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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की छात्राओं की खो-खो टीम करेगी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में प्रतिभाग
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की छात्राओं की खो-खो टीम लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब में आयोजित होने वाले नॉर्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी खो-खो टूर्नामेंट में प्रतिभाग करेगी।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.‌ एन.एम.पी वर्मा ने प्रतिभाग करने एवं आगामी प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन के लिए छात्राओं को बधाई दी और इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय बताया। इस अवसर पर प्रो. बी. एन. दुबे, डॉ. महेंद्र कुमार पाढी, डॉ. विनय सिंह बघेल, खेल अनुभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. मनोज डडवाल, डॉ. मीना विश्वेश्वर रक्षे एवं प्रतिभाग करने वाली खिलाड़ी मौजूद रहीं।
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तृतीय तथा लखनऊ मण्डल में हिन्दी कार्यशााला के लिए पूर्वोत्तर रेलवे को मिला प्रथम पुरस्कार
लखनऊ। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की ओर से नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय-3) लखनऊ की वर्ष 2024 की प्रथम छमाही की बैठक में मंडल रेल प्रबन्धक कार्यालय पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ को राजभाषा के प्रयोग-प्रसार में सरकारी कामकाज में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तृतीय पुरस्कार तथा लखनऊ मण्डल में हिन्दी कार्यशााला के सफलतापूवर्क आयोजन के लिए प्रथम पुरस्कार मिला।

मण्डल रेल प्रबन्धक आदित्य कुमार ने इस सराहनीय कार्य करने के लिए प्रसन्नता व्यक्त की और मण्डल के रेलवे अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया कि हम अपनी इस उपलब्धि को भविष्य में भी बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखेंगे। लखनऊ मंडल कार्यालय एवं मंडल के विशिष्ट स्टेशनों पर अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी सह अपर मण्डल रेल प्रबंधक (इंफ्रा) राजीव कुमार तथा अपर मण्डल रेल प्रबन्धक विक्रम कुमार के निर्देशन में साहित्यकारों की जयंतियों, तकनीकी संगोष्ठियों का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है। इसके अलावा इस छमाही में हिंदी पत्रिका ’प्रगति’ और हिंदी समाचार बुलेटिन ’लखनऊ दर्पण’ का नियमित प्रकाशन कराया गया। इस अवसर पर राजभाषा अधिकारी सह मण्डल वित्त प्रबंधक श्री उमेश कुमार एवं रेलकर्मी उपस्थित थे।
निजीकरण से आरक्षित वर्ग को होगा नुकसान, पदोन्नति में भी छीना जा रहा आरक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की तरफ से सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगे जाने के क्रम में आरक्षण बचाओ विभाग बचाओ अभियान के तहत आज दूसरे दिन पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में 9 सदसीय प्रतिनिधमंडल ने आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवाज पर मुलाकात की और एक ज्ञापन सौपते हुए उन्हें अवगत कराया कि वर्तमान में दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को ट्रिपल पी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र में दिए जाने की तैयारी है जिससे प्रदेश में दलित व पिछड़े वर्गों सहित आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग का आरक्षण स्वत समाप्त हो जाएगा संगठन ने कहा पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीना गया और अब नौकरियों में आरक्षण छीनने की तैयारी है।

प्रदेश के 42 जनपदों यानी कि आधे उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में उजाले के विभाग में आरक्षण खत्म हो जाएगा जो अपने आप में चिंता का विषय है ऐसे में माननीय उपमुख्यमंत्री जी आप अपने स्तर से हस्तक्षेप कर निजीकरण को रोकने का कष्ट करें और साथ ही आरक्षण पर हो रहे कुठाराघात को रोकने हेतु उचित कदम उठाएं।


