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इनोवा गाड़ी दिलाने का झांसा देकर 3.30 लाख की ठगी, केस दर्ज
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खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के खजुरी गांव के टोला महदेईया के निवासी रामजनम यादव को इनोवा गाड़ी दिलाने का झांसा देकर संगठित जालसाजों ने 2 लाख रूपए हड़प लिए। अपने रूपए वापस लौटाने या गाड़ी मांगने पर आरोपितों ने पीड़ित को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे।एसएसपी को दी गई तहरीर में पीड़ित ने बताया कि उसने 3 वर्ष पहले छपिया खानीपुर में स्थित अपनी जमीन हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के तुलसी रतन गांव के निवासी दिनेश यादव पुत्र राम आसरे यादव को बेची थी।

इस दौरान दोनों के बीच परिचय तथा अच्छे संबंध हो गए थे। पीड़ित ने एक इनोवा गाड़ी लेने की इच्छा जताई तो दिनेश यादव ने उसका परिचय अपने भांजे मनोज यादव पुत्र अरविंद यादव निवासी ग्राम भेउसां टोला भैसहियां थाना हरपुर बुदहट से कराते हुए बताया कि मनोज गाड़ीयों के खरीद फरोख्त का काम करते हैं और उसे अच्छी गाड़ी दिला देंगे। पीड़ित मनोज यादव के साथ इनोवा क्रिस्टा गाड़ी देखने जीयनपुर आजमगढ़ ले गया और 12 लाख रूपए में गाड़ी तय कर ली। मनोज यादव ने 50 हजार रुपए एडवांस देने के लिए कहा तो पीड़ित ने दिनेश यादव के कहने पर 50 हजार रूपए दे दिए थे जिसके बाद मनोज यादव ने एक लाख 30 हजार रूपए और एडवांस देने की मांग की तब दिनेश यादव ने बताया कि मनोज यादव विश्वसनीय है तथा उसने भी अपनी पत्नी से छुपा कर उसे 5 लाख रूपए उधार दिए थे जिसे उसने लौटा दिया था।

पीड़ित ने विश्वास में आकर 1 लाख 30 हजार चेक के जरिए दे दिए। इस बीच पीड़ित ने पूरे पैसे देकर गाड़ी ले आने के लिए कहा तो उसे बताया गया कि जिसकी गाड़ी है वह कहीं बाहर गए हैं 10 दिन बाद आने पर गाड़ी मिल जाएगी। इस बीच मनोज यादव ने अपने लिए नई ब्रेजा खरीदने के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए उधार मांगते हुए दो तीन दिन में वापस लौटाने की बात कही तो पीड़ित ने दिनेश यादव के कहने पर उसे 1 लाख 30 हजार रुपए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए तथा 20 हजार रुपए उसके साले श्यामसुंदर को चेक के जरिए 16 अक्टूबर 2023 को तथा 19 अक्टूबर 2023 को दे दिए थे। समय बीतने पर जब पीड़ित ने गाड़ी दिलाने और अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए तो मनोज यादव टाल मटोल करने लगा। पीड़ित ने बताया कि संबंध बनने के बाद मनोज यादव ने अपनी पत्नी और साली के साथ खड़े रह कर उसकी फोटो खींचवाते थे और अपनी साली कह कर कुछ औरतों से बातें कराते थे। पैसे वापस मांगने पर दिनेश यादव ने बताया कि मनोज यादव बहुत बड़ा अपराधी है अपने पैसे भूल जाओ। इसी के साथ पीड़ित के द्वारा मनोज यादव के खिलाफ गीडा थाने में दर्ज 3 मुकदमों की जानकारी भी दी गई है।

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि दिनेश यादव, मनोज यादव उसकी पत्नी बबिता और श्यामसुंदर का एक गैंग है ऐ लोग झांसा देकर लोगों से पैसे हड़प लेते हैं।इन लोगों ने मिल कर उनके भी पैसे हड़प लिए हैं, तथा आरोपित पैसे वापस मांगने पर उसे जेल भिजवाने की धमकी देते हैं। बताया गया कि दिनेश यादव अपने को डीआईजी आरपीएफ की गाड़ी का ड्राइवर बताता है।

