देव राज इंद्र का घमंड श्री कृष्ण जी ने गोवर्धन धारण कर चूर किया
रुदौली अयोध्या । देव राज इंद्र को इंद्रासन का अभिमान हो गया था देवेंद्र के रूप में अपनी पूजा करवाने के लिए उद्यत इंद्र को सबक सिखाने के लिए श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों से इंद्र की पूजा देवराज के रूप में बंद करने की ठान ली जिससे कुपित होकर इंद्र देवता ने सम्पूर्ण ब्रज मंडल में कई दिनों तक घनघोर वर्षा कर पूरे गोकुल को डुबाने का प्रयास किया श्री कृष्ण जी ने छांगुलिया से गोवर्धन पर्वत को उठा कर पूरे गोकुल को भीषण वर्षा से बचाया इंद्र का मान मर्दन कर उनको शरण में आने के लिए विवश किया इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ उन्होंने ऐरावत हाथी पर सवार होकर श्री कृष्ण जी से आकर क्षमा मांगी ।
तभी से श्री कृष्ण जी का गिरधारी एवं गिरधर गोपाल नाम पढ़ गया ।श्री मद भागवत के छठे दिवस कथा ब्यास रोहित मिश्र जी महाराज ने कथा का विस्तार करते हुए कहा कि शिशु पाल जो श्री कृष्ण जी को बुआ का बेटा था जन्म काल से ही राक्षसी प्रवृत्ति का था ज्योतिषियों ने श्री कृष्ण जी के हाथो उसके बध की भविष्य वाणी की थी ।कृष्ण जी ने 99गलतियों तक शिशुपाल का बध न किए का आश्वासन दिया था लेकिन भरे दरबार में जब शिशुपाल ने श्रीकृष्ण का अपमान करना शुरू किया तो 99गाली को क्षमा कर दिया लेकिन 100वी गाली जैसे ही मुंह से निकली चक्र सुदर्शन से उसका बध कर दिया। भगवान मनुष्यो को गलती पर गलती करने पर एक सीमा तक छूट देते है लेकिन अत्यधिक गलतियों का फल अवश्य मेव देते है ।
कथा ब्यास रोहित जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के समान कोई दूसरा धर्म नही है जो सत्य है वही सनातन है इसको मिटाने वाला खुद मिट गया लेकिन हमारा सनातन धर्म,युग युगांतर तक रहेगा , वसुधैव कुटुंबकम्,सर्वे भवन्तु सुखिना की भावना केवल सनातन के अनुयायियों में है। कथा का श्रवण करने में विधायक राम चंद्र यादव,पूर्व चेयरमैन अशोक कसौधन भाजपा नेता शतींद्र प्रकाश शास्त्री,व्यापार मंडल महामंत्री राजेश गुप्ता, उपाध्यछ राजेश वैश्य कथा आयोजक राम कुमार कसौधन, शोभा देवी लाल जी श्याम जी कसौधन,घन श्याम कसौधन,राज किशोर मौसा प्रद्युम्न कसौधन,अजय कुमार, मोहित मनोज मिश्रा वासिनी प्रसाद मिश्र,नीरज कुमार मिश्र,श्याम कसौधन सहित अन्य नगर वासी उपस्थित रहे ।
Nov 22 2024, 18:44