ऐप्पल के विजन प्रो के जैसा ही हो सकता है। माना जा रहा है कि इसमें ऐप्पल विजन प्रो से ज्यादा फीचर्स हो सकते हैं। हेडसेट का पहला प्रोटोटाइप 2025 वर्ष के सितंबर महीने में आ सकता है। लेकिन मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट कब तक बाजार में पेश किया जाएगा, इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। चीन में Vivo इमेजिंग कॉन्फ्रेंस में चाइनीज ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) के दौरान मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट के डेवलपमेंट की जानकारी दी गई थी। इस दौरान VIVO इमेजिंग के उपाध्यक्ष यू मेंग ने मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट को 2025 में लॉन्च करने की घोषणा की थी।

मिक्स्ड रियालिटी (MR) उभरती हुई टेक्नोलॉजी है, जो वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) को मिला के बनती है। इस हेडसेट को सिर पर लगाया जाता है जिसमें इन डिसप्ले में कैमरा लगा होता है जो इसे पहनने वाले के वातावरण को लगातार मैप करते रहते हैं। जब यूज़र्स इन हेडसेट के अनुसार बनाए गए गेम्स खेलते हैं, तो कैरेक्टर्स उन यूज़र्स के आसपास की दुनिया को महसूस कर सकते है।

IQOO Z9 टर्बो स्मार्टफोन में मिलेगी पावरफुल 6400 MAH बैटरी

डेस्क:–चीन की कंपनी IQOO ने अपनी z सीरीज में एक और पावरफुल स्मार्टफोन को शामिल कर दिया है। कंपनी ने ज़ेड9 टर्बो Endurance Edition स्मार्टफोन को लॉन्च कर दिया है लेकिन ये स्मार्टफोन सिर्फ अभी चीन में ही पेश किया गया है। इस स्मार्टफोन में कई खास फीचर्स के साथ पावरफुल 6,400mAh की बैटरी दी गई है। जो 80वॉट के चार्जिंग को स्पोर्ट करेगी। इस स्मार्टफोन में Snapdragon 8s Gen 3 प्रोसेसर दिया गया है और 50 मेगापिक्सल का OIS मेन कैमरा दिया गया है साथ ही फ्रंट में 16 मेगापिक्सल का सैमसंग का कैमरा दिया गया है।

कंपनी ने स्मार्टफोन में 6.78 इंच की 1.5के डिस्प्ले पर 2800 × 1260 पिक्सल रेजोल्यूशन के साथ डिस्पले दी गई है ये डिस्पले OLED, TSAL की सी8 पैनल पर आधारित है। जो 120 हर्ट्ज़ से 144 हर्ट्ज़ रिफ्रेश रेट के साथ आती है। ये स्मार्टफोन एंड्रॉयड 14 के साथ लॉन्च हुआ है। प्रोसेसर की बात करें तो स्मार्टफोन में 4NM क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8एस जेन 3 आक्टाकोर प्रोसेसर दिया गया है जो 3.0Ghz की क्षमता के साथ रन करता है।


ज़ेड 9 टर्बो अभी सिर्फ चीन के बाजार में पेश किया गया है। वहां ये स्मार्टफोन 12 GB रैम और 16 GB रैम के साथ लॉन्च किया गया है और स्टोरेज 256 GB तथा 512 GB के इंटरनल स्टोरेज के साथ दी गई है। इस स्मार्टफोन में डुअल रियर कैमरा सपोर्ट करता है। इसमें 50 MP का Sony LYT 600 सेंसर दिया गया है जो OIS तकनीक पर काम करता है। इसके साथ ही अलट्रावाईड कैमरा के लिए 8 मेगापिक्सल का  कैमरा दिया गया है। वहीं फ्रंट में 16 मेगापिक्सल Samsung S5K3P9 सेंसर दिया गया है।

iQOO Z9 Turbo Endurance Edition की सबसे खास बात इस फोन की बड़ी दमदार बैटरी है। इसमें 6,400 MAH की बैटरी दी गई है साथ ही इस बड़ी बैटरी को चार्ज करने के लिए मोबाइल में 80 वॉट का फास्ट चार्जिंग स्पोर्ट दिया गया है। जो जल्द ही स्मार्टफोन को चार्ज कर देगा।
बांग्लादेश फिर से लिख रहा इतिहास, शेख मुजीबुर रहमान की विरासत मिटाने की तैयारी, भारत का दे रहा हवाला