तहरीर के आधार पर खजनी पुलिस ने थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह के निर्देश पर मुकदमा अपराध संख्या 59/2024 के तहत भादंसं की धारा 420, 406, 504, 506 में आरोपितों मनोज, दिनेश, बबिता और श्यामसुंदर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि शिकायत मिली है, केस दर्ज कर लिया गया है विधिक कार्रवाई की जा रही है।

ब्लाॅग बनाने पर पति-पत्नी के रिश्ते में दरार, थाने में शिकायत
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खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने थाने में पहुंच कर अपने पति पर शराब पीकर मारने पीटने और चरित्र पर संदेह करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने महिला के पति को थाने में बुलाया तो उसने उन्हें झूठी सूचना देते हुए बताया कि वह गीडा में है और जरूरी काम से महाराजगंज जिले पर जा रहा है थाने पर नहीं पहुंच पाएगा। इंस्पेक्टर अर्चना सिंह की सख्ती पर पति-पत्नी दोनों थाने में पेश हुए।

दोनों से पूछताछ के दौरान पता चला कि महिला यू-ट्यूब तथा इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्लॉग और रील बनाती है। यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम से अच्छी आमदनी होने के लोभ में शुरूआत में पति ने भी अपनी सुंदर पत्नी के सभी नखरे बर्दाश्त किए तथा रील बनाने में उसका सपोर्ट करता रहा। इस बीच उसके मित्रों, संबंधियों और आसपास के लोगों ने भी सोशल मीडिया पर उसकी पत्नी के ब्लाॅग और शाॅट्स आदि देख कर उसका मजाक बनाना शुरू कर दिया। लोगों के भद्दे, फूहड़, कमेंट और पत्नी की हरकतें उसके पति को नागवार गुजरने लगीं तो दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया और पति-पत्नी के आपसी रिश्ते में खटास आने लगी। थाने में पहुंची महिला ने बताया कि उसके पति के उसकी छोटी बहन के साथ नाजायज संबंध हैं, जिससे वह आए दिन शराब पी कर घर आने के बाद उसे मारता पीटता है।

वहीं पति ने भी पत्नी का दूसरे पुरूषों के साथ संबंध होने का आरोप लगाया। पति-पत्नी के आपसी झगड़े और विवाद का पूरा किस्सा सुनने के बाद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने भी अपना सिर पकड़ लिया। वहीं एसएसआई बलराम पांडेय ने भी दोनों को अपने छोटे बच्चों के भविष्य का हवाला देते हुए उन्हें समझाने बुझाने का भरपूर प्रयास किया। किंतु पति ने कहा कि वह अब अपनी पत्नी को अपने साथ नहीं रखेगा, समाज में उसकी बहुत अधिक बदनामी हो रही है, पुलिस उसे जेल भेज दे उसे मंजूर है।

पति-पत्नी के रिश्ते के बीच विवाद के इस नए तरह के पारिवारिक मामले को लेकर खजनी पुलिस भी उलझ कर रह गई, उसे समुचित कार्रवाई में द्विविधा खड़ी हो गई, दोनों को देर तक समझाने बुझाने के बाद आखिरकार थाना प्रभारी के निर्देश पर महिला के पति को कुछ देर तक बैठा कर सोचने समझने के लिए मौका भी दिया गया।

थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने बताया कि पारिवारिक विवाद के मामलों में बच्चों के भविष्य को देखते हुए पति-पत्नी के बीच के आपसी विवाद को सुलझाने का मौका दिया जाता है।

मामले की थाना परिसर में हर किसी की जुबान पर चर्चा बनी रही, लोग दैनिक पारिवारिक जीवन में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उसके कारण बिगड़ रहे आपसी संबंधों को लेकर आपस में चर्चाएं करते नजर आए।

कविता के रसपान से मंत्रमुग्ध होगा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
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गोरखपुर। भारतीय शिक्षण मण्डल युवा गतिविधि गोरक्षप्रान्त एवं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय सभागार मे 1 मार्च को शाम 6:30 बजे से आयोजित होगा जिसमें देश के जाने-माने कवि अपनी प्रस्तुति देंगे |

