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संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए चयनित हुआ ग्राम धुड़मारास

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के छोटे से गांव धुड़मारास ने देश और दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाई है। बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित धुड़मारास गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यटन ग्राम उन्नयन कार्यक्रम के लिए 60 देशों से चयनित 20 गांवों में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के धुड़मारास ने भी अपनी जगह बनाई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए पर्यटन विभाग की टीम के साथ ही बस्तर जिला प्रशासन तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धुड़मारास की सफलता का मुख्य श्रेय यहां के स्थानीय निवासियों को जाता है, जिन्होंने अपने पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित रखते हुए इसे आकर्षक पर्यटक स्थल में बदल दिया है। धुड़मारास प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। बस्तर के अदभुत आदिवासी जीवनशैली, पारम्परिक व्यंजन, हरियाली और जैव विविधता से समृद्ध यह गांव पर्यटकों के लिए एक आकर्षक ही नहीं बल्कि रोमांचक स्थल है।

धुड़मारास गांव दुनिया भर के उन 20 गांवों में से एक है जिसे सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना गया है। धुड़मारास को इसकी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संुदरता और सतत पर्यटन विकास की क्षमता के कारण चुना गया है। उन्नयन कार्यक्रम में शामिल होने से गांव को उन संसाधनों तक पहंुंच प्राप्त होगी जो इसके पर्यटन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सांस्कृतिक संपत्तियों को बढ़ावा देने और ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार में मदद करेंगे। विश्व स्तर पर पर्यटन गांव के रूप में इस गांव की पहचान स्थापित होने का तात्पर्य यह भी है कि लंबे समय के बाद बस्तर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उल्लेखनीय है कि धुड़मारास तथा बस्तर के ही चित्रकोट गांव को इस वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का पुरस्कार मिला था।

प्रकृति की गोद में बसा धुड़मारास गांव घने जंगलों से घिरा हुआ है। गांव के बीच से बहती कांगेर नदी इसे मनमोहक बना देती है। बस्तर के लोग मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि स्थानीय लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं, ठहरने की सुविधा उपलब्ध करवाने से उन्हें रोजगार मिल रहा है। गांव के युवा पर्यटकों को आसपास के क्षेत्रों की सैर कराते हैं। स्थानीय खानपान के अंतर्गत पर्यटकों को बस्तर के पारम्परिक व्यंजन परोसे जाते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार बस्तर में पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए ट्रैकिंग ट्रेल और कैंपिंग साइट विकसित करने सहित होम-स्टे की सुलभता हेतु पहल कर रही है। साथ ही स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों को प्रोत्साहन दे रही है, जिससे ईलाके के रहवासी ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता होने के साथ आय संवृद्धि हो सके। राज्य सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु क्षेत्र में सड़कों और परिवहन सुविधाओं का विकास पर भी ध्यान दे रही है। बस्तर के पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में देश के पर्यटकों सहित अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए व्यापक प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। वहीं स्थानीय हस्तशिल्प और कला को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार के वन एवं पर्यटन विभाग ने धुड़मारास को ईको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब जिले के नागलसर और नेतानार में भी स्थानीय युवाओं की ईको पर्यटन विकास समिति द्वारा गांव में बहने वाली शबरी एवं कांगेर नदी में कयाकिंग एवं बम्बू राफ्टिंग की सुविधा पर्यटकों को मुहैया कराई जा रही है। साथ ही स्थानीय व्यंजन से पर्यटकों को बस्तर के पारम्परिक खान-पान का स्वाद मिल रहा है।

गांव के युवाओं की ईको पर्यटन विकास समिति कांगेर नदी में कयाकिंग और बम्बू राफ्टिंग की सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध करवाती है, जिससे इस समिति को अच्छी आमदनी हो रही है। यह पर्यटन समिति अब अपनी आय से गांव में पर्यटकों के लिए प्रतीक्षालय और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित कर रहे हैं।