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तख्तापलट के बाद बांग्लादेश बदल रहा है। पड़ोसी देश में अब इतिहास की किताबों को फिर से लिख रहा है। खासतौर से 1971 के मुक्ति संग्राम के बारे में फिर से लिखा जा रहा है। इतिहास की नई पाठ्यपुस्तकों में बताया जाएगा कि 1971 में 6 मार्च को बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा बंगबंधु मुजीबुर रहमान ने नहीं, बल्कि जियाउर रहमान ने की थी। नई पाठ्यपुस्तकों से मुजीब की ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि भी हटा दी गई है।

डेली स्टार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिक और माध्यमिक छात्रों के लिए नई किताबों में यह जानकारी होगी कि जियाउर रहमान ने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।रिपोर्ट के मुताबिक, नई पाठ्यपुस्तकों में कई बदलाव होंगे और इनको छापने का काम अभी चल रहा है। किताबों को एक जनवरी से छात्रों को वितरित किया जाना था। वर्ष 2010 से (जब शेख हसीना दूसरी बार सत्ता में आई थीं) पाठ्यपुस्तकों में लिखा गया कि शेख मुजीबुर रहमान ने 26 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना की ओर से गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले एक वायरलेस संदेश के जरिए स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

बांग्लादेश के नेशनल करिकुलम एंड टेक्स्ट बुक बोर्ड (एनसीटीबी) के अध्यक्ष प्रोफेसर एकेएम रियाजुल हसन ने कहा कि 2025 शैक्षणिक वर्ष के लिए नई पुस्तकों में बताया जाएगा कि '26 मार्च 1971 को जियाउर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की और 27 मार्च को उन्होंने बंगबंधु की ओर से स्वतंत्रता की एक और घोषणा की।' उन्होंने कहा कि यह जानकारी निशुल्क वितरित की जाने वाली किताबों में शामिल कर ली गई है, जिनमें घोषणा का उल्लेख किया गया है।

अतिरंजित और थोपे गए इतिहास को हटाने की कोशिश

पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की प्रक्रिया में शामिल रहे रिसर्चर राखल राहा ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों से अतिरंजित और थोपे गए इतिहास को हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 'पाठ्यपुस्तकों में बताया गया था कि शेख मुजीबुर रहमान ने पाकिस्तानी सेना द्वारा गिरफ्तार किए जाने वायरलेस संदेश में बांग्लादेश की आजादी का एलान किया था, लेकिन ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला, जिसके बाद ही इसे हटाने का फैसला किया गया है।' आवामी लीग के समर्थक मानते हैं कि शेख मुजीबुर रहमान ने देश की आजादी का एलान किया था और जियाउर रहमान ने, जो उस समय सेना में थे, मुजीब के निर्देश पर केवल घोषणा पढ़ी थी।

बांग्लादेश भारत का दे रहा हवाला

एनसीटीबी के अध्यक्ष रियाजुल ने कहा कि टेलीग्राम को संविधान में संशोधन के माध्यम से शामिल किया गया था। उन्होंने कहा, ''तत्कालीन भारतीय नेता और तत्कालीन सूचना मंत्रालय की ओर से तैयार की गई स्वतंत्रता के बाद की पहली डॉक्यूमेंट्री 'स्वतंत्रता संग्राम के दस्तावेज' जियाउर रहमान की ओर से घोषणा करने के पक्ष में सबूत दिखाती है।''

सत्ता में बैठे लोगों के अनुसार बदला जाता रहा है इतिहास

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले कक्षा एक से 10 तक की पाठ्यपुस्तकों में स्वतंत्रता की घोषणा किसने की, इसकी जानकारी सत्ता में रहने वाली सरकार के अनुसार बदल दी जाती थी। एनसीटीबी के पूर्व अधिकारी बताते हैं कि 1996-2001 तक जब एएल सत्ता में थी किताबों में कहा गया कि शेख मुजीब ने स्वतंत्रता की घोषणा की और जियाउर रहमान ने घोषणा पढ़ी। इसके बाद 2001-2006 तक जब बीएनपी सत्ता में थी तो बताया गया कि जियाउर ने घोषणा की थी। हालांकि, वे यह नहीं बता सके कि 1996 से पहले पाठ्यपुस्तकों में क्या लिखा जाता था।

मुजीबुर रहमान की विरासत को मिटाने की कोशिश

बांग्लादेश के नोटों से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बीते साल 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने और उनके देश छोड़कर जाने के बाद से ही शेख मुजीबुर रहमान की विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है। शेख मुजीबुर रहमान की हत्या वाली तारीख 15 अगस्त को मिलने वाले अवकाश को भी खत्म कर दिया गया है। गौरतलब है कि जिया उर रहमान की पत्नी खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने ही शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई थी।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को कहा 'बिछड़ा हुआ भाई', भारत के साथ रिश्ते पर भी बड़ा बयान

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शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में बहुत कुछ बदल रहा है। अब तक एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन लगते ढाका और इस्लामाबाद करीब आ रहे हैं। इसी महीने दोनों देशों के नेताओं ने इजिप्ट में मुलाकात की, जो पिछले कुछ महीनों में दूसरी भेंट थी। बांग्लादेश की आजादी के बाद से पहली बार उनके बीच समुद्री व्यापार भी शुरू हुआ, और सैन्य प्रैक्टिस की भी बात हो रही है। इस बीच पाकिस्तान ने बांग्लादेश को लेकर बड़ा बयान दिया है।

पाकिस्तान ने बांग्लादेश को अपना बिछड़ा हुआ भाई बताया है। यह बयान पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार का है। डार ने कहा कि वह बांग्लादेश की यात्रा करेंगे और पाकिस्तान हर संभव तरीके से उनके साथ सहयोग करेगा। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने अफगानिस्तान को भी अपना भाई बताया।

यही नहीं, पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने भारत से द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने की गुजारिश की है।पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि संबंधों को बेहतर करने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। यह एकतरफा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने में मदद करने के लिए माहौल बनाया जाए।

दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के करीब दो हफ्ते बाद पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार का ये बयान सामने आया है। शहबाज से मुलाकात के दौरान मोहम्मद यूनुस ने 1971 के मुद्दों को हल करने का आग्रह किया था। वहीं, शहबाज ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की थी। इस दौरान शहबाज ने भी बांग्लादेश को अपना भाई बताया था. पाकिस्तानी पीएम ने कहा था कि हम वास्तव में अपने भाई देश बांग्लादेश के साथ हमारे रिश्ते मजबूत करना चाहते हैं।

बता दें कि अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार आ गई, जिसके नेता मोहम्मद यूनुस हैं।उनकी विदेश नीति ढाका की पुरानी पॉलिसी से एकदम अलग लग रही है। एक तरफ वे भारत से तनाव को उकसा रहे हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तान से दशकों पुरानी दुश्मनी को मिटा रहे हैं। कई अहम मुद्दों पर नई दिल्ली को किनारे रख ढाका ने इस्लामाबाद का साथ देना शुरू कर दिया है।