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. जितेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री अंकिता सिंह, सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक नीलोत्पल मृणाल एवं हास्य कवि बादशाह प्रेमी अपनी प्रस्तुति देंगे जबकि कवि सम्मेलन का संचालन गोरखपुर शहर के युवा कवि एवं साहित्यकार मिन्नत गोरखपुरी करेंगे साथ ही साथ श्वेता सिंह विशेन व प्रेमनाथ मिश्रा भी अपनी प्रस्तुति देंगे | कार्यक्रम की अध्यक्षता मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी सैनी जी करेंगे |

इस अवसर पर मदन मोहन मालवीय प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रो. बी. के. पांडेय जी ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास हेतु आर्ट एवं लिटरेरी उपपरिषद के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा समय समय पर साहित्य से सम्बन्धित कार्यक्रम कराये जाते है। इसी क्रम मे छात्रो मे साहित्यिक अभिरूचि के विकास एवं इनके मनोरंजन के लिए इस तरह का कार्यक्रम छात्रो के व्यक्तित्व विकास मे न केवल मील का पत्थर साबित होगा बल्कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से उनमें नई ऊर्जा का संचार होगा तथा उनके स्वरुचि के विषय को भी प्रोत्साहन मिल सकेगा |इस अवसर पर प्रांत मंत्री प्रदीप सिंह, युवा गतिविधि सह प्रमुख डॉ ममता शाही,योगेश पाल,मनोज शाही,उत्कर्ष पाठक,,राघवेंद्र पांडेय.आसिया गोरखपुर आदि उपस्थित रहें |

माता-पिता के बाद संस्थान ही सबसे महत्वपूर्ण – कुलपति प्रो. पूनम टंडन
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गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनी मीट 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व छात्रों ने संस्थान के प्रति अपने जुड़ाव और कृतज्ञता को व्यक्त किया, वहीं शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपने पूर्ववर्ती विद्वानों से प्रेरणा प्राप्त की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीएसएफ एवं एनआईए के डीआईजी, कीर्ति चक्र सम्मानित श्री नरेंद्र नाथ धर दुबे उपस्थित रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने की। इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने अपने संबोधन में पुरातन छात्रों के योगदान को सराहा और विभाग की उपलब्धियों को साझा किया।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थान केवल एक शैक्षिक केंद्र नहीं, बल्कि एक परिवार होता है, जो छात्रों को सिर्फ ज्ञान ही नहीं, बल्कि चरित्र, नैतिकता और एक मजबूत व्यक्तित्व भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के बाद किसी भी व्यक्ति के जीवन में संस्थान का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है, क्योंकि यही वह जगह है जो करियर और भविष्य को दिशा देती है।उन्होंने पूर्व छात्रों से संस्थान से जुड़े रहने और अपने अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संस्थान की नींव होते हैं, और उनकी सफलता ही किसी विश्वविद्यालय की सच्ची पहचान होती है।

मुख्य अतिथि नरेंद्र नाथ धर दुबे, जिन्होंने 2003 में भारतीय संसद हमले के मास्टरमाइंड ग़ाज़ी बाबा को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी, ने अपने संबोधन में कहा कि एक छात्र के जीवन में राष्ट्रप्रेम और संस्थान के प्रति निष्ठा सबसे महत्वपूर्ण होती है।उन्होंने कहा कि छात्रों को सिर्फ एक डिग्री तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपने समाज, संस्थान और देश के प्रति योगदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने देशभक्ति की भावना को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र की ताकत उसके शिक्षित और कर्तव्यनिष्ठ नागरिकों में होती है।उन्होंने विश्वविद्यालय में आकर गर्व की अनुभूति व्यक्त की और कहा कि वह हमेशा अपने संस्थान के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके जीवन पर आधारित बायोपिक “ग्राउंड ज़ीरो” अगले महीने रिलीज़ होने जा रही है, जिसे अमेज़न प्राइम पर भी प्रसारित किया जाएगा।उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों को साझा करते हुए कहा कि एक सैनिक और खुफिया अधिकारी के रूप में उन्होंने अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित किया है। उनकी वीरता और निष्ठा के लिए उन्हें कीर्ति चक्र, राष्ट्रपति पुलिस पदक, अति उत्कृष्ट सेवा पदक, और भारत सरकार द्वारा कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं।

अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पुरातन छात्र किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक मीटिंग नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पुनर्मिलन है . उन्होंने कहा कि अंग्रेज़ी विभाग ने बीते वर्षों में कई विद्वानों, शिक्षकों, प्रशासकों और नीति-निर्माताओं को तैयार किया है, जो आज विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग हमेशा अपने छात्रों को सिर्फ शैक्षिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा भी देता रहा है। उन्होंने सभी पुरातन छात्र से संस्थान और विद्यार्थियों के मार्गदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद, अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और एलुमनी मीट के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

इसके पश्चात, पूर्व छात्रों को सम्मानित करने का कार्यक्रम हुआ, जिसमें कुलपति प्रो. पूनम टंडन एवं विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने सम्मान चिन्ह (मोमेंटो) प्रदान कर प्रतिष्ठित एलुमनी को सम्मानित किया।

इस अवसर पर विभागीय शिक्षकों के अतिरिक्त विभाग के पुरातन छात्र प्रो. वाचस्पति द्विवेदी, प्रो. राकेश पांडेय, डॉ. मधुलिका तिवारी, डॉ. तनु श्रीवास्तव, डॉ कुमार पंकज ,डॉ. दिवाकर तिवारी, डॉ रत्नेश पांडेय ,डॉ. अखंड कौशिक, डॉ. संतोष चंद, विजय चौरसिया, डॉ पुरुषोत्तम पांडेय , अमित श्रीवास्तव,रामकेश मौर्य ,अरुण मिश्रा, दिग्विजय शुक्ल, इंद्रेश यादव, धीरेंद्र गौड़ , सौरभ श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

लिंक एक्सप्रेस-वे पर अनाधिकृत वाहनों का आवागमन रूका
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खजनी गोरखपुर।लिंक एक्सप्रेस-वे पर लगातार हो रहे हादसों के बाद अब यूपीडा ने अप्रैल महीने में होने वाले लिंक एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण तक उसे पूरी तरह से बंद रखने के लिए सोमवार को पेप्सिको कंपनी के सामने हरनहीं बाजार और कम्हरियाघाट में लिंक एक्सप्रेस-वे पर बड़े सीमेंट के बोल्डर रख कर पूरी तरह से बंद कर दिया है।

बीते दो महीनों से लिंक एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का आवागमन बहुत अधिक बढ़ गया था और लगातार दुर्घटनाएं हो रही थीं।यात्रा करने वाले वाहन चालकों की बाढ़ सी आ चुकी थी। इस अनाधिकृत आवागमन को रोकने के लिए यूपीडा ने कई स्थानों पर बैरिकेटिंग करके लोगों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी।

ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करने वालों पर सख्त कार्रवाई जुर्माना और एफआईआर दर्ज करने तथा आम जनता के लिए बंद रखने का फैसला किया है।यूपीडा के प्रबंधक वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि लिंक एक्सप्रेस-वे को अप्रैल तक पूरी तरह से बंद रखा जाएगा।

महाकुंभ में गोरखपुर सांसद रवि किशन ने लगाई आस्था की डुबकी
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गोरखपुर सांसद रवि किशन शुक्ला ने महाकुंभ प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाकर विश्व कल्याण और राष्ट्र की समृद्धि की मंगल कामनाएं कीं। उनके साथ उनकी पत्नी प्रीति शुक्ला, बेटी इशिता, बेटे सक्षम और रीवा शुक्ला भी इस पुण्य अवसर के साक्षी बने। महाशिवरात्रि से पूर्व आयोजित इस दिव्य और भव्य महाकुंभ में लाखों सनातनी श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान कर अपनी आस्था प्रकट की।

सांसद रवि किशन ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में यह महाकुंभ ऐतिहासिक बन गया है। अभूतपूर्व व्यवस्था, दिव्य माहौल और संस्कृतिमय आयोजन ने दुनिया भर के श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, "योगी सरकार के प्रयासों से महाकुंभ न केवल सनातन परंपराओं की गौरवशाली झलक पेश कर रहा है, बल्कि दुनिया को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भव्य परिचय भी दे रहा है।"

संगम तट पर लाखों भक्तों की मौजूदगी, वैदिक मंत्रोच्चार, साधु-संतों के अखाड़ों की पेशवाई और चारों ओर गूंजते 'हर हर महादेव' के जयकारे ने महाकुंभ को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव बना दिया है। सांसद रवि किशन ने कहा कि इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि भारत सनातन संस्कृति की जन्मभूमि है, जहां धर्म, आस्था और परंपरा एक साथ साकार रूप में प्रकट होते हैं।

महाकुंभ में देश-विदेश से श्रद्धालु आए हुए हैं, और योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाएं उन्हें अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव दे रही हैं। स्नान घाटों से लेकर सुरक्षा, स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए इंतज़ामों की हर कोई सराहना कर रहा है। सांसद रवि किशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस दिव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि का भव्य उदाहरण बन चुका है।

"महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन धर्म की शक्ति, आस्था और परंपरा का जीवंत प्रमाण है। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है," – रवि किशन।

शांति पूर्ण माहौल में हुई बोर्ड परीक्षा
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खजनी गोरखपुर।क्षेत्र में स्थित यूपी बोर्ड द्वारा संचालित हाईस्कूल और इंटरकॉलेज में बोर्ड परीक्षा के पहले दिन शांति पूर्ण माहौल में दो पालियों में परीक्षा हुई।

नारायण इंटरकॉलेज रामपुर पांडेय में कुल

352 विद्यार्थियों में 17 अनुपस्थित रहे और 335 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। गणेश पाण्डेय इंटरकॉलेज कटघर खजनी में सबेरे पहली पाली में हाईस्कूल के 379 विद्यार्थियों में 28 अनुपस्थित रहे और 351 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी, दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से इंटरमीडिएट के कुल 195 विद्यार्थियों में 190 ने परीक्षा दी शेष 5 बच्चे अनुपस्थित रहे। वहीं दूसरी पाली में ही इंटरमीडिएट के कुल 228 विद्यार्थियों में 9 अनुपस्थित रहे और 219 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षा कराई गई। परीक्षा केंद्रों पर सख्ती देखी गई तथा परीक्षार्थियों और निरीक्षक शिक्षकों के अलावां अन्य अनाधिकृत लोगों को केंद्रों पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

भट्ठा मालिक को नकली शुल्क की रसीद देकर लगाया लाखों का चूना
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गोरखपुर।तिवारीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक सचिन्त सिंह का बलुआ क्षेत्र के मां दुर्गा नाम का ईट भट्टा चलता है बीते दिनों भट्टे का विनिमयन शुल्क जमा करवाने पहुंचे खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह ने जब ईंट भट्ठा मालिक से विनिमयन शुल्क की डिटेल मांगी तो ईंट भट्टे के मालिक द्वारा दिए गए विनिमयन शुल्क के प्रपत्रों

की जांच के बाद खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह को पता चला कि विनिमयन शुल्क मे अंकित पेपर में दिए गये पैसों के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे थे,जबकि ऑनलाइन विनिमयन शुल्क पत्र देखने पर ईंट भट्टे के ऊपर तकरीबन एक लाख रुपए से अधिक का बकाया दिखा रहा था।

