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कभी खुशी-कभी गम के साथ विदा हुए मानिक प्रकाशपुर से शिविरार्थी, राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर सम्पन्न
अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय का मानिक प्रकाश पुर में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर कभी खुशी कभी गम के साथ सोमवार को सम्पन्न हो गया। स्वयं सेवकों ने ग्रामीण और अपनों के साथ अगले कैम्प में फिर मिलेंगे वादे के साथ विदा हुए। समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि स्वयं सेवकों का उत्साह और सेवा भाव उनके चेहरे से झलक रहा है। स्वयं सेवकों का ग्रामीणों के साथ मेल जोल और सीखने की ललक प्रेरक पल बन चुका है। उन्होंने स्वयं सेवकों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपने मानिकप्रकाशपुर में हमारे महाविद्यालय को गौरवान्वित किया है जो हमे परिलक्षित होता रहेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मानिक प्रकाश पुर के घुटरापारा विद्यालय के प्रधानपाठक डीके सोनी ने कहा कि स्वयं सेवकों ने शिक्षा, स्वच्छता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गांव वालों को प्रेरित किया। प्रभात फेरी के दौरान नशा उन्मूलन की नारेबाजी कर गांव वालों को जगाया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वीप नोडल डॉ. अजय कुमार तिवारी ने कहा कि सात दिनों की शिविर में बौद्धिक परिचर्चा के दौरान विषय के विशेषज्ञों ने नशा से मुक्ति, समाज सेवा, वन्य जीव संरक्षण, मशरूम की खेती, संचार आदि के बारे में बताया। यह शिविर की सफलता है कि स्वयं सेवकों के साथ ग्रामीण भी मंच पर सहभागी बने।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र दास सोनवानी ने सात दिनों की शिविरि की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने स्वयं सेवकों को शिविर की दिनचर्या को आत्मसात करने का आह्वान किया। शिविर से विदा होते समय स्वयं सेवक एक दूसरे से मिल कर यादों को साझा करते रहे। शिविरार्थियों ने सात दिनों के अपने अनुभवों से अवगत कराया। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि डीके सोनी ने सभी स्वयं सेवकों को शिविर का प्रमाणपत्र प्रदान किया।
शिविर के दौरान सहायक प्राध्यापक सोनाली गोस्वामी, क्रीड़ा अधिकारी तिलक राज टोप्पो के साथ महाविद्यालय के प्राध्यापकों को सामाजिक सरोकारों के दौरान सहयोग रहा।
अवैध धान पर प्रशासन की कार्रवाई : देर रात SDM ने सरपंच के घर मारा छापा, 360 कट्टा धान जब्त

खैरागढ़-  छत्तीसगढ़ में इन दिनों धान खरीदी का सीजन जोरों पर है, लेकिन इसी बीच किसानों की आड़ में दूसरे राज्यों से लाए गए अवैध धान को प्रदेश की मंडियों में खपाने की कोशिशें भी तेज हो गई है. प्रशासन ऐसे मामलों पर सख्ती दिखा रहा है. इसी कड़ी में बीती रात डोंगरगढ़ में एसडीएम मनोज मरकाम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में अवैध धान जब्त किया है.

मामला डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम नागतराई का है, जहां सरपंच क्षत्री बाई वर्मा के घर और गोदाम से 360 कट्टा धान बरामद किया गया. जांच के दौरान सरपंच ने स्वीकार किया कि यह ग्राम ढारा से खरीदा गया था और मंडी में बेचने की तैयारी थी. इसके अलावा गोदाम से सरकारी पीडीएस का 12 कट्टा चावल भी बरामद हुआ, जिसकी जांच खाद्य निरीक्षक कर रहे हैं.

अवैध धान रखने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई : एसडीएम

एसडीएम मनोज मरकाम ने बताया कि उन्हें सरपंच के घर में अवैध धान होने की सूचना मिली थी. इसके बाद आधी रात को छापेमारी की गई, जिसमें धान और चावल बरामद हुआ. उन्होंने कहा कि अवैध धान रखने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हो. ग्रामीण सूत्रों के मुताबिक, सरपंच क्षत्री बाई वर्मा हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थी. प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए यह संकेत दिया है कि अवैध धान कारोबार में लिप्त लोगों को किसी भी दल का संरक्षण रहे, लेकिन प्रशासन निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई करेगा.