प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने संगठन की मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और कहा आरक्षण पर सरकार गंभीर है हम आगे बात करेंगे। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा महासचिव अनिल कुमार सचिव आर पी केन अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार संगठन सचिव बिंदा प्रसाद सुशील कुमार वर्मा अजय कनौजिया आनंद कनौजिया ए के प्रभाकर ने उपमुख्यमंत्री से मिलने के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार सहित पावर कॉरपोरेशन से पुरजोर मांग उठाई कि निजीकरण का फैसला वापस लिया जाना चाहिए निजीकरण से किसी भी हालत में देश प्रदेश का कोई भी विकास नहीं होने वाला है निजी क्षेत्र केवल अपने फायदे में काम करते हैं इससे सबसे ज्यादा नुकसान जहां गरीबों किस का होगा वही जो बड़े पैमाने पर युवाओं का रोजगार है। वह भी खत्म हो जाएगा बिजली विभाग एक ऐसा विभाग है जहां पर सबसे ज्यादा तकनीकी अभियंताओं तकनीकी कार्मिकों के लिए रोजगार के अवसर रहते हैं वह समाप्त हो जाएगा जिससे प्रदेश के युवा वर्ग को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन एक बार मौका दे और जो भी सख्त से सख्त नियम बनाना चाहे बना ले हम बिजली निगमन में सुधार करके उसे आत्मनिर्भर बनाएंगे शर्ट केवल लिया है कि अभियंताओं व कार्मिकों को पूरा निष्पक्ष रूप से मौका दिया जाए उन्हें हतोत्साहित न किया जाए।
निजीकरण से आरक्षित वर्ग को होगा नुकसान, पदोन्नति में भी छीना जा रहा आरक्षण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की तरफ से सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगे जाने के क्रम में आरक्षण बचाओ विभाग बचाओ अभियान के तहत आज दूसरे दिन पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में 9 सदसीय प्रतिनिधमंडल ने आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवाज पर मुलाकात की और एक ज्ञापन सौपते हुए उन्हें अवगत कराया कि वर्तमान में दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को ट्रिपल पी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र में दिए जाने की तैयारी है जिससे प्रदेश में दलित व पिछड़े वर्गों सहित आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग का आरक्षण स्वत समाप्त हो जाएगा संगठन ने कहा पहले पदोन्नतियों में आरक्षण छीना गया और अब नौकरियों में आरक्षण छीनने की तैयारी है।

प्रदेश के 42 जनपदों यानी कि आधे उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में उजाले के विभाग में आरक्षण खत्म हो जाएगा जो अपने आप में चिंता का विषय है ऐसे में माननीय उपमुख्यमंत्री जी आप अपने स्तर से हस्तक्षेप कर निजीकरण को रोकने का कष्ट करें और साथ ही आरक्षण पर हो रहे कुठाराघात को रोकने हेतु उचित कदम उठाएं।


प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने संगठन की मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और कहा आरक्षण पर सरकार गंभीर है हम आगे बात करेंगे। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा महासचिव अनिल कुमार सचिव आर पी केन अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार संगठन सचिव बिंदा प्रसाद सुशील कुमार वर्मा अजय कनौजिया आनंद कनौजिया ए के प्रभाकर ने उपमुख्यमंत्री से मिलने के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार सहित पावर कॉरपोरेशन से पुरजोर मांग उठाई कि निजीकरण का फैसला वापस लिया जाना चाहिए निजीकरण से किसी भी हालत में देश प्रदेश का कोई भी विकास नहीं होने वाला है निजी क्षेत्र केवल अपने फायदे में काम करते हैं इससे सबसे ज्यादा नुकसान जहां गरीबों किस का होगा वही जो बड़े पैमाने पर युवाओं का रोजगार है। वह भी खत्म हो जाएगा बिजली विभाग एक ऐसा विभाग है जहां पर सबसे ज्यादा तकनीकी अभियंताओं तकनीकी कार्मिकों के लिए रोजगार के अवसर रहते हैं वह समाप्त हो जाएगा जिससे प्रदेश के युवा वर्ग को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन एक बार मौका दे और जो भी सख्त से सख्त नियम बनाना चाहे बना ले हम बिजली निगमन में सुधार करके उसे आत्मनिर्भर बनाएंगे शर्ट केवल लिया है कि अभियंताओं व कार्मिकों को पूरा निष्पक्ष रूप से मौका दिया जाए उन्हें हतोत्साहित न किया जाए।
युवाओं को रोजगारपरक कौशल देकर ही देश की प्रगति संभव है - कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल
लखनऊ। प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मध्य प्रदेश के कौशल विकास मॉडल का अध्ययन करने और उसकी कार्यप्रणाली को समझने के उद्देश्य से भोपाल का दौरा किया।
उन्होंने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) परियोजना के तहत विकसित संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क का निरीक्षण किया और वहां चल रही योजनाओं, नवाचारों और तकनीकी पाठ्यक्रमों की जानकारी ली।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने मंत्री अग्रवाल का स्वागत किया।

