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सुशासन दिवस पर नालंदा परिसर में लगी प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र, राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की मिल रही जानकारी

रायपुर-    भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के अवसर पर जनसंपर्क विभाग द्वारा रायपुर के नालंदा परिसर में प्रदर्शनी आयोजित की गई है। प्रदर्शनी स्थल में अटल जी की कविताएं एलईडी लाइट और साउंड के माध्यम से प्रदर्शित की गयी। प्रदर्शनी में अटलजी की मधुर और ओजस्वी वाणी से कविताएं लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहीं हैं। बाजपेयी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आकर्षक प्रदर्शनी में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की छत्तीसगढ़ से जुड़ी स्मृतियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी लोगों को मिल रही है।

प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के जनकल्याण के कार्यक्रमों एवं योजनाओं की उपलब्धियों लोगों का ध्यान खींच रही हैं। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति, सुशासन एवं अभिसरण, ईआफिस, छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सल उन्मूलन एवं जनजातीय उत्थान, सामाजिक समृद्धि एवं प्रगति, अधोसंरचना विकास, पर्यटन एवं संस्कृति सहित नियद नेल्ला नार, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, युवा कल्याण, कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना, छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए संचालित योजनाएं, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, रामलला दर्शन, डिजिटल भारत की सेवाएं जैसी योजनाओं के अलावा योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी को लोगों की सराहना मिल रही है। लोगों के उत्साह को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनी की तिथि अब 29 दिसम्बर तक बढ़ा दी गई है।

रायपुर एयरपोर्ट की बड़ी उपलब्धि : CM साय के नेतृत्व में हवाई सुविधाओं से यात्रियों की संख्या में इजाफा

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ हवाई सेवाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। उड़ान सेवाओं ने हवाई यात्रा को न केवल किफायती बनाया है बल्कि यह यात्रियों के लिए पसंदीदा विकल्प भी बनने लगा है। हवाई सुविधाओं से हवाई यात्रियों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट ने एक माह में सर्वाधिक 2 लाख 32 हजार 635 हवाई यात्रियों के आवागमन की उपलब्धि हासिल की है। इस साल 11 महीनों में से 9 माह में हवाई यात्रियों की संख्या दो लाख से ज्यादा रही है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में अम्बिकापुर से हवाई सेवाओं का प्रारंभ किया गया है। साथ ही जगदलपुर-बिलासपुर-रायपुर में हवाई सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार हुआ है। हाल ही में रिजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत रायपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। इन तीनों शहरों को जोड़ने के लिए नई उड़ान सेवा का संचालन शुरू हो चुका है।

नवंबर में यात्रियों की संख्या में 8.70 फीसदी की वृद्धि

रायपुर एयरपोर्ट के हवाई यात्रियों की संख्या में नवम्बर 2024 में 8.70 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक साल के दौरान सबसे ज्यादा 2 लाख 32 हजार 635 यात्रियों का आवागमन नवम्बर माह में हुआ है। बीते साल नवम्बर 2023 में 2 लाख 14 हजार 024 यात्रियों का आना-जाना हुआ था। कैलेंडर ईयर के पहले माह जनवरी 24 में 2 लाख 07 हजार 386, फरवरी में 1 लाख 90 हजार 308, मार्च में 1 लाख 92 हजार 851, अप्रैल में 2 लाख 05 हजार 130 में मई 2 लाख 05 हजार 015, जून में 2 लाख 02 हजार 823, जुलाई में 2लाख 02 हजार 826, अगस्त में 2 लाख 07 हजार 916, सितंबर में 2 लाख 02 हजार 585, अक्टूबर में 2 लाख 15 हजार 461, नवम्बर में यात्रियों की संख्या 2 लाख 32 हजार 635 दर्ज की गई है।

नवंबर में 14 फीसदी ज्यादा उड़ानों का संचालन

रायपुर एयरपोर्ट से नवम्बर माह में 1550 उड़ानों का संचालन किया गया। यह संख्या बीते साल से 14 फीसदी ज्यादा है। नवम्बर 23 में 1340 उड़ानें संचालित की गई थीं। कैलेंडर ईयर 2024 के पहले माह जनवरी में 1308, फरवरी 1252, मार्च 1378, अप्रैल 1432, मई 1396, जून 1384, जुलाई 1438, अगस्त 1516, सितम्बर 1510 तथा अक्टूबर में 1656 उड़ानों का संचालन किया गया।

