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मणिपुर: 2 मंत्रियों और 3 विधायकों के घर में घुसी भीड़, अगले आदेश तक कर्फ्यू लागू




डेस्क: मणिपुर में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंफाल में शनिवार को प्रदर्शनकारी दो मंत्रियों तथा तीन विधायकों के आवास में घुस गये। ये लोग जिरिबाम जिले में तीन लोगों की मौत के सिलसिले में न्याय की मांग कर रहे थे। विधायकों के घरों पर भीड़ के घुस जाने के बाद इंफाल पश्चिम (जिला) प्रशासन को जिले में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लगानी पड़ी। इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी टी किरण कुमार ने आदेश जारी कर शनिवार को शाम साढ़े चार बजे कर्फ्यू लगा दिया। इस बीच गृह मंत्रालय में मणिपुर में तैनात सुरक्षा बलों को साफ निर्देश दिए हैं कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया जाए।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लामफेल सनाकेथेल इलाके में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सपाम रंजन के आवास में भीड़ घुस गयी। लामफेल सनाकीथेल विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि डेविड ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सपाम ने हमें आश्वासन दिया कि तीन लोगों की मौत से संबंधित मुद्दों पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी और अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करने में विफल रहती है तो मंत्री अपना इस्तीफा दे देंगे।’’

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह के घर में भी घुस गये। इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद इलाके में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक आर के इमो के आवास के सामने एकत्र होकर नारेबाजी की। इमो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद भी हैं। प्रदर्शनकारियों ने तीन लोगों की मौत पर सरकार से उचित कार्रवाई की मांग की और अधिकारियों से ‘24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार करने’ की अपील की।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टिडिम रोड पर प्रदर्शनकारी केशामथोंग के निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह से मिलने उनके निवास पहुंचे लेकिन जब उन्हें बताया गया कि विधायक राज्य में नहीं है तब उन्होंने उनके स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय भवन को निशाना बनाया।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात मणिपुर-असम सीमा पर जिरि और बराक नदियों के संगम के करीब तीन शव बरामद किये गये। संदेह है कि ये तीनों शव उन छह लोगों में तीन के शव हैं जो जिरिबाम जिले से लापता हो गये। जिरिबाम जिले के बोरोबेकरा से करीब 16 किलोमीटर दूर एक महिला एवं दो बच्चों के शव मिले थे। बोरोबेकरा के समीप एक स्थान से छह लोग सोमवार को लापता हो गये थे।
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में बड़ा खुलासा, शाम 5 बजे ही मिल गया था बड़े हादसे का संकेत

डेस्क: झांसी के महरानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक शिशु वार्ड में शुक्रवार की शाम 5 बजे के आसपास भी शॉर्ट सर्किट हुआ था। सूत्रों ने बताया कि पहली बार हुए शॉर्ट सर्किट को अनदेखा किया गया था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए शॉर्ट सर्किट को नज़रअंदाज़ किया था। इसकी वजह से ये भीषण अग्निकांड जैसी घटना हुई।

सूत्रों के मुताबिक, शिशु वार्ड में दूसरी बार 10:45 पर शॉर्ट सर्किट हुआ। इसके बाद अस्पताल के NICU वार्ड में भीषण आग लग गई। अब सवाल उठता है कि जब शॉर्ट सर्किट शाम को हुआ था तो अस्पताल प्रशासन क्यों सचेत नहीं हुआ। अगर शाम को ही बच्चों को वहां से हटा लिया जाता तो शायद बच्चों की मौत नहीं।

बता दें कि झांसी में राजकीय महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की एनआईसीयू में आग लगने से 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए। आग शुक्रवार रात करीब 10.20 बजे लगी थी। नवजात शिशुओं को एनआईसीयू से निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए गए। 39 शिशुओं को बचाया गया। शिशुओं की हालत स्थिर बताई गई है।

झांसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया को बताया कि सरकार इस त्रासदी की गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने घोषणा की कि मजिस्ट्रेट जांच के अलावा तीन स्तरों पर जांच की जाएगी - स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक  ने कहा कि घटना कैसे हुआ। क्यों हुई पता लगाएंगे , जिम्मेदारी तय करेंगे , किसी को छोड़ेगे नहीं। उन्होंने कहा कि फायर सेफ्टी आडिट हुआ था। मॉक ड्रिल भी किया गया था। अभी 17 बच्चे अस्पताल में हैं। 10 बच्चों की दुखद मौत हुई है। इसमें 7 बच्चों की पहचान हो गई है।  3 बच्चों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।
राहुल गांधी और शरद पवार के हेलीकॉप्टर की ली गई तलाशी, संजय राउत का बैग भी किया गया चेक