निरीक्षण के दौरान मंत्री अग्रवाल ने स्किल पार्क की विश्वस्तरीय सुविधाओं, अत्याधुनिक लैब्स और तकनीकी प्रशिक्षण केंद्रों की सराहना की। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मध्य प्रदेश की कौशल विकास रणनीतियों को अनुकरणीय बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश इनसे प्रेरणा लेकर अपने युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नई योजनाएं लागू करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक देश तभी प्रगति करता है, जब उसके युवा कामयाब और सफल होते हैं। युवा ही देश की सबसे बड़ी पूंजी और असली संपत्ति हैं। हमारा उद्देश्य युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान कर उन्हें सफलता की नई बुलंदियों तक पहुंचाना है। उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को सशक्त, रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्लोबल स्किल पार्क, जिसे एडीबी की सहायता से विकसित किया गया है, आधुनिक तकनीकों जैसे रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और साइबर सिक्योरिटी में प्रशिक्षण प्रदान करता है। अत्याधुनिक लैब्स और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रशिक्षण केंद्र युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करना और भविष्य की औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, निदेशक नेहा प्रकाश, उप निदेशक मानपाल सिंह और मध्य प्रदेश के सचिव रघुराज राजेंद्र, निदेशक जी.एन. अग्रवाल, उप निदेशक आर.के. अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अंबुज पटेल प्रोफेशनल मंच के बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष दी गई नई जिम्मेदारी
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश  अध्यक्ष रामाशीष राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी  के निर्देशनुसार तथा राष्ट्रीय महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी के अनुमोदनोपरांत लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ नेता अम्बुज पटेल को प्रोफेशनल मंच के प्रदेश अध्यक्ष की नई जिम्मेंदारी सौंपी है। इनके मनोयन से पार्टी संगठन मजबूती होगी।

अम्बुज पटेल के मनोनयन पर प्रदेश कोषाध्यक्ष बी0एल0 प्रेमी, प्रदेश प्रवक्ता अंकुर सक्सेना, श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश पाल धनगर,प्रदेश प्रवक्ता सम्राट सिंह चौहान, आमिर साबिरी, प्रदेश महासचिव् रमावती तिवारी, [प्रदेश सह मिडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी, सदस्य कार्यकारिणी सुमित सिंह, युवा रालोद के प्रदेश महासचिव विपिन द्विवेदी व अन्य उपस्थित पदाधिकारियों ने भी उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की।
अधिवक्ता समाज से माफी मांगे सपा प्रमुख अखिलेश यादव
लखनऊ। लखनऊ के प्रेस क्लब स्थित प्रथम तल पर प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसको संयुक्त रूप से अवध बार एसोसिएशन, उच्च न्यायालय, लखनऊ के उपाध्यक्ष गणेश नाथ मिश्र व संयुक्त सचिव प्रशासन देवकी नंदन पाण्डेय ने सम्बोधित किया। पत्रकार वार्ता में अवध बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रशासन देवकी नंदन पाण्डेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर अखिलेश यादव द्वारा निरन्तर सनातन धर्म व हिन्दू हितों की रक्षा में पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं पर अशोभनीय टिप्पणी की जा रही है तथा उनके विरुद्ध आम जन मानस को भडकाया जा रहा है, जबकि अधिवक्ता अपने मुवक्किल की पैरवी का एक माध्यम होता है और अपने मुवक्किल की बात को तथ्य और कानून के आधार पर न्यायालय के समक्ष रखता है जिसके बाद न्यायालय सभी पक्षों को सुनने के बाद नियम के तहत उचित निर्णय पारित करती है।