बेस्ट टूरिज्म विलेज धुड़मारास की कहानी यह साबित करती है कि जब सामुदायिक भागीदारी और शासन का सहयोग मिलता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक और सांस्कृतिक विकास संभव है। यह गांव अब बस्तर के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गया है। यही वजह है कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क के नागलसर और नेतानार में भी ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है।

आकाशीय बिजली से राजेंद्र चोराट की हुई थी मौत, अंतिम संस्कार के रीति रिवाज पर बढ़ा विवाद, BJP ने बनाई जांच समिति

जशपुर-   जिले में प्राकृतिक आपदा से राजेंद्र चोराट की मौत और उनके अंतिम संस्कार की परंपरा को लेकर हुए विवाद पर बीजेपी ने जांच समिति गठित की है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. समिति के संयोजक शिवरतन शर्मा होंगे, जबकि अन्य सदस्यों में सांसद राधेश्याम राठिया, विधायक गोमती साय, और रेणुका सिंह शामिल हैं. यह समिति 7 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. 

जानिए क्या है पूरा मामला:

13 अगस्त को राजेंद्र चोराट की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई थी. उनके शव का अंतिम संस्कार ईसाई रीति-रिवाजों के साथ किया गया, जिसे लेकर परिजनों ने आपत्ति जताई. परिजनों ने हिंदू परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार की मांग की और शव को वापस करने की मांग को लेकर थाने में आवेदन भी दिया. 

वहीं परिवार और स्थानीय स्तर पर उठे विरोध को देखते हुए बीजेपी ने मामले की जांच के लिए यह समिति बनाई है. यह मामला धार्मिक परंपराओं और स्थानीय भावनाओं से जुड़ा होने के कारण क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति पर उप मुख्यमंत्री साव ने बताया, सभी स्टैक होल्टर से की गई है चर्चा…

रायपुर-     सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बहुत अच्छी नीति बनी है. सरकार में हमारे उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने उद्योग नीति बनाई है. हमारे अधिकारियों ने खूब मेहनत की है, और उद्योगपतियों से भी सलाह ली गई है. 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि एक लंबे के समय के बाद उद्योग जगत सहित सभी स्टैक होल्डर से चर्चा करने के साथ राज्य की वर्तमान स्थिति पर पूरी तरह से विचार करके औद्योगिक नीति 2030 बनाई गई है. हमारी उद्योग नीति केवल कुछ एरिया तक सीमित ना रहे, छत्तीसगढ़ के नौजवानों को, अनुसूचित जाति जनजाति के नौजवानों को भी उद्योग लगाने के अवसर मिले. रोजगार मांगने की बजाय रोजगार देने वाला बने और छत्तीसगढ़ के रोजगार में योगदान दे.

वहीं शराब घोटाले पर कांग्रेस के बयान पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता अपने 5 साल के कार्यकाल को क्यों भूल गए हैं. सैकड़ों करोड रुपए का शराब घोटाला किया. शराब बंदी का वादा करके धोखा किया. गली-गली में शराब कोचियों के माध्यम से शराब भेजा. शराब दुकानों में डबल काउंटर लगाकर छत्तीसगढ़ में राजस्व को लूटने का काम किया. उस कांग्रेस को इस तरह की आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पोस्ट में शराब प्रेमियों के लिए एप लांच किए जाने पर कसे गए तंज पर उपमुख्यमंत्री साव ने कहा कि शराब की तस्करी, अवैध शराब की तस्करी और सार्वजनिक स्थान पर शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. हमेशा कांग्रेस के पेट में दर्द होता है.

ट्रेनों के रद्द होने पर कही यह बात

वहीं त्योहारों के बाद 24 ट्रेनों के रद्द होने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षों तक रेलवे की दुर्दशा सभी ने देखी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे का जिस तरह से विकास हो रहा है, यात्री सुविधा में जिस तरह का विस्तार हुआ है, आज एयरपोर्ट की तरह हमारे रेलवे स्टेशन दिखते हैं. आज जिस तरह से छत्तीसगढ़ में रेल का काम दोहरी तरीके से हो रहा है, तो थोड़े अवरोध करनी पड़ते हैं, आगे सब ठीक होगा.