डेस्क: भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने शनिवार को अमरावती में कांग्रेस नेता और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की जांच की। वहीं, रायगढ़ में एनसीपी (शरद) के प्रमुख शरद पवार के हेलीकॉप्टर की भी जांच की गई। इस बीच नासिक में शिवसेना (उद्धव ठाकुरे) गुट के नेता संजय राउत का बैग भी चेक किया गया।

जानकारी के अनुसार,  जैसे ही राहुल गांधी अमरावती के धामनगांव रेलवे के हेलीपैड पर पहुंचे वहां पर मौजूद चुनाव आयोग के अधिकारी उनके हेलीकॉप्टर की तलाशी लेने लगे। राहुल गांधी के बैग की जांच की गई। इस दौरान थोड़ी देर तक राहुल गांधी हेलीकॉप्टर के पास रहे।

इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली से पहले हिंगोली में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने उनके बैग की भी जांच की थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने बाद में कहा कि चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने वाले नेताओं के बैग की जांच कर रहा है। भाजपा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव प्रणाली में विश्वास करती है और माननीय चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करती है।

वहीं, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने आज ठाणे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बैग की जांच की। मुख्यमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं के निर्वाचन क्षेत्रों में बैठक के लिए रेमंड हेलीपैड से कोंकण जा रहे थे।
रूस बंद करेगा यूक्रेन के रास्ते ऑस्ट्रिया समेत अन्य देशों को गैस सप्लाई, पूरे यूरोप में मचेगा हाहाकार


डेस्क: रूस ने शुक्रवार को ऑस्ट्रिया से कहा कि वह शनिवार को यूक्रेन के माध्यम से गैस वितरण को निलंबित कर देगा। इसके बाद यूरोप के तमाम देशों में हड़कंप मच गया है। यह एक ऐसा घटनाक्रम है जो यूरोप में मॉस्को के अंतिम गैस प्रवाह के तेजी से समाप्त होने का संकेत दे रहा है। बता दें कि यूरोप के लिए यह रूस का सबसे पुराना गैस-निर्यात मार्ग है। जो कि यूक्रेन के माध्यम से सोवियत काल से चला रहा है। मगर यूक्रेन के रास्ते यूरोप तक जाने वाली गैस की यह पाइपलाइन भी इस साल के अंत में बंद होने वाली है। इससे पूरे यूरोप को गैस आपूर्ति के संकटों का सामना करना पड़ सकता है।

यूक्रेन ने कहा है कि वह रूसी राज्य के स्वामित्व वाली गज़प्रॉम (GAZP.MM) के साथ पारगमन समझौते का विस्तार नहीं करेगा। रूसी गैस उत्पादक यूक्रेन के माध्यम से ओएमवी तक प्राकृतिक गैस की डिलीवरी रोक देगा। रूस-यूक्रेन के बीच पांच साल का मौजूदा करार समाप्त होने के बाद यूक्रेन के रास्ते यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति 1 जनवरी 2025 से पूरी तरह से बंद हो सकती है। क्योंकि कीव ने युद्ध के दौरान मास्को के साथ पारगमन की नई शर्तों पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। यदि यूक्रेन के माध्यम से रूसी गैस पारगमन पूरी तरह से बंद हो जाता है तो आइये जानते हैं कि कौन सबसे अधिक प्रभावित होगा?

यूक्रेन के रास्ते यूरोप को रूसी गैस की आपूर्ति अपेक्षाकृत कम है। रूस ने 2023 में यूक्रेन के माध्यम से लगभग 15 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस भेजी जो कि यूरोप को 2018-2019 में विभिन्न मार्गों के माध्यम से प्रवाहित कुल रूसी गैस से केवल 8% कम है। रूस ने अपनी यूरोपीय गैस बाज़ार में हिस्सेदारी बनाने में आधी सदी लगा दी है। जो कभी अपने चरम पर 35% तक थी। मगर 2022 में यूक्रेन पर  आक्रमण के बाद से मॉस्को ने नॉर्वे, संयुक्त राज्य अमेरिका और कतर जैसे प्रतिद्वंद्वियों से अपना हिस्सा खो दिया, जिससे यूरोपीय संघ को रूसी गैस पर अपनी निर्भरता में कटौती करने के लिए प्रेरित किया गया।