अधिवक्ता केवल अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करता है जो उसके अधिकार निहित कर्तव्य हैं, ऐसे में अखिलेश यादव द्वारा यह कहना कि वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन व उनके पुत्र अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा देश के अमन चैन छीनने का कार्य किया जा रहा है तथा अखिलेश यादव द्वारा उन पर दण्डात्मक व अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग करना व उनके विरुद्ध ओछी टिप्पणी करना श्री अखिलेश यादव कि घृणित मानसिकता को दर्शाता है । अखिलेश यादव द्वारा अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का चित्र सोशल मिडिया पर लगाकर यह लिखना की जनपद-सम्भल में हुई फसाद की जड़ वही हैं। यह बहुत निन्दनीय है जिसकी मैं कड़ी भर्तस्ना एवं निन्दा करता हूँ। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए अवध बार एसोसिएशन, उच्च न्यायालय, लखनऊ के उपाध्यक्ष गणेश नाथ मिश्र द्वारा कहा गया कि यदि कोई अधिवक्ता तर्क, तथ्य और कानून के आधार पर न्यायालय में कोई मुकदमा करता है या अपनी वात रखता है इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह अधिवक्ता का अधिकार है, परन्तु अखिलेश यादव द्वारा राजनितिक फायदे के लिये न्यायिक प्रक्रिया को वाधित करने का प्रयास किया जा रहा है तथा राजनितिक रंग दिया जा रहा है और अधिवक्ताओं की व्यक्तिगत आलोचना की जा रही है तथा अखिलेश यादव द्वारा समाज में यह फैलाया जा रहा है कि जनपद-सम्भल में दंगा अधिवक्ताओं द्वारा कराया जा रहा है जो अनुचित व निदंनीय है। अखिलेश यादव के इस कृत्य से अधिवक्ता व उनके परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं जो स्वयं में अपराध है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन से श्री अखिलेश यादव का व्यक्तिगत द्वेष लाजमी है क्योंकि सन 2013 में जव  अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तव जनपद-विजनौर, वनारस, गोरखपुर, लखनउ, कानपुरनगर, रामपुर, मुरादाबाद, वारावंकी में विभिन्न गम्भीर घटनाओं में पकड़े गये आतंकवादियों पर लगे मुकदमों को वापस लेने का आदेश उनकी सरकार द्वारा दिया गया था परन्तु उनके मनसूबों पर पानी फेरते हुए हरि शंकर जैन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, लखनउ में जनहित याचिका सं0.4683/2013 (सुश्री रंजना अग्निहोत्री वनाम यूनियन ऑफ इण्डिया) दाखिल किया गया था जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय, लखनउ ने आतंकवादियों के ऊपर लगे मुकदमों को वापस लेने पर रोक लगा दिया था और श्री अखिलेश यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय विरोधी एवं तुष्टिकरण के कार्य में सफलता नहीं मिली थी इसलिये भी अखिलेश यादव वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन से व्यक्तिगत द्वेष रखते हैं। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन व उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन द्वारा मो. अली जौहर विश्वविद्यालय के विषय पर भी याचिका योजित की गई थी जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन जी को सफलता प्राप्त हुई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरि शंकर जैन द्वारा The Places of Worship (Special Provision), Act 1991 की वैधता को माननीय उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है जिसमें केन्द्र सरकार को नोटिस जारी हुई है, यह मुकदमे न्यायालय में लवित है। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरि शंकर जैन द्वारा The Waqf Act, 1995 की वैधता को चुनौती देते हुए देश के अलग-अलग माननीय उच्च न्यायालय में लगभग 120 याचिकायें दाखिल की गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन जी का विधिक कार्यों का लम्बा इतिहास है श्री जैन जी द्वारा श्री राम मन्दिर अयोध्या, ज्ञानवापी काशी वनारस के मुकदमें में प्रमुख भूमिका निभयी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन एवं उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन द्वारा जहां-जहां धर्म और राष्ट्रीय हित के खिलॉफ बनाये गये कानून पाये गयें है उसके खिलाफ विधिक लड़ाई न्यायालय के माध्यम से लड़ी जा रही है। श्री जैन केवल मन्दिर, मस्जिद इत्यादि के अलावा भी जनहित के तमाम महत्वपूर्ण मुकदमे करते हैं जिस कारण अखिलेश यादव द्वारा उनको दंगा भढ़काने वाला कहना अनुचित नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन एवं उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन देश के विभान्न स्थानों पर स्थित मन्दिरों तथा जनहित में लगभग 204 मुकदमें देश के विभन्न न्यायालयों में योजित किया गया है जिसमें अधिकतर में सफलता मिली है, कुछ मकदमें सुनवाई हेतु लंवित है । वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरि शंकर जैन एवं उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन द्वारा विधि के क्षेत्र में न्यायालय के माध्यम से ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है उनके द्वारा कभी भी कोई गैर विधिक प्रक्रिया नहीं की गई है। जहां तक The Places of Worship (Special Provision), Act 1991 की वात है यह एक्ट हर जगह लागू नहीं होता है लेकिन अज्ञानता में लोग इसकी दुहाई देते रहते हैं। जहां तक मन्दिरों से जुड़े मकदमों की वात है जब किसी मन्दिर की स्थापना हो जाती है तो वह अनन्तकाल तक रहती है, यह वात माननीय उच्चतम न्यायालय ने श्री राम मन्दिर में दिये गये निर्णय में कही है तथा इसका उत्लेख धर्मशास्त्रों में भी है तथा मन्दिर तोड़ने से देवता का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है और यदि अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ है तो तोड़े हुए मन्दिर पर पुनः मन्दिर का निर्माण होना चाहिये इसलिये विधिक लड़ाई न्यायालय के माध्यम से लड़ी जा रही है। अखिलेश यादव द्वारा हिन्दुओं के हित के खिलाफ पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं की सदैव सरहाना की गई है तथा ऐसे अधिवक्ताओं को उनके द्वारा अपनी सरकार में उच्च पदों पर बैठाया गया था। अखिलेश यादव जी की मानसिकता हिन्दू जन मानस विरोधी है इसलियें हिन्दुओं हितों की पैरवी करने वालों को उनके द्वारा निरन्तर निशाने पर लिया जा रहा है जो उनकी तुष्टिकरण की राजनिति का औछा प्रयास है। उनके इस कृत्य की हम कड़ी निन्दा व भर्तस्ना करते हैं तथा उत्तर प्रदेश सरकार, केन्द्र सरकार, बार कांउसिल ऑफ इण्डिया व बार कांउसिल ऑफ यू०. पी०. से मांग करते है कि श्री अखिलेश यादव के विरुद्ध तत्काल कठोर प्रशासनिक कार्यवाही करें अन्यथा समस्त अधिवक्तागण आन्दोलन करने के लिए बाध्य होंगे ।
प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने नगर की सफाई व्यवस्था को देखने के लिए किया औचक निरीक्षण