11 माह में 22.64 लाख यात्रियों ने की हवाई यात्रा

कैलेण्डर इयर 2024 में जनवरी से नवम्बर के दौरान हवाई यात्रियों की संख्या 22,64,936 दर्ज की गई है। 2023 में इसी अवधि के दरम्यान 22,54,834 यात्रियों का आवागमन हुआ था। साल 2024 में रायपुर एयरपोर्ट से ग्यारह माह के दौरान 15820 उड़ानों का संचालन किया गया। 2023 में जनवरी से नवम्बर के मध्य 16676 उड़ानों का संचालन किया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर पूर्व सीएम बघेल ने जताया शोक, कहा- ‘देश हमेशा आपका आभारी रहेगा’

रायपुर- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली एम्स में 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक अकॉउंट से जारी पोस्ट में लिखा – “देश आपका आभारी रहेगा, सर। इतिहास आपके योगदान से सदैव परिपूर्ण रहेगा।”

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में आगे कहा, “एक महान राष्ट्रकर्मी आज जीवन के अंतिम सफर पर हम सबसे विदा हो गए हैं। उनके व्यक्तित्व, योगदान और देशसेवा के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को पूर्व सीएम ने बड़ी क्षति बताया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। ॐ शांति।”

PCC चीफ दीपक बैज ने पूर्व पीएम के निधन पर जताया शोक

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पूर्व पीएम के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा मनमोहन सिंह खुद कम बोलते थे, मगर उनका काम ऐसा बोलता था कि पूरा विश्व उनका हमेशा प्रशंसक रहेगा। अपनी आर्थिक नीतियों से उन्होंने भारत देश को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन देश और कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति दें।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की गुरुवार रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। रॉबर्ट वाड्रा, पप्पू यादव, मनोज झा, सलमान खुर्शीद ने उनके निधन के बारे में X पर पोस्ट किया है।

बेलगावी में CWC की मीटिंग रद्द

कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) मीटिंग रद्द कर दी है। साथ ही 27 दिसंबर को होने वाले सभी प्रोग्राम भी रद्द कर दिए गए हैं। राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बेलगावी से दिल्ली रवाना हो गए हैं।

राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी के गुरुद्वारा में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम मे हुए शामिल

रायपुर-   राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज वीर बाल दिवस के अवसर पर रायपुर के पंडरी स्थित गुरुद्वारा पहुँचे और दशम गुरु गोविन्द सिंह के वीर सपूतों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतेह सिंह की शहादत का स्मरण करते हुए उनका नमन किया।

राज्यपाल रमेन डेका ने वीर बाल दिवस के अवसर पर कहा कि गुरु गोविन्द सिंह के कम आयु के वीर बालको का धर्म रक्षा के लिए बलिदान देना अतुलनीय कार्य है, ऐसा उदाहरण बहुत कम ही मिलता है। इनकी शहादत आने वाली पीढ़ीयों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। श्री डेका ने कहा कि सिक्ख समाज मेहनती और देश की रक्षा के लिए सदैव आगे रहने वाला समाज है। गुरुद्वारों में लंगर और गुप्त दान की परंपरा बहुत ही सराहनीय है । उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना काल के विकट समय को याद करते हुए कहा कि देश के विभिन्न गुरुद्वारों में आम लोगों की सेवा में सिक्ख समाज ने तत्पर रहकर अत्यंत सराहनीय योगदान दिया था।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीर बाल दिवस के अवसर पर वीर बालकों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी की वीरगाथा का स्मरण करते हुए उनके द्वारा अपने धर्म और संस्कृति के लिए दिए गए बलिदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस से आने वाली पीढ़ीयों को सदैव प्रेरणा मिलती रहे, इसके लिए छत्तीसगढ़ में इन वीर बालकों की वीरगाथा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

इस अवसर पर गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने आत्मीय स्वागत करते हुए वीर बालको की वीरगाथा को छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम मे शामिल करने के लिए आभार जताया। कार्यक्रम मे विधायक किरण सिंह देव तथा गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारी भूपेंद्र सवन्नी ने भी सम्बोधित करते हुए वीर साहिबजादो की वीरगाथा का स्मरण किया। वीर बाल दिवस के कार्यक्रम में सिक्ख समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर किया दुःख व्यक्त
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री, प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के उन दिग्गजों में से एक थे, जो देश के वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।
वीर बाल दिवस : पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, लड़कियों ने मारी बाजी

रायपुर-    कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में वीर बाल दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. भाषण प्रतियोगिता में एमएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा खुशबू वर्मा ने प्रथम, बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा भूमिका साहू ने द्वितीय और बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा पारुल जायसवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि दसवें सिक्ख गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत से हमें सत्य और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने विद्यार्थियों को असत्य के सामने कभी भी न झुकने का संदेश दिया.