रूसी गैस आपूर्ति में कमी के बाद 2022 में यूरोपीय संघ की गैस की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। सोवियत काल की उरेंगॉय-पोमरी-उज़गोरोड पाइपलाइन साइबेरिया से रूस के कुर्स्क क्षेत्र के सुद्ज़ा शहर के माध्यम से गैस लाती है - जो अब यूक्रेनी सैन्य बलों के नियंत्रण में है। फिर यह यूक्रेन से होते हुए स्लोवाकिया तक बहती है। स्लोवाकिया में, गैस पाइपलाइन चेक गणराज्य और ऑस्ट्रिया तक जाने वाली शाखाओं में विभाजित हो जाती है। ऑस्ट्रिया अभी भी अपनी अधिकांश गैस यूक्रेन के माध्यम से प्राप्त करता है, जबकि रूस हंगरी के गैस आयात का लगभग दो-तिहाई हिस्सा लेता है।

स्लोवाकिया ऊर्जा दिग्गज गज़प्रॉम (GAZP.MM) से लगभग 3 बीसीएम लेता है, प्रति वर्ष नया टैब खोलता है, जो उसकी जरूरतों का लगभग दो-तिहाई है।

चेक गणराज्य ने पिछले साल पूर्व से गैस आयात लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया था, लेकिन 2024 में रूस से गैस लेना शुरू कर दिया है। यूरोप के लिए अधिकांश अन्य रूसी गैस मार्ग बंद हैं, जिनमें बेलारूस के माध्यम से यमल-यूरोप और बाल्टिक के तहत नॉर्ड स्ट्रीम शामिल हैं। यूरोप के लिए एकमात्र अन्य परिचालन रूसी गैस पाइपलाइन मार्ग काला सागर के नीचे तुर्की तक ब्लू स्ट्रीम और तुर्कस्ट्रीम है। तुर्की कुछ रूसी गैस की मात्रा हंगरी सहित यूरोप भेजता है।

कई यूरोपीय देश अभी भी चाहते हैं रूस से गैस
गैस सप्लाई का यूक्रेनी मार्ग अभी भी काम करता है? जबकि शेष रूसी गैस लाइनें सीमित हैं। यह मुद्दा यूरोपीय संघ के लिए एक दुविधा बना हुआ है। फ्रांस और जर्मनी जैसे कई यूरोपीय संघ के सदस्यों ने कहा है कि वे अब रूसी गैस नहीं खरीदेंगे, लेकिन मास्को से घनिष्ठ संबंध रखने वाले स्लोवाकिया, हंगरी और ऑस्ट्रिया का रुख यूरोपीय संघ के सामान्य दृष्टिकोण को चुनौती देता है।

अभी भी रूसी गैस प्राप्त करने वाले देश इसके सबसे किफायती ईंधन होने का तर्क देते हैं और वैकल्पिक आपूर्ति के लिए उच्च पारगमन शुल्क लगाने के लिए पड़ोसी यूरोपीय संघ के देशों को भी दोषी मानते हैं। रॉयटर्स की गणना के अनुसार, प्रति 1,000 क्यूबिक मीटर 200 डॉलर की औसत गैस कीमत के आधार पर रूस यूक्रेन के माध्यम से बिक्री पर 3 अरब डॉलर से अधिक कमाता है।
भारत से मुशर्रफ का नामोनिशान खत्म, बागपत में आखिरी जमीन भी नीलाम हुई, किसने खरीदी और कितने में बिकी?


डेस्क: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के कोताना में स्थित शत्रु संपत्ति के अंतर्गत आने वाली दो हेक्टेयर जमीन को तीन लोगों ने नीलामी में खरीद ली है। नीलामी में बिकी जमीन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत परवेज मुशर्रफ से जुड़ी होने का दावा किया जा रहा है। बताया जाता है कि यह जमीन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदारों की है। इस जमीन को ऑनलाइन नीलामी में 3 लोगों ने खरीदा है जिसके बाद उन्होंने 25 प्रतिशत पैसा भी सरकार को जमा कर दिया है। परवेज मुशर्रफ के रिश्तेदारों की जमीन काफी वक्त से यहां पड़ी हुई थी।

जिले के अपर जिला मजिस्ट्रेट (ADM) पंकज वर्मा ने बताया कि तीन लोगों ने ऑनलाइन नीलामी के जरिये 1 करोड़ 38 लाख 16 हज़ार रुपये में आठ प्लॉट वाली कुल 13 बीघा जमीन खरीदी है और कुल रकम का 25 फीसदी पैसा जमा कर कर दिया है।