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने शुक्रवार को सुबह 7 बजे नगर की सफाई व्यवस्था को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया। उन्होंने नगर निगम के चार वार्डाे की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया। इनमें अंबेडकर नगर वार्ड, मालवीय नगर वार्ड, कल्बे आबिद वार्ड तथा ऐशबाग वार्ड शामिल है।

इस दौरान उन्होंने नगर निगम द्वारा संचालित शौचालयों का भी निरीक्षण किया। प्रभारी मंत्री ने वार्डों में सफाई व्यवस्था को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सफाई व्यवस्था सही न कराने पर नगर निगम के जोन 6 के जोनल अधिकारी मनोज कुमार तथा सफाई निरीक्षक का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया। इस दौरान उन्होंने जोन 2 की जोनल अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए संबंधित वार्डाे में सफाई व्यवस्था के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई और पानी के सही से निकास के लिए नालियों से अतिक्रमण को हटाया जाए एवं नालियों की नियमित सफाई कराई जाए। उन्होंने बाजार खाला में पुल के नीचे मुख्य मार्ग में जल रहे कूड़े को देखकर नाराजगी जाहिर की। वहां पर नाली के ऊपर एलटी पैनल को तत्काल हटाने तथा जाम नाली की सफाई के निर्देश दिए।

श्री खन्ना ने निरीक्षण के दौरान नींबू पार्क के पास अवैध फूल मंडी को हटाने तथा तथा अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए। नींबू पार्क स्थित सामुदायिक शौचालय का भी निरीक्षण किया तथा शौचालय की सफाई संतोषजनक पाई। अब्दुल अजीज रोड चौपटिया मुख्य मार्ग पर जमा सिल्ट और मोरंगबालू को हटाने एवं सफाई कराने का निर्देश दिया। संदोहन देवी मंदिर के पास व पड़ाव घर के पास इकट्ठा गंदगी व कूड़ा को देखकर संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई तथा स्थानीय लोगों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए कूड़े को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित कूड़ा एजेंसी को अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कूड़ा उठाने के निर्देश दिए जाए और नियमित इसकी मॉनिटरिंग भी की जाए। उन्होंने क्षतिग्रस्त कूड़ा घर का मरम्मत कराए जाने का भी निर्देश दिया। ऐशबाग वार्ड में भी स्थित कूड़ा घर एवं शौचालय की भी मरम्मत करायें जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी जोनों के जोनल अधिकारी अपने-अपने जोन में नियमित निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान लखनऊ नगर निगम की मेयर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह, स्वच्छता प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार मिश्रा संबंधित मेयर सहित नगर निगम के अधिकारी एवं अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ द्वि- दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का बेहतरीन समापन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा पोषित एवं अर्थशास्त्र विभाग, बीबीएयू द्वारा 'जलवायु लचीले समाज का निर्माण: मुद्दे और चुनौतियाँ (Building Climate Resilient Society: Issues and Challenges)' विषय पर आयोजित द्वि- दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का बेहतरीन समापन हुआ। समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के डायरेक्टर डॉ. रसप्पा विश्वनाथन उपस्थित रहे।

इसके अतिरिक्त मंच पर अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सनातन नायक एवं डॉ. सुरेंद्र मेहर उपस्थित रहे। सर्वप्रथम आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ भेंट करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया गया। इसके बाद कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुरेंद्र सिंह जाटव द्वारा द्वि- दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। मंच संचालन का कार्य डॉ. साधना सिंह ने किया।

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के डायरेक्टर डॉ. रसप्पा विश्वनाथन ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि गन्ना एक प्रमुख बहुवर्षीय एवं व्यावसायिक फसल है , जिसके अच्छे प्रबंधन से साल दर साल 1,50,000 रूपये प्रति हेक्टेयर से अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अनुकूल रहने वाली फसलों के बारे में बताया एवं कृषि के क्षेत्र में तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके रोजगार के अवसरों को तराशने की सलाह दी।

