2 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस शुरू, इन्टर डिसीप्लीनरी इन्नोवेशन इन साईंस एड्रेसिंग ग्लोबल इन्वायरमेंटल एंड हेल्थ चैलेंजेस विषय पर हुआ मंथन
अम्बिकापुर- वर्तमान में पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच बदली है। अब जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए शोधोन्मुख हो रहे हैं। नवाचार से हमारा जीवन सुधरेगा। यह बातें शनिवार को श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लाइफ साईंस संकाय के तत्वावधान में दो दिवसीय इन्टर डिसीप्लीनरी इन्नोवेशन इन साईंस एड्रेसिंग ग्लोबल इन्वायरमेंटल एंड हेल्थ चैलेंजेस विषय पर आयोजित इन्टरनेशनल कान्फ्रेंस के दौरान मुख्य अतिथि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.पी. सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता विज्ञान के कंधे पर आयी है। डॉ. सिंह ने पॉवर प्वाईंट के माध्यम से प्रस्तुति देते हुए जेनेटिक इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष विज्ञान, मालीक्यूलर बायोलॉजी, जीनोम टेक्नालॉजी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोविड-१९ का मुकाबला वैज्ञानिक, डॉक्टर और शोधार्थियों ने मिल कर एक साथ किया। उन्होंने डिजीटल सेल्फ रिप्रोडक्शन की आधुनिक तकनीकी से अवगत कराया। विकसित भारत के साथ दुनिया को आधुनिक बनाने के लिय कार्बन उत्सर्जन से बचना होगा। पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य के साथ अर्थनीति से समाज में विकास होगा। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ प्रदान कर और बैच लगा कर किया गया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि विज्ञान आदिकाल से है। हमारे ऋषि, महर्षि, मुनियों ने जो ज्ञान की धारा प्रवाहित की है, वह विज्ञान ही है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-१९ के दौरान विज्ञान, चिकित्सा, पर्यावरण, प्रबंधन एक मंच पर आये जिससे दुनिया को बचाया जा सका। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय सेमिनार से शोध अध्येताओं के साथ प्राध्यापक और विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विषय प्रवर्तन करते हुए क्रान्फ्रेंस के कन्वीनर अरविन्द तिवारी ने कहा कि विज्ञान, पर्यावरण, तकनीकी को एक मंच पर लाने से शाोधार्थियों को लाभ मिलेगा। यह क्रान्फ्रेंस ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में चल रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले ने कहा कि कर्तव्य और सिद्धांत को एक साथ जीने वालों के बीच इस कान्फ्रेंस की महत्ता बढ़ जाती है। उम्मीद है कि इस कान्फ्रेंस से पर्यावरण, चिकित्सा, मौसम, प्रदूषण की चुनौतियों से सामना करने में सम्बल मिलेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए होली क्रॉस वीमेन्स कॉलेज के बायोटेक्नॉलाजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक शुक्ला ने कहा कि विद्यार्थियों में शोध प्रवृत्ति बढ़नी चाहिए। भौतिकता की दौड़ में प्रोफेशनल भाग रहे हैं। अब अच्छे नवाचार करने वालों को विज्ञान की तरफ जोड़ना होगा। महाविद्यालय की शोध पत्रिका रिसर्च जोन के १४वें अंक और सोवेनियर का लोकर्पण अतिथियों ने किया।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक देवेन्द्र दास सोनवानी और पल्लवी द्विवेदी ने किया। कान्फ्रेंस के सह संयोजक डॉ. श्रीराम बघेल ने उद्घाटन सत्र का आभार प्रकट किया। अतिथियों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। छह तकनीकी सत्रों में शोध पत्रों का वाचन हुआ। ऑनलाइन मोड में अमेरिका के रोवान विश्वविद्यालय से डॉ. लालचंद विश्वकर्मा, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय से डॉ. पवन झा, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से डॉ. आरएन विश्वकर्मा, गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से डॉ. आशीष बंजारा, डॉ. डीके श्रीवास्तव आदि जुड़ रहे।
क्रान्फ्रेंस के दौरान फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष राकेश सेन, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष विवेक कुमार गुप्ता, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान के डॉ. एच.डी महार तथा देश के विश्वविद्यालयों से आये शोधार्थी और प्राध्यापकों के साथ विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Dec 21 2024, 17:13