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मनुष्य को मनुष्य बनाना सबसे बड़ा मानवीय मूल्य- प्रोफेसर झा


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के शिक्षा विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को बदलते शैक्षिक परिदृश्य में मानवीय मूल्य विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के बीज वक्ता प्रोफेसर अरविंद कुमार झा, आचार्य, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने कहा कि कर्म से बढ़कर कोई मूल्य नहीं है। मानव में जो मानवीयता है उसका मूल्य एक होगा। मनुष्य को मनुष्य बनाना सबसे बड़ा मानवीय मूल्य है। प्रोफेसर झा ने मानव मूल्य एवं मानवीय मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने विभिन्न विद्वानों के विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि मस्तिष्क का विकास सिर के अंदर होता है जबकि एक अन्य विचारक के अनुसार मस्तिष्क का विकास वातावरण एवं उसके अनुभव द्वारा होता है। उन्होंने गणितीय दृष्टिकोण से मूल्यों को उद्घाटित किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर पी के साहू, पूर्व कुलपति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने मूल्यों की व्याख्या की तथा कौशल आधारित मूल्य एवं दक्षता की बात करते हुए विभिन्न दृष्टांत तथा उदाहरण के द्वारा मानवीय मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने मूल्यों के व्यापरीकरण की शिक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए सापेक्षिक मूल्य एवं दंड विधान की भी व्याख्या की। राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर सत्यकाम, कुलपति, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने शिक्षा में मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रमों में गीता सार एवं कुम्भ अध्ययन जैसे साहित्य को जोड़ने का संकल्प लिया। प्रोफेसर सत्यकाम ने शिक्षा एवं मूल्य की बिल्कुल नई अवधारणा दंड की विषद चर्चा की तथा दक्षिण भारत में शिक्षा के प्रचलित अर्थों में दंड की अवधारणा की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में भी शिक्षा का अर्थ दंड के रूप में प्रचलित है। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन प्रो. छत्रसाल सिंह ने किया। शिक्षा विभाग के निदेशक प्रोफेसर पी.के. स्टालिन ने अतिथियों का वाचिक परिचय एवं स्वागत किया। आयोजन सचिव डॉ बाल गोविंद सिंह ने संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा आभार ज्ञापन डॉ. दिनेश सिंह, सह आचार्य, शिक्षा विद्याशाखा ने किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण अतिथियों को प्रयागराज के महाकुंभ का गंगाजल कुंभ कलश में भेंट किया गया। उक्त जानकारी जनसंपर्क अधिकारी डा.प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।
लछनपुर पचेड़ा में सुकृत अस्पताल द्वारा निःशुल्क कंबल वितरण

विश्वनाथप्रताप सिंह

कोरांव प्रयागराज । सुकृत अस्पताल, कोरांव तहसील क्षेत्र के ग्राम पूरा लाछनपुर पचेड़ा में सुकृत अस्पताल की तरफ से एक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में क्षेत्र की प्रख्यात बहु चर्चित महिला चिकित्सक डॉ. सोनी कुशवाहा ने लगभग 190 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और निःशुल्क दवाएं वितरित कीं और

ठंड की मार से बचने के लिए शिविर में जरूरतमंद गरीब लोगों को गर्म कंबल भी वितरित किए गए। सुकृत अस्पताल के संचालक, डॉ. आरके कुशवाहा ने बताया कि इस तरह से मेडिकल कैंप लगाकर लगभग 1000 कंबल वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा, की "जरूरतमंद गरीब लोगों को कंबल वितरण करना बेहद पूण्य का काम है।"

डॉ. सोनी कुशवाहा ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से उन्हें आत्मिक सुख मिलता है। उन्होंने कहा, "ठंड के मौसम में लोगों का घर से बाहर निकलना, विशेषकर बुजुर्गों एवं महिलाओं के लिए बेहद मुश्किल होता है। ऐसे समय में हम लोग गांव-गांव जाकर मेडिकल कैंप लगाकर उनके घरों तक सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं जो कि पूर्ण रूप से निःशुल्क है।" इससे पहले कई गांवों में कम्बल वितरण का कार्यक्रम हो चुका है

सुकृत अस्पताल का यह प्रयास सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक माहौल का निर्माण होता है।

शिवराजपुर का उत्कृष्ट मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल : सतगुरु

विश्वनाथप्रताप सिंह

शंकरगढ़ प्रयागराज: अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, सतगुरु हास्पिटल साथ ही आज यह शिवराजपुर में अपने उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी पहचाना जा रहा है। सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सतगुरु हास्पिल) ने इस दिशा में एक नई मिसाल कायम की है।