विभागाध्यक्ष प्रो. सनातन नायक ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कृषि का क्षेत्र काफी हद तक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है, इसीलिए इस क्षेत्र में विकास की अत्यंत आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने इथेनॉल निर्माण की विशेषताओं, जलवायु परिवर्तन एवं मानवीय क्रियाकलापों से होने वाली हानियों पर विस्तृत चर्चा की। संगोष्ठी के दूसरे दिन चार परिपूर्ण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें देश- विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से सम्मिलित प्रतिभागियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।प्रथम परिपूर्ण सत्र बीबीएयू के डॉ. सुरेंद्र मेहर की अध्यक्षता में 'जलवायु लचीलेपन और ग्रामीण विकास पर केस अध्ययन' विषय पर ऑनलाइन माध्यम में आयोजित किया गया। इसके अतिरिक्त दूसरा परिपूर्ण सत्र जयपुरिया इंस्टिट्यूट, नोएडा के डॉ. अमरनाथ त्रिपाठी की अध्यक्षता में 'जलवायु वित्त, लचीली रणनीतियाँ और ग्रामीण विकास' विषय पर, तीसरा परिपूर्ण सत्र गोविन्द बल्लभ पन्त सोशल साइंस इंस्टीट्यूट, प्रयागराज की डॉ. पूजा पाल की अध्यक्षता में 'पूर्व अनुकूलन रणनीतियाँ और ग्रामीण विकास' विषय पर एवं चौथा परिपूर्ण सत्र प्रो. सनातन नायक की अध्यक्षता में 'आईसीटी का उपयोग, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास' विषय पर आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ. सुरेंद्र मेहर द्वारा किया गया। समस्त कार्यक्रम के दौरान शिक्षकगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये प्रतिभागी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
                   
विश्व मात्स्यिकी दिवस समारोह का आयोजन केज कल्चर मछली के गहन उत्पादन के लिए एक उभरती हुई तकनीक है - डा संजय कुमार निषाद
लखनऊ। मत्स्य विभाग, उ.प्र. द्वारा विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर चौधरी चरण सिंह सभागार, सहकारिता भवन लखनऊ में आज समारोह आयोजित किया गया।

इस अवसर पर मत्स्य विकास मंत्री डा संजय कुमार निषाद ने कहा कि मत्स्य पालन तकनीक एवं नदियों व जलाशयों में मत्स्य अंगुलिका का संचय, मत्स्य आखेट प्रबंधन की जानकारी, जलक्षेत्रों के दोहन न करने व जल क्षेत्र की सस्टेनेबिलिटी (निरंतरता) बनाते हुए अधिक से अधिक मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ देशीय मत्स्य प्रजातियों का संरक्षण व संवर्धन के लिए समारोह का आयोजन किया गया है। प्रदेश में उपलब्ध कुल जलक्षेत्रों से वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश का कुल मत्स्य उत्पादन 11.60 लाख मी टन एवं मत्स्य उत्पादकता 5539.00 किग्रा/हे/वर्ष प्राप्त हुआ।

डा निषाद ने कहा कि प्रदेश में गंगा, यमुना, चम्बल, बेतवा, गोमती, घाघरा एवं राप्ती सहित कई सदाबाही नदियॉ बहती हैं, जिनके दोनों किनारे एवं आसपास मछुआ समुदाय की घनी आबादी निवास करती है, जो आजीविका हेतु मुख्यतः मत्स्य पालन, मत्स्याखेट एवं मत्स्य विपणन कार्यों पर निर्भर है। इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने एवं उनके आर्थिक उन्नयन के लिए अभियान चलाकर मत्स्य जीवी सहकारी समितियों के गठन की कार्यवाही की जा रही है जिसके अन्तर्गत 565 समितियों के गठन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए समिति गठन की कार्यवाही कराई जा रही है। मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि केज कल्चर मछली के गहन उत्पादन के लिए एक उभरती हुई तकनीक है। जलाशयों में स्थापित केजों मे पंगेशियस और गिफ्ट तिलपिया का पालन करते हुए उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है। प्रमुख सचिव मत्स्य के रवीन्द्र नायक ने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा प्रदेश के मत्स्य पालकों तथा जलाशय के ठेकेदारों को नवीन तकनीकी प्रदान की जा रहाई है एवं उनके द्वारा प्रदेश के मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हेतु पूर्ण मनोयोग से कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में मात्स्यिकी क्षेत्र के विस्तार से रोजगार के साधन उपलब्ध होने के साथ-साथ लक्षित वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में मत्स्य सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उपस्थित मत्स्य पालकों एवं ठेकेदारों से मत्स्य उत्पादन में वृद्धि लाए जाने के संबंध में सुझाव आमंत्रित किए गये। अधिक से अधिक केज लगाए जाने के संबंध में प्रमुख सचिव मत्स्य द्वारा भारत सरकार से धनराशि की मांग की बात कही और यह भी कहा कि जलाशय के ठेकेदार आर्थिक रूप से सम्पन्न होते है वह स्वयं के संसाधन से भी जलाशयों में केज स्थापित कराए। महानिदेशक मत्स्य राजेश प्रकाश ने बताया कि प्रदेश में मत्स्य विकास की आपार सम्भावनाएं है। उपलब्ध जल संसाधनों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी दृष्टि से समुचित उपयोग करते हुए प्रदेश को मत्स्य उत्पादन में अग्रणी बनाया जा सकता है। प्रदेश के मत्स्य पालकों द्वारा वर्तमान में नवोनवेशी तकनीकी के माध्यम से मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा रही है। विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में निदेशक मत्स्य एन.एस रहमानी विश्व मात्स्यिकी दिवस के बारे में प्रकाश डालते हुए इसके उद्देश्यों एवं प्रदेश में मत्स्य विकास के बारे में विस्तार से बताया गया। श्री रहमानी द्वारा बताया गया कि मत्स्य उत्पादन वर्ष 2023-24 में 11.60 लाख मीट्रिक टन प्राप्त किया गया।