जबकि ईंट भट्टा मालिक का दावा था कि उनके द्वारा अब तक का पूरा विनिमयन शुल्क जमा किया जा चुका है। डिटेल मांगे जाने पर भट्ठा मालिक संचित सिंह ने बताया की चंदन पाठक नाम के एक व्यक्ति को उन्होंने 1 लाख 26 हजार 700 रुपए दिए थे, चंदन पाठक ने ही विनिमयन शुल्क पेपर उन्हें दिखाकर आश्वस्त कराया था,और कहा था कि उनके ईंट भट्टे का पूरा विनिमयन शुल्क जमा हो गया है। खनन इंस्पेक्टर के भट्टे पहुंचने के दौरान पता चला कि ईंट भट्टे की विनिमयन शुल्क में सिर्फ 12 हजार 6 सौ 70 रूपये ही जमा है बाकी धनराशि अब तक जमा नहीं हुई है। वहीं पीड़ित युवक संचित सिंह ने अगले ही दिन गोरखपुर खनन ऑफिस में पहुंचकर ईंट भट्टे से संबंधित कागजात जेष्ट खान अधिकारी आर.पी. सिंह और खनन इंस्पेक्टर अमित सिंह को दिखाया। संचित सिंह का कहना है कि चंदन पाठक नाम के युवक से फोन पर बातचीत कर जब उन्हें खनन ऑफिस में बुलाया गया तो चंदन पाठक ने ऑफिस में आने की बात कही लेकिन कुछ ही देर बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। तबसे पीड़ित युवक सचिन्त सिंह खनन विभाग के चक्कर लगा रहा है, खनन विभाग के मामले में चंदन पाठक का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी बालू खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर चंदन पाठक के ऊपर रामगढ ताल थाने में स्थानीय युवक ने केस दर्ज कराया था।

बता दें कि पहले ईंट भट्ठों से जिला पंचायत द्वारा रायल्टी शुल्क लिया जाता था किन्तु अब यह विनिमयन अर्थात विकास शुल्क के रूप में लिया जाता है।

मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में मरीजों का मुफ्त इलाज
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खजनी गोरखपुर।तहसील क्षेत्र में आज फरवरी महीने के चौथे रविवार को पीएचसी के एमओआईसी डाॅक्टर प्रदीप तिवारी के निर्देश पर चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के द्वारा "मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले" में पहुंचे सभी मरीजों की मुफ्त जांच और इलाज किया गया। न्यू पीएचसी भैंसा बाजार में 66 मरीजों का इलाज डॉ. रामदास यादव, फार्मासिस्ट अर्चना रस्तोगी और लैब टेक्नीशियन विरेंद्र सिंह स्टाॅफ नर्स के द्वारा किया गया। वहीं बन्हैता उप स्वास्थ्य केंद्र में 71 मरीजों की जांच और इलाज डॉ.टी.के. द्विवेदी फार्मासिस्ट सुभाष यादव स्टाॅफ नर्स वंदना चौरसिया आॅप्टोमेटिस्ट जितेंद्र मौर्या ने किया। मरीजों को मुफ्त दवाएं दीं।

इलाज के लिए पहुंचे मरीजों में बुखार, त्वचा रोग, नेत्र रोग, हड्डी व जोड़ रोग, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, शूगर, दांत, आंख-कान के रोगी व सर्दी-जुकाम, खांसी से पीड़ित पाए गए। सभी की जांच इलाज कर दवाएं दी गईं। इस दौरान पैरामेडिकल स्टॉफ की टीम भी मौजूद रही।

तपस्वी नेतृत्व ने महाकुंभ को बनाया दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन : डॉ. भबातोष विश्वास
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गोरखपुर, 23 फरवरी। चिकित्सा विश्वविद्यालय कोलकाता के पूर्व कुलपति, अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल कोलकाता के वरिष्ठ कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डॉ. भबातोष विश्वास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तपस्यारत योजनाओं, स्वच्छता, सुरक्षा, तकनीक और सुव्यवस्था के फलस्वरुप प्रयागराज महाकुंभ 2025 को युगों-युगों तक याद किया जाएगा। एक तपस्वी नेतृत्व ने इस महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन सिद्ध कर दिया है। दिव्य, नव्य, और भव्य यह महाकुंभ सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का उत्कृष्ट प्रतीक बन गया है।

डॉ. विश्वास रविवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में ‘महाकुंभ 2025 : परम्परा, अनुष्ठान और महत्ता’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र (समारोप) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें प्रयागराज महाकुंभ महोत्सव में सम्मिलित होने और गंगा, यमुना और सरस्वती की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यथार्थ में आधुनिक दौर में अनादिकाल से चली आ रही सनातन परंपरा के वैभव का चरमोत्कर्ष है प्रयागराज महाकुंभ। सनातन धर्म, मनुष्यता का ही पर्याय है और मनुष्यता की विभिन्न धाराओं की एकसूत्रता का केंद्र महाकुंभ है। यहां जाति, वर्ण, वर्ग और धार्मिक उपेक्षाएं संगम की पवित्र जलधारा में बह जाती हैं।

सीएम योगी के कुशल प्रबंधन से महाकुंभ की दिव्यता से परिचित हुई नई पीढ़ी

डॉ. विश्वास ने यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुशल प्रबंधन ही है कि नई पीढ़ी भी महाकुंभ की दिव्यता और पवित्रता से परिचित हुई है। दुनिया भर के लोग यहां आने को आतुर दिखे। महाशिवरात्रि के स्नान पर्व से तीन दिन पूर्व ही प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2025 का महाकुंभ न केवल कल्पनाओं से परे है बल्कि इसने उत्तर प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की गति को और भी तीव्रतम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस महाकुंभ से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को करीब तीन लाख करोड रुपये का बूस्टर डोज मिलना अनुमानित हैं। इस महाकुंभ से छोटे बड़े हर किसी को फायदा होगा।

समूचा संसार खुले दिल से कर रहा सीएम योगी की प्रशंसा

डॉ. विश्वास ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में पूरी दुनिया ने देखा कि एक संवेदनशील और सक्षम सरकार जनभागीदारी और जनविश्वास के साथ बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किस तरह कर सकती है। आज समूचा संसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश की खुले दिल से प्रशंसा कर रहा है। देश-विदेश, जहां कहीं से कोई प्रयागराज महाकुंभ में आया, वह यहां की शानदार व्यवस्था का कायल हुए बिना नहीं रह सका। महाकुंभ के विविध आयामों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. विश्वास ने कहा कि भारत की सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक एकता और दिव्यता की अनुपम अभिव्यक्ति महाकुंभ मे दिखाई देता है। महाकुंभ पर्व एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे विभिन्न संस्कृति और पृष्ठभूमि के लोग एकजुट होकर आध्यात्मिक एवं सामाजिक उद्देश्य को पूरा करते हैं। महाकुंभ पर्व यह भी दिखाता है कि कैसे हजारों वर्ष पुरानी आस्थाएं न केवल धार्मिक जीवन को, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय जीवन को भी प्रभावित करती है। महाकुंभ वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देता है। महाकुंभ में अपने तीन दिन के प्रवास अनुभव को बताते हुए कहा कि सुव्यवस्थित सुशासन का यह अद्वितीय उदाहरण है,इसमें सहभागिता से भारत दर्शन जैसा लगता है, यहां लघु भारत उपस्थित हो जैसे।

महाकुंभ मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक : प्रो. हर्ष सिन्हा

समारोप के विशिष्ट अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहा कि महाकुंभ पर्व मानव इतिहास के सर्वाधिक पुरानी परंपराओं में से एक है। किसी बहती नदी और जीवंत संस्कृति सा यह भी प्रवाहमान और जागृत है। महाकुंभ के अर्थशास्त्र को रेखांकित करते हुए प्रो. सिन्हा ने कहा कि आस्था, आर्थिकी और रोजगार में किस प्रकार सहायक हो सकती है, इस महाकुंभ ने इसे आसानी से समझाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्था के सम्मान के साथ अर्थव्यवस्था में इसके योगदान को समुचित महत्व दिया है। इसके चलते प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में होने वाली आर्थिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। वित्तीय लेनदेन करीब तीन लाख करोड़ से अधिक होने की संभावना है। 2019 के अर्धकुंभ में करीब सवा लाख करोड़ रुपये का वित्तीय लेनदेन हुआ था। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण बात यह भी होगी कि डिजिटल लेनदेन पर बहुत अधिक जोर दिखा है। इस डिजिटल लेनदेन से गैर-संगठित क्षेत्र के लोगों की ऋण क्षमता बढ़ने से बैंकिग क्षेत्र की व्यवस्था भी मजबूत होगी। होटल, रेस्तरां, परिवहन सेवाएं और टूर सर्विस प्रदाताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय हस्तशिल्प, कला और व्यंजनों के लिए बाजार से जुड़े लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सुनिश्चित हुआ। प्रो. सिन्हा ने कहा कि इस आयोजन से स्ट्रीट वेंडर, शिल्पकार और दुकानदार आदि 45 दिनों में ही आठ महीने से अधिक की आय आसानी से अर्जित कर लेगें। सीआइआइ की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के कुंभ में विभिन्न क्षेत्रों में छह लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला था। इस बार यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार महाकुंभ की तैयारियों में लगभग 45 हजार परिवारों को रोजगार मिल चुका है।

