दरभंगा में पिता की मौत के बाद बेटा बेसहारा
दरभंगा में रोहित पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। ना रहने के लिए घर, ना खाने का ठिकाना है। यह हाल दरभंगा जिला के कमतौल थाना क्षेत्र के मुरैठा गांव निवासी रोहित कुमार झा की है। रोहित के पिता की मौत 20 नवंबर को कमतौल बाजार से घर लौटने के दौरान सड़क हादसे में हो गई थी।ग्रामीण और पड़ोसियों का कहना है कि अब रोहित का पालन-पोषण और देखरेख करने वाला कोई भी नहीं बचा है, ना ही तो पिता अपने पीछे कोई पैतृक संपत्ति छोड़ गए हैं। अब ऐसे में नाबालिग के सामने जीवन यापन करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
20 नवंबर को सड़क हादसे में गई थी जान
आस-पास के लोगों का कहना है कि रोहित के पिता 65 वर्षीय टेंपो और स्कॉर्पियो की टक्कर में 20 नवंबर की देर शाम कमतौल में घायल हो गए। इलाज के दौरान डीएमसीएच में मौत हो गई। मृतक का परिवार बेहद गरीबी में अपना गुजर बसर कर रहा था। जिस कमरे में बुजुर्ग रहता था उसे देखकर शायद आपको अपनी आंखों पर यकीन ना हो।पड़ोसियों ने बताया कि ना ही जमीन है, ना ही घर। खाना का भी कोई ठिकाना नहीं है। मौत के तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई हाल-चाल जानने नहीं पहुंचा है। सांसद और विधायकों की तो बात दूर है, गांव के मुखिया और सरपंच तक ने इस गरीब परिवार की सुधि नहीं ली है।
जीवन यापन करने का कोई सहारा नहीं बचा
पड़ोसियों ने बताया कि रोहित के पास जीवन यापन करने का कोई सहारा नहीं बचा है। मृतक के पड़ोसी भोला झा और चंद्र देव झा ने बताया कि फिलहाल रोहित को पड़ोसी खाना खिला दिया करते हैं। पर कितने दिनों तक ऐसा चलता रहेगा। सरकार को इस निसहाय बच्चे के लिए कुछ सोचना चाहिए।पड़ोस के ही रागिनी देवी, नीलम देवी, रजनी झा ने बताया कि पूर्व से ही रोहित के माता-पिता काफी गरीबी में गुजर बसर कर रहे थे। इसकी वजह से रोहित ने पढ़ाई भी नहीं की। उसे पढ़ना-लिखना नहीं आता है। पड़ोसियों का कहना है कि रोहित अभी 16 वर्ष के आसपास का ही है। घर के लोगों ने उसका जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य दस्तावेज नहीं बनवाया। जिसकी वजह से उसके सही उम्र की जानकारी प्रमाणित नहीं हो पा रही है।
बच्चे की सहायता की अपील
मृतक के संबंधी सुधीर कुमार झा ने रोते हुए कहा कि इतनी दर्दनाक मौत होने के बावजूद मुखिया, सरपंच, विधायक और मंत्री में से किसी ने अब तक हाल भी नहीं जाना है। हम लोगों ने विधायक से भी संपर्क करने का प्रयास किया। पर कोई जवाब नहीं मिला। सुधीर कुमार झा ने कहा कि मैं मुखिया, सरपंच और जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि इस नि:सहाय बच्चे की सहायता के लिए आगे आए।
दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

ग्रामीण और पड़ोसियों का कहना है कि अब रोहित का पालन-पोषण और देखरेख करने वाला कोई भी नहीं बचा है, ना ही तो पिता अपने पीछे कोई पैतृक संपत्ति छोड़ गए हैं। अब ऐसे में नाबालिग के सामने जीवन यापन करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
पड़ोसियों ने बताया कि ना ही जमीन है, ना ही घर। खाना का भी कोई ठिकाना नहीं है। मौत के तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई हाल-चाल जानने नहीं पहुंचा है। सांसद और विधायकों की तो बात दूर है, गांव के मुखिया और सरपंच तक ने इस गरीब परिवार की सुधि नहीं ली है।
पड़ोस के ही रागिनी देवी, नीलम देवी, रजनी झा ने बताया कि पूर्व से ही रोहित के माता-पिता काफी गरीबी में गुजर बसर कर रहे थे। इसकी वजह से रोहित ने पढ़ाई भी नहीं की। उसे पढ़ना-लिखना नहीं आता है। पड़ोसियों का कहना है कि रोहित अभी 16 वर्ष के आसपास का ही है। घर के लोगों ने उसका जन्म प्रमाण पत्र या कोई अन्य दस्तावेज नहीं बनवाया। जिसकी वजह से उसके सही उम्र की जानकारी प्रमाणित नहीं हो पा रही है।

विश्वविद्यालय ने जारी किया पत्र।
सदर एसडीपीओ 2 ज्योति कुमारी ने बताया कि अपराधियों के पास से लूटी गई 19.420 ग्राम सोना, 157 ग्राम चांदी, एक पेचकस, पूजा घर से चोरी गया पेटी के साथ चार धार्मिक पुस्तक, आठ पीस गेरुआ और पीला रंग का छोटा कपड़ा, चुनरी तीन पीस और पीला लाल रंग का धागा बरामद किया गया है।
मामला गुरुवार की सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुआ। जब गिफ्ट दुकानदार रतनपुर निवासी मनीष कुमार अपने दुकान पर पहुंचे ही थे। अचानक एक कम्प्यूटराइज्ड कॉल उनके फोन पर आया। इसमें IVR के माध्यम से बताया गया कि उनके ICICI बैंक खाते से 43,565 रुपए निकासी की गई है। कम्प्यूटराइज्ड कॉल पर ही बताया गया कि अगर आपने यह ट्रांजैक्शन नहीं किया है तो 9 दबाएं। 9 दबाते ही कॉल कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
सरकार के उपेक्षा का शिकार महिला सशक्तिकरण का संदेश देने वाला स्थल
1980 के दशक से अब तक कई भूकंप के झटकों को सह चुके इस मंदिर में कई दरारें बन चुकी हैं। पूरे मंदिर के दीवार और गुंबद पर पेड़ पौधे उग आए हैं। मंदिर की यह स्थिति कोई नई-नहीं है। बरसों से यह अपनी कायाकल्प की प्रतीक्षा करती नजर आ रही है।
पीछे से किया था कुल्हाड़ी से हमला
दरअसल, जाले प्रखंड के कमतौल के ब्रह्मपुर पश्चिमी गांव के शिवम ठाकुर की पत्नी अंजीला (22) की डीएमसीएच में 8 अक्टूबर को सिजेरियन से डिलीवरी हुई। 14 अक्टूबर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। उसके बाद से ही उसे पेट में दर्द रहने लगा।
घाव सुखने की जगह बढ़ता जा रहा था और उसमें पस भर गया। रविवार को पति ने स्थानीय डॉक्टर से महिला को दिखाया। ऑपरेशन वाले हिस्से की ड्रेसिंग हुई। उस दौरान महिला के पेट से सूती कपड़े का बना टेट्रा निकला। जिसे ऑपरेशन के समय डॉक्टर खून साफ करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पति ने इस ड्रेसिंग का वीडियो बना लिया। जिसमें सूती कपड़े का बड़ा टुकड़ा पेट से निकालते दिख रहा है।
Nov 23 2024, 18:09
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