छत्तीसगढ़ में पिछले 11 महीनों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आवासों के निर्माण में आई तेजी

रायपुर-      छत्तीसगढ़ में पिछले साल दिसम्बर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद से शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों में तेजी आई है। दिसम्बर-2023 से अक्टूबर-2024 के बीच पिछले 11 महीनों में ही करीब 50 हजार आवासों के निर्माण पूर्ण किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर गरीब के लिए आशियाने के सपने को पूरा करने का काम छत्तीसगढ़ में तेजी से हो रहा है। दिसम्बर-2023 में राज्य में नई सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों में तेजी लाते हुए 49 हजार 834 आवासों का काम पूर्ण किया गया है। इनमें विभिन्न शहरों के हितग्राहियों द्वारा अपनी खुद की जमीन पर बनाए गए 44 हजार 419 और योजना के साथ भागीदारी में किफायती आवासीय परियोजनाओं के माध्यम से निर्मित 5415 आवास शामिल हैं।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने बताया कि बीते 11 महीनों में योजना की भौतिक और वित्तीय प्रगति में अच्छी तेजी आई है। सभी नगरीय निकायों में बनाए जा रहे आवासों और निर्माण एजेंसियों के कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है और उन्हें गरीबों के आशियाने के सपने को जल्द पूरा करने के लिए तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 महीनों के दौरान हर माह औसतन हितग्राहियों द्वारा अपनी खुद की भूमि में बनाए जा रहे 4002 मकानों के काम पूर्ण किए गए हैं, जबकि वर्ष 2018 से 2023 के बीच यह औसत केवल 1592 थी। योजना के साथ भागीदारी में बनाए जा रहे किफायती आवासीय परियोजनाओं के निर्माण और आबंटन में भी तेजी लाते हुए विगत 11 महीनों में 7348 परिवारों को आवास आबंटित कर 5855 हितग्राहियों को पूर्ण आवासों में व्यवस्थापित किया गया है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के लिए भी प्रदेश में सर्वेक्षण शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत ऐसे शहरी पात्र परिवार जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के पहले चरण में आवास नहीं मिल पाए थे, उन्हें पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 में हितग्राहियों की सुविधा के लिए आवास हेतु आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। आवास के आवेदन सरलतापूर्वक ऑनलाईन माध्यम से भारत सरकार के अधिकृत पोर्टल पर स्वयं हितग्राही द्वारा दर्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 189 अधिसूचित नगरीय निकायों में हेल्पडेस्क के माध्यम से भी आवेदन की प्रक्रिया संपादित की जा सकती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत राज्य के विभिन्न नगरीय निकायों में कुल दो लाख 49 हजार 166 आवास स्वीकृत हैं। इनमें लाभार्थियों द्वारा अपनी खुद की भूमि पर बनाए जाने वाले दो लाख 11 हजार 069 और किफायती आवासीय परियोजनाओं के तहत बनने वाले 38 हजार 097 आवास शामिल हैं। शहरी गरीबों के स्वयं के पक्के मकान का सपना जल्द से जल्द पूरा करने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तेजी से इन आवासों का निर्माण किया जा रहा है। योजना के तहत राज्य में अब तक कुल एक लाख 96 हजार 967 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं, जिनमें से एक लाख 74 हजार 967 आवास हितग्राहियों द्वारा बनाए गए हैं। वहीं किफायती आवासीय परियोजनाओं के तहत 21 हजार 600 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय निकायों में अभी कुल 48 हजार 346 आवासों का काम प्रगति पर है, जिन्हें तेजी से पूरा किया जा रहा है।

गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रदेश के 14 स्वास्थ्य संस्थाओं को मिला गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण
रायपुर-    उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इनमें 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र, 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अक्टूबर व नवंबर माह में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने गुणवत्ता आश्वासन के मानकों पर खरा उतरने वाले स्वास्थ्य केंद्रों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं और 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इसी का नतीजा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा महासमुंद ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र भदरसी को 91.29% , बड़े टेमरी को 90.27%, झलप को 91.93% व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा को 88.89% के साथ सूरजपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र नवापाराकला को 76.09%, धरमपुर को 87.75% व कांकेर जिले आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र मुसरपट्टा को 94.2%,पीवी89 को 85.58%, कोदागांव को 93.36%, माकरीखुना को 81.54 व बलौदाबाजार ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद् ठेलकी को 86.83%, रायगढ़ जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र छर्राटानगर को 82.39%, बस्तर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र जमावड़ा को 88.99% व रायपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी को 88.15% अंक प्राप्त हुए हैं ।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व विगत माह भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया गया। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।
परख सर्वेक्षण से होगा शिक्षा गुणवत्ता का आंकलन : बच्चों की दक्षता जांचने छत्तीसगढ़ के 3420 स्कूलों में हाेगी परीक्षा,केंद्र सरकार करेगी मानिटरिंग
रायपुर-     केंद्र शासन, स्कूल शिक्षा मंत्रालय (एनसीईआरटी) द्वारा छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों के शासकीय और अशासकीय स्कूलों के कक्षा 03 से 09 तक के विद्यार्थियों की दक्षता को जांचने-परखने राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 परीक्षा का आयोजन 4 दिसंबर को किया जाएगा. राज्य शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने हर स्तर पर व्यापक प्रशासनिक, प्रबंधकीय व अकादमिक तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सभी विद्यार्थी पूर्व तैयारी कर स्वयं को भी परख सके.

परख-2024 आकलन कार्य सभी जिलों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा प्राचार्य डाइट को संयुक्त रूप से नोडल अधिकारी बनाया गया है. कुल 99 जिला स्तरीय अधिकारी जिले में परख क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे. इसी तरह सभी 146 विकासखंडों में बीईओ, बीआरसीसी तथा संकुल प्राचार्य को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देशभर में एक साथ होने जा रहे इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है. बता दें केंद्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है. इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप कक्षा तीन, छह एवं नौ में आधार भूत प्रारंभिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन किया जा रहा है. यह सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मात्र छात्रों का नहीं बल्कि, शिक्षक, स्कूल तथा संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का मूल्याँकन सिद्ध होगा, जिसके आधार पर भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य सभी राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता का श्रेणी निर्धारण भी होगा.

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कक्षा 3 के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएंगे. कक्षा 6 के लिए उक्त विषयों से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएंगे. कक्षा 9 में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट पर हल करने होंगे. परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिया जाएगा. परख मूल्यांकन माइनस मार्किंग नहीं होगी. केंद्र सरकार के नियमानुसार जिस माध्यम की शाला चयनित की गई, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे प्रश्नपत्र होगा. यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सेम्पल शाला के रूप में चयनित की जाती है तो वहां अंग्रेजी भाषा में आकलन परीक्षा निर्धारित होगी.

राज्य में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सेंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय सहित राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को सीधे भारत शासन, स्कूल शिक्षा वि नई दिल्ली द्वारा चयनित व निर्धारण किया गया है. छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 33 जिलों में कुल 3420 स्कूलों को चुना गया है. इस मूल्यांकन सर्वेक्षण या परीक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मूल्याँकन कार्य की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय या अशासकीय किसी भी शिक्षक को परीक्षक या पर्यवेक्षक के रूप में कार्य में नियुक्त नहीं किया जाएगा, बल्कि परीक्षा का मूलभूत कार्य राज्य के शासकीय डाइट कालेज में छात्राध्यापक या प्रशिक्षु शिक्षक अर्थात् अध्यनरत डीएलएड, बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संपन्न कराया जाएगा.