सोशल मीडिया पर, नीलाम संपत्ति मुशर्रफ के परिजनों की बताई जा रही है। हालांकि, वर्मा के अनुसार इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है और न ही कोई ऐसा कोई सबूत मिला है कि नूरू नामक व्यक्ति मुशर्रफ का परिजन था। उन्होंने कहा, “राजस्व अभिलेख में यह शत्रु सम्पत्ति नूरू के नाम से दर्ज है। हालांकि दस्तावेजों में नूरू और मुशर्रफ के बीच किसी संबंध के बारे में जानकारी नहीं है। रिकॉर्ड में केवल इतना पता चला है कि नूरु इस संपत्ति का मालिक था, जो 1965 में पाकिस्तान चला गया था।" वर्मा ने बताया कि धन जमा करने के बाद खरीदारों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो जाएंगे।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि मुशर्रफ के दादा कोटाना में रहते थे जबकि मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था और वह कभी बागपत नहीं आए। अपर जिलाधिकारी वर्मा ने कहा कि मुशर्रफ के पिता सैयद मुशर्रफुद्दीन और मां जरीन बेगम कभी इस गांव में नहीं रहे, लेकिन उनके चाचा हुमायूं लंबे समय तक यहां रहे। उन्होंने कहा कि गांव में एक घर भी है, जहां हुमायूं आजादी से पहले रहते थे। साल 2010 में इस जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था।
खालिस्तानी अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा, भारत के खिलाफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI दे रही घातक हथियार

डेस्क: खलिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला पर बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत के खिलाफ खलिस्तानी आतंकियों को हथियार भेज रही है। अर्श डल्ला के पास से कनाडा पुलिस ने कई हाइटेक हथियार बरामद किए हैं। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

सूत्रों ने बताया कि खालिस्तानी अर्श डल्ला को कनाडा में 28 अक्टूबर की रात गोली लगी थी। ये गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी। जानकारी के अनुसार, अर्श डल्ला और उसका एक साथी गुरजंत सिंह कार में मिल्टन इलाके से गुजर रहे थे। तभी उसकी कार में रखे हथियार से गलती से गोली चल जाती है। जिसमें वह घायल हो जाता है। इसके बाद डल्ला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा।

अस्पताल प्रशासन गोली लगने से घायल होने की जानकारी पुलिस को दी। डल्ला ने एक फर्जी कहानी बनाते हुए बताया कि उस पर एक कार में आए हमलावरों ने हमला किया है। पुलिस अस्पताल में पहुंची और डल्ला से बात करने के बाद उसकी गाड़ी की तलाशी लेती है। इसके बाद पुलिस घटना के बाद गाड़ी का रूट चेक करती है। पुलिस वारदात वाले रूट पर एक घर में पहुंची। उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले। जांच में पता चला कि ये हथियार अर्श डल्ला के हैं।

बता दें कि अभी हाल में ही कनाडा पुलिस ने अर्श डल्ला को गिरफ्तार किया था। यह घटनाक्रम भारत और कनाडा के बीच गहराते तनाव के बीच आया है। डल्ला हरदीप सिंह निज्जर का करीबी सहयोगी है। निज्जर जून 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर मारा गया था। डल्ला की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी।
मुख्यमंत्री योगी की पहल पर UPPSC ने लिया बड़ा फैसला, छात्रों की मान ली गई मांग

डेस्क: प्रयागराज में छात्रों की मांग का सीएम योगी ने संज्ञान लिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर UPPSC ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने आयोग को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक दिवस में कराए जाने को लेकर छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने को कहा था। जिस पर आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक दिन में कराए जाने का निर्णय लिया है।

सीएमओ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग  यूपी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में छात्रों की मांग का संज्ञान लिया और आयोग को एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 के संबंध में छात्रों से संवाद और समन्वय कर आवश्यक निर्णय लेने को कहा। वहीं, आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी।

आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।
कन्हैया कुमार बोले- ‘धर्म बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी, देवेंद्र फडणवीस की पत्नी बस इंस्टाग्राम पर रील बनाएंगी'


डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतों की गणना की जाएगी। इस दिन तय हो जाएगा कि आखिर महाराष्ट्र में किसकी सरकार आएगी। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेता कन्हैया कुमार नागपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "धर्म को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की जिम्मेदारी है। ऐसा न हो कि हम धर्म बचाएं और उपमुख्यमंत्री की बीवी इंस्टाग्राम पर रील बनाएगी।"

कन्हैया कुमार ने कहा, 'जय शाह बीसीसीआई में आईपीएल की टीम बना रहे हैं और हमें ड्रीम 11 पर टीम बनाकर जुआरी बनाया जा रहा है।' दरअसल कन्हैया कुमार नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के कांग्रेस उम्मीदवार प्रफुल्ल गुडघे के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने अमित शाह के बेटे जय शाह और देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृत फडणवीस पर निशाना साधा। प्रफुल्ल गुडघे के प्रचार में संबोधित करेत हुए कन्हैया कुमार ने कहा, धर्म को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की होगी। ऐसा तो नहीं होगा कि धर्म बचाने की जिम्मेदारी होगी और उपमुख्यमंत्री की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील बनाएंगी।