ED ने पूछताछ के लिए कवासी लखमा और हरीश लखमा को किया तलब

रायपुर-  पूर्व मंत्री कवासी लखमा के साथ उनके पुत्र और कांग्रेस नेता हरीश लखमा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. एक दिन पहले छापेमारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दोनों को पूछताछ के लिए तलब किया है.

जानकारी के अनुसार, पूरा मामला शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिस पर पूछताछ के लिए कांग्रेस शासनकाल में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा और उनके पुत्र और सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश लखमा को पूछताछ के लिए समन भेजा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही घोटाले में ईडी और कई लोगों की संलिप्तता का खुलासा कर सकती है.

बता दें कि दो दिन पहले ही पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के धरमपुरा, रायपुर स्थित बंगले और बेटे हरीश कवासी के सुकमा स्थित घर पर ED ने छापेमारी की थी. यहां दस्तावेज खंगालने के बाद अफसर पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली थी. बंगले में बड़ी संख्या में CRPF जवान मौजूद थे.

केवल कवासी लखना और हरीश लखमा ही नहीं बल्कि कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित निवास और कुसमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी ED ने छापा मारा था.

बस्तर बंद का दिखा असर : आरक्षण कटौती से नाराज Obc समाज ने किया चक्काजाम, बंद रही दुकानें, मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

जगदलपुर/कांकेर- आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया बीते दिनों सभी जिलों में संपन्न हुई. आरक्षण में हुई कटौती को लेकर आज पिछड़ा वर्ग समाज ने बस्तर बंद बुलाया, जिसका बड़ा असर बस्तर में देखने को मिला. सुबह से सभी दुकानें बंद रही. वहीं बड़ी संख्या में समाज के लोग प्रदर्शन करते हुए माकड़ी के पास चक्काजाम कर सड़क पर बैठे हैं. वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.

पिछड़ा वर्ग समाज का कहना है कि सरकार द्वारा नगरीय निकाय चुनाव में जो आरक्षण तय किया गया है उसे निरस्त किया जाए. फिर से आरक्षण कराकर ओबीसी समाज को आरक्षण का लाभ दिया जाए. मांगें पूरी नहीं होने पर समाज ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. वही पिछड़ा वर्ग समाज के इस प्रदर्शन का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है.

आरक्षण की प्रक्रिया में OBC समाज को हुआ नुकसान : संभागीय अध्यक्ष

जगदलपुर में भी सुबह से ही बंद को सफल बनाने पिछड़ा वर्ग समाज के सदस्य रैली की शक्ल में हाथों में तख्ती लेकर जगदलपुर शहर का भ्रमण किया. शहर के संजय मार्केट, गोल बाजार और में रोड में अधिकतर दुकानें बंद रही. पिछड़ा वर्ग समाज के संभागीय अध्यक्ष तरुण सिंह धाकड़ ने कहा कि विधानसभा-लोकसभा के बाद छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव आगामी दिनों में होगा. इस चुनाव में पिछड़ा वर्ग समाज की सीटों को काटा गया है. आरक्षण की प्रक्रिया में पिछड़ा वर्ग समाज को नुकसान झेलना पड़ा है. इसके कारण पिछड़ा वर्ग समाज ने आज बस्तर संभाग बंद करने का आह्वान किया. यदि धरना प्रदर्शन, बस्तर बंद और चक्काजाम के बाद भी पिछड़ा वर्ग समाज की मांगों को सरकार पूरा नहीं करेगी तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वर्ल्‍ड बैंक ने छत्‍तीसगढ़ की इस महती योजना को किया बंद, उद्देश्य के साथ-साथ बजट भी था बहुत बड़ा,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था शुभारंभ

रायपुर-  छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण एवं त्वरित कृषि विकास (चिराग) परियोजना के उद्देश्य और प्रगति पर असंतोष जताते हुए विश्व बैंक ने इसे बंद करने की घोषणा की है. इस संबंध में बैंक के भारत में कार्यवाहक निदेशक ने केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के अलावा छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍य सचिव, कृषि विभाग की एसीएस और चिराग परियोजना के डॉयरेक्‍टर को पत्र भेजा है. 