क्या महाराष्ट्र में फिर करवट लेगी सियासत? 'सामना' में सीएम फडणवीस की तारीफ

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महाराष्ट्र की राजनीति में उठा-पटक का माहौल बना रहता है। कब कौन किस करवट बैठ जाए, ये कहना मुश्किल होता है। एक समय था जब बीजेपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना साथ हुआ करते थे। फिर सियासत बदली और शिवसेना का बंटवारा हुआ। उद्धव सेना विपक्ष में चली गई। अब फिर से महाराष्ट्र की सियासत में कुछ उलटफेर होने के संकेत दिख रहे हैं। बीते कुछ समय से पानी पी-पीकर भाजपा को कोसने वाली उद्धव की शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की है।

दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नये साल के पहले दिन नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले का दौरा किया। नए साल के मौके पर फडणवीस ने नक्सल प्रभावित जिले में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। नए साल के पहले दिन देवेंद्र फडणवीस के गढ़चिरौली दौरे का खास महत्व हो गया है। इसके साथ ही फडणवीस का दौरा काफी चर्चा में है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जमकर तारीफ की गई है। संपादकीय में लिखा गया है कि फडणवीस ने नए साल में काम की शुरुआत गढ़चिरौली जिले से की। फडणवीस ने गढ़चिरौली से विकास के एक पर्व की शुरुआत की। इसके बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी सीएम की तारीफ को लेकर जवाब दिया है।

सामना ने कहा कि फडणवीस ने जो कहा है अगर वह सच है तो यह गढचिरौली ही नहीं, पूरे महाराष्ट्र के लिए पॉजिटिव होगा। सामना के संपादकीय की मानें तो शिवसेना को यकीन है कि देवेंद्र फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे। सामना में लिखा, ‘गढ़चिरौली में गरीबी की वजह से नक्सलवाद बढ़ा। पढ़-लिखकर ‘पकौड़े’ तलने के बजाय, हाथों में बंदूकें लेकर आतंक मचाने, दहशत निर्माण करने की ओर युवाओं का झुकाव हुआ। इस संघर्ष में केवल खून ही बहा। पुलिस वाले भी मारे गए और बच्चे भी मारे गए। अब अगर मुख्यमंत्री गढ़चिरौली में इस तस्वीर को बदलने का निर्णय लेते हैं तो हम उन्हें बधाई देते हैं। हमें उम्मीद है कि फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे और आदिवासियों की जिंदगी बदल देंगे। अगर गढ़चिरौली में संविधान का राज आ रहा है तो मुख्यमंत्री फडणवीस प्रशंसा के पात्र हैं।

“लगता है फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे”

मुखपत्र में आगे लिखा कि कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि ‘संभावित संरक्षक मंत्री’ सीएम फडणवीस गढ़चिरौली में कुछ नया करेंगे। वहां के आदिवासियों की जिंदगी बदलेंगे। उन्होंने लिखा कि गढ़चिरौली में अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। वहां के लोग नक्सलवादियों के विरोध में उंगली नहीं उठा सकते। उन्हें इन दोनों मोर्चों पर काम करते हुए नक्सलियों के विरोध को तोड़ना है और साथ ही विकास कार्यों को भी अंजाम देना है। फडणवीस की मौजूदगी में जाहल की महिला नक्सली तारक्का समेत 11 नक्सलियों का समर्पण किया है। साथ ही आजादी के बाद यानी 77 साल बाद पहली बार अहेरी से गरदेवाड़ा तक एसटी बस चली है, निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के ‘मिशन गढ़चिरौली’ के बारे में बहुत कुछ कहती है।

संजय राउत के बदले सुर

सामना में छपे संपादकीय को लेकर शिवसेना उद्धव के नेता संजय राउत ने कहा कि मैंने 10 नक्सलियों के हथियार डालने और भारतीय संविधान को स्वीकार करने की तस्वीरें देखी हैं। अगर कोई ऐसा करता है तो इसकी सराहना की जानी चाहिए। अगर गढ़चिरौली जैसे जिले का विकास होता है तो यह पूरे राज्य के लिए अच्छा है। अगर गढ़चिरौली महाराष्ट्र का स्टील सिटी बन जाता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। यह सब देवेंद्र फडणवीस की पहल के बाद किया गया है और कोई इसकी सराहना नहीं कर रहा है, तो यह सही नहीं है। शिवसेना नेता ने कहा कि हम हमेशा अच्छी पहल की सराहना करते हैं। हमने पीएम मोदी की भी आलोचना की है, लेकिन जब वे कुछ अच्छा करते हैं तो हम उसकी सराहना भी करते हैं।