शिवराजपुर के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह सतगुरु सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अत्याधुनिक तकनीक, अनुभवी डॉक्टरों और समर्पित स्टाफ के साथ उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग- शिवराजपुर स्थित सतगुरु हास्पिटल और शंकरगढ ब्लाक एवं आसपास के क्षेत्र के निवासियों के लिए एक ऐसा हास्पिटल बन चुका है, जहां हर स्वास्थ्य समस्या का समग्र समाधान उपलब्ध है। हास्पिटल की दृष्टि सिर्फ रोगों का इलाज करना नहीं है, बल्कि लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है।

मरीजों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है सतगुरु हास्पिटल

100 बेड वाले इस अस्पताल में ओपीडी सेवाओं से लेकर क्रिटिकल केयर, मातृ एवं शिशु देखभाल, जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है। साथ ही, सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हास्पिटल द्वारा कम से कम मूल्य पर क्षेत्र वासियों को अनुभवी डॉक्टरों द्वारा सफल इलाज किया गया जैसे सर्पदंश, सांप, काटने का संपूर्ण इलाज लूं , का संपूर्ण इलाज अनुभवी डॉक्टरों की टीम के द्वारा सभी प्रकार के ऑपरेशन किया गया है सतगुरु हास्पिटल ने अपनी अलग पहचान बनाई है।सतगुरु हास्पिटल का मिशन है कि हर मरीज को उच्चतम स्तर की देखभाल प्रदान की जाए और उन्हें यह विश्वास दिलाया जाए कि उनका स्वास्थ्य हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।सतगुरु हास्पिटल का विजन है कि हर मरीज को अत्याधुनिक, किफायती और गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएं, जिससे वे स्वस्थ जीवन जी सकें।

सतगुरु हास्पिटल की विशेषताएं1. अत्याधुनिक तकनीक:अस्पताल में उपयोग होने वाली तकनीक विश्वस्तरीय है, जो सटीक निदान और बेहतर इलाज सुनिश्चित करती है। 2. प्रशिक्षित स्टाफ और व्यक्तिगत देखभाल: विशेषज्ञ डॉक्टर, अनुभवी नर्सिंग स्टाफ और मरीजों के प्रति समर्पित टीम सतगुरु हास्पिटल को अन्य अस्पतालों से अलग बनाती है 3. समग्र स्वास्थ्य सेवाएं:परामर्श, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, पैथोलॉजी, वेंटीलेटर की सुविधा, एंबुलेंस सेवा, फार्मेसी की दवा, बच्चों की पिलिया की सेंकाई, और अल्ट्रासाउंड, C.ARM, ECG, ICU,NICU, PICU, की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊंचाइयां शिवराजपुर और शंकरगढ के आसपास क्षेत्र में सतगुरु हास्पिटल को एक अग्रणी हास्पिटल के रूप में पहचाना जा रहा है। यह हास्पिटल केवल इलाज में उत्कृष्टता नहीं दिखा रहा है, बल्कि अपने मरीजों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।सतगुरु हास्पिटल के मरीजों के अनुकूल दृष्टिकोण और सेवा का आदर्श इसे एक विश्वासनीय नाम बनाता है। हास्पिटल का उद्देश्य हर रोगी के लिए सहज और आरामदायक अनुभव सुनिश्चित करना है।शिवराजपुर के साथ-साथ शंकरगढ़ के आसपास के नागरिकों ने न केवल चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार देखा है, बल्कि उन्हें एक ऐसा स्थान भी मिला है जो उनकी हर स्वास्थ्य समस्या का समग्र समाधान प्रदान करता है। यदि आप सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं की तलाश में हैं, तो सतगुरु हास्पिटल सही विकल्प है।

प्रयागराज डेवलपमेंट रीजन बनेगा, मिर्जापुर -प्रयागराज तक बनेगा एक्सप्रेस-वे

महाकुंभनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में महाकुम्भ त्रिवेणी संकुल पर हुई मंत्रि परिषद की बैठक में जनहित के कई बड़े फैसले लिए गए। इसके तहत प्रयागराज रीजन डवलपमेंट की स्थापना होगी, जिसके तहत आसपास के जिलों को मिलाकर उनका सुनियोजित विकास कराया जाएगा। पश्चिमी क्षेत्र के बागपत, हाथरस और कासगंज जिलों में मेडिकल कालेजों का निर्माण होगा।प्रयागराज,वाराणसी और आगरा नगर निगम अपने बांड जारी कर सकेंगे, जिससे निगमों की वित्तीय हालत में सुधार हो सकेगा। साथ ही मिर्जापुर से प्रयागराज छह लेन का एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा।

कैबिनेट बैठक में लिये गए कई महत्वपूर्ण फैसले

महाकुंभ में बुधवार को आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों को बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में पीपीपी मोड पर बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कालेजों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। जल्द ही उन पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बलरामपुर में अटल जी के नाम से केजीएमयू का सेंटर बनेगा। प्रयागराज, वाराणसी और आगरा नगर निगम बांड जारी कर सकेंगे। अब तक लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम के लिए ही बांड जारी किये जा रहे हैं।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए बांड जारी होगा

प्रयागराज के लिए एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए बांड जारी होगा। काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद काशी वैश्विक पटल पर छा रहा है। उन्होंने बताया कि वाराणसी-विंध्य को एक डेवलेपमेंट रीजन बनाने की कार्यवाही को भी आगे बढ़ाया जायेगा। इससे यहां के न केवल पर्यटन की दृष्टि से यहां पर रोजगार के सृजन में बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा। चित्रकूट और प्रयागराज को भी गंगा एक्सप्रेस के साथ जोड़ने की कार्यवाही हो रही है।

एक्सप्रेस-वे का बिछेगा जाल

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस महाकुंभ को ध्यान में रखकर प्रयागराज के साथ—साथ इस पूरे क्षेत्र का सांस्कृतिक दृष्टि से विकास किया गया, वह प्रधानमंत्री का विजन है।गंगा एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से मिर्जापुर और मिर्जापुर से संत रविदास नगर होते हुए काशी, चंदौली और गाजीपुर होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में जुडे़गा। इसके अलावा वाराणसी और चंदौली से मिनी एक्सप्रेसवे सोनभद्र को जोड़ते हुए नेशनल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा।

डिफेंस पालिसी नए सिरे से बनेगी

मुख्यमंत्री ने बताया कि खासतौर पर प्रदेश के जो महत्वपूर्ण मामले हैं, उनमें डिफेंस से संबंधित जो पालिसी पर भी विचार हुआ है। मौजूदा डिफेंस पालिसी 2018 में बनी थी, उसे नये सिरे से बनाये जाने के बारे में चर्चा हुई है। साथ ही एफडीआई के अंतर्गत जो-जो निवेश प्रदेश में हुआ है, उस पर भी विचार हुआ है। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्मार्ट फोन और टेबलेट उपलब्ध कराने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है।

नौ करोड़ श्रद्धालुओंने किया स्नान

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रयागराज के महत्व को सभी देख रहे हैं। वह वैश्विक मंच पर प्रयागराज दिखाई दे रहा है। पिछले एक सप्ताह के अंदर सवा नौ करोड़ श्रद्धालुओं ने आकर प्रयागराज संगम में स्नान किया है। वह अविस्मर्णीय व अकल्पनीय है।

सीएम योगी ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ संगम में लगाई डुबकी

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट मंत्रियों के साथ संगम में डुबकी लगाई। साथ ही मां गंगा की पूजा अराधना की। बैठक के बाद मीडिया सेंटर में पास हुए प्रस्तावों जानकारी देने के बाद सीएम योगी का काफिया संगम पहुंचा और त्रिवेणी में स्नान किया। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के सभी मंत्रियों के साथ फोटो भी शूट कराया। सीएम योगी ने कैबिनेट बैठक और संगम स्नान का फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।

राज्यपाल ने मुविवि के कुम्भ अध्ययन कोर्स की सराहना की

विश्वनाथप्रताप सिंह

प्रयागराज

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने महाकुंभ के महत्व और भव्यता से जनमानस को जागरूक करने के लिए कुम्भ अध्ययन पर 6 माह का प्रमाण पत्र कार्यक्रम तैयार किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने आज महाकुंभ नगर में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल को कुम्भ अध्ययन से संबंधित नए प्रमाण पत्र में प्रवेश प्रारंभ करने के बारे में बताया और इससे सम्बन्धित पाठ्य सामग्री भेंट की।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया। ज्ञातव्य हो कि राज्यपाल श्रीमती पटेल ने मुक्त विश्वविद्यालय को निर्देशित किया था कि महाकुम्भ जैसे पुनीत अवसर पर वह अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए अधिक से अधिक लोगों को महाकुंभ के बारे में जानकारी प्रदान करे।

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि राज्यपाल श्रीमती पटेल के मार्गदर्शन में इस कोर्स का निर्माण विद्वान लेखक मंडल द्वारा मात्र डेढ़ महीने में किया गया और पाठ्य सामग्री तैयार होते ही जनवरी 2025 में यह कार्यक्रम लॉन्च कर दिया गया। जिसका लाभ महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को मिलेगा। विश्वविद्यालय ने इससे संबंधित पाठ्य सामग्री ऑनलाइन कर दी है। इस छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स का लाभ देश भर में लोग उठा सकते हैं। महाकुंभ पर प्रारम्भ किया गया यह कोर्स भारत की आध्यात्मिक धरोहर को गहराई से जानने में मदद करेगा।

प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य नई पीढ़ी को कुम्भ की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। महाकुंभ 2025 के इस सर्टिफिकेट कोर्स में साधु-संतों के पारंपरिक शाही स्नान से जुड़ी जानकारी शामिल की गयी है। इसके अलावा महाकुंभ के दौरान आयोजित होने वाले उत्सवों और उनकी विशेषताओं को भी शामिल किया गया है। कोर्स में महाकुंभ के इतिहास का बखूबी वर्णन किया गया है। युवा पीढ़ी इस कोर्स में कुम्भ और कल्पवास के फायदे और महत्व के बारे में भी अध्ययन कर सकेगी।

विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने बताया कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के इस एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय ने 2019 में कुंभ पर जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया था। इसमें कुम्भ की विशेषताओं के साथ-साथ योग के विषय को भी शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि इस कोर्स की लांचिंग के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विजिट करने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। कुम्भ अध्ययन प्रमाण पत्र में प्रवेश लेने वालों की रुचि को देखते हुए कुलपति ने आईसीटी सेल को वेबसाइट की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है।

जेपीएल 2025 की संसारपुर टीम बनी विजेता


विश्वनाथ प्रताप सिंह

कोरांव प्रयागराज। क्षेत्र के जमुआ ग्राम पंचायत तालाब ग्राउंड में गत दिनों से चल रहे जेपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट जमुआ प्रीमियर लीग का फाइनल मैच बड़ोखर और संसारपुर के मध्य खेला गया जिसमें बड़ोखर टीम को 28 रन से हराकर संसारपुर टीम ने लीग 2025 का खिताब अपने नाम किया वहीं बड़ोखर टीम को उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा।

बता दें कि पिछले सप्ताह से चल रहे लीग का समापन फाइनल मैच होने के बाद किया गया जिसमें प्रत्येक मैच में विशिष्ट प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों और टीम को को विशेष उपहार देकर आगे इससे बेहतर टूर्नामेंट आयोजन कराकर खेल के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए युवाओं के खेल कौशल को निखारने का एक मंच जेपीएल द्वारा बेलनपार में दिया गया। लीग की ट्राफी संसारपुर टीम के कप्तान को मुख्य अतिथि डॉ वाल्मीकि सिंह ने सौंपा। विशिष्ट अतिथि हरिश्चंद्र सिंह व मोतीलाल सिंह ने प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार सत्यम मिश्रा एवं बेस्ट बैट्समैन का अवार्ड मोहम्मद आमिर अल्हवा, बेस्ट बॉलर विकास पटेल को दिया गया।

अन्य गणमान्य अतिथियों में मौजूद प्रधान लवकुश, प्रधान शिवलाल, प्रधान अनस, अजय सिंह एवं प्रतिभाग करने वाली सभी टीम के खिलाड़ी एवं ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में दर्शक दीर्घा में बैठकर अपने अपने चहेती टीमों का उत्साहवर्धन कर पूरी लीग टूर्नामेंट का लुत्फ लिया। लीग के प्रभारी उप कप्तान जमुआ अमर सिंह ने लीग को सफल होने के लिए सभी का विशेष आभार जताया और 2026 में पुनः इससे बड़ी भव्यता के साथ आयोजन कराने की बात कही। लीग टूर्नामेंट के दौरान प्रमुख भूमिका में प्रवीण सिंह, मनोज सिंह, मैक्सवेल सिंह, रविकांत, लवकुश, वीरेंद्र का सहयोग भी उत्कृष्ट रहा, टूर्नामेंट मेंट में माइक संचालन अर्जुन व सुरेन्द्र सिंह ने किया।

23 मार्च को अयोध्या में मनाया जाएगा स्थापना दिवस

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज। आइडियल पत्रकार संगठन के स्थापना दिवस की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। आइडियल पत्रकार संगठन के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्य आयोजक प्रशांत शुक्ला ने बताया कि आइडियल पत्रकार संगठन का स्थापना दिवस 23 मार्च को अयोध्या में मनाने का निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि आइडियल पत्रकार संगठन के जिला अध्यक्ष अयोध्या डॉक्टर एस के मौर्य, मंडल अध्यक्ष अयोध्या डॉक्टर तनवीर अहमद, जिला अध्यक्ष सुल्तानपुर विपिन तिवारी, तथा अयोध्या मंडल के समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु दृढ़ संकल्पित है तथा कार्यक्रम को भव्य रूप देने हेतु तैयारियां जोरों पर चल रही है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने यह भी बताया की कार्यक्रम का आयोजन अयोध्या प्रेस क्लब में करने की पूर्ण तैयारी चल रही है। प्रशांत शुक्ला ने यह भी बताया कि संगठन की स्थापना दिवस की तैयारी हेतु संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में अयोध्या आ रहे हैं, उनके द्वारा प्रदेश के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अयोध्या के सभी मंडल स्तर एवं जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं अयोध्या के आसपास के जिलों के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आपस में चर्चा तथा परिचर्चा में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक मकसूद अहमद आज़मी, डॉ अरुण भारद्वाज, डॉ मोहन धनराज, नर्वदेश्वर मिश्रा, विनय कुमार श्रीवास्तव, कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि दीक्षित, राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव सूर्यकांत कदम , राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आफताब आलम, केंद्रीय संपर्क प्रमुख लक्ष्मण आवा सूर्यवंशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलाकांत शुक्ला, राष्ट्रीय सचिव रोशन लाल, एवं राशिद खान पठान,तथा प्रदेश संरक्षक डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, डॉ नरेंद्र पांडे, डॉ पृथ्वीराज सिंह, प्रदेश प्रभारी राम नारायण राय, प्रदेश सचिव आशीष निषाद, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ रामजी प्रजापति, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल सिंह विनोद मिश्रा एवं श्रवण यदु, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद तारीक बेग, प्रदेश महामंत्री उमाशंकर प्रजापति, तथा प्रवीण मद्धेशिया, मंडल अध्यक्ष आजमगढ़ बजरंगी विश्वकर्मा, मंडल अध्यक्ष चित्रकूट धाम सुरेश द्विवेदी, मंडल अध्यक्ष गोरखपुर भगवान प्रसाद उपाध्याय, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रामायण सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता नुरुल और फिरोजी एवं दुर्गा सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्याम जी उपाध्याय, राष्ट्रीय महामंत्री विनय कुमार मिश्रा, प्रदेश प्रभारी महाराष्ट्र अजय उपाध्याय एवं प्रदीप खंडारे, प्रदेश उपाध्यक्ष महाराष्ट्र आरिफ खान पठान, प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश राहुल खंडेराव, राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर नितिन शिंदे,एवं कई प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्रवण यदु , तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मोहम्मद जमील, राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, गुजरात से भारत कुमार भानुशालीके नेतृत्व में सभी पदाधिकारी एवं सदस्य अपनी-अपनी तैयारी में अपनी अपनी कार्यशैली के साथ कार्यक्रम को मजबूत बनाने हेतु लगे हुए हैं। जिलाध्यक्ष आजमगढ़ दुर्गेश मिश्रा भी आजमगढ़ के पदाधिकारीयों को जागृत करने में लगे हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने बताया कि यह कार्यक्रम बहुत ही भव्य एवं दिव्य होगा। उन्होंने सभी पत्रकारों को उक्त कार्यक्रम में जुड़ने का आवाहन भी किया। प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा के जनवरी के अंतिम सप्ताह में आगमन पर अयोध्या मंडल , आजमगढ़ मंडल, तथा प्रयागराज मंडल के समस्त जिम्मेदार पदाधिकारी एवं सदस्य अयोध्या में उपस्थित रहेंगे।

एकता और अखंडता का संदेश दे रहा महाकुम्भ, इसी संदेश के साथ हम सभी जुड़ रहे: सीएम योगी

महाकुम्भ नगर।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज दौरे पर मौनी अमावस्या से पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद पत्रकारों के साथ वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुम्भ आ रहे हैं। तमाम विदेशी श्रद्धालु भी संगम में स्नान कर अभिभूत नजर आ रहे थे। यूरोप से जुड़े कुछ पर्यटक मिलने आए थे और प्रयागराज की महिमा का जिस भाव से गान कर रहे थे, वह अभिभूत करने वाला था। वो हिंदी नहीं जानते, संस्कृत नहीं जानते, लेकिन हिंदी की चौपाई, संस्कृत के मंत्रों, अवधी की चौपाइयों को और सनातन धर्म से जुड़े स्त्रोत और मंत्रों को सस्वर गा रहे थे। मां गंगा और यहां के धामों के प्रति एक श्रद्धा का भाव उनमें देखने को मिल रहा था। यही तो प्रधानमंत्री जी का संदेश है। महाकुम्भ का एक ही संदेश, एकता से ही अखंड रहेगा यह देश। एकता और अखंडता के संदेश के साथ हम सभी जुड़ रहे हैं।

एक करोड़ लोग महाकुम्भ में मौजूद

सीएम योगी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि महाकुम्भ का आयोजन जिसके लिए प्रयागराज जाना जाता है, पूरी भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है।  महाकुम्भ के लिए प्रधानमंत्री जी ने जो विजन दिया है उसको स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए सभी लोग पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। इसके लिए आप सभी को धन्यवाद दूंगा कि प्रयागराज की छवि को एक सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के मुख्य स्नान संपन्न हो चुके हैं और अब मौनी अमावस्या 29 जनवरी और बसंत पंचमी 3 फरवरी को दो बड़े महास्नान होने हैं जो इस महाकुम्भ की शोभा भी हैं। 7 हजार से अधिक संस्थाएं अब तक यहां पर आ चुकी हैं।

आज पूरे महाकुम्भ एरिया का एरियल सर्वे किया है। प्रात काल से संगम तट पर स्नान करने वालों और यहां रहने वाले कल्पवासियों के साथ ही अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए लोगों की पूरी संख्या को यदि देखेंगे तो लगभग एक करोड़ से अधिक लोग यहां मौजूद हैं। इतनी बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पूरी तत्परता से यहां पर केंद्र और राज्य के सभी विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं। भव्य, दिव्य और डिजिटल कुम्भ की परिकल्पना को साकार करने के साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था को सम्मान देते हुए आधुनिकता के साथ जोड़ने का कार्य हो रहा है।

सकुशल संपन्न होंगे दोनों महास्नान

सीएम योगी ने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों को देखने के लिए बीच में यहां पर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेट्री, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को यहां भेजा था। आज एक बार फिर हमने यह जानने की कोशिश की कि हम कितना कुछ आगे बढ़े हैं। 29 जनवरी और 3 फरवरी के महास्नान को ध्यान में रखते हुए पूरी व्यवस्था का अवलोकन किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि भगवान प्रयागराज और मां गंगा की कृपा से हम लोग यहां पर इन दोनों स्नानों को सकुशल संपन्न करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और गृहमंत्री जी का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी इस समय महाकुम्भ के आयोजन से जुड़े हुए हैं। तमाम राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्रीगण लगातार यहां आ रहे है।

उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय से जुड़े हुए न्यायमूर्ति और विभिन्न राज्यों से जुड़े हुए जनप्रतिनिधिगण भी लगातार यहां आकर स्नान कर रहे हैं। लाखों की संख्या में संतों, कल्पवासियों की उपस्थिति वर्तमान में प्रयागराज में है। अनेक धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। चाहे देशी हो या विदेशी, सभी संगम में स्नान कर अभिभूत हो रहे हैं। सीएम ने कहा कि मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के दिन हमें यह सौभाग्य नहीं मिल सका कि हम भी यहां स्नान कर सकें, क्योंकि हम लोगों ने खुद को प्रतिबंधित कर रखा था। केवल संतों और श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा थी। जो भी यहां आया, उन्होंने आपके माध्यम से जो भी बातें कहीं और खासतौर पर संतों और श्रद्धालुओं की भावना को हम सभी ने जाना।
श्री मोरारी बापू के शिविर में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
प्रयागराज। महाकुंभ की पवित्र धरती पर, परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रसंत पूज्य श्री मोरारी बापू जी के श्रीमुख से प्रवाहित हो रही मानस ज्ञान गंगा में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिव्य आगमन हुआ।  परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और  स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा) ने योगी आदित्यनाथ का अभिनन्दन किया।मानस ज्ञान गंगा के प्रवाह को आत्मसात करने और अंतस के संगम को बनाये रखने के लिये विश्व के अनेक देशों के साधकों ने सहभाग किया। पूरा परमार्थ निकेतन शिविर मानस ज्ञान धारा के आनंद में आनन्दित व हर्षित है।

प्रयागराज के सारे घाट पावन श्रद्धालुओं से भरे हैं: सीएम

उत्तरप्रदेश के  मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने मानस कथा में सहभाग कर अपने आशीर्वचनों से सभी को अभिभूत करते हुये कहा कि प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन की ओर से आयोजित पूज्य बापू की कथा में आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज मैने देखा कि प्रयागराज के सारे घाट पावन श्रद्धालुओं से भरे हैं। यह भारत का दृश्य है जो जाति-पति से मुक्त भारत का संदेश दे रहा है; भारत की एकता का संदेश दे रहा हैं। यह दृश्य अखंड़ भारत का मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दे रहा है।

त्येक कथा में कुछ न कुछ नया व रोचकता होती है: सीएम

योगी  ने कहा कि मुझे पूज्य बापू की कई कथाओं में सहभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रत्येक कथा में कुछ न कुछ नया व रोचकता होती हैं। हरि अनंत, हरि कथा अनंता। उन्होंने कहा कि प्रयाग की धरती पर अक्षय वट है, सरस्वती कूप भी है, नागवासुकी का पावन मन्दिर है, महर्षि भारद्वाज जी का आश्रम है और पावन त्रिवेणी का संगम भी है इस पवित्र धरा पर आप सभी का अभिनन्दन है। उन्होंने कहा कि कथा, का संदेश राष्ट्रीय एकता का संदेश होना चाहिये; अखंड़ भारत का संदेश होना चाहिये, उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम के मिलन का संदेश होना चाहिये। आप सभी अंखड़ भारत का संदेश लेकर जायें।

बापू ने कथा का शुभारम्भ मंगलभवन अमंगलहारी चौपाई से किया

राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू ने आज की मानस कथा का शुभारम्भ मंगलभवन अमंगलहारी चौपाई से किया। मानस कथा, मानसिक नेत्रों को जीवंत व जागृत करने का दिव्य माध्यम है। मानस कथा स्वयं में एक महाकुम्भ है। संगम में स्नान करने के लिये हमें तन लेकर आना होता है और मानस, महाकुम्भ; कथा की त्रिवेणी में स्नान के लिये हमें अन्तस के चक्षुओं को लेकर आना होता है। कथा की त्रिवेणी में स्नान के लिये तन को ही नहीं बल्कि मन को भी लेकर आना पड़ता है।

कथा में डुबकी लगाने के लिये उतारना होता है  अहंकार

कथा के महाकुम्भ के स्नान के लिये सिद्धि ही नहीं बुद्धि को भी लेकर आना होता है। बापू ने आह्वान किया कि महाकुम्भ में स्नान के लिये तन से, मन से और अपार श्रद्धा के साथ आये। जो बल और बुद्धि लेकर आयेगा वहीं कुम्भ में अवगाहन कर सकता है। कुम्भ में स्नान के लिये विŸा की आवश्यकता होती है और कथा के महाकुम्भ में स्नान के लिये की आवश्यकता होती है। त्रिवेणी में डुबकी लगने के लिये हमने अंलकारों को उतारना होता है और कथा में डुबकी लगाने के लिये अहंकार को उतरना होता है।

अगला महाकुम्भ 2170 वें वर्ष में होगा:स्वामी चिदानन्द

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमें तीर्थराज प्रयाग महाकुम्भ में आने का अवसर मिल रहा है। 6 वर्ष में बाद एक अर्द्धकुम्भ आता है, 12 वर्ष में कुम्भ आता है और जब 12  कुम्भ हो जाते हैं तब महाकुम्भ आता है। अगला महाकुम्भ 2170 वें वर्ष में होगा। हम से पहले भी, हम और हमारे बाद भी शायद किसी को ऐसा अवसर प्राप्त होगा। हमें संगम के तट पर संगम के चरणों में संगम होने का अवसर मिल रहा है। हमारा जीवन संगम बने इसलिये तो यह अवसर प्राप्त हुआ है।

बापू के पावन चरणों में बैठना भी एक कथा

स्वामी जी ने कहा कि पूज्य बापू के पावन चरणों में बैठना भी एक कथा है। कथा हमें श्रवण व समर्पण का लाभ प्रदान करती है। यह श्रवण से समर्पण की यात्रा है। श्रवण करते-करते प्रभु के प्रति समर्पण हो जाये यही तो संगम है। स्वामी जी ने कहा कि आज भारत के महान सपुत महाराणा प्रताप जी की पुण्यतिथि है। उन्होंने घास की रोटियाँ खाकर अपने देश को बचाने के अनेकों लड़ाईयाँ लड़ी। वे 208 किलो की तलवार लेकर अपने चेतक पर बैठकर अपने राष्ट्र के लिये लड़ते रहे। यह भारत का सौभाग्य है कि हमें ऐसे महापुरूषों की भूमि में जन्म मिला है।