अनेकता में एकता का शाश्वत व समेकित जयघोष है महाकुंभ : डॉ. ओमजी उपाध्याय

समापन सत्र में एक अन्य विशिष्ट अतिथि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. ओमजी उपाध्यायने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ और ‘समावेशी भारत’ की जीवंत झांकी के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। बहुपंथीय, बहु सांस्कृतिक, बहुभाषीय भारत की अनिर्वचनीय सनातन परंपरा का वाहक महाकुंभ अनेकता में एकता का शाश्वत और समेकित जयघोष है। वैदिक और पौराणिक आख्यानों के उद्धरण से डॉ. उपाध्याय ने महाकुंभ को धरती पर लगने वाला सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला बताया और कहा कि यूनेस्को द्वारा महाकुंभ मेले को मानव जाति की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दिए जाने के बाद से यह आयोजन विश्व के लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बन गया है। महाकुंभ दुनिया के तर्कजीवियों के लिए भी सदैव शोध एवं जिज्ञासा का विषय रहता है कि कैसे बिना निमंत्रण के ही इतने अधिक लोग एक साथ एक जगह एकत्रित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शिता ने प्रयागराज महाकुंभ को वैश्विक विहंगम तो बनाया ही है, यहां जन, सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार के आयाम भी अद्भुत हैं। महाकुंभ में डिजिटल तकनीक के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर है। यहां करीब पांच सौ पर्यावरण संरक्षण संस्थाएं गंगा और महाकुंभ की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने के लिए ‘हर घर से एक थैला, एक थाली’ द्वारा हरित कुंभ में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आधुनिक तकनीक का प्रयोग केवल भीड़ को सुचारु रूप से प्रबंधित करने और सुरक्षा आदि के लिए ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि ग्यारह भाषाओं में एआइ संचालित चैटबोट महाकुंभ की समस्त आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है। महाकुम्भ को प्राचीन संदर्भों के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत कर डॉ. उपाध्याय ने कहा कि धरती पर इससे बड़ा कोई आयोजन नहीं होता है। महाकुंभ में अपने प्रवास को प्रतिभागियों से साझा करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में विभिन्न स्रोतों से आर्थिक लाभ भी हो रहा है जिसको जनकल्याणकारी योजनाओं में लगाया जा रहा है।

महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से दुनिया में बजा यूपी का डंका : डॉ. प्रदीप राव

समारोप सत्र में सभी अभ्यागतों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता से उत्तर प्रदेश का डंका पूरी दुनिया में बजा है। वैश्विक फलक पर उत्तर प्रदेश के हिस्से आई यह ख्याति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्पित प्रयासों का प्रतिफल है। ‘आस्था को सम्मान और विकास के नित नए प्रतिमान’ के सीएम योगी के विजन को देखकर विश्व समुदाय चकित है। उन्होंने महाकुंभ की सनातनी परंपरा और अनुशासन की महत्ता को वैश्विक पटल पर इस तरह प्रतिष्ठित किया है जिसे अनंतकाल तक याद किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रतिवेदन महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत किया जबकि संचालन सहायक आचार्य रमाकांत दूबे ने किया।