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आजमगढ़ का युवक रूस में लापता, विदेश मंत्री से वतन वापसी की गुहार


आजमगढ़:- सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के झांसे में रूस गया आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के एक नौजवान अजहरुद्दीन बीते एक साल से लापता है. आखिरी जानकारी ये थी कि उसे रूस की सेना में भर्ती करवा दिया गया है. अजहरुद्दीन की मां नसरीन ने साल भर से बेटे से कोई बात नहीं हो पाने के बाद भोपाल के सैय्यद आबिद हुसैन को अपने दस्तावेज भेजे हैं. 

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फंसे भारतीयों की वतन वापसी आसान कराने वाले सैय्यद आबिद हुसैन ने अब इस मामले में विदेश मंत्री एस जयंशकर से दरख्वास्त की है.

आबिद ने ट्वीट कर विदेश मंत्री से गुहार लगाई है कि आजमगढ़ से अजहरुद्दीन नाम के एक शख्स को एजेंट ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के नाम पर रूस भेज दिया था. वहां उसे यूक्रेन की सेना के खिलाफ लड़ा दिया गया. इस सदमे में उनके पिता की मौत हो गई और परिवार बेटे की वतन वापसी की गुहार लगा रहा है.

पैसे का लालच देकर रूस युद्ध में झौंके जा रहे नौजवान

अब तक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फंसे 700 से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी करा चुके सैय्यद आबिद हुसैन के पास ये मामला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से आया है. आबिद हुसैन का कहना है कि "ये मामला गंभीर है. गंभीर इसलिए कि पैसों के लालच में एजेंट ने नौजवान की जिंदगी से खेलने की कोशिश की है. 

आबिद हुसैन ने बताया कि आजमगढ़ से अजहरुद्दीन नाम के एक शख्स के एजेंट ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के नाम पर रूस भेज दिया. इस सदमे में उनके पिता मैनुद्दीन की मौत हो चुकी और परिवार दिन रात तनाव में है कि बेटा किस हाल में होगा.

आबिद ने बताया कि मैंने जो जानकारी जुटाई, उसमें एजेंट ने इन्हें ज्यादा पैसे का लालच देकर मौत के मुंह में डाल दिया. परिजनों का कहना है उनकी महीनों से अपने बेटे से बात नहीं हुई है. वे सरकार से बेटे की सही सलामत घर वापसी की मांग कर रहे हैं."

ऐसे 18 भारतीय नौजवान लापता हैं

आबिद हुसैन ने बताया कि "भारतीय प्रवासी मजदूरों की रिहाई के लिए मेरे पास एक मामला आया है. जिसके बाद मुझे ये पता चला है कि भारतीय प्रवासी मजदूरों को गार्ड की नौकरी के नाम पर रशिया ले जाया जा रहा है. अभी इन्हीं में से एक परिवार ने मुझसे संपर्क किया. रशिया में फंसे अजहरुद्दीन की बहन ने संपर्क करके बताया कि पिछले साल जनवरी महीने में उनके भाई को रूस भेजा गया था, लेकिन फिर अप्रैल 2024 से उससे बात नहीं हुई है. ये भी नहीं पता है कि भाई कहां है.

आबिद ने कहा कि मैंने उनकी सारी जानकारी और डॉक्यूमेंट एक आवेदन के साथ रशियन एम्बेसी के साथ भारत के विदेश मंत्रालय की टीम को लिखा है कि इनकी जल्द से जल्द वतन वापसी कराई जाए. इसी केस से आगे मुझे ये जानकारी मिली है कि करीब 18 लड़कों की मिसिंग है."

अजहरुद्दीन की मां से 27 अप्रैल को हुई आखिरी बात

आजमगढ़ की रहने वाली नसरीन खान ने भारतीय दूतावास और रूस के उच्चायुक्त को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि "एक वर्ष पहले मेरा पुत्र अजहरुद्दीन रूस सिक्यरिटी गार्ड की नौकरी करने के संबंध में गया था. वहां पहुंचने के एक हफते बाद वहां पर धोखे से एक साल का एग्रीमेंट साइन कराया जो कि रशियन भाषा में था. फिर एग्रीमेंट साइन कराने के बाद इन लोगों को रूस की आर्मी में धोखे से ज्वाइन करा दिया गया. फिर 15 दिन की ट्रेनिंग देकर मेरे बेटे को रूस युद्ध में बार्डर पर भेज दिया.

जबकि वहां पर पर जान का खतरा था. बार्डर पर रहने के दौरान मेरे बेटे का कॉल आया कि अम्मी वहां लोगों ने हमें फंसाया और धोखे से हमें आर्मी में भर्ती करा दिया है. हमारी जान को यहां खतरा है. यह बात जब मेरे शौहर को पता चली तो उनकी तबीयत खराब हो गई और वो पैरालाइज हो गए. फिर हमें कुछ दिन बाद पता चला कि हमारा बेटा जंग में घायल हो गया है. जिसके बाद मेरे शौहर की तबीयत और बिगड़ी और 8 अप्रैल 2014 को उनका इंतकाल हो गया.

मेरा वही बेटा कमाने वाला था. उसके वहां फंसने की वजह से अपना गहना बेचकर पति का इलाज कराया. 27 अप्रैल को उससे आखिरी बार बात हुई. मेरे बेटे ने साल भर पहले तस्वीर भेजी थी. मोबाइल छिन जाने से वो बात नहीं कर पाता है. 27 अप्रैल से उसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही है. एम्बेसी में फोन करके यही मिलता है कि वो गायब है. आपसे अनुरोध है असुद्दीन को खोजकर भारत भेजने की कृपा करें."

अमेरिका के डंकी रूट से अवैध प्रवेश की दर्दनाक कहानियां, जान जोखिम में डालकर गए थे 104 भारतीय

अमृतसर: अमेरिका में अवैध रूप से गए भारतीयों का पहला जत्था बुधवार को अमृतसर लौटा। 104 भारतीय नागरिकों के इस जत्थे में युवा और बच्चे भी थे। इन सभी को हाथ में हथकड़ी लगाकर वापस भेजा गया, मगर इनके अमेरिका पहुंचने की कहानियां इससे भी अधिक खतरनाक है, जो दिल दहलाने के लिए काफी है।

अमेरिका जाने वाले अवैध प्रवासी एजेंटों के धोखे का हुए शिकार 

अमेरिका के लिए डंकी रूट से जाने वाले जान दांव लगाते हैं

जो जंगल या समंदर में मर जाते हैं, उन्हें लावारिस छोड़ देते अमेरिका से भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों की दर्दनाक कहानियां

डोनाल्ड ट्रंप के एक आदेश ने डंकी रूट से अमेरिका गए 104 प्रवासियों के सपने चकनाचूर कर दिए। इंडिया वापस भेजे गए अधिकतर भारतीयों ने दलालों की चंगुल में फंसकर अपनी जान को जोखिम में डाला था। इन लोगों ने दलालों को वर्क वीजा के लिए लाखों रुपये दिए, मगर उन्हें धोखा मिला। नतीजा यह रहा कि उन्हें खतरनाक समुद्र में जान की बाजी लगानी पड़ी। घने जंगलों में पैदल चलना पड़ा। 

घर छोड़ने के बाद उनके पास वापस लौटने का ऑप्शन नहीं था। जंगलों, पहाड़ों और समंदर के इस दर्दनाक सफर का खौफनाक पल दिल दहलाने वाला था। ऐसे मुसीबत में फंसे लोगों में किसी की तबियत खराब हो जाती थी, उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया।

एजेंट ने लाखों हड़पकर डंकी रूट पर भेजा

पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले हरविंदर सिंह ने यात्रा के दौरान ऐसे कई लाशें देखीं, जो अमेरिका जाने के सपने को पूरा नहीं कर पाए। तहली गांव के हरविंदर को एजेंट ने वर्क परमिट और वीजा दिलाने का वादा किया था। इसके एवज में उन्होंने एजेंट को 42 लाख रुपये दिए थे। जब कानूनी तौर से जाने का दिन आया तो एजेंट ने बताया कि वीजा नहीं मिला है, मगर वह किसी तरह उन्हें अमेरिका पहुंचा देगा। यह एक चूक हरविंदर को भारी पड़ गई। 

हरविंदर ने बताया कि उन्हें दिल्ली से कतर भेजा गया, फिर ब्राजील की फ्लाइट में बैठा दिया। इस फ्लाइट में कई लोग ऐसे थे, जिन्हें अमेरिका भेजा जा रहा था। जाने-अनजाने वह अवैध डंकी रूट के जत्थे का हिस्सा बन गए।

मरे हुए साथी को छोड़कर जाना मजबूरी

ब्राजील पहुंचने पर हरविंदर सिंह के जत्थे को टैक्सियों से पहले कोलंबिया, फिर पनामा ले गए। वहां भी संकट खत्म नहीं हुआ। दो दिनों तक उन्हें गधे से यात्रा करनी पड़ी। फिर गरजते समुद्र में चार घंटे की खौफनाक यात्रा करनी पड़ी। एजेंट ने हरविंदर और उनके साथ आए प्रवासियों को छोटी सी नाव में बैठाकर मैक्सिको बॉर्डर की ओर भेज दिया। समंदर की लहरों में उनकी नाव पलट गई और उनके साथ आए एक प्रवासी की मौत हो गई। 

बेरहम एजेंट ने उसकी लाश को वहीं छोड़ने को कहा और जत्था आगे बढ़ गया। उनके साथ चल रहे एक व्यक्ति ने पनामा के जंगल में पैदल चलने के दौरान दम तोड़ दिया। उसकी लाश को छोड़कर जत्था आगे बढ़ता रहा। इस पूरे रास्ते में उन्हें खाने के लिए चावल ही मिला, जिसने उन्हें जिंदा रखा।

14 दिनों तक नहीं दिखी सूरज की रोशनी

दारापुर गांव के सुखपाल सिंह की अमेरिका यात्रा इससे भी अधिक खतरनाक रही। सुखपाल को समुद्री रास्ते से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ी। वह गहरी-दुर्गम घाटियों से घिरी पहाड़ियों से 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। उन्होंने बताया कि अगर सफर के दौरान कोई घायल हो जाता, तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता। उन्होंने भी जंगलों और पहाड़ों में कई शव देखे। 

अमेरिका में एंट्री से पहले उन्हें 14 दिनों तक अंधेरी कोठरी में रखा गया। इस 14 दिनों तक वह सूरज तो दूर, रोशनी नहीं देखी। सुखपाल सिंह ने बताया कि अपनी यात्रा में उन्होंने हजारों लड़कों, परिवार और बच्चों को देखा, जो अमेरिका जाने की जिद में अपनी जान दांव पर लगा रहे थे। उन्हें मैक्सिको के रास्ते अमेरिका में भेजा जा रहा था, मगर वह कदम रखते ही गिरफ्तार हो गए।

परिवार के साथ भी लोग खतरे के सफर पर

बुधवार को भारत लौटे जसपाल सिंह ने भी अमेरिका जाने के लिए 30 लाख रुपये एजेंट को दिए थे, मगर उनके साथ धोखा हुआ। फतेहगढ़ साहिब के जसविंदर सिंह को विदेश भेजने के लिए परिवार ने 50 लाख रुपए खर्च किए। कपूरथला के गुरप्रीत सिंह ने अमेरिका जाने के लिए अपना घर गिरवी रख दिया और पैसे उधार लिए। अमेरिका से लौटाए गए 104 अवैध प्रवासियों में 33 लोग हरियाणा और 33 गुजरात के हैं। 

पंजाब के 30 और महाराष्ट्र-यूपी के दो-दो प्रवासी भी शामिल हैं। इन लोगों ने कर्ज लेकर एजेंटों को पैसे दिए थे। अब वे भारी कर्ज में डूबे हुए हैं। निर्वासित लोगों में 19 महिलाएं और 13 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें एक चार वर्षीय लड़का और पांच और सात साल की दो लड़कियां शामिल हैं।

आज का इतिहास:1976 में आज ही के दिन एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई थी लोकसभा


नयी दिल्ली : 4 फरवरी का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1976 में आज ही के दिन लोकसभा को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया था। 

2014 में 4 फरवरी के दिन ही सत्या नडेला को सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ नियुक्त किया गया था।

2014 में आज ही के दिन सत्या नडेला को बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ नियुक्त किया गया था।

2009 में 4 फरवरी के दिन ही बाबा रामदेव को उनकी सेवाओं के लिए इंडियन अकादमी ऑफ एक्यूप्रेशर विज्ञान के द्धारा लाइव टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्ममानित किया गया था।

2007 में आज ही के दिन अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति अलगोर को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण पुरस्कार मिला था।

2006 में 4 फरवरी के दिन ही अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ईरान के एटमी हथियार बनाए जाने के मामले को सुरक्षा परिषद में भेजा था।

2004 में आज ही के दिन दुनिया को बदलने वाली सोशलनेटवर्किंग साइट फेसबुक को मार्क जुकरबर्ग ने लाॅन्च किया था।

1990 में 4 फरवरी के दिन ही एर्नाकुलम को भारत का सबसे पहला शिक्षित राज्य घोषित किया था।

1976 में आज ही के दिन लोकसभा को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था।

1965 में 4 फरवरी के दिन अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया था।

1953 में आज ही के दिन भारत-पाकितान के बीच कश्मीर के मुद्दे पर पहली बार बात हुई थी।

1944 में 4 फरवरी के दिन ही भारत की सातवीं आर्मी बर्मा पर जपान ने हमला किया था।

1922 में आज ही के दिन भारत के स्वतंत्रता आंदोलन समय हुआ चौरीचौरा कांड हुआ था।

1881 में 4 फरवरी के दिन ही लोकमान्‍य तिलक के संपादन में दैनिक समाचार पत्र ‘केसरी’ का पहला अंक आया था।

1847 में आज ही के दिन अमेरिका की पहली टेलीग्राफ कंपनी की स्थापना मैरीलैंड में की गई थी।

4 फरवरी को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1984 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्द गायक संदीप आचार्य का जन्म हुआ था।

1974 में 4 फरवरी के दिन ही भारतीय फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का जन्‍म हुआ था।

1938 में आज ही के दिन देश के मशहूर कथक कलाकार बिरजू महाराज का जन्‍म हुआ था।

1924 में 4 फरवरी के दिन भारत के नौवें उपराष्ट्रपति कोचेरिल रमन नारायण का जन्म हुआ था।

1922 में आज ही के दिन मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित भीमसेन जोशी का जन्म हुआ था।

1881 में 4 फरवरी के दिन सोवियत संघ के राष्ट्रपति क्लिमेंट बोरोशिलोव जन्म हुआ था।

4 फरवरी को हुए निधन

2002 में आज ही के दिन प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता भगवान दादा का निधन हुआ था।

2001 में 4 फरवरी के दिन ही क्रिकेटर पंकज रॉय का निधन हुआ था।

1974 में आज ही के दिन प्रसिद्ध गणितज्ञ सत्येन्द्र नाथ बोस का निधन हुआ था।

2002 में 4 फरवरी के दिन भोपाल रियाासत के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान का निधन हो गया था।

1934 में आज ही के दिन भारत के देशभक्त मधुसूदन दास का निधन हुआ था।

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मुंबई में खेला क्रिकेट, पारसी जिमखाना का किया दौरा


मुंबई : ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने रविवार को दक्षिण मुंबई में पारसी जिमखाना का दौरा किया और क्रिकेट का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे बहुत बार आउट नहीं हुए।

 उन्होंने इसे सोशल मीडिया एक्स पर साझा करते हुए लिखा, 'मुंबई की कोई भी यात्रा टेनिस बॉल क्रिकेट के खेल के बिना पूरी नहीं होती।'सुनक ने संवाददाताओं से कहा, 'पारसी जिमखाना क्लब की वर्षगांठ समारोह में आप सभी के साथ होना बहुत अच्छा लगा। क्या असाधारण उपलब्धि है। इतना इतिहास और इतना रोमांचक खेल। मैं आज सुबह बहुत बार आउट नहीं हुआ'। 

उन्होंने कहा कि वे इस तरह के और दौरे की उम्मीद कर रहे हैं।1885 में हुई थी पारसी जिमखाना की स्थापना प्रतिष्ठित पारसी जिमखाना की स्थापना 25 फरवरी, 1885 को सर जमशेदजी जीजीभॉय के संस्थापक अध्यक्ष और जमशेदजी टाटा के चेयरमैन के रूप में की गई थी। यह 1887 में सुरम्य मरीन ड्राइव के साथ अपने वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित हो गया।

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बेंगलुरु के पास नए सैटेलाइट टाउनशिप को दी मंजूरी

बेंगलुरु: बेंगलुरु में बढ़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कर्नाटक मंत्रिमंडल ने ग्रेटर इंटिग्रेटेड सैटेलाइट टाउनशिप बनाने को मंजूरी दी है। 

30 जनवरी को मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि बेंगलुरु में सैटेलाइट टाउनशिप बिदादी और हारोहल्ली के बीच बनायी जाएगी।.

इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कर्नाटक के मंत्री एच के पाटिल ने बताया कि पहला ग्रेटर बेंगलुरु इंटिग्रेटेड टाउनशिप बिदादी और हारोहल्ली के बीच बनाया जाएगा। 

इसे ग्रेटर बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (GBDA) के अधीन तैयार किया जाएगा।

मीडिया से बात करते हुए पाटिल ने बताया कि सैटेलाइट टाउनशिप को 10 गांवों में लगभग 8,032 एकड़ के क्षेत्र में तैयार किया जाएगा। 

बता दें, बिदादी और हारोहल्ली बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के पास रामनगर जिले में मौजूद है। यह बेंगलुरु मुख्य शहर से करीब 30-50 किमी की दूरी पर मौजूद है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी कहा था कि रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण रख दिया जाए रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार रामनगर जिले के जिन 10 गांवों को मिलाकर ग्रेटर बेंगलुरु इंटीग्रेटेड सैटेलाइट टाउनशिप को बनाया जाएगा, उनमें बिदादी का बैरामंगला और बन्नीगेरे, होसुर, केजी गोल्लरपल्या, कांचुगरनहल्ली, अरलालसुन्दरा, केम्पैयानपल्या, कांचुगरनहल्ली कवलु, मंडलाहल्ली और हारोहल्ली में वडेराहल्ली शामिल है। 

बताया जाता है कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने देवनहल्ली, नेलमंगला, होस्कोट, डोड्डाबल्लपुर, मगडी, बिदादी में सैटेलाइट टाउनशिप का विकास सड़क व रेल संपर्क के साथ करने का प्रस्ताव भी दिया है, ताकि बेंगलुरु में बढ़ी भीड़ को नियंत्रित किया जा सकें।

मीडिया से बात करते हुए एच के पाटिल का कहना है कि सैटेलाइट टाउन बेंगलुरु में भीड़ को कम करेंगे। वे सड़क व रेल परिवहन से अच्छी तरह से जुड़े होंगे। यहां न सिर्फ नौकरी के मौके मिलेंगे बल्कि यहां लोगों को रहने के लिए भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

बताया जाता है कि यहाँ निर्माण की योजनाओं को बनाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया है। टाउनशिप परियोजनाओं के पूरा होने तक उनकी देखरेख के लिए कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें सक्षम प्राधिकारी, विभाग और संबंधित संस्थान शामिल होंगे।

महाकुंभ की मोनालिसा की फिल्मों की शूटिंग शुरू, नीली साड़ी में समंदर किनारे बिखेरीं अदाएं


प्रयागराज- महाकुंभ में अपने परिवार के साथ माला बेचने आई मोनालिसा की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। जैसे कि मोनालिसा का दावा था कि उनकी मलाएं नहीं बिकी हैं उनका नुकसान हुआ है, लेकिन भले ही मोनालिसा की मालाएं ना सेल हुई हों, लेकिन वह रातों रात पॉपुलर हो गई हैं। अपनी आंखों की वजह से खास चर्चाओं में रहने वाली मोनालिसा आज सोशल मीडिया सनसेशन बन चुकी हैं। हर कोई मोनालिसा की ही बात कर रहा है।

बता दें कि महाकुंभ में मोनालिसा को फिल्मों का ऑफर भी मिली था। वहीं लगता है कि अब मोनालिसा ने फिल्मों में काम करना भी शुरू कर दिया है। महाकुंभ वायरल गर्ल मोनालिसा इन दिनों अपनी आने वाली फिल्मों की वजह से खास चर्चाओं में बनी हुई हैं। जिस वजह से उनके आए दिनों कोई ना कोई वीडियो वायरल हो रहे हैं।

वहीं हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है इस वीडियो को देख अच्छे-अच्छों के होश उड़ गए हैं। जी हां, वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मोनालिसा ब्लू कलर की साड़ी पहने समंदर किनारे अदाएं बिखेरती दिख रही हैं।

मोनालिसा के इस लुक को देख अच्छे-अच्छों के होश उड़ गए हैं। मोनालिसा के इस लुक को देख हर कोई तारीफ की लंबी लाइन लगा रहा है। जी हां, एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा- वाह क्या बात है मोनालिसा तो पहचान में भी नहीं आ रही है।

वहीं दूसरे यूजर ने कहा- मानना पड़ेगा मोनालिसा है तो खूबसूरत। वहीं तीसरे ने लिखा- लोग ऐसे फीचर्स फिलर करवाकर लेते हैं मोनलिसा के नेचुरल हैं। आपको बात दें कि मोनालिसा का साड़ी में वायरल हो रहा यह वीडियो रियल नहीं है। बल्कि यह AI द्वारा जनरेट किया गया वीडियो है जो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहा है।

प्रोफेसर पायल बनर्जी की कहानी: 13 किताबें, कई डिग्रियां और एक विवादित शादी


कोलकाता : प्रोफेसर पायल बनर्जी के पास कई डिग्री-पुरस्कार हैं. यूजीसी में उनके कई रिसर्च पेपर हैं. प्रोफेसर पायल बनर्जी पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन हैं. गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन है. कलकत्ता विश्वविद्यालय से पोस्ट पीजी डिप्लोमा उनके पास है. फिलहाल वह छात्र से शादी को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं.

महिला प्रोफेसर पायल बनर्जी ने क्लास रूम में छात्र से की शादी

पश्चिम बंगाल में नदिया जिले के हरिणघाटा स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की महिला प्रोफेसर पायल बनर्जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ये वीडियो उनकी शादी का है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये वीडियो अगर उनकी शादी का है तो हैरान करने वाली बात कौन सी है. दरअसल, हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने क्लासरूम में अपने ही छात्र से शादी रचा ली. बकायदा छात्र ने उनकी मांग में सिंदूर भरा. अब छात्र से शादी करने को लेकर उनकी आलोचना हो रही है, लेकिन प्रोफेसर पायल बनर्जी की क्वालिफिकेशन सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

बता दें कि प्रोफेसर पायल बनर्जी मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय साइकोलॉजी विभाग की चीफ हैं. पायल बनर्जी के पास कई डिग्री और पुरस्कार हैं. 

यूजीसी में उनके कई रिसर्च पेपर हैं. पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली है. गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. कलकत्ता यूनिवर्सिटी से पोस्ट पीजी डिप्लोमा किया है. वहीं एडम्स यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में पीएचडी की है.

13 किताबें लिख चुकी हैं प्रोफेसर पायल बनर्जी

प्रोफेसर पायल बनर्जी 13 किताबें लिख चुकी हैं. उनके 14 रिसर्च पेपर यूजीसी में जमा हैं. 2009-10 सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली में साइकोलॉजिस्ट इंटर्न के रूप में छह महीने तक एक कंपनी में बाइकर्स इंडस्ट्रियलिस्ट काउंसलर के रूप में काम किया. तीन महीने के लिए कलकत्ता के एक संस्थान में स्कूल काउंसलर के रूप में काम किया. दो साल 10 महीने के लिए एक प्रतिष्ठित स्कूल में साइकोलॉजी टीचर के रूप में काम किया. 

उन्होंने कोलकाता में नामजादा ग्रुप में भी पढ़ाया. उसके बाद अक्टूबर 2022 से वह मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MAKAUT) में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं.

प्रोफेसर को मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

प्रोफेसर पायल बनर्जी को कई अवॉर्ड मिले हैं. उन्हें यंग अचीवर अवॉर्ड, रिसर्च एक्सीलेंस अवॉर्ड मिल चुका है. वह इंडियन स्कूल साइकोलॉजी एसोसिएशन और इंडियन साइंस कांग्रेस की सदस्य हैं. शादी के बाद हो रही आलोचना को लेकर प्रोफेसर पायल बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपने बारे में ढेर सारी बातें कीं, लेकिन अगर आप उनके सोशल मीडिया पेजों पर नजर डालें तो आप समझ सकते हैं कि उनका छात्रों के साथ काफी दोस्ताना रिश्ता है.

छुट्टी पर भेजी गईं प्रोफेसर पायल बनर्जी

हालांकि, प्रोफेस पायल बनर्जी ने इस शादी को एक नाटक बताया. प्रोफेसर ने कहा कि एक फ्रेशर्स छात्र के नाटक की ये क्लिपिंग थी, जिसे जानबूझकर वायरल किया गया. लाइव वीडियो में पायल बनर्जी ने हाथ जोड़कर विनती की कि इस वीडियो को ज्यादा शेयर मत करें. अगर कुछ सच्चाई होती तो अलग बात होती. लोग फेक वीडियो को शेयर कर समय बर्बाद कर रहे हैं.

 वहीं विश्वविद्यालय के कार्यवाहक प्रिंसिपल और रजिस्ट्रार ने कहा कि ये महिला प्रोफेसर के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है. हालांकि इसकी जांच की जा रही है. जांच होने तक प्रोफेसर पायल बनर्जी को छुट्टी पर भेज दिया गया है।

हरियाणा के फतेहाबाद में भाखड़ा नहर में क्रूजर गिरने से 9 की मौत, 3 लापता

फतेहाबाद : हरियाणा के फतेहाबाद ; के रतिया के गांव सरदरेवाला में बड़ा हादसा हो गया है. यहां पर एक क्रूजर गाड़ी धुंध के चलते भाखड़ा नहर में जा गिरी है. बताया जा रहा है कि क्रूजर में 14 लोग सवार थे जिनमें से 9 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है.

धुंध के चलते नहर में गिरी क्रूजर : फतेहाबाद में एक परिवार पंजाब से शादी समारोह में शामिल होकर अपने गांव सरदारे वाला की ओर आ रहा था. धुंध ज्यादा होने के कारण और नहर पर सेफ्टी वॉल ना होने के चलते गाड़ी सीधे भाखड़ा नहर में जा गिरी. गाड़ी में 14 लोग सवार थे. वहां से गुजर रहे ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान एक बच्चा अरमान गाड़ी का शीशा टूटने पर बाहर निकल आया, वहीं एक बुजुर्ग को भी बचा लिया गया.

9 लोगों की डेड बॉडी निकाली : गांव के लोगों ने प्रशासन को हादसे की ख़बर दी जिसके बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. मौके से एक 55 वर्षीय बुजुर्ग बलबीर सिंह की डेड बॉडी को बाहर निकाला गया. वहीं सिरसा के गांव कालांवाली में 8 लोगों की भी डेड बॉडी मिली है जिसकी पुष्टि फतेहाबाद प्रशासन ने की है. बताया जा रहा है कि मृतकों में दो महिलाएं, 2 बच्चे और एक शख्स शामिल है. अब तक कुल मिलाकर 9 लोगों की डेड बॉडी भाखड़ा नहर से बाहर आ चुकी है. 2 लोग जिंदा बच गए हैं और 3 लोग अभी भी लापता हैं. फिलहाल NDRF और SDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है.

3 लोगों की तलाश जारी : हादसे के बाद लोग खासे नाराज़ नज़र आए. उन्होंने कहा कि भाखड़ा नहर के किनारे किसी तरह की सेफ्टी वॉल नहीं थी जिसके चलते ये हादसा हुआ है. वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए रतिया के एसडीएम जगदीश चंद्र और रतिया के डीएसपी संजय बिश्नोई ने बताया कि प्रशासन लगातार रेस्क्यू अभियान चला रहा है. पानी का लेवल कम करवा दिया गया है. 3 लोगों की तलाश जारी है।

मोदी सरकार का बजट: भारत बनेगा दुनिया का फूड बास्केट, MSME सेक्टर को मिलेगी मजबूती


नई दिल्ली:- मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट विकसित भारत की दिशा में एक ठोस कदम है, लेकिन 2047 तक इसे हासिल करने के लिए विकास के साथ-साथ सुधारों की गति और तेज करने की जरूरत है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबी को पूरी तरह से खत्म करने, हर बच्चे को उच्चस्तरीय शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराने, भारत को दुनिया का फूड-बास्केट बनाने, युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराकर विकास में भागीदार बनाने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था में आधी आबादी की भागीदारी सुनिश्चित करने का तो प्रविधान किया है।

श्रम सुधारों पर चुप्पी

लेकिन निवेश और विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा बने श्रम सुधारों पर चुप्पी साध ली है। खुद वित्त मंत्रालय के आर्थिक सर्वेक्षण में विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले 10 सालों तक हर साल आठ फीसद की दर से विकास करने की बात कही गई है।लेकिन निर्मला सीतारमण के अनुसार अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6.3 से 6.8 फीसद तक रहेगी। आठ फीसद विकास दर का लक्ष्य कब हासिल होगा यह अभी साफ नहीं है।

2047 तक हासिल करना होगा लक्ष्य

जाहिर है 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए विकास दर की गति को और तेज करने की जरूरत होगी और इसके लिए बड़े सुधारों और कड़े फैसलों की जरूरत है, जिसका संकेत बजट में नहीं दिख रहा है।

वैसे आयकर छूट की सीमा को 12 लाख तक बढ़ाकर मध्यम वर्ग व नौकरी पेशा के हाथ में हर साल एक लाख करोड़ रुपये देने की व्यवस्था की गई है। इससे मध्यम वर्ग में बचत के साथ-साथ उपभोग बढ़ने की उम्मीद है, जो अंतत: विकास दर को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

लेकिन आठ फीसद सालाना का लक्ष्य हासिल करने में भी यह नाकाफी साबित हो सकता है। वैसे बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा मूल समस्याओं को दूर करने के लिए ठोस कदमों का प्रविधान जरूर किया गया है, जिसके दूरगामी परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

फूड बास्केट बनाने पर जोर

भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाने के लिए कम उत्पादकता वाले 100 जिलों की पहचान कर वहां सिंचाई व आधारभूत संरचना में भारी निवेश का प्रविधान किया गया है। साथ ही किसानों को उन्नत बीज, सस्ता कर्ज और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कई प्रविधान किये गए हैं।

इसी तरह से एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने की दिशा में ठोस पहल की गई है। मैन्यूफैक्चरिंग मिशन, क्लीन टेक, टॉय, लेदर, फुटवेयर और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर जोर से युवाओं में रोजगार समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा भारत

लेकिन मेक इन इंडिया से लेकर पीएलआई स्कीम तक की सफलता सिर्फ कुछ सेक्टर तक ही सीमित रही है। साफ है कि भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए छोटे-छोटे सुधारों और छूट से बात नहीं बनेगी, इसके लिए बड़े और कड़े कदम उठाने होंगे, जिसका बजट में अभाव दिखता है।

बजट में शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा, बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच. शत-प्रतिशत कुल कामगार के साथ सार्थक रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में 70 फीसद महिलाओं की भागीदारी को विकसित भारत के लिए अहम बताया गया है।

बजट में कई बड़े एलान

इसके लिए सभी जिला अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सुविधा, मेडिकल कॉलेजों और आईआईटी में सीटें बढ़ाने, अटल टिंकरिंग लैब, सरकारी माध्यमिक स्कूलों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने, वैश्विक स्तर के कौशल विकास के लिए सेंटर आफ एक्सेलेंस खोलने जैसी की घोषणाएं की गई हैं।

लेकिन इनके सफल क्रियान्वयन की जरूरत होगी। शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षकों की कमी और कौशल विकास योजनाओं का अभी तक प्रदर्शन उत्साहजनक नहीं रहा है।

बजट 2025: स्मार्टफोन और गैजेट्स होंगे सस्ते, चीन को सबक सिखाने का भी है प्लान

नई दिल्ली। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल फोन से जुड़े कुछ कंपोनेंट पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का एलान किया है। इससे देश में लोकर प्रोडक्शन बढ़ने की उम्मीद है। इस कदम से सीधा फायदा Apple और Xiaomi जैसी विदेशी कंपनियों के साथ देसी कंपनियों को भी होगा। पिछले छह सालों में भारत का इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन दोगुना बढ़कर 115 बिलियन डॉलर (करीब 99,41,100 रुपये) हो गया है। इसके साथ ही भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर बन गया है।

Counterpoint की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत के स्मार्टफोन मार्केट के कुल रेवेन्यू में एपल की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत है। इसके बाद सैमसंग 22 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर है।

इन कंपोनेंट से हटाया टैक्स

बजट में मोबाइल को जिन कंपोनेंट से टैक्स हटाया गया है। उनमें प्रिंटेट सर्किट बोर्ड असेंबली, कैमरा मॉड्यूल और यूएसबी केबल शामिल हैं। इन कंपोनेंट पर पहले 2.5 प्रतिशत टैक्स लगता था।

PCBA के पार्ट्स

कैमरा मॉड्यूल

कनेक्टर

वायर्ड हेडसेट के रॉ मैटेरियल

माइक्रोफोन

रिसीवर

USB केलब 

फिंगरप्रिंट रीडर

मोबाइल फोन सेंसर

इसके साथ ही LCD और LED पैनल्स पर भी कस्टम ड्यूटी को घटाकर शून्य कर दिया गया है। इससे टीवी, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतें कम होंगी।

भारत को क्या फायदा होगा

डोनाल्ड ट्रंप 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी अपना रहे हैं। वे अधिक से अधिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को अमेरिका की ओर लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। ऐसे में भारत ड्यूटी में कटौती करके अमेरिका और चीन के टैरिफ वॉर का फायदा उठाने की स्थिति में रहना चाहता है। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ने की गुंजाइश रहेगी।

चीन को सबक सिखाएगा भारत

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी मंत्रालय ने चेतावनी दी थी अगर सरकार ने विदेशी कंपनियों को लुभाने के लिए टैरिफ में कटौती नहीं की तो हम स्मार्टफोन एक्सपोर्ट की रेस में चीन और वियतनाम से पिछड़ सकते हैं। इससे पहले पिछले साल निर्मला सीतारमण में कस्टम ड्यूटी को तर्कसंगत और सरल करने का एलान किया था। भारत की जटिल टैरिफ स्ट्रैक्चर के चलते कई मोर्चों पर आलोचना होती आई है।

टैरिफ में कटौती के एलान के बाद देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान का प्रोडक्शन सस्ता हो जाएगा। इससे भारत स्मार्टफोन, टीवी और दूसरे गैजेट्स के प्रोडक्शन में चीन और वियतनाम जैसे देशों को आसानी से टक्कर दे पाएगा।