पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर प्रयास करना होगा ..... शिव प्रताप शुक्ला
गोरखपुर। इस्लामिया एजुकेशनल सोसाइटी बक्शीपुर गोरखपुर के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने किया । इस्लामिया कॉलेज आफ कामर्स एवं ताहिरा इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज़, गीडा,गोरखपुर के सहयोग से "पर्यावरणीय मुद्दे, विज्ञान फार्मेसी एवं व्यवसाय प्रशासन का समग्र विकास" विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने इस्लामिया कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स बक्शीपुर गोरखपुर के संस्थापक प्रबंधक स्वर्गीय शरीफ अहमद एडवोकेट के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की । इसी क्रम में उन्होंने शरीफ अहमद एडवोकेट की याद में बनाए गए संग्रहालय का उद्घाटन भी किया।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति में इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स की स्मारिका और सेठ एमआर जयपुरिया आजाद चौक के भवन का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि शरीफ अहमद साहब से हमारे घरेलू संबंध रहे हैं। हम दो भाई थे लेकिन जब शरीफ़ साहब से हम लोगों के मुलाकात हुई तो वह हम दोनो के बड़े भाई बन गए। आज वो नहीं हैं लेकिन उनका जो कार्य है वह समाज में दिख रहा है । शरीफ़ साहब हमारे बीच नहीं हैं परंतु शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने जो कार्य किया है वह उन्हें हमेशा जीवित रखेगा।
सम्मेलन का विषय आज की दुनिया में अत्यधिक प्रासंगिक है। जहाँ पर्यावरणीय स्थिरता एक वैश्विक प्राथमिकता है। पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए हमें सतत प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में विज्ञान, फार्मेसी और व्यवसाय प्रशासन का एकीकरण समग्र विकास को प्राप्त करने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण को दर्शाता है। वैज्ञानिक प्रगति और जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाएँ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडे ने कहा कि शरीफ अहमद आज हमारे बीच नहीं है परंतु उनकी विचारधारा आज भी हम लोगों को मार्ग दिखा रही है उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो बहुमूल्य योगदान दिया है वह कभी भुलाया न जा सकेगा।
डॉक्टर कलीम कैसर ने कहा कि व्यक्ति अपने व्यक्तित्व से नहीं बल्कि अपने योगदान से जाना जाता है कि उसने समाज के लिए क्या कार्य किए हैं इस संदर्भ में शरीफ साहब को हमेशा याद किया जाता रहेगा।
कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रबंधक शोएब अहमद ने कहा कि भारत के आर्थिक विकास के साथ-साथ तेजी से बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के साथ पर्यावरण पर भी दबाव बढ़ रहा है। जिसके परिणामस्वरूप प्रतिकूल और हानिकारक पर्यावरणीय परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। इसलिए, विकासात्मक गतिविधियों और पर्यावरण के संरक्षण के बीच एक उचित समझौता होना चाहिए। इस पृष्ठभूमि के साथ, इस्लामिया एजुकेशनल सोसाइटी 28 फरवरी और 01 मार्च 2025 को "पर्यावरण के मुद्दे और विज्ञान, फार्मेसी और व्यवसाय प्रशासन के माध्यम से समग्र विकास" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुमताज खान ने किया।
वही सांयकालीन के सत्र के मुख्य अतिथि गोरखपुर के नगर आयुक्त डॉक्टर मंगलेश्वर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण बहुत आवश्यक है। नगर निगम में इस बात की पहल की जा रही है की जल संरक्षण को भी आवश्यक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे आर ओ प्लांट का बहुत सारा पानी व्यर्थ जाता है। हमें इसे उपयोग में लाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है इस प्रकार इसलिए जल संरक्षण और भी अधिक आवश्यक हो जाता है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर राजीव प्रभाकर ने कहा कि सर्वांगीण विकास की तरफ हम ध्यान नहीं दे पा रहे हैं ।विकास की प्रक्रिया धीमी होती जा रही है। हमें ध्यान देना होगा कि हम आने वाली नसों के लिए क्या छोड़ करके जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास हो रहे हैं कि हमारा माहौल प्रदूषित न हो लेकिन केवल सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से कुछ नहीं होगा। हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वयं प्रयास करना होगा।
इसी क्रम में के.एस साकेत पी.जी कॉलेज अयोध्या के वनणिज विभाग के विभागध्यक्ष प्रोफेसर शाहाब शाह ने कहा कि हमने इतने पेड़ काट दिए हैं कि अब मुसाफिरों को साय के लिए कोई पेड़ नज़र नहीं आता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक धर्म ग्रंथो में प्रकृति के संरक्षण की बात कही गई है और इस बात पर जोर दिया जाता रहा है कि पेड़ को नहीं काटना चाहिए। सांय शकालीन सत्र का संचालन दीक्षा श्रीवास्तव ने किया। इस सत्र में मिथिलेश कुमार, रजत कुमार सिंह और पलक राय ने शोध पत्र प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से सोहेल अहमद सैयद मोहम्मद अरबी, आसिफ इकबाल, सरदार जसपाल सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव, डॉक्टर शाहिद जमाल, प्रोफेसर डी एन मिश्रा, डॉ विश्वजीत सिंह, डॉ राहुल कुमार मिश्रा, श्रीमती अनुपमा राव, शरजील लारी, रिमशा खान, शीरीं परवेज़ के अतिरिक्त बड़ी संख्या में नगर के बुद्धिजीवी उपस्थित थे



Feb 28 2025, 19:55