विशेष परिस्थिति में शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को लिया जा सकेगा. परीक्षा कार्य संपन्न कराने वाले ऐसे लगभग 3800 छात्राध्यापकों को जिले के 33 डाइट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे सुचारू पूर्वक परीक्षा कार्य बिना बाधा के पूरा करा सकें. इस सर्वेक्षण के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा सीबीएसई के प्रशासनिक व अकादमिक अमले को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है, जो प्रत्येक निर्धारित परीक्षा केंद्र (चयनित शाला) में मानटरिंग करेंगे.

राज्य के विद्यार्थी अपनी शैक्षिक दक्षता का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें इसके लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्या द्वारा राज्य के सभी स्कूलों के कक्षा 3, 6 तथा 9 के विद्यार्थियों को प्रश्न बैंक एवं रीडिंग कार्ड उपलब्ध कराया गया है. उनके लिए विशेष तौर पर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट का विशेष आयोजन किया जा रहा है. इस कार्य में राज्य के लगभग 146 निजी शिक्षा महाविद्यालयों के 19000 छात्र अध्यापकों का भी स्वैच्छिक सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा राज्य के सभी बीआरसीसी, सीआरसीसी, प्राचार्य (हाई व हा.से.), प्रधान पाठक तथा विषय शिक्षकों को मार्गदर्शन देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है.

परिक्षेत्र स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में साई कॉलेज विजेता, संभाग की 16 टीमों ने लिया भाग

अम्बिकापुर-  श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय की क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए परिक्षेत्र स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता (पुरूष वर्ग) का खिताब जीता है। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में संभाग की 16 टीमों ने भाग लिया जिसमें साई कॉलेज की टीम ने लीग मैच में मनेन्द्रगढ़ के शासकीय विवेकानन्द महाविद्यालय को 79 रनों को लक्ष्य दिया था। मनेन्द्रगढ़ की रनों के दबाव में आ कर लक्ष्य का निर्धारित ओवरों में पूरा नहीं कर सकी। क्वार्टर फाइनल में साई कॉलेज टीम का मुकाबला पटना की शासकीय नवीन महाविद्यालय टीम से हुआ। पटना की टीम द्वारा दिये लक्ष्य का साई कॉलेज की टीम ने चार ओवरों में पूरा कर लिया। साई कॉलेज टीम का सेमीफाइनल में मुकाबला उदयपुर की शासकीय नवीन महाविद्यालय की टीम से हुआ। लक्ष्य का पीछा करते हुए उदयपुर की टीम 40 रनों पर ऑलआउट हो गयी। फाइनल मुकाबले में साई कॉलेज की टीम का सामना अम्बिकापुर के सरस्वती महाविद्यालय की टीम से हुआ। सरस्वती महाविद्यालय की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 68 रनों को लक्ष्य दिया। साई कॉलेज की टीम ने सात ओवरों में लक्ष्य पूरा कर 9 विकेट से मैच जीत लिया। टीम के कप्तान नीतेश कुजूर ने फालनल मुकाबले में शानदार बल्लेबाजी की।

अपर संचालक डॉ. रिजवान उल्ला ने विजेता खिलाड़ियों को शील्ड प्रदान किया। टीम के कोच तिलक राज टोप्पो, खेल प्रभारी सोनाली गोस्वामी और खिलाड़ियों को प्रबंध समिति के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले, सचिव अजय कुमार इंगोले और प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बधाई दी है।

चित्रकोट में होगी बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक : CM साय समेत कई नेता होंगे शामिल, पर्यटकों के लिए 2 दिन बंद रहेगा मिनी नियाग्रा

जगलदपुर-    छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली बार बस्तर में विकास प्राधिकरण की बैठक आयोजित की जा रही है. यह बैठक मिनी नियाग्रा कहे जाने वाले प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात में होगी. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे.

बैठक में प्राधिकरण की उपाध्यक्ष लता उसेंडी, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा अरुण साव और वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित रहेंगे. बैठक में बस्तर के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इस बैठक के मद्देनजर चित्रकोट जलप्रपात को 2 दिनों 17 व 18 नवंबर को पर्यटकों के लिए बंद रखने का आदेश जिला प्रशासन ने जारी किया है.

बस्तर कलेक्टर, एसपी और बस्तर आईजी कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बस्तर एसपी शलभ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के मूवमेंट वाले इलाकों में फोर्स तैनात कर दी गई है. जगह-जगह चेक पोस्ट लगाकर सुरक्षा जांच की जा रही है. होटल व लॉज की भी पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही है.

फार्म हाउस में पिलाया जा रहा था हुक्का, रायपुर पुलिस ने छापा मारकर लोगों को किया गिरफ्तार…
रायपुर-  ग्राम पिरदा स्थित सतपाल फार्म हाउस में हुक्का पिलाया जा रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस की टीम ने दबिश दी, जहां सात आरोपियों को गिरफ्तार कर 8 हुक्का पॉट के साथ दस हजार रुपए कीमत का 200 ग्राम फ्लेवर जब्त किया. 

फार्म हाउस में हुक्का पिलाए जाने की सूचना पर रायपुर पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के दिशा निर्देशन और एसएसपी संतोष सिंह के मार्गदर्शन पर विधानसभा थानांतर्गत ग्राम पिरदा में हुक्का पिलाने की सूचना पर एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर, सीएसपी विधानसभा केशरी नंदन नायक और सीएसपी नया रायपुर करन उइके ने टीम तैयार कर मुखबिर द्वारा बताई गई जगह पर दबिश दी.

पकड़े गए आरोपियों में शेख सागर पिता शेख नवाबुद्दीन (29 वर्ष), शोएब आलम पिता अली हैदर (29 वर्ष), मनु शर्मा पिता ओम प्रकाश शर्मा (24 वर्ष), श्रेष्ठ शर्मा पिता स्व. अजय शर्मा (24 वर्ष), अनमोल जदवानी पिता स्व. दिलीप जदवानी (24 वर्ष), विनेश लालवानी पिता देवपाल लालवानी (29 वर्ष) और संजय महानंद पिता अनुजा महानंद (39 वर्ष) शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 698/2024 धारा 4A, 4B, 21(1) कोटपा एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.

पटवारियों ने अधिकारियों पर लगाया ये गंभीर आरोप… 17 को बनेगी आगे की रणनीति…

रायपुर-    संसाधनों और सुविधाओं के अभाव में जूझ रहे प्रदेश के पटवारियों पर आला अफसरों द्वारा अवकाश के दिन भी दबाव डालकर काम लेने से अब नाराजगी फूट रही है. पटवारियों ने डरा-धमकाकर काम लेने के खिलाफ अब मोर्चा खोलने का मन बना लिया है.
वहीं तीन माह पूर्व दिए गए आश्वासन को नजरअंदाज करने पर भी रणनीति तय होगी. राजधानी में 17 नवंबर को राजस्व पटवारी संघ जुटेगा. इस दौरान राज्य सरकार के कोरे आश्वासन और शीर्ष अधिकारियों की प्रताड़ना पर मंथन कर फैसले लिए जाएंगे. राज्य शासन द्वारा मौखिक समझौते से पलटने के अलावा अफसरों की प्रताड़ना के खिलाफ राजस्व पटवारी संघ रणनीति तय करेगा.
संघ ने इस बात पर विरोध जताया कि संसाधानों के अभाव में भी आला अफसर उनसे 6जी की स्पीड से दबावपूर्वक काम लेने धमकाने लगे हैं. अवकाश के दिनों में भी दबाव बनाया जा रहा है. वहीं आधी रात को वॉट्सएप के जरिए मैसेज डालकर तत्काल जानकारी मांगने कहा जाता है. जमीनी समस्याओं को नजरअंदाज कर समूह के कार्यों को अकेले पटवारियों से करने दबाव बनाया जा रहा है. एक ही समय में कई कार्यों को तत्काल नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी देकर प्रताड़ित करने के खिलाफ भी मोर्चाबंदी होगी.