अन्तर्स्थलीय मछली उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 8.85 प्रतिशत है। प्रदेश में मत्स्य उत्पादकता 5540 किलोग्राम/ हेक्टेयर/वर्ष है। प्रदेश को वर्ष 2020 एवं 2023 के दौरान अन्तर्स्थलीय मछली उत्पादन में उत्कृष्ट योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ अन्तर्स्थलीय मत्स्य पालन राज्य का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 36664.64 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन किया गया तथा प्रदेश के बाहर भी मेजर कार्प मत्स्य बीज निर्यात किया जा रहा है। प्रदेश मे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत विगत चार वर्षों में 1277 इन्फ्रास्ट्रक्चर इकाईयां स्थापित की गयी जिसमें मुख्यतः 954 रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, 63 मत्स्य बीज हैचरी, 123 लघु एवं वृहद मत्स्य आहार मिलों, 55 फिश कियोश्क, 78 जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, 04 मोबाइल लैब की निजी क्षेत्र में स्थापित करायी गयी। मछली की बिक्री हेतु कोल्डचेन अंतर्गत विभिन्न प्रकार की 2604 इकाइयों पर अनुदान देते हुए लाभान्वित किया गया है। मत्स्य बीज की उपलब्धता हेतु 63 मत्स्य बीज हैचरी, 266 हे. में मत्स्य बीज रियरिंग यूनिट निर्मित करायी गयी हैं। 2019.72 हे. क्षेत्रफल के निजी क्षेत्र तालाब निर्माण कराया गया है। केज मे मत्स्य उत्पादकता के दृष्टिगत 682 केज स्थापित कराए जा चुके है। 1,50,000 मछुआरों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत पंजीकृत कर आच्छादित किया गया। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत पट्टे पर आवंटित तालाबों में प्रथम वर्ष निवेश हेतु अब तक 954 लाभार्थियों को 822.22 हे. पर अनुदान प्रदान किया गया एवं मत्स्य बीज बैंक स्थापना अंतर्गत 96 लाभार्थियों को 91.044 हे. पर अनुदान प्रदान किया गया। निषादराज बोट सब्सिडी योजना में अब तक कुल 920 मछुआ समुदाय के गरीब व्यक्तियों को जीवकोपार्जन हेतु मछली पकड़ने एवं बेचने हेतु नाव, जाल, ऑइसबाक्स एवं लाइफ जैकेट उपलब्ध कराये गये। विगत चार वर्षों में 28520 व्यक्तियों को मत्स्य पालन हेतु 25858.39 हे0 क्षेत्रफल के ग्रामसभा के तालाबों के पट्टे उपलब्ध कराये गये। मत्स्य पालक कल्याण फण्ड के अंतर्गत मछुआ बाहुल्य 289 ग्रामो में 3126 सोलर स्ट्रीट लाइट एवं 570 हाईमास्ट लाइट की स्थापना करायी गयी। कोष के माध्यम से चिकित्सा सहायता, दैवीय आपदा, प्रशिक्षण एवं मछुआ आवास निर्माण हेतु सहायता प्रदान की गयी। माता सुकेता परियोजना के अंतर्गत 250 केज मछुआ समुदाय की महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु लगाये जाने का प्रावधान है। 16757 मत्स्य पालकों को धनराशि रू0 131.00 करोड़ के किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये गये। रिवर रैन्चिंग अंतर्गत मेजर कार्प एवं राज्य मीन चिताला मत्स्य प्रजातियों के नदियों मे संरक्षण हेतु कुल 297 लाख मत्स्य बीज नदियों में संचित कराया गया। विभागीय योजनाओं को पारदर्शी ढंग से आनलाइन पोर्टल https://fisheries.up.gov.in के माध्यम से लागू की गयी हैं। मो० परवेज खान प्रगतिशील मत्स्य पालक जनपद बाराबंकी द्वारा आर ए एस एवं फ़ीड मिल के बारे में विस्तार से मत्स्य पालकों को जानकारी दी गयी। डा संजय श्रीवास्तव जनपद महराजगंज के प्रगतिशील मत्स्य पालक द्वारा हैचरी निर्माण में उसके लाभ लागत के संबंध में उपस्थित मत्स्य पालकों को तकनीकी विधियों के