अंतरराष्‍ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) और विश्व बैंक द्वारा सह-वित्तपोषित इस परियोजना को बोर्ड ने 15 दिसंबर, 2020 को मंजूरी दी थी. लेकिन बीते चार सालों के दौरान योजना के तहत लगभग 1.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 प्रतिशत) का वितरण हुआ है, और न ही लक्षित समुदायों में से किसी को भी परियोजना अनुदान का लाभ नहीं मिला है. अक्टूबर 2022 से परियोजना विकास उद्देश्य और कार्यान्वयन प्रगति दोनों को असंतोषजनक दर्जा दिया गया है.

सितंबर 2024 में त्रिपक्षीय पोर्टफोलियो समीक्षा बैठक के दौरान बात पर सहमति बनी कि परियोजना को किसी भी पुनर्गठन को उचित ठहराने के लिए 2024 के अंत तक प्रदर्शन में काफी सुधार करने और 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का वितरण करने की आवश्यकता है. लेकिन इनमें से कोई भी बात पूरी नहीं हुई, लिहाजा प्रस्तावित पुनर्गठन और आंशिक निरस्तीकरण पर परियोजना के क्रियान्वयन को जारी रखने को असंभव बताया.

इस संबंध में, 23 दिसंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान हुई चर्चाओं के आधार पर, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने यह विचार व्यक्त किया कि परियोजना के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, परियोजना की शेष अवधि के भीतर परियोजना विकास उद्देश्यों को प्राप्त करना असंभव है. नतीजतन, IFAD और विश्व बैंक दोनों ने DEA के परामर्श से इस बात पर सहमति व्यक्त की कि परियोजना को जल्द से जल्द बंद करना सर्वोत्तम हित में होगा.

पूर्ववर्ती सरकार ने शुरू की थी परियोजना

बता दें कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने Chhattisgarh Inclusive Rural and Accelerated Agriculture Growth (चिराग) परियोजना का शुभारंभ किया था. परियोजना के तहत किसानों की आमदनी को बढ़ाना, गांवों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और युवाओं को विभिन्न तरह की फसलों के उत्पादन में मदद के उद्देश्य से परियोजना को विश्व बैंक ने आर्थिक मदद भी दी है.

युवाओं को मिलती ट्रेनिंग

परियोजना के अंतर्गत आदिवासी इलाकों के स्थानीय युवाओं को मछली पालन, पशु-पालन, उद्यानिकी, विशेष प्रजातियों की फसलों के उत्पादन, क्षेत्रीय जलवायु आधारित पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन के कामों से जोड़े जाने के अलावा युवाओं को सेल्स और मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाना था. युवाओं को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों की शिक्षा दी जानी थी, इसके साथ उन्हें स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित भी किया जाता.

इन जिलों में लागू होनी थी परियोजना

चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मंगेली, बलौदाबाजार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सुरजपुर और सरगुजा के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाना था.

पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के शताब्दी वर्ष पर सालभर होगा कार्यक्रम, दिल्ली में भाजपा की बैठक में हुआ फैसला…

रायपुर-  दिल्ली में भाजपा पदाधिकारियों की हुई बैठक में शामिल होने होकर लौटे प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शताब्दी वर्ष अलग-अलग चरणों में मनाया जाएगा. 25 दिसंबर 2025 तक जन्मदिन कार्यक्रम चलेगा.

किरण सिंहदेव ने बताया कि कल दिल्ली में महत्त्वपूर्ण बैठक हुई है. बैठक में पार्टी के सारे प्रदेश के अध्यक्ष, प्रभारी, वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए. संगठन चुनाव को लेकर चर्चा हुई. नगरीय निकाय चुनाव और आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर चर्चा हुई.

सिंहदेव ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का शताब्दी वर्ष अलग-अलग चरणों में मनाया जाएगा. इसके अलावा संविधान के 75वें वर्ष में विभिन्न चरणों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा. विचार गोष्ठी, गुड गवर्नेंस और विकास के दृष्टि से कार्यक्रम होंगे.

कांग्रेस में बागियों की घर वापसी का विरोध, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने आनंद और अजीत कुकरेजा के खिलाफ पीसीसी चीफ बैज को सौंपा पत्र

रायपुर- कांग्रेस में बागियों की घर वापसी का विरोध होने लगा है. पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने अजीत और आनंद कुकरेजा पर विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने का आरोप लगाते हुए पार्टी में वापसी पर विरोध जताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात कर पत्र सौंपा है.