क्यों अहम है यह तारीफ

सामान में फडणवीस की यह तारीफ ऐसे वक्त में हुई है, जब महाराष्ट्र की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है। एक अटकल यह है कि शरद पवार और अजित पवार में सुलह हो सकती है। दोनों एक साथ आ सकते हैं। पवार फैमिली के लोग भी इसके लिए बैटिंग कर रहे हैं। खुद शरद पवार से दिसंबर में अजित पवार मिल चुके हैं। दूसरी ओर अटकल यह है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकसाथ आ सकते हैं। अटकलें तो यह भी हैं कि उद्धव ठाकरे इंडिया गठबंधन में नाराज चल रहे हैं। उद्धव की शिवसेना को भाजपा का साथ छोड़ने का पछतावा है।

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मृत्युदंड, मदद के लिए सामने आया यह मुस्लिम देश, जानें क्या है वजह

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यमन में एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें एक महीने में फांसी दी जानी है। निमिषा की सजा माफ कराने के लिए भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। इस बीच भारत की मदद के लिए एक मुस्लिम देश आगे आया है। निमिषा प्रिया के केस में ईरान ने भारत की मदद करने की पेश की है।ईरान ने कहा है कि वह हरसंभव मदद करेगा।

ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘हम इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा लगता है कि उस पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। मानवीय आधार पर हम इस मामले में जो भी कर सकते हैं, करेंगे। बता दें कि निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में दोषी ठहराया गया था। यमन के राष्ट्रपति ने गत माह निमिशा को मौत की सजा को बरकरार रखा है। भारत ने कहा है कि वह इस मामले में नर्स की मदद करने के लिए उसके परिवार और संबंधितों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। प्रिया (37) अभी यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है। यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की मौत कथित तौर पर बेहोशी की दवा की ‘ओवरडोज’ से हुई थी, जो प्रिया ने उससे अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए दी थी।

ईरान क्यों करना चाहता है मदद

ईरान ने यह पेशकश ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कच्चे तेल के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रताड़ित ईरान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। ईरान ने भारत से फिर से तेल खरीदने की अपील की है। इसके अलावा उसने ईरानी नागरिकों को भारतीय वीजा पाने में ढील देने को भी कहा है। ईरान का कहना है कि इससे भारत और भारतीय नागरिकों के साथ उसकी दोस्ती गहरी होगी। हालांकि, भारत की तरफ से ईरान के इन दो प्रस्तावों पर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भारत के लिए मध्य पूर्व में ईरान का महत्व काफी ज्यादा है।

भारत ने क्यों बंद किया ईरान से तेल खरीदना

ईरान 2018 से कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पिछले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत, अमेरिका ने ईरान पर 1500 से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं। नतीजतन, 2019 में, अमेरिका के दबाव में, भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया था, जिसका दोतरफा व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "2018 में प्रतिबंध लगाए जाने से पहले हमारे भारत के साथ अच्छे आर्थिक संबंध थे। हम समझते हैं कि भारत को प्रतिबंधों का पालन क्यों करना पड़ रहा है, लेकिन व्यापार में साल-दर-साल गिरावट आ रही है, जो अच्छी बात नहीं है।"

95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति, इन्हें मिली जिम्मेदारी
रायपुर - राज्य सरकार ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं के बाद प्रदेश के 95 नगर पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी है. तहसीलदार को प्रशासक बनाए गए हैं. ये प्रशासक नगर पंचायतों का निर्वाचन कार्यकाल खत्म होते ही अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे.