मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.
बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.
ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.
मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी
एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.
संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.
5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा
जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.

रायपुर- राइस मिलर्स, एक्सपोर्ट्स, कमीशन एजेंट्स और राइस ब्रोकर्स के ठिकानों पर मिले कैश में से अब तक 10 करोड़ रुपए सीज किए गए हैं. इसके साथ ही सभी आवासीय परिसरों में की गई जांच के दौरान मिली ज्वेलरी में से करीब 2.5 करोड़ मूल्य की ज्वेलरी सीज की गई है. आयकर अन्वेषण द्वारा प्रदेश में की गई आयकर छापे की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रही. सभी 25 ठिकानों से मिले कैश में से बुक्स के रिकार्ड्स का मिलान करने के बाद अब तक 10 करोड़ रुपए कैश सीज कर लिए गए हैं.
रायपुर- छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही पूरी कार्यकारिणी भंग करने की घोषणा भी की है. उन्होंने विधिवत इसकी सूचना एसोसिएशन को दी है. बता दें कि योगेश अग्रवाल वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छोटे भाई हैं.
रायपुर- शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने जिले के विभिन्न स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने गरियाबंद विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बारूका के निरीक्षण के दौरान पाया कि वहां अध्ययनरत बच्चों का शैक्षणिक स्तर अत्यंत ही कमजोर है एवं विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका एलबी दीपा साहू और शिक्षिका टी संवर्ग कविता साहू से अध्यापन संबंधी प्रश्न पूछे जाने पर उनके शैक्षणिक स्तर भी अत्यंत कमजोर परिलक्षित हुआ. साथ ही विद्यालय की नियमित साफ-सफाई नहीं पाए जाने और अव्यवस्था व गंदगी आदि होने के कारण जमकर फटकार लगाई.
दुर्ग- छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में आज नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. भिलाई में वार्ड नंबर 35 शारदा पारा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंदन यादव की निर्विरोध जीत हुई. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज सिन्हा ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा ज्वाइन कर ली.
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.
रायपुर- संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस सुप्रीमो और सांसद सोनिया गांधी के बयान से विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने ने कहा कि “राष्ट्रपति अपने अभिभाषण के अंत में काफी थक चुकी थीं. Poor Lady , मुझे उनके बारे में काफी बुरा लगा.” सोनिया गांधी के इस बयान की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को अपने बयान के लिए प्रायश्चित करना चाहिए.
रायपुर- छत्तीसगढ़ में इस खरीफ सीजन में भी धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। धान खरीदी के अंतिम दिन आज शाम 6.45 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य के 25 लाख 49 हजार पंजीकृत किसानों ने अब तक धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 31 हजार 89 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।
रायपुर- हमारी नीति स्पष्ट है - बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से। जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उनके लिए हमारी सरकार द्वारा बेहतर जीवन और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जो हिंसा का रास्ता छोड़ गणतंत्र का मार्ग अपनाते हैं, उनका स्वागत है।
रायपुर- छत्तीसगढ़ कैडर की महिला आईएएस अधिकारी नम्रता गांधी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहीं हैं. उन्हें केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर पोस्टिंग मिली है. नम्रता गांधी को पंचायत चुनाव के बाद रिलीव किए जाने की संभावना है.
Feb 01 2025, 13:15
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