बारे में को जानकारी दी गयी। श्रीमती मंजू कश्यप प्रगतिशील मत्स्य पालक जनपद गाजियाबाद द्वारा तालाब प्रबंधन एवं दूषित तालाबों में सफल मत्स्य पालन कैसे किया जाए के संबंध में मत्स्य पालकों को जानकारी दी गई। उक्त के अतिरिक्त उनके द्वारा एकीकृत मत्स्य पालन की विधाओ के बारें में भी जानकारी दी गई। देवमणि निषाद जनपद गौरखपुर द्वारा अपने सफलता की कहानी को मत्स्य पालकों के साथ साझा किया गया तथा अधिक उत्पादन प्राप्त करने के संबंध में जानकारी दी गई। जय सिंह निषाद द्वारा आरएएस के माध्यम से कम भूमि एवं जल से अधिक से अधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त किए जाने के संबंद में अपने अनुभव को उपस्थित मत्स्य पालकों से साझा किया गया। दरोगा जुल्मी निषाद द्वारा मत्स्य पालन में उत्कृष्ट कार्य किए जाने के संबंध में उन्हे पुरुष्कृत किया गया। मनीष वर्मा द्वारा जलाशयों मे केज स्थापना एवं उसमें उत्पादित की जाने वली मछलियों तथा प्रति केज से प्राप्त की जाने वाली शुद्ध आय के संबंध में अपने उदबोधन में मत्स्य पालकों को जानकारी दी गयी। डॉ नीरज सूद, प्रधान वैज्ञानिक एनबीएफजीआर लखनऊ द्वारा संस्थान के कार्यों के संबंध में विस्तार से बताते हुए मत्स्य उत्पादन में वृद्धि हेतु उचित मात्रा में गुणवत्ता युक्त मत्स्य अंगुलिका का संचय कराते हुए मत्स्य उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। प्रदेश की वन ट्रिलियन डालर ईकोनामी के मत्स्य सेक्टर के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। श्रीमती मोनिशा सिंह प्रबंध निदेशक उ.प्र. मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि. द्वारा संघ द्वारा समितियों एवं मत्स्य पालकों हेतु संचालित कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। श्रीमती अंजना वर्मा मुख्य महाप्रबंधक उ.प्र. मत्स्य विकास निगम लि. द्वारा निगम द्वारा मत्स्य बीज उत्पादन तथा प्रदेश में मत्स्य बीज की उपलब्धता तथा जलाशयों में केज केज कल्चर के माध्यम से जलाशयों के मत्स्य उत्पादकता बारे में बताया गया। मंत्री जी द्वारा मात्स्यिकी के विभिन्न क्षेत्र में प्रदेश में उत्कृष्ट योगदान कर रही मंजू कश्यप प्रगतिशील मत्स्य पालक जनपद गाजियाबाद, देवमणि निषाद जनपद गौरखपुर, जय सिंह निषाद, दरोगा जुल्मी निषाद सहित 16 व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मत्स्य की विभिन्न गतिविधियों मे अनुदानित 36 व्यक्तियों को  मंत्री द्वारा अनुदान की धनराशि के चेक व प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। विभाग द्वारा निःशुल्क मछुआ दुर्घटना बीमा योजना से आच्छादित करने हेतु मछुआ दुर्घटना बीमा योजना के माध्यम से वर्ष 2024-25 में कुल लक्षित 1,50,000 मत्स्य पालकों का आच्छादन कराये जाने हेतु कार्यवाही की गयी। केज कल्चर के साथ साथ पेन कल्चर तथा जिंदा मछली विक्रय केंद्र को प्रोसाहित करते हुए उत्पादन के साथ साथ मूल्य वर्धन के माध्यम से आय में वृद्धि लायी जाय। उपस्थित मत्स्य पालकों से सुझाव मांगे गये तदानुसार उत्पादन के बढ़ावा हेतु कार्ययोजना तैयार कराई जा सके। उप निदेशक श्री पुनीत कुमार द्वारा उपस्थित अतिथियों एवं मत्स्य पालकों तथा जलाशय के ठेकेदारों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कार्यशाला के समापन की घोषणा की गयी। कार्यक्रम उ.प्र. मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि. के सभापति श्री वीरू निषाद एवं विभागीय अधिकारी सहित मत्स्य पालक उपस्थित रहे।