बापू के वचन केवल भारत के लिये नहीं बल्कि पूरे सृष्टि के लिये

स्वामी जी ने कहा कि हमें अमृत काल में कथा का अमृत स्नान करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। पूरे विश्व में न जाने कितने संघर्ष है, फायर है परन्तु बापू की कथा उन सब के बीच एक पुण्य गाथा है जो संघर्ष नहीं साहस प्रदान करती है; संघर्ष नहीं समरसता प्रदान करती है। बापू के वचन केवल भारत के लिये नहीं बल्कि पूरे सृष्टि के लिये है। इस देश के संगम को बनाये रखने के लिये पूज्य बापू की कथा समर्पित है। यह संगम महाकुम्भ मानस कथा है।

अद्भुत श्रीराम कथा का आयोजन किया गया

महाकुंभ के पावन अवसर पर प्रयागराज की दिव्य धरती पर, परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, सेक्टर 23 में दिव्य, अलौकिक, अद्भुत श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। 18 जनवरी 2025 से 26 जनवरी 2025 तक प्रतिदिन, सुबह 10 बजे से 1 बजे तक मानस ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है। विश्व प्रसिद्ध श्रीरामकथा मर्मज्ञ, राष्ट्रसंत, परम पूज्य संत मोरारी बापू जी, के श्रीमुख से श्रीराम कथा का अमृतपान आप सभी पधारें।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संगम में लगाई पावन डुबकी


महाकुम्भनगर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार सुबह महाकुम्भ में त्रिवेणी संगम में स्नान कर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार देर रात महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सेक्टर 7  स्थित राजस्थान पवेलियन पहुंचे। सुबह बोट से त्रिवेणी संगम का अवलोकन किया। उन्होंने त्रिवेणी संगम घाट पर पावन डुबकी लगाने के बाद मां गंगे की पूजा अर्चना, भगवान महादेव का दूध एवं गंगा जल से अभिषेक भी किया।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान के विभिन्न जनपदों से आए श्रद्धालुओं से भी भेंट की

मुख्यमंत्री ने मां गंगे की आरती की और बड़े हनुमान जी के दर्शन भी किए। उन्होंने महाकुम्भ के महाआयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और उन्हें इस आयोजन के कुशल संचालन के लिए बधाई दी। इससे पहले, मुख्यमंत्री शर्मा का शनिवार देर रात प्रयागराज एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में बने राजस्थान मंडप का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान के विभिन्न जनपदों से आए श्रद्धालुओं से भी भेंट की।

कुंभ की वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात : पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वर्ष की पहली मन की बात की। इसमें उन्होंने त्रिवेणी तट पर लगे महाकुंभ की चर्चा प्रमुखता से की। बोले, महाकुंभ का श्रीगणेश हो चुका है। चिरस्मरणीय जन सैलाब अकल्पनीय दृश्य और समता समरसता का असाधारण संगम दिखाई दे रहा है। इस बार कुंभ में कई दिव्य योग बन रहे हैं। ये उत्सव विविधता में एकता का है। संगम की रेती पर पूरे भारत के ही नहीं विश्व के लोग जुटते हैं। हजारों वर्षों से चली आ रही परंपरा में कहीं कोई भेदभाव नहीं, जातिवाद नहीं।

वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात

उन्होंने खुशी और संतोष जताया कि महाकुंभ में युवाओं की बड़ी भागीदारी दिख रही है। जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ, गर्व के साथ जुड़ जाती है तो उसकी जड़ें और मजबूत होती हैं। तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है। इस बार कुंभ के डिजिटल फुट प्रिंट भी इतने बड़े पैमाने पर दिख रहे हैं। कुंभ की ये वैश्विक लोकप्रियता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। देश की सांस्कृतिक विरासत का भान कराते हुए कहा, महाकुंभ में भारत के दक्षिण से लोग आते हैं। भारत के पूर्व और पश्चिम से आते हैं। कुंभ में गरीब, अमरी सब एक हो जाते हैं। सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं। एक साथ भंडारों में भोजन करते हैं। प्रसाद लेते हैं, तभी तो कुंभ एकता का कुंभ है। यह आयोजन हमें ये भी बताता है कि कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं।

गंगासागर में मेले का भी विहंगम आयोजन हुआ

उत्तर से दक्षिण तक मान्यताओं को मानने के तरीके एक जैसे ही हैं। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होता है, वैसे ही दक्षिण में गोदावरी, कृष्णा, नर्मदा और कावेरी नदी के तटों पर पुष्करम होते हैं। कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में गंगासागर में मेले का भी विहंगम आयोजन हुआ। संक्रांति के पावन अवसर पर इस मेले में पूरी दुनिया से आए लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेला ये पर्व हमारे सामाजिक मेल जोल को सद्भाव को, एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं।