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तीन नोटिस देने के बाद उत्तर प्रदेश की इस मस्जिद पर सीएम योगी का चला बुलडोजर, जानिए क्या रही वजह?


डेस्क: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में योगी सरकार ने मदनी मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद प्रशासन ने ये कार्रवाई की है। जिले के हाटा नगर में स्थित मदनी मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ था। मदनी मस्जिद बिना नक्शा पास करके बनाई गई थी। इसलिए इस मस्जिद पर एक्शन लिया गया है।

मदनी मस्जिद को लेकर पिछले साल 18 दिसंबर को जांच शुरू हुई थी। तीन नोटिस दिए जाने के बाद भी मस्जिद पक्षकारों ने कोई जवाब नहीं दिया था। मुस्लिम पक्षकारों ने सीएम योगी के बुलडोजर पर कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए 8 फरवरी तक हाई कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले लिया था।

हाई कोर्ट का स्टे ऑर्डर खत्म होने के बाद भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन ने रविवार को बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी। मदनी मस्जिद में अवैध निर्माण और गलत नक्शा पास कराए जाने को लेकर हिंदूवादी नेता रामबचन सिंह ने सीएम योगी से शिकायत की थी।

सीएम योगी के आदेश के बाद ही मस्जिद पर बुलडोजर एक्शन की कार्रवाई शुरू की गई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने बताया कि थाने और नगर पालिक की जमीन पर अवैध निर्माण किया गया था। बिना नक्शा पास किए ही मस्जिद की इमारत खड़ी कर दी गई। इसको लेकर कार्रवाई की गई है।
32 फिल्मों में काम करके स्टार बन गई थी ये एक्ट्रेस, फिर पास की UPSC परीक्षा और बन गई IAS अफसर

डेस्क: बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपनी जगह बनाने के बाद इसे अलविदा कह देना आसान नहीं होता। लैविश लाइफ, लग्जरी लाइफस्टाइल और ग्रैलमर को छोड़ अलग दुनिया बसाना काफी मुश्किल सौदा लगता है, लेकिन इस सबके बाद भी कई सितारे अपनी जिंदगी पूरी तरह बदल देते हैं। ये सितारे खास से आम इंसान बनने का सफर तय करते हैं। कई लोग किसी दूसरी फील्ड में अलग पहचान बनाते हैं, जिसकी उम्मीद भी दुनिया को नहीं होगी। आज हम ऐसी ही एक हस्ती के बारे में बात करेंगे। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ये एक्ट्रेस फिल्मों में आईं। एक के बाद एक कई फिल्मों में इन्होंने काम किया। इनकी क्यूटनेस ने हर किसी का ध्यान खींचा, लेकिन एक ही झटके में इन्होंने फिल्मी दुनिया से मुंह फेर लिया और वो कर दिखाया जो हर किसी के लिए करना संभव नहीं।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसके लिए कई वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। हर साल लाखों उम्मीदवार इसमें भाग लेते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं और ये सफलता उन्हें भी हासिल हुई जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। लाइमलाइट को छोड़ हजारों की भीड़ में ये एक्ट्रेस भी शामिल हुई और अपने सपने को साकार किया। अपना करियर एक अभिनेत्री के रूप में शुरू किया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक अलग रास्ता चुना। फिल्मों में सफल होने के बावजूद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का मुश्किल सफर तय किया।

फिल्मों में अपनी जगह पक्की कर एक झटके में इसे ठोकर मारने वाली एक्ट्रेस का नाम एचएस कीर्तन है। बाल कलाकार के रूप में खुद को स्थापति करने के बाद उन्होंने कई फिल्मों और टेलीविजन शो में काम किया है, जिनमें 'कर्पूरदा गोम्बे', 'गंगा-यमुना', 'मुदिना अलिया', 'सर्किल इंस्पेक्टर', 'ओ मल्लिगे', 'लेडी कमिश्नर', 'हब्बा', 'डोरे और सिम्हाद्री' शामिल हैं। मनोरंजन उद्योग में पहचान हासिल करने के बावजूद, उनकी असली ख्वाहिश एक बड़ी फिल्म स्टार बनने की नहीं बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनने की थी। इसे हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर उन्होंने अभिनय से दूरी बना ली और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

उनका सफर आसान नहीं था। उन्होंने पहली बार साल 2011 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (KAS) परीक्षा दी और सफलतापूर्वक KAS अधिकारी बनीं। हालांकि, उनका अंतिम सपना UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करना था। साल 2013 में उन्होंने पहली बार UPSC CSE का प्रयास किया, लेकिन उच्च रैंक हासिल नहीं कर सकीं। बिना रुके, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अगले सात सालों में छह बार परीक्षा दी। आखिरकार साल 2020 में उन्होंने UPSC CSE पास किया और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 167 हासिल की, जिससे IAS अधिकारी बनने का उनका लंबे समय से सपना पूरा हुआ।

एचएस कीर्तन की पहली नियुक्ति कर्नाटक के मांड्या जिले में सहायक आयुक्त के रूप में हुई थी। फिलहाल एचएस कीर्तन कर्नाटक के चिक्कमगलुरु में जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर नियुक्त हैं। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का प्रयागराज महाकुंभ में भव्य स्वागत, सामने आई तस्वीरें

डेस्क: प्रयागराज महाकुंभ में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने स्वागत किया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यपाल परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां उन्हें स्वामी चिदानंद सरस्वती जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आध्यात्मिक चिंतन, भारतीय संस्कृति, गंगा संरक्षण और वैश्विक शांति के विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने राज्यपाल को महाकुंभ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे व्यापक प्रबंधों से अवगत कराया। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाओं और आध्यात्मिक आयोजनों के सुचारू संचालन पर विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने महाकुंभ की अलौकिक अनुभूति को अविस्मरणीय बताते हुए आयोजन की भव्यता और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना की। राज्यपाल ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरव बताते हुए कहा कि यह आयोजन संपूर्ण विश्व को शांति, एकता और सेवा का संदेश देता है।

प्रयागराज महाकुम्भ के 26वें दिन संगम में आस्था की डुबकी जारी है। 13 जनवरी से अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोग स्नान करेंगे। आज से उत्तरप्रदेश संस्कृति एवं पर्यटन  विभाग के तरफ से विद्वतकुंभ का आयोजन किया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कई बड़े कलाकार शामिल होने वाले हैं तो आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल त्रिवेणी में डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंच रहे हैं। गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल..संगम स्नान के साथ ही बड़े हनुमानजी के दर्शन भी करेंगे।

वहीं, आपको बता दें कि देश-विदेश में महाकुंभ की दिव्यता के बारे में सोशल मीडिया आदि पर देख-सुनकर पाकिस्तान के सनातनी लोग खुद को यहां आने से रोक न सके और सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था गुरुवार को यहां पहुंचा और संगम में डुबकी लगाई। सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान से आए सभी श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
दाऊद और छोटा शकील गैंग से जुड़ा गैंगस्टर 29 साल बाद गिरफ्तार, मुंबई पुलिस ने कर्नाटक से दबोचा
डेस्क: मुंबई पुलिस ने दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील गैंग से जुड़े 63 वर्षीय गैंगस्टर प्रकाश रतिलाल हिंगू को 1996 के आर्थर रोड जेल दंगा मामले में 29 साल बाद गिरफ्तार किया है। मुंबई के NM जोशी पुलिस के अधिकारियों ने एक गुप्त रूप से मिली सूचना के बाद गैंगस्टर को कर्नाटक के हुबली से गिरफ्तार किया।

दाऊद इब्राहिम गिरोह का कुख्यात सदस्य प्रकाश हिंगू करीब तीन दशकों से फर्जी पहचान के तहत कर्नाटक में रह रहा था। वह मूल रूप से जुहू लेन, अंधेरी वेस्ट, मुंबई का रहने वाला हिंगू कभी अंडरवर्ल्ड में एक सक्रिय गैंगस्टर था।

लंबे समय से कोर्ट में चल रही सुनवाई में प्रकाश हिंगू पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने उसे फरार घोषित कर दिया। इसके बाद मुंबई के एन एम जोशी मार्ग पुलिस की टीम में गुप्त रूप से मिली सूचना के आधार पर टीम बनाई और कर्नाटक जाकर हुबली से गिरफ्तार कर लिया।

बता दें साल 1996 में, मुंबई के आर्थर रोड जेल के अंदर दाऊद इब्राहिम के गिरोह और छोटा राजन के गैंग के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई, जो उस समय न्यायिक हिरासत में थे। दोनों गैंग के लोगों ने एक-दूसरे को खत्म करने का प्रयास किया था। इसलिए एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 324 और 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में दोनों गिरोह के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें प्रकाश हिंगू को आरोपी बनाया गया था। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद वह फरार हो गया था।
महाकुंभ भगदड़ पर रवि किशन का विपक्ष पर हमला, बोले- ये तो चाहते ही थे कि कोई घटना हो


डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में भव्य महाकुंभ का आयोजन जारी है। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हर रोज गंगा, यमुना, सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे हैं। बीते बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में ऐतिहासिक भीड़ जुटी जिस कारण वहां थोड़ी देर के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिस कारण 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं, कई लोग घायल भी हुए हैं। इस घटना को लेकर विपक्षी दल योगी सरकार पर हमलावर हैं। वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों पर बड़ा हमला बोला है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।

भाजपा सांसद रवि किशन ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा- "ये लोग तो इंतज़ार कर रहे थे कि कोई घटना (महाकुंभ में हुई भगदड़ दुर्घटना) हो जिससे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी को घेरा जाए। यह गलत है। उस दिन करोड़ो श्रद्धालु महाकुंभ में आए थे। सालों बाद हिन्दुत्व जगा है, उसी माहौल में यह दुखद घटना हुई है।"

भाजपा सांसद रवि किशन ने महाकुंभ में हादसे को लेकर कहा कि यह घटना हम सभी के लिए पीड़ा जनक है। इस पर सरकार जांच बैठा चुकी है लेकिन किसी की मृत्यु पर राजनीति करने से दुखद और कुछ नहीं है। रवि किशन ने कहा कि हम जान रहे हैं कि मिल्कीपुर का चुनाव है। 2027 में चुनाव की रोटियां सेकनी हैं, कुछ और नहीं था तो यही। रवि किशन ने कहा कि इस राजनीति से जनता और श्रद्धालुओं को दुख हो रहा है।

वहीं, भाजपा सांसद रवि किशन ने दिल्ली विधानसभा चुनावों पर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा- "AAP-दा दिल्ली हार रही है। जनता का विश्वास इन पर से उठ चुका है। हम 40 विधानसभा क्षेत्रों में जा चुके हैं। जनता इनकी किसी बात पर विश्वास नहीं करने वाली है। जनता को मोदी की गारंटी पर विश्वास है। जनता AAP के झूठे वादों और नर्क की जिंदगी से उबरना चाहती है।"
चोरों ने कन्नौज के तीन मंदिरों पर बोला धावा, उठा ले गए मूर्ति और दानपात्र से कैश भी किया चोरी


डेस्क: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में चोरों ने तीन मंदिरों में धावा बोल कर दानपात्र से कैश चोरी कर लिया। प्राचीन मंदिरों में चोरी की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने मंदिर में पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस की गश्त पर भी स्थानीय निवासी सवाल खड़े कर रहे हैं।

घने कोहरे व कड़ाके की सर्दी के बीच चोरों ने तीन प्राचीन मंदिरों को निशाना बनाया है। चोर यहां से दानपात्र तोड़कर चढ़ावा व मूर्तियों के जेवरात समेट ले गए। एक साथ तीन मंदिरों से चोरी से भक्तों में आक्रोश है। मौके पर पहुंची पुलिस व फॉरेंसिक टीम ने मामले की जांच पड़ताल की है।

पुलिस ने बताया कि सौरिख रोड पर कालिका देवी का महाभारत कालीन मंदिर है। ऐतिहासिक मंदिर भक्तों की आस्था का केन्द्र है। प्रतिदिन भोर मंगला आरती के साथ मंदिर के कपाट खुलते और रात को आरती के साथ बंद होते हैं। मंदिर पुजारी के साथ सेवादार व सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहते हैं।

कोहरे के बीच चोरों ने रविवार की रात मंदिरों को निशाना बनाकर घटना को अंजाम दिया। चोरों ने घटना से पहले मंदिर के सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। इसके साथ ही डीवीआर भी ले गए। चोर मां भगवती के जेवरात, घंटा, दानपात्र से चढ़ावा समेट ले गए।

इसी तरह सौरिख रोड के ही बहवलपुर रोड पर बगिया बाबा प्राचीन हनुमान मंदिर के छोटे गेट की जाली काट कर अंदर घुस गए। यहां मंदिर का कीमती सामान व दानपात्र का चढ़ावा पार कर दिया। जीटी रोड पर अकबरपुर के पास सिद्धेश्वर मंदिर से घंटा ले गए। एक साथ तीन मंदिरों से चोरी की घटना ने पुलिस की नींद उड़ा दी है।

सुबह जब मंदिर के पुजारी पूजा करने पहुंचे तो ताले टूटे देख उन्हें चोरी की जानकारी हुई। इसी तरह सिद्धबाबा मंदिर से कैश सहित मां की प्राचीन मूर्ती के जेवर व आंख निकाल ले गए। सुबह जब भक्त मंदिर पहुंचे तो अंदर का नजारा देख उनके रोंगटे खड़े हो गए। एक महिला तो मां की प्रतिमा का हाल देख फूट-फूटकर रोने लगी। स्थानीय निवासी चोरों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। तीन मंदिरों में चोरी के मामले को गंभीरता से लेकर एसपी ने एसओजी और फॉरेंसिक टीम को जांच में लगाया है।
'ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए', दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट


डेस्क: दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (21 जनवरी) को सुनवाई करेगा। ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी का हिस्सा था, लेकिन दिल्ली दंगों में नाम आने के बाद 2020 में उसे पार्टी से निकाल दिया गया था। अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है।

ताहिर हुसैन पुलिस की हिरासत में ही जिला चुनाव अधिकारी के पास नामांकन करने गया था। उसका नामांकन स्वीकार होने के बाद उसने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। हालांकि, सोमवार को समय की कमी के चलते उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन जैसे ही पीठ उठने लगी, हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया।

बेंच के उठते समय जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि आजकल जेल में रहकर चुनाव लड़ना आसान हो गया है। ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए। इस पर ताहिर के वकील ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनका नामांकन पहले ही स्वीकार किया जा चुका है। अभी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कल सुनवाई करेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य आरोपी होने की वजह से हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता की अनदेखी नहीं की जा सकती, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा था कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ लगभग 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धन शोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में हैं। फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
कोलकाता रेप-मर्डर केस: दोषी संजय रॉय की सजा पर राजनीति शुरू, जानें अब ममता ने क्या कहा?

डेस्क: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सियालदह कोर्ट में जज अनिर्बान दास ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस पर असंतोष जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से ‘‘जबरन’’ ले लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती।

मुर्शिदाबाद जिले में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने मामले में सीबीआई जांच पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी ने (दोषी के लिए) मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला हमसे जबरन ले लिया गया। अगर यह (कोलकाता) पुलिस के पास ही रहा होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस द्वारा जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई। मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं।’’ सियालदह की अदालत ने संजय रॉय को राज्य सरकार द्वारा संचालित आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को, रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी करार दिया था। इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। न्यायाधीश दास ने कहा कि यह अपराध ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके।

अदालत ने राज्य सरकार को मृतक डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। मृतक डॉक्टर के परिवार ने सोमवार को सियालदह अदालत के न्यायाधीश से कहा कि वे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं, मुआवजा नहीं। नौ अगस्त 2024 को आरजी कर अस्पताल में नाइट ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या हुई थी। कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी में नजर आए संजय रॉय को इस मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआई के पास पहुंचा और जांच के बाद संजय रॉय को दोषी पाया गया।
बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब ₹12 करोड़ की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार



डेस्क: डिजिटल अरेस्ट के जरिये बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तकरीबन 12 करोड़ की ठगी करने के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने 2 आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता पाई है। तरुण और करन नाम के इन आरोपियों ने ED और कस्टम अधिकारी बनकर टेकी विजयकुमार को पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर उनके अकाउंट में मौजूद लगभग 12 करोड़ रुपये के वेरिफिकेशन के नाम पर अलग अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाकर इस ठगी को अंजाम दिया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपियों को इस बात की सूचना मिली थी कि विक्टिम विजयकुमार ने शेयर मार्केट में बड़ा निवेश किया हुआ है जिसके चलते उनके पास 11 करोड़ 84 लाख रुपये जमा हो गए थे। बेंगलुरु नार्थ डिवीजन के तहत GKVK में रहने वाले इस युवक को जब तक ये पता चला कि उसके साथ डिजिटल ठगी हुई है तब तक उसकी सारी कमाई लुट गयी। इस युवक ने पुलिस की साइबर, इकोनॉमिक और नारकोटिक्स यानी CEN ब्रांच में 12 दिसम्बर को एक शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में युवक ने पुलिस को बताया कि 11 नवम्बर सर 12 दिसम्बर के बीच डिजिटल ठगों ने इससे 11 करोड़ 84 लाख रुपये ऐंठ लिये।

पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक इस युवक को 11 नवम्बर को एक IVR फोन आया। इस कॉल में कहा गया कि ये कॉल टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI से है, उसके फोन नम्बर का मिस यूज हुआ है और 2 घंटे में उसका फोन कट जाएगा। उसने जब कारण पूछा तो उसे 8791120937 नंबर से एक फोन आया और सामने वाले ने कहा कि वो मुम्बई के कोलाबा से क्राइम ब्रांच का अफसर है और उसके आधार नम्बर के साथ कोलाबा में एक केस दर्ज हुआ है। उसे बताया गया कि नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति को 6 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पकड़ा गया है और इसमें उसके आधार कार्ड और फोन की डिटेल्स मिली है।

फोन पर ये सब सुनकर युवक डर गया जिसके बाद उसे एक ओर नम्बर 7420928275 से फोन आया। उसने खुद को कस्टम और ED का अधिकारी बताया और इस युवक को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहते हुए उससे मोबाइल फोन पर 2 एप और स्काईप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद पुलिस अधिकारी का भेष बनाकर एक और ठग ने 9997342801 से वीडियो कॉल किया और उसे बताया कि अब ये केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया है और न सिर्फ वो बल्कि उसके परिवार के बाकी लोगों को भी अब जिंदगी भर जेल में रहना होगा।

ये युवक बुरी तरह डर गया और इसका फायदा उठाते हुए ठगों ने उसके बैंक में जमा राशि की सारी जानकारी उससे ले ली। उससे कहा गया कि उसे अपने अकाउंट से पैसे RBI के अकाउंट में जमा कराने होंगे और एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद ये रुपये उसके अकाउंट में वापस भेज दिए जाएंगे। इसके बाद 11 नवम्बर को युवक ने ICICI बैंक के एक अकाउंट में 75 लाख जमा कराए , उसके अगले दिन UCO बैंक के एक अकाउंट में 3 करोड़ 14 लाख जमा कराए। इसके बाद उसे मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस से बाहर निकालने के लिए और रुपयों की डिमांड की गई, चूंकि पीड़ित बुरी तरह घबराया हुआ था इसीलिए ठगों ने इसका पूरा फायदा उठाया और सिलसिले वार तरीके से अलग-अलग बैंक अकाउंट में 97 लाख, 25 लाख, 1 करोड़, 56 लाख, 96 लाख और आखिर में 2 लाख रुपए जमा करवाये गए।

इसके बाद युवक से कहा गया कि 12 दिसम्बर की दोपहर तक सारे पैसे दुबारा उसके अकाउंट में आ जाएंगे। तय समय पर पैसे वापस नहीं आये तो ये युवक पैनिक हो गया, उसने उस अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो सारे फोन फोन स्विच ऑफ हो गए। युवक ने जब बैंक को कॉल किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिन 9 बैंक खातों में इंजीनियर ने पैसे ट्रांसफर किये थे उन सभी खातों से पैसे निकाल लिए गए। थे इस वजह से बैंक उसे ब्लॉक नहीं कर पाए। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसके साथ इतनी बड़ी ठगी हुई है। अब बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
"फांसी को उम्रकैद में बदल दें", बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


डेस्क: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 18 मार्च तक फैसला लेने का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र सरकार को दिया गया आखिरी मौका है। अगर केंद्र सरकार इस मामले में फैसला नहीं ले पाई, तो अदालत मेरिट के आधार पर सुनवाई शुरू करेगा।

इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से कहा कि एक मुख्यमंत्री समेत 16 लोगों की हत्या का मामला है, सरकार अभी इस मुद्दे पर विचार कर रही है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की मर्सी पिटीशन पर गृह मंत्रालय से जल्द फैसला लेने को कहा था।

बलवंत सिंह राजोआना लगभग 27 साल से जेल में बंद है और उसकी दया याचिका केंद्र सरकार के पास 12 साल से लंबित है। सुनवाई के दौरान राजोआना की तरफ से दलील दी गई थी कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी और इस मामले में जुलाई 2007 में मौत की सजा सुनाई गई। हाई कोर्ट ने 2010 में सजा बरकरार रखा था। 27 साल से जेल में हैं। 2012 से दया याचिका लंबित है।

राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है। साथ ही दया याचिका पर फैसला होने तक पेरोल पर छोड़े जाने की भी मांग की।