डॉ. नृपेंद्र शर्मा ने अपने वक्तव्य में वीरता और साहस के महत्व पर बल देते हुए कहा कि यदि आप वीर और साहसी बनेंगे तो न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे, बल्कि दूसरों की सहायता भी कर पाएंगे. मनोबल बनाए रखना और किसी भी कठिनाई का सामना करना ही सच्ची वीरता है.

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी बलवंत खन्ना ने कहा कि किसी कार्य में पारंगत होना जितना जरूरी है, उससे ज्यादा बिगड़ी स्थिति को सुधारना है. यानी जीवन में कमियों को दूर करने का कौशल बहुत जरूरी है. इस मौके पर बलवंत खन्ना ने अपनी पुस्तक “है तो है” शिक्षकों और विद्यार्थियों को भेंट की. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

अटल जन्म शताब्दी पर राजभवन में काव्यपाठ, राज्यपाल से सम्मानित हुए ‘लघु अटल’ विकास शर्मा

रायपुर-    पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती के अवसर पर राजभवन में काव्यांजलि का आयोजन किया गया। इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका ने अटल जी से जुड़े संस्मरणों को याद करते हुए उन्हें विराट व्यक्तित्व का धनी बताया। अटल जी पर केंद्रित काव्यपाठ में अटल जी की भाव भंगिमाओं के साथ ही हूबहू उन्हीं की शैली में उनकी कविताओं का पाठ, विचारों की अभिव्यक्ति बेहद जीवंत प्रभावी ढंग से विकास शर्मा ने प्रस्तुत किया।

राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ सहित राष्ट्रीय स्तर पर लघु अटल के नाम से ख्याति प्राप्त विकास शर्मा को अनूठी प्रतिभा के लिए प्रतीक चिन्ह एवं राजकीय गमछा से सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी के पद पर सेवारत विकास शर्मा पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल, सुरेश सोनी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह समेत अनेक वरिष्ठ नेताओं के समक्ष अटल जी कविताओं की प्रस्तुति अटल जी की शैली में दे चुके हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में सुधार की दिशा में हो रहा है लगातार काम, स्वास्थ्य मंत्री ले रहे हैं योजनाओं का फीडबैक

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में विस्तार की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल चिकित्सा शिक्षा को और बेहतर करने के प्रयासों में सतत अधिकारियों से फीड बैक ले रहे हैं। इनके निर्देशन में आज डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में गुरुवार को क्लीनिकोपैथोलॉजिकल को-रिलेशन (सीपीसी) मीटिंग का आयोजन चिकित्सालय के टेलीमेडिसिन हाल में किया गया। इस दौरान आयुक्त चिकित्सा शिक्षा किरण कौशल भी वर्चुअल रूप में ऑनलाईन जुड़कर मीटिंग का हिस्सा बनी।

इस मीटिंग का उद्देश्य रोगियों के उपचार के क्लीनिकल( जांच एवं उपचार से संबंधित/उपचारात्मक) एवं पैथोलॉजिकल (रोग से संबंधित जांच) कारणों का विश्लेषण कर चिकित्सालय में प्रदाय की जाने वाली सेवा में और अधिक सुधार करना है। इस मीटिंग में डॉक्टरों ने क्लीनिकोपैथोलॉजिकल के क्लीनिकल प्रोटोकॉल पर चर्चा की और क्लिनिकोपैथोलॉजिकल सहसंबंध (कोरिलेशन) के लिए रोगियों के केस पर आधारित डेटा का एनालिसिस (व्याख्या) किया।

एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. जया लालवानी ने इस सम्मेलन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह मुख्य रूप से चिकित्सा शिक्षण की केस प्रस्तुतिकरण पर आधारित होती है। केस प्रस्तुतियों के माध्यम से विभिन्न विभागों में भर्ती मरीजों और उनको प्रदान किये गये इलाज के बारे में चर्चा की जाती है। यदि किसी मरीज की मृत्यु हो गई तो उसके मृत्यु के कारणों में नैदानिक (डायग्नोस्टिक जैसे पैथोलॉजिकल एवं रेडियोलॉजिकल जांच) एवं उपचारात्मक (थेराप्यूटिक) कारणों का मूल्यांकन किया जाता है। यदि किसी मरीज को अस्पताल में सही ढंग से इलाज नहीं मिल पाया तो किसकी चूक से यह हुआ, उस विभाग की जिम्मेदारी भी तय की जाती है।

अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि यह चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबंधित अस्पतालों में चिकित्सा छात्रों को दिए जाने वाले शिक्षण का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसके माध्यम से मरीजों के संपूर्ण उपचार के दौरान उसके क्लीनिकल एवं पैथोलॉजिकल पहलुओं पर चर्चा की जाती है। सम्मेलन में केस डिस्कशन के माध्यम से सारे विभाग के डॉक्टर इलाज के लिए अंतर्विभागीय सहयोग के माध्यम से मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान करने के बारे में अपने सुझाव देते हैं। उपचार के दौरान हुई चूक को सुधार कर उसके अंतिम निदान तक पहुंचते हैं।

कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं इस मीटिंग के अध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार मरीज दूसरे अस्पतालों में अपना उपचार करवाते रहते हैं और जब उनकी स्थिति काफी गंभीर हो जाती है, तब हमारे संस्थान में पहुंचते हैं।

क्लीनिकोपैथोलॉजिकल को-रिलेशन के माध्यम से गंभीर स्थिति में अस्पताल में पहुंचने वाले केस पर भी चर्चा की गई। कार्डियोलॉजी एवं सर्जरी विभाग के केस का डिस्कशन किया गया। सभी विभागों से सुझाव दिए गए जिससे सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकें।  

पैथोलॉजी विभाग की डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी ने बताया कि जितनी जल्दी पैथोलॉजी जांच होगी मरीज का उपचार भी उतनी जल्दी ही शुरू किया जा सकता है। अब पैथोलॉजी जांच के लिए लगने वाले रिएजेंट की उपलब्धता हो जाने से मरीजों की सभी प्रकार की जांच आसानी से हो जा रही है जिससे बीमारी के कारणों का जल्द पता लगाने में आसानी हो रही है। मीटिंग में सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह, डॉ. ओ. पी. सुंदरानी, डॉ. आर. एल. खरे, डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी, डॉ. वर्षा मुंगुटवार, डॉ. एस. के. चंद्रवंशी, डॉ. दिवाकर धुरंधर, डॉ. अंजुम खान समेत अन्य चिकित्सा शिक्षक मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में हुए शामिल

रायपुर-     गुरु गोविंद सिंह के वीर साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अमर बलिदान की कहानी अब छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाएगी। वीर साहिबजादों के वीरता की यह कहानी देश के युवाओं को साहस के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वीर बाल दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बड़ी घोषणा की। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह और वीर साहिबजादों का पुण्य स्मरण कर कहा कि हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाना चाहिए और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीर साहिबजादों के जीवनी पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी देखी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की रक्षा के लिए सिख गुरुओं के त्याग की महान सिख परंपरा की याद दिलाता है। हमें ऐसे महान वीर सपूतों की प्रेरक कहानियां अपने बच्चों और समाज को बतानी चाहिए। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह के साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया। श्री साय ने कहा कि भारत की प्रत्येक पीढ़ी गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके साहेबजादों के बलिदान को सदैव याद रखेगी। देश के लिए जीना और देश के लिए जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने की प्रेरणा हमें वीर बाल दिवस से मिलती है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता का भी स्मरण कराता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं। लेकिन गुरुगोविंद सिंह और उनके साहेबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जैसे वीर जिस धरती पर जन्म लेंगे उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि बाबा जोरावार सिंह और बाबा फतेह सिंह किसी एक धर्म या पंथ के लिए प्रेरणास्रोत नहीं हैं। वह संपूर्ण भारत के लिए अनुकरणीय हैं। श्री साय ने कहा कि भारत का चरित्र मूल रूप से सामाजिक समरसता का रहा है। हमारे देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली। हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। हमने विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया है। यह संकल्प सामाजिक समरसता से ही पूरा होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ तो देशभर में अपनी सामाजिक समरसता, शांति और सौहार्द्र के लिए जाना जाता है। इसकी जड़ों को और गहरा करना होगा।

वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रेम शंकर सिदार ने कहा कि भारत एक धर्म प्राण देश है। जब देश मे अन्याय बढ़ता है तो यहां के महापुरुष रक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं। बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह दुनिया के सबसे कम उम्र के बलिदानी हैं। वे मृत्यु के सामने भी धर्म पर अडिग रहे। उन्होंने कहा कि भारत की जीवनी शक्ति इसकी आत्मा है। देश के महापुरुषों से प्रेरणा मिलती है कि हमें देश को संभाल के रखना है। बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को उनकी माता ने उनके बुजुर्गों के बलिदान की कहानी सुनाई थी। मृत्यु भी जीत है ये सन्देश इन बच्चों ने अपने बलिदान से दिया। श्री सिदार ने कहा कि भारत के घर-घर में इन प्रसंगों की चर्चा होनी चाहिए ताकि हमारी नई पीढ़ी को इनसे प्रेरणा मिले।

इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक किरण देव, विधायक सुनील सोनी, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक मोतीलाल साहू, पूर्णेन्दु सक्सेना, पवन साय, परमिन्दर सिंह भाटिया, ज्ञानी बाज सिंह, भूपेश सवन्नी, सिख समाज के अनुयायी, प्रबुद्ध नागरिकगण और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइसेस हब बनने की पूरी संभावनाः स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल

रायपुर-  स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुख्य आतिथ्य में आज रायपुर के सिविल लाइन सर्किट हाउस में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक औषधि नियंत्रक, औषधि निरीक्षक एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदेश के 100 औषधि नियामकों की उपस्थिति रही।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा देश के 30 लाख करोड़ के मेडिकल व्यापार का आधार आप सब हैं। उन्होंने औषधि निरीक्षको के कार्यो के संबंध में कहा कि आप लोगों के द्वारा दवा एवं मेडिकल डिवाइसेस की गुणवत्ता का निर्धारण सुनिश्चित किया जाता है और आपके कार्यों पर विश्वास कर पूरा देश मेडिकल प्रोडक्ट्स का उपयोग कर रहा हैं। इस परिस्थितियों में आपको अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उस विश्वास को बनाये रखना है। श्री जायसवाल ने प्रशिक्षण की उपयोगिता तथा प्रशिक्षण के बाद उसके संवेदनशील क्रियान्वयन के महत्व को लेकर विस्तार से बात की। श्री जायसवाल ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यशाला छत्तीसगढ़ को फार्मास्यूटिकल एवं मेडिकल डिवाइस हब के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभायेगी।

इस मौके पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक चंदन कुमार ने कहा कि औषधि एवं मेडिकल डिवाइसेस के व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने भारत के संबंध में बात करते हुए कहा कि पूरे विश्व में ऐसा कोई देश नहीं है जहां पर भारतीय दवा अथवा मेडिकल डिवाइसेस की आपूर्ति नहीं की जाती। चंदन कुमार ने खाद्य नियंत्रको और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि आपके अच्छे कार्यों की वजह से ही लोगों को सुविधा मिल पाती है और उन्हें बेहतर मेडिकल संसाधन उपलब्ध हो पाते हैं।

प्रशिक्षण कार्यशाला में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के राज्य नियंत्रण प्राधिकारी बंसत कुमार कौशिक ने कार्यशाला में होने वाले प्रशिक्षण के विषय में प्रशिक्षण की रूपरेखा एवं विस्तृत तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई। प्रशिक्षण कार्यशाला का आरंभ बिहार राज्य के औषधि नियंत्रण अधिकारी डॉ. अमल कुमार के व्याख्यान से प्रारंभ हुआ जिसमें उनके द्वारा विस्तृत जानकारी के साथ ही अपने अनुभव को कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों के साथ साझा किया गया। कार्यशाला में हरियाणा के प्रबंधक-क्वालिटी एवं रेगुलेटरी एक्सपर्ट डॉ. श्रीकांत नामा द्वारा मेडिकल डिवाईस रूल्स 2017 के विषय में आवश्यक एवं महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में ब्लड सेंटर (ब्लड बैंक) के उत्थान, प्रोत्साहन एवं सफल संचालन से संबंधित नियम के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी।