2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद पहली बार भरा कैबिनेट का कोटा, सभी 36 पदों पर मंत्री तैनात
डेस्क : वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद पहली बार राज्य मंत्रिमंडल का कोटा पहली बार पूरा भर गया है। बीते बुधवार को कैबिनेट का विस्तार होने के बाद नीतीश कैबिनेट में अब कोई मंत्रिपद खाली नहीं है। बुधवार को 7 मंत्रियों के शपथ के साथ ही खाली पद भर दिये गये। इसके पहले जब भी नीतीश सरकार में मंत्रियों का मनोनयन हुआ, कुछ पद खाली ही रखे गए। ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी 36 पदों पर मंत्री तैनात हैं। जदयू कोटे की तुलना में भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या डेढ़ गुनी हो गयी है।
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वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी, उसके बाद से सरकार में कभी 36 मंत्री नहीं रहे। हमेशा कुछ सीटें रिक्त रखी गयीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खास रणनीति के तहत ऐसा करते रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2010 में 30 मंत्रियों ने शपथ ली। जबकि 2015 में 29 मंत्री बने थे। वर्ष 2020 में भी 30 मंत्रियों ने शपथ ली थी जबकि 2022 में महागठबंधन की सरकार में 31 मंत्री थे। इसके पहले और बाद में भी लगभग इतने ही मंत्री बनते रहे।
बता दें नियमानुसार बिहार में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। यहां पहले से 30 मंत्री थे। एक ने इस्तीफा दिया, जिससे मंत्रियों के 7 पद रिक्त हो गए थे। आज मंत्रियों के शपथ लेने के बाद नीतीश कैबिनेट में जदयू के मंत्रियों की संख्या 13 ही रह गयी जबकि भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या बढ़कर 21 हो गयी। इसके अलावा एक-एक निर्दलीय और हम से एक-एक मंत्री हैं। इसके पहले भाजपा कोटे के केवल 15 मंत्री ही थे।
कैबिनेट के विस्तार के बाद भाजपा के मंत्रियों की संख्या जदयू की तुलना में डेढ़ गुनी हो गयी है। बुधवार को शपथ ग्रहण के पहले यह भी कयास लगाए गए थे कि कम से कम दो मंत्री जदयू कोटे के होंगे। पर जब सूची सामने आई तो सब चौंक गए। कई राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान थे, क्योंकि सभी सात मंत्री भाजपा के थे।
Feb 27 2025, 14:05