कन्हैया कुमार ने देवेंद्र फडणवीस की पत्नी का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा। वहीं अमित शाह के बेटे जय शाह का नाम लेते हुए कन्हैया कुमार ने कहा, वह बीसीसीआई में आईपीएल की टीम बना रहे हैं और हमें ड्रीम 11 पर टीम बनाने के लिए बोल रहे हैं। क्रिकेटर बनाने का सपना दिखाकर जुआरी बनाया जा रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान किया जाना है। वहीं 23 नवंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बीच महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच चुनावी मुकाबला कड़ा है।
कनाडा पुलिस ने पहले खालिस्तानियों का किया समर्थन, अब हिंदुओं की सुरक्षा के बदले मांगे पैसे


डेस्क: कनाडा और भारत के बिगड़ते रिश्तों के बीच अब जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार का खालिस्तान समर्थकों के लिए नर्म रुख देखकर स्थानीय पुलिस भी उन्हें सपोर्ट करने लगी है। इसकी बानगी कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले के बाद साफ नजर आ रही है। खालिस्तान आतंकियों के समर्थकों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस बीच अब पुलिस हिंदुओं के साथ भेदभाव पर उतर आई है। कनाडा पुलिस ने हिंदू संगठनों से कार्यक्रमों में सुरक्षा देने के बदले पैसा की मांग की है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पील पुलिस ने हिंदू संगठनों से कथित तौर पर सुरक्षा देने के बदले 70 हजार डॉलर की मांग की है। पुलिस के इस रवैये के बाद हिंदू संगठन के लोगों में खासी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं ट्रूडो की सरकार पर अल्पसंख्यक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है। कई हिंदू संगठनों का कहना है, “हम भी तो टैक्स दे रहे हैं फिर यह भेदभाव क्यों?”

हिंदू संगठनों का कहना है कि उनके कार्यक्रमों को रद्द करने के लिए कनाडा सरकार पर खालिस्तानी समूह दबाव बना रहे हैं और जस्टिन ट्रूडो की सरकार इस दबाव में आ रही है। दुनिया में पहला मौका है, जब स्थानीय पुलिस अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के बदले फीस मांग रही है। कनाडा के विभिन्न शहरों में खालिस्तानी समर्थक भारत विरोधी नारेबाजी और हिंसक प्रदर्शन करते रहे हैं, जिससे हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। कनाडा पुलिस से जुड़ा यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट के बाहर शख्स ने खुद को बम से उड़ाया, मच गया हड़कंप

डेस्क: ब्राजील से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश करने में असफल रहे एक शख्स ने  इमारत के बाहर विस्फोट कर खुद को खत्म कर लिया। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि घटना के बाद न्यायाधीशों और कर्मचारियों ने इमारत खाली कर दी और बाहर आ गए। ब्राजील के उच्चतम न्यायालय ने एक बयान में कहा कि सत्र समाप्त होने के बाद बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे दो बार तेज धमाकों की आवाज सुनी गई। धमाकों के बाद सभी न्यायाधीश और कर्मचारी सुरक्षित रूप से भवन से बाहर निकल गए।

अग्निशमन कर्मियों ने राजधानी ब्रासीलिया में एक व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो जाने की पुष्टि की है, हालांकि मृतक की पहचान नहीं की जा सकी है। ब्राजील के संघीय जिले की लेफ्टिनेंट गवर्नर सेलिना लियो ने कहा कि संदिग्ध ने पहले संसद की पार्किंग में एक कार में विस्फोटक लगाया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। ‘स्पीकर’ आर्थर लिरा के अनुसार, लीओ ने जोखिमों से बचने के लिए बृहस्पतिवार को संसद बंद करने का सुझाव दिया। ब्राजील की सीनेट ने उनकी बात मान ली और निचला सदन दोपहर तक बंद रहेगा।

ब्रासीलिया के थ्री पॉवर्स प्लाजा में उच्चतम न्यायालय के बाहर लगभग 20 सेकंड के अंतराल पर विस्फोट हुए, इस स्थान पर उच्चतम न्यायालय, संसद और राष्ट्रपति भवन सहित ब्राजील की मुख्य सरकारी इमारतें स्थित हैं। फिलहाल, पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। अभी तक विस्फोट के पीछे की वजहों का पता नहीं चल सका है।