पूर्व विधायक कुलदीप सिंग जुनेजा ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नाम से लिखे पत्र में कहा कि हमारी पार्टी ने सदैव हमें एकता का पाठ पढ़ाया और सूत्र में बांधे रखा है, लेकिन कुछ विघ्न संतोषी लोग पैसे के दंभ पर पार्टी को खरीदने का काम करते हैं, ऐसे ही कुछ लोग में आनंद कुकरेजा अजीत कुकरेजा का परिवार है।

2013 में जब मैं विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब लोगों को भड़काने और क्षेत्र से बाहर भेजने का काम किया था जिससे पार्टी को नुकसान हुआ था. उसके बाद 2018 के चुनाव में भी उन्होंने इसी क्रियाकलाप को अपनाया था, मगर हम पार्टी के अन्य वफ़ादार कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीत गये थे. 2023 के विधानसभा चुनाव के समय भी उनकी यह मानसिकता फिर से उभर के सामने आई.

अजीत कुकरेजा ने निर्दलीय चुनाव मेरे खिलाफ लड़ा और लोगो को मेरे खिलाफ भड़काया जिससे कांग्रेस का गढ़ उत्तर विधानसभा में मुझे हार का सामना करना पड़ा. अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था, मगर उन्होंने फिर से कांग्रेस प्रवेश कर लिया था और इस चुनाव के बाद भी पैसे के बल पर पार्टी में प्रवेश के लिए प्रयासरत है.

कुलदीप जुनेजा ने कहा कि अजीत कुकरेजा, आनंद कुकरेजा के कारण मैं चुनाव हार गया नहीं तो आज भी कांग्रेस का एक और प्रत्याशी जीत कर विधानसभा में होता.

छत्तीसगढ़ में कृषि और पशुपालन को नई दिशा देने वाला उपकरण फोल्डस्कोप, राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।

छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है। रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है। अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।

फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है।

मिडिल क्लास को मिलेगी राहत, छत्तीसगढ़ में ‘हाईराइज’ के नियम में बदलवा से फ्लैट्स और मकानों की कीमतें कम होने की संभावना

रायपुर- राज्य सरकार ने बड़े आवासीय और कमर्शियल कांप्लेक्स के निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज एरिया 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है. यह कदम छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 24 साल बाद पहली बार उठाया गया है. अब तक बिल्डरों को अपने प्रोजेक्ट के कुल एरिया की 70 प्रतिशत जमीन विभिन्न कार्यों के लिए छोड़नी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ 60 प्रतिशत जमीन छोड़नी होगी.

इस नए नियम के तहत अब 40 फीसदी प्लॉट एरिया में मकान या फ्लैट बनाए जा सकेंगे. इसके अलावा, हाईराइज बिल्डिंग बनाने के नियमों में भी बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत, यदि किसी प्रोजेक्ट में सड़क की चौड़ाई 12.5 मीटर तक है, तो बिल्डरों को 8 मंजिल तक कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी जाएगी. इससे पहले सिर्फ 5-6 मंजिल की इमारतों की अनुमति मिलती थी.

इन दोनों बदलावों से सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को होगा. निर्माण के लिए बिल्डर्स को ज्यादा जमीन मिलने से फ्लैट्स और मकानों की निर्माण लागत में कमी आएगी, जिसका सीधा असर उनकी कीमतों पर पड़ेगा. इसके परिणामस्वरूप मिडिल क्लास परिवारों को अफोर्डेबल हाउसिंग की सुविधा मिलेगी. इस निर्णय को मिडिल क्लास के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. नियमों में संशोधन की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है.

कवासी लखमा बोले- अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया, कहा- विधानसभा में घोटाला उजागर किया, इसलिए पड़े छापे…

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले जांच एजेंसी एक्शन मोड में है. कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा और कांग्रेसी नेताओं के घर पर ईडी ने दबिश दी. इससे प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया. पूरी कार्रवाई पर पूर्व मंत्री लखमा का बयान सामने आया है. उन्होंने ईडी के छापे को राजनीति से प्रेरित बताया है.

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा. अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे, पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है. ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस ने विधानसभा में बहुत से मुद्दे उठाए, विधानसभा में जब बड़ा घोटाला को उजागर हुआ, सरकार ने आनन-फानन में दबाव बनाया. भाजपा चुनाव को देखते हुए बदनाम कर राजनीति करने का काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझको अंधेरे में रखा. मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी है मैंने समय मांगा है पूरी जानकारी दूंगा. ED के अफसर मेरा और बेटे का मोबाइल अपने